भारत क्यू आर कोड क्‍या और कैसे काम करता है | How to generate and use Bharat QR Code in hindi

भारत क्यू आर कोड क्‍या और कैसे काम करता है How to generate and use Bharat QR Code in hindi

क्यूआर कोड, जिसे क्विक रिस्पोंसिबल कोड भी कहा जाता है. यह ट्रेड मार्क के लिए एक तरह का मैट्रिक्स बार कोड होता है. पहली बार इसे जापान के ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए इस्तेमाल किया गया था. बार कोड एक मशीन द्वारा पढ़ा जा सकने वाला ऑप्टिकल लेबल है, जिसमे उन वस्तु की सभी जानकारी निहित होती है, जिस वस्तु में यह लगा हुआ होता है. एक क्यूआर कोड में चार इनकोडिंग मोड होते हैं. ये चार मोड सांख्यिक, अक्षरांकीय, बाइनरी और विशेष कोडिंग ‘कांजी’ होते हैं, जिसमे वस्तु सम्बंधित सभी जानकारियाँ निहित होती है. इसकी तेज़ पठनीयता और अधिक स्टोरेज क्षमता होने की वजह से बहुत जल्द ये क्यूआर कोड ऑटोमोटिव इंडस्ट्री से बाहर भी अन्य बाजारों में इस्तेमाल होने लगा. स्टैण्डर्ड यूपीसी बार कोड की तुलना में ये बहुत ही अधिक उपयोगी साबित होता है.

QR CODE

क्यू आर कोड का इतिहास (QR Code history)

सन 1994 में डेस्नो वेव द्वारा इस सिस्टम का आविर्भाव हुआ. उस समय इसका मुख्य उद्देश्य निर्माण के समय गाड़ियों का निरिक्षण और ट्रैकिंग करना था. इसे इस तरह बनाया गया था कि इसकी स्कैनिंग अल्प से अल्प समय में हो सके. क्यूआर कोड का इस्तेमाल अब बहुत बड़े पैमाने पर होने लगा है. कमर्शियल ट्रेसिंग एप्लीकेशन के साथ साथ इसका प्रयोग मोबाइल फ़ोन सम्बंधित कोन्वेनीएंस ओरिएंटेड एप्लीकेशन में भी होता है. मोबाइल में होने वाले क्यूआर कोड को मोबाइल टैगिंग भी कहा जाता है. क्यूआर कोड की सहायता से ईमेल, मेसेजिंग आदि के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है. यूजर अपने क्यूआर कोड को प्रिंट करा कर भी रख सकते हैं. इस समय ये टू डायमेंशनल बारकोड में इसका इस्तेमाल बहुत ही अच्छे से हो रहा है.

क्यू आर कोड क्‍या है व यह काम कैसे करता है (What is QR Code and how it work )

क्यूआर कोड का इस्तेमाल कई व्यावसायिक क्षेत्रों में होने लगा है. आम तौर पर क्यूआर कोड स्कैनर के रूप में एक स्मार्ट फ़ोन का प्रयोग होता है, जो इसे स्कैन करके उस स्कैनिंग को वेबसाइट के अनुरूप उपयोगी फॉर्म में तब्दील कर देता है. मुख्यतः ये एक स्टैण्डर्ड यूआरएल देता है. ये तकनीक एडवरटाइजिंग स्ट्रेटेजी के तौर पर बहुत महत्वपूर्ण हो चूकी है, क्योंकि ये वास्तु के ब्रांड वेबसाइट को यूआरएल से अधिक तेज़ रूप से अस्सेस करने की सुविधा देता है.

यद्यपि शुरू में इसका प्रयोग सिर्फ वेहिकल ट्रेसिंग के लिए होता था, किन्तु अब इसका प्रयोग काफ़ी बढ़ चूका है, जिसमे कमर्शियल ट्रैकिंग, ट्रांसपोर्ट- टिकटिंग, लॉयल्टी और मार्केटिंग आदि क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण हो चूके हैं. इसका प्रयोग कई संगठनों के द्वारा उनके व्यक्तिगत जानकारियों को सुरक्षित रखने के लिए भी किया जाता हैं.

क्यूआर कोड मैगज़ीन, बस या अन्य व्यवासिक कार्ड में भी देखा जा सकता है, जिसमे उसका यूआरएल और अन्य जानकारियाँ निहित होती हैं.

  • मोबाइल सिस्टम के लिए : क्यूआर कोड का प्रयोग विभिन्न मोबाइल डिवाइस के लिए किया जाता है. ये डिवाइस यूआरएल पुनर्निर्देशन बहुत आराम से कर पाती है, जो क्यूआर कोड में निहित सभी मेटाडेटा को डिवाइस के एप्लीकेशन में भेजती है. कई सशुल्क और मुफ्त मोबाइल एप्लीकेशन क्यूआर कोड स्कैन के लिए मौजूद है.
  • यूआरएल : यूआरएल डालने और वेबसाइट का नाम याद रखने की कोई ज़रुरत नहीं है. एक बार क्यूआर कोड बन जाने पर उसे स्कैन कर के ब्रांड की वेबसाइट पर बहुत आसानी से विजिट किया जाता है.
  • वेबसाईट लॉग इन : क्यूआर कोड का इस्तेमाल वेबसाइट लॉग इन के लिए किया जा सकता है. कंप्यूटर स्क्रीन के लॉग इन पेज में दिए गये क्यूआर कोड को यदि रजिस्टर्ड यूजर अपने स्मार्टफ़ोन से स्कैन करता है तो ख़ुद ब ख़ुद लॉग इन हो जाता है. सन 2012 में ये लॉग इन के लिय्रे गूगल ने पहली बार इसका इस्तेमाल किया.

क्यू आर कोड की डिजाईन (QR Code design)  

शुरू में ये वन डाइमेनशनल था, जिसे एक संकीर्ण लाइट बीम की सहायता से स्कैन किया जाता था, किन्तु कालांतर में इसके ‘टू डाईमेंशनल’ डिजिटल इमेज स्कैनर का इजाद हुआ और इस्तेमाल किया जाने लगा. इसका प्रोसेस्सर तीन अलग अलग वर्ग को क्यूआर इमेज के कोनो में स्थापित करता है. इस इमेज में इस्तेमाल होने वाले डॉट बिन्दुओं में बाइनरी संख्याएँ निहित होती है, जिसका प्रयोग अल्गोरिथम के एरर करेक्शन के लिये किया जाता है.

क्यू आर कोड की एन्कोडिंग (QR Code encoding)

इसकी फॉर्मेट जानकारी दो चीज़ों को ख़ुद मे निहित रखती है. ये दो फॉर्मट हैं मास्क पैटर्न और एरर करेक्शन लेवल. मास्किंग का प्रयोग पैटर्न को डेटा के क्षेत्र में पहुँचने के लिए किया जाता है. इसके काले क्षेत्र में पलटने वाले मोड्यूल बनाए हुए होते हैं. इसमें प्रयोग होने वाले मेसेज डेटासेट दाहिने से बायें तरफ ज़िग- जैग पैटर्न में छपा होता है. एलाइनमेंट प्रत्तेर्ण की वजह से ये जटिल बन जाता है, और विभिन्न हस्तलिखित एरर करेक्शन ब्लाक के लिए प्रयोग किया जाता है.

भारत क्यू आर कोड (Bharat QR Code)

भारत क्यूआर कोड एक उत्तम पेमेंट सिस्टम है. इसके प्रयोग से आप अपने स्मार्टफोन की सहायता लेकर अपने डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के ज़रिये भुगतान कर सकते हैं. इसके लिए किसी भी तरह से कार्ड स्वाइप करने की आवश्यकता नहीं होती है.

इस वक़्त रुपे, मास्टर कार्ड, वीसा और अन्य अमेरिकन एक्सप्रेस कार्ड को भारत क्यूआर कोड से लिंक किया जा सकता है. आप अपने बैंक एप्लीकेशन का प्रयोग भी भारत क्यूआर पेमेंट के लिए कर सकते हैं. इसके लिए आपको एप्लीकेशन ओपन करके ‘भारत क्यूआर’ आइकॉन, कई बैंक एप्लीकेशन इसके लिए सिर्फ ‘स्कैन’ का विकल्प देते हैं, पर क्लिक करना होता है. अपना क्यूआर कोड स्कैन कीजिये, फिर अमाउंट डालकर अपनी पिन संख्या दे दीजिये. आपका पेमेंट हो जाएगा. भारत क्यूआर कोड में सिर्फ स्कैनिंग ही एक विकल्प नहीं है, बल्कि इसके अलावा अकाउंट संख्या, आईएफ़सीएस कोड, यूपीआई पेमेंट सौर आधार संख्या के प्रयोग से भी पेमेंट किया जा सकता है.

भारत क्यूआर कोड, विश्व का प्रथम अंतरसंचालित भुगतान सेवा है, जिसके प्रयोग के लिए अतिरिक्त शुल्क भी न के रूप में देना पड़ेगा. पिछले कुछ महीने से सरकार डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सभी सार्थक क़दम उठाते हुए नज़र आ रही है. भीम एप्लीकेशन इसी प्रयास की देन हैं. नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा निर्मित भारत क्यूआर कोड, व्यपारियों को सिर्फ क्यूआर कोड स्कैन करके लेनदेन की सुविधा देगा. इसके लिए सिर्फ एक क्यूआर कोड की आवश्यकता होगी.

एनसीपीआई के निर्देशक एपी होटा के अनुसार ‘होम ग्रोन कार्ड नेटवर्क’ के तौर पर रु-पे संसार के सबसे सफ़ल डिजिटल पेमेंट कार्ड में एक है. भारत क्यूआर कोड इसी तरह का दूसरा प्रराम्भ है, जिसकी सहायता से कम से कम कीमत पर लेस कैश इकॉनमी को तैयार किया जाएगा.

भारत क्यूआर कोड कैसे उत्पन्न करें (How to create Bharat QR code in hindi)

अब डिजिटल पेमेंट के लिए दुकानदार को पीओएस मशीन की कोई आवश्यकता नहीं पड़ने वाली है. डिजिटल पेमेंट ग्रहण करने के लिए अब सिर्फ भारत क्यूआर कोड बनाने की आवश्यकता है. इसके लिए दूकानदार को ऐसे बैंक अकाउंट की आवश्यकता पड़ेगी, जो आधार के साथ साथ भीम एप से भी संलग्न हो. भीम ऐप से ही भारत क्यूआर कोड का निर्माण होता है. भीम एप्लीकेशन से प्राप्त होने वाले क्यूआर कोड प्रिंट करा कर दुकानदार अपने पेमेंट डेस्क पर चिपका के रख सकते हैं. जब भी किसी ग्राहक को भुगतान करना होगा, वो इस क्यूआर कोड को अपने मोबाइल के भीम एप्लीकेशन से स्कैन करके भुगतान कर सकेगा. भीम एप और इसे डाउनलोड और उपयोग करने का तरीका यहाँ पढ़ें.

भारत क्यूआर कोड का इस्तेमाल कैसे करें (How to use Bharat QR code)

भारत क्यूआर कोड की सहायता से भुगतान बहुत ही आसान हो गया है. अब दूकान जाते वक़्त न पैसे की ज़रुरत और न ही किसी तरह के कार्ड की. सिर्फ एक स्मार्ट फ़ोन और उसमे निहित भीम एप, इन दो चीज़ों की सहायता से बाज़ार करना मुमकिन हो गया है. भीम एप से बैंक अकाउंट का संलग्न होना आवश्यक है :

     यदि आप ग्राहक हैं :

  • भारत क्यूआर कोड की सहायता से भुगतान करने के लिए, ग्राहक अपने मोबाइल फ़ोन में सर्वप्रथम भीम एप्लीकेशन डाउनलोड करें.
  • भुगतान के समय इस एप्लीकेशन में लॉग इन करें और ‘पेमेंट थ्रू क्यूआर कोड’ विकप्ल को चुने.
  • इसके खुलने पर दुकानदार के कैश काउंटर में लगाए हुए क्यूआर कोड की प्रिंट को स्कैन करें.
  • स्कैन होते ही ग्राहक के मोबाइल फ़ोन पर दुकानदार के सभी डिटेल आ जाते है. इसके बाद आवश्यक राशि, भुगतान विवरण आदि के साथ अंत में पिन डालें. पिन डालते ही भुगतान पूरा हो जाएगा.

यदि आप व्यापारी हैं :

  • व्यापारी अपने बैंक से भी क्यूआर कोड प्राप्त कर सकता है.
  • व्यापारी को अपने स्मार्ट फ़ोन में भारत क्यूआर कोड संलग्न एप डाउनलोड करना होता है.
  • एक बार इस एप्लीकेशन में अपने व्यावसायिक खाते को संलग्न करने के बाद व्यापारी क्यूअआर कोड की सहायता से अपने खाते में भुगतान ले सकेंगे.

भारत क्यूआर कोड का लाभ (Bharat QR code benefits)

भारत क्यूआर कोड ग्राहकों के साथ व्यापारियों को भी बहुत लाभ पहुंचाने वाला है. भारत की अर्थनीति को ‘कैश लेस’ बनाने के लिए ये सरकार का सार्थक क़दम है. ग्राहकों और व्यापारियों के लिए भारत क्यूआर का महत्व नीचे दिया जा रहा है:

  • ग्राहकों को लाभ : इसकी सहायता से ग्राहक बिना क्रेडिट अथवा डेबिट कार्ड के इस्तेमाल से भुगतान कर सकेगा. इससे ग्राहकों के बैंकिंग डिटेल के आम होने की संभावना कम हो जायेगी और ग्राहक कई तरह के धोखे-धड़ी से बच जाएगा. कार्ड पीओएस मशीन में स्वाइप करते समय अक्सर ग्राहक के कार्ड नंबर, सीवीवी, वैद्यता सीमा आदि आम होने से बच जाता है.
  • व्यापारियों को लाभ : इसकी सहायता से व्यापारी बग़ैर पीओएस मशीन के इस्तेमाल से भुगतान राशि प्राप्त कर सकता है. अतः व्यापारी पीओएस मशीन के अतिरिक्त खर्च से बच जायेंगे. भारत क्यूआर कोड के अधीन किये जा रहे भुगतानों में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं जुड़ेगा, जोकि अक्सर क्रेडिट अथवा डेबिट कार्ड में होता है. इस सुविधा का प्रयोग करके किये जाने वाले भुगतान की राशि अतिशीघ्र व्यापारी के खाते में पहुँच जाएगा. साथ ही मोबाइल वॉलेट से बेहतर सेवा देते हुए भारत क्यूआर कोड भुगतान की कोई सीमा तय नहीं करता है. भुगतान के दौरान ग्राहक आवश्यकतानुसार कितनी भी राशि का ट्रान्सफर लाभार्थी के खाते में कर सकता है. क्रेडिट और डेबिट कार्ड में अंतर यहाँ पढ़ें.

भारत क्यूआर कोड के इस्तेमाल के लिए आवश्यक बातें (Bharat QR code importance)

डिजिटल पेमेंट के लिए भारत क्यूआर कोड का इस्तेमाल बहुत ही आसानी से किया जा सकता है. इसके लिए ग्राहक के पास एक स्मार्ट फ़ोन होना अतिआवश्यक होता है. ग्राहक को अपने मोबाइल फ़ोन में भीम ऐप की ज़रुरत होगी, जिसकी सहायता से भुगतान होगा. कई बैंक के अपने औपचारिक एप्लीकेशन में भीम एप्लीकेशन के भी फीचर्स अपडेट किये हैं, जिसकी सहायता से भारत क्यूआर कोड स्कैन किया जा सकेगा. आईसीआईसीआई बैंक इसके लिए आईमोबाइल एप्लीकेशन की सहायता ले रहा है.

भारत क्यूआर कोड के विशेष तथ्य (Bharat QR code facts)

  • किसी भी नयी चीज़ को बाज़ार में आने पर लोगो के बीच अपनी जगह बनाने में वक़्त लगता है. हालाँकि भारत में पहले से भी कैशलेस पेमेंट होते थे किन्तु उसके लिए विभिन्न तरह के कार्ड्स की आवश्यकता होती थी. कई बार क्रेडिट कार्ड के साथ धोखेधड़ी के मामले भी पेश आते थे, जिससे ग्राहकों को बहुत भारी नुकसान होता था. भारत क्यूआर कोड की सहायता से भुगतान करने पर किसी तरह के धोखेधड़ी की सम्भावना नहीं बनती है.
  • इसकी सहायता से किया गया भुगतान सीधे लाभार्थी के खाते में जाता है. मोबाइल वॉलेट में अक्सर ग्राहकों को असुरक्षा का बोध होता रहता है. आरबीआई ने जहाँ एक तरफ से मोबाइल वॉलेट की सहायता से भुगतान के लिए एक सीमा तय कर रखी है, वहीँ भारत क्यूआर कोड के लिए किसी भी तरह की भुगतान सीमा तय नहीं की गयी. सरकार की तरफ से ज़ारी होने की वजह से इसका सञ्चालन भी बहुत अच्छे तरीक़े से हो रहा है. मोबाइल वालेट क्या है और कैसे काम करता है यहाँ पढ़ें.
  • पीओएस मशीन के साथ स्कीमिंग तकनीक इस्तेमाल करके कोई आदमी किसी भी ग्राहक के कार्ड के सभी आवश्यक जानकारियां प्राप्त कर सकता है. इन जानकारियों की सहयता से ग्राहक का बैंक अकाउंट खतरे में पड़ सकता है. ये खतरा भारत क्यूआर कोड के इस्तेमाल से ख़त्म जो चूका है. ये सेवा नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया की तरफ से दी जा रही अब तक की सबसे सुरक्षित कैशलेस भुगतान सेवा है.
  • भारत क्यूआर कोड चार बड़े कार्ड पेमेंट सेवा मास्टरकार्ड, वीसा, रुपे तथा अमेरिकन एक्सप्रेस के साथ मिल कर अस्तित्व में आया है.

इस तरह से भारत क्यूआर कोड की सहायता से लोगों का जीवन आसान हो जाएगा तथा भारत डिजिटल इंडिया के राश्ते पर अग्रसर हो पायेगा. सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए ये एक अनिवार्य क़दम है. इसकी सहायता से लोग सभी लेन- देन सरकार की नज़र में रहते हुए करेंगे जिससे कालाबाजारी भी ख़त्म होने लगेगी.

Karnika
कर्णिका दीपावली की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं| यह दीपावली के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं | यह दीपावली की SEO एक्सपर्ट हैं,इनके प्रयासों के कारण दीपावली एक सफल हिंदी वेबसाइट बनी हैं

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