एबोला वायरस एक घातक बिमारी की तरह फैलता ही जा रहा हैं जिसका कोई तोड़ सामने नहीं आया हैं | लाइबेरिया में इस बीमारी से कई लोग मारे जा चुके हैं और कई मौत की कगार पर खड़े हैं | कई डॉक्टर भी इसकी चपेट में आ चुके हैं | अन्तराष्ट्रीय स्तर पर इस बीमारी के फ़ैलने की आशंका ज़ाहिर की गई हैं जिससे बचने के लिए सभी देशो में कई नियम बनाये गए हैं |
अन्तराष्ट्रीय विमान से आने वाले सभी यात्रियों की विशेष जांच की जा रही हैं | यह वायरस संपर्क में आने से अति-तीव्र गति से फैलता हैं इसलिए इन यात्रियों को किसी से मिलने से पहले ही जांच विभाग में भेजा रहा हैं |
एबोला सबसे पहले वेस्ट अफ्रीका में फैला जहाँ इसका प्रभाव लाइबेरिया, गिनी Guinea, Nigeria, Sierra में काफी देखा गया | इसलिए इन जगहों से आने वाले सभी यात्रियों का विशेष परिक्षण किया जा रहा हैं |
अब तक 3000 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं यह एक घातक वायरस हैं जिसे लड़ने के कोई सही तरीके सामने नहीं आये हैं |
इस प्रकोप से बचने के लिए लाइबेरिया, Guinea, Nigeria, Sierra सभी ग्रसित देशो के साथ पूरा विश्व शोध कार्यों में लगा हुआ हैं |
Guinea के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 648 लोगो के एबोला से ग्रसित होने की घोषणा की जिनमे से 430 लोगो की मौत Ebola वायरस रोग (EVD) के कारण ही हुई हैं |
लाइबेरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा WHO ने 1378 लोगो के प्रति आशका जताई जिनमें से 322 के एबोला ग्रसित होने की पुष्टि की गई और 649 लोगो की मौत हो चुकी हैं |
नाइजीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय और WHO ने 17 संदिग्ध सूचना दी और प्रयोगशाला में 13 की पुष्टि की , और 6 की मौत हो चुकी हैं |
Sierra Leone के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा WHO ने 1,026 के संदिग्ध सूचना दी जिसमे से 935 की प्रयोगशाला में पुष्टि की है, और 422 की मौत की सुचना दी गई हैं |
CDC, स्वास्थ्य मंत्रालय (MOH), WHO, MMF, यह सभी संस्थाए नियमित रूप से सभी देशो को उचित जानकारी दे रही हैं साथ ही ग्रसित देशो को उचित सुविधा भी वक्त पर उपलब्ध करवा रही हैं |
इस बीमारी की चपेट में कई डॉक्टर तथा नर्स आ चुके हैं और कई मर चुके या अपनी मौत का इन्तजार कर रहे हैं | रक्षा करने वाले हाथ भी सुरक्षित नहीं हैं और अपनी जान हथेली में लेकर यह सभी डॉक्टर अपना काम कर रहे हैं |
इन में से कई डॉक्टर US से हैं जो केवल ग्रासितों का इलाज करने अपने देश से आये थे खुद ही इस महा विनाश की चपेट में आ गये |
पश्चिमी अफ्रीका का यह हाल ऐसा लगता हैं मानो कोई फ़िल्म चल रही हो पर काश यह एक फ़िल्म ही होती लेकिन असल जिन्दगी में प्रभावित इन सभी देशो के बारे में सोच कर ही मन घबरा जाता हैं | हम सभी दूर बैठे लोग सच्चे मन से ईश्वर से इस प्रकोप के उपाय के लिए दुआ करते हैं |
एबोला वायरस एक घातक बिमारी की तरह फैलता ही जा रहा हैं जिसका कोई तोड़ सामने नहीं आया हैं | लाइबेरिया में इस बीमारी से कई लोग मारे जा चुके हैं और कई मौत की कगार पर खड़े हैं | कई डॉक्टर भी इसकी चपेट में आ चुके हैं | अन्तराष्ट्रीय स्तर पर इस बीमारी के फ़ैलने की आशंका ज़ाहिर की गई हैं जिससे बचने के लिए सभी देशो में कई नियम बनाये गए हैं |
अन्तराष्ट्रीय विमान से आने वाले सभी यात्रियों की विशेष जांच की जा रही हैं | यह वायरस संपर्क में आने से अति-तीव्र गति से फैलता हैं इसलिए इन यात्रियों को किसी से मिलने से पहले ही जांच विभाग में भेजा रहा हैं |
एबोला सबसे पहले वेस्ट अफ्रीका में फैला जहाँ इसका प्रभाव लाइबेरिया, गिनी Guinea, Nigeria, Sierra में काफी देखा गया | इसलिए इन जगहों से आने वाले सभी यात्रियों का विशेष परिक्षण किया जा रहा हैं |
अब तक 3000 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं यह एक घातक वायरस हैं जिसे लड़ने के कोई सही तरीके सामने नहीं आये हैं |
इस प्रकोप से बचने के लिए लाइबेरिया, Guinea, Nigeria, Sierra सभी ग्रसित देशो के साथ पूरा विश्व शोध कार्यों में लगा हुआ हैं |
Guinea के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 648 लोगो के एबोला से ग्रसित होने की घोषणा की जिनमे से 430 लोगो की मौत Ebola वायरस रोग (EVD) के कारण ही हुई हैं |
लाइबेरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा WHO ने 1378 लोगो के प्रति आशका जताई जिनमें से 322 के एबोला ग्रसित होने की पुष्टि की गई और 649 लोगो की मौत हो चुकी हैं |
नाइजीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय और WHO ने 17 संदिग्ध सूचना दी और प्रयोगशाला में 13 की पुष्टि की , और 6 की मौत हो चुकी हैं |
Sierra Leone के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा WHO ने 1,026 के संदिग्ध सूचना दी जिसमे से 935 की प्रयोगशाला में पुष्टि की है, और 422 की मौत की सुचना दी गई हैं |
CDC, स्वास्थ्य मंत्रालय (MOH), WHO, MMF, यह सभी संस्थाए नियमित रूप से सभी देशो को उचित जानकारी दे रही हैं साथ ही ग्रसित देशो को उचित सुविधा भी वक्त पर उपलब्ध करवा रही हैं |
इस बीमारी की चपेट में कई डॉक्टर तथा नर्स आ चुके हैं और कई मर चुके या अपनी मौत का इन्तजार कर रहे हैं | रक्षा करने वाले हाथ भी सुरक्षित नहीं हैं और अपनी जान हथेली में लेकर यह सभी डॉक्टर अपना काम कर रहे हैं |
इन में से कई डॉक्टर US से हैं जो केवल ग्रासितों का इलाज करने अपने देश से आये थे खुद ही इस महा विनाश की चपेट में आ गये |
पश्चिमी अफ्रीका का यह हाल ऐसा लगता हैं मानो कोई फ़िल्म चल रही हो पर काश यह एक फ़िल्म ही होती लेकिन असल जिन्दगी में प्रभावित इन सभी देशो के बारे में सोच कर ही मन घबरा जाता हैं | हम सभी दूर बैठे लोग सच्चे मन से ईश्वर से इस प्रकोप के उपाय के लिए दुआ करते हैं |
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