मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है निबंध इतिहास 2024 शायरी | Labour Day Date, Essay, history, Shayari In Hindi

निबंध मजदूर दिवस  क्यों मनाया जाता है, इतिहास, 2024 शायरी ( Labour or Labor Day Essay Shayari, Quotes, history In Hindi)

मजदूर दिवस पर निबंध

मजदूर का मतलब हमेशा गरीब से नहीं होता हैं, मजदूर वह ईकाई हैं, जो हर सफलता का अभिन्न अंग हैं, फिर चाहे वो ईंट गारे में सना इन्सान हो या ऑफिस की फाइल्स के बोझ तले दबा एक कर्मचारी. हर वो इन्सान जो किसी संस्था के लिए काम करता हैं और बदले में पैसे लेता हैं, वो मजदूर हैं.

हमारे समाज में मजदूर वर्ग को हमेशा गरीब इन्सान समझा जाता है, धुप में मजदूरी करने वालों को ही हम मजदूर समझते है. इसके विपरीत मजदूर समाज वह अभिन्न अंग है,

जो समाज को मजबूत व् परिपक्व बनाता है, समाज को सफलता की ओर ले जाता है. मजदूर वर्ग में वे सभी लोग आते है, जो किसी संस्था या निजी तौर पर किसी के लिए काम करते है और बदले में मेहनतामा लेते है. शारीरिक व् मानसिक रूप से मेहनत करने वाला हर इन्सान मजदूर है, फिर चाहे वह ईट सीमेंट से सना इन्सान हो या एसी ऑफिस में फाइल के बोझ तले बैठा एक कर्मचारी. इन्ही सब मजदूर, श्रमिक को सम्मान देने के लिए मजदूर दिवस मनाया जाता है.

अन्तराष्ट्रीय मजदूर दिवस को अन्तराष्ट्रीय कर्मचारी दिवस व् मई दिवस भी कहते है. इसे पूरी दूनिया में अन्तराष्ट्रीय तौर पर मनाया जाता है, ताकि मजदूर एसोसिएशन को बढ़ावा व् प्रोत्साहित कर सके. मजदूर दिवस 1 मई को पूरी दूनिया में मनाया जाता है, यूरोप में तो इसे पारंपरिक तौर पर बसंत की छुट्टी घोषित किया गया है. दूनिया के लगभग 80 देशों में इस दिन को नेशनल हॉलिडे घोषित किया गया है, कुछ जगह तो इसे मनाने के लिए कार्यक्रम भी आयोजित होते है. अमेरिका व् कनाडा में मजदूर दिवस सितम्बर महीने के पहले सोमवार को होता है. भारत में हम इसे श्रमिक दिवस भी कहते है. मजदूर को मजबूर समझना हमारी सबसे बड़ी गलती है, वह अपने खून पसीने की खाता है. ये ऐसे स्वाभिमानी लोग होते है, जो थोड़े में भी खुश रहते है एवं अपनी मेहनत व् लगन पर विश्वास रखते है. इन्हें किसी के सामने हाथ फैलाना पसंद नहीं होता है.

  • मजदूर दिवस का इतिहास
  • विश्व में मजदूर दिवस की उत्पत्ति
  • भारत में मजदूर दिवस समारोह

मजदूर दिवस का इतिहास (Labour Day History in hindi)–

भारत में श्रमिक दिवस को कामकाजी आदमी व् महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है. मजदूर दिवस को पहली बार भारत में मद्रास (जो अब चेन्नई है) में 1 मई 1923 को मनाया गया था, इसकी शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ़ हिंदूस्तान ने की थी. इस मौके पर पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडा का उपयोग किया गया था. इस पार्टी के लीडर सिंगारावेलु चेत्तिअर ने इस दिन को मनाने के लिए 2 जगह कार्यकर्म आयोजित किये थे. पहली मीटिंग ट्रिपलीकेन बीच में व् दूसरी मद्रास हाई कोर्ट के सामने वाले बीच में आयोजित की गई थी. सिंगारावेलु ने यहाँ भारत के सरकार के सामने दरख्वास्त रखी थी, कि 1 मई को मजदूर दिवस घोषित कर दिया जाये, साथ ही इस दिन नेशनल हॉलिडे रखा जाये. उन्होंने राजनीती पार्टियों को अहिंसावादी होने पर बल दिया था.

विश्व में मजदूर दिवस की उत्पत्ति –

1 मई 1986 में अमेरिका के सभी मजदूर संघ साथ मिलकर ये निश्चय करते है कि वे 8 घंटो से ज्यादा काम नहीं करेंगें, जिसके लिए वे हड़ताल कर लेते है. इस दौरान श्रमिक वर्ग से 10-16 घंटे काम करवाया जाता था, साथ ही उनकी सुरक्षा का भी ध्यान नहीं रखा जाता था. उस समय काम के दौरान मजदूर को कई चोटें भी आती थी, कई लोगों की तो मौत हो जाया करती थी. काम के दौरान बच्चे, महिलाएं व् पुरुष की मौत का अनुपात बढ़ता ही जा रहा था, जिस वजह से ये जरुरी हो गया था, कि सभी लोग अपने अधिकारों के हनन को रोकने के लिए सामने आयें और एक आवाज में विरोध प्रदर्शन करें.

इस हड़ताल के दौरान 4 मई को शिकागो के हेमार्केट में अचानक किसी आदमी के द्वारा बम ब्लास्ट कर दिया जाता है, जिसके बाद वहां मौजूद पुलिस अंधाधुंध गोली चलाने लगती है. जिससे बहुत से मजदूर व् आम आदमी की मौत हो जाती है. इसके साथ ही 100 से ज्यादा लोग घायल हो जाते है. इस विरोध का अमेरिका में तुरंत परिणाम नहीं मिला, लेकिन कर्मचारियों व् समाजसेवियों की मदद के फलस्वरूप कुछ समय बाद भारत व अन्य देशों में 8 घंटे वाली काम की पद्धति को अपनाया जाने लगा. तब से श्रमिक दिवस को पुरे विश्व में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाने लगा, इस दिन मजदूर वर्ग तरह तरह की रेलियां निकालते व् प्रदर्शन करते है.

भारत में मजदूर दिवस समारोह (Labour Day Celebration)–

श्रमिक दिवस को ना सिर्फ भारत में बल्कि पुरे विश्व में एक विरोध के रूप में मनाया जाता है. ऐसा तब होता है जब कामकाजी पुरुष व् महिला अपने अधिकारों व् हित की रक्षा के लिए सड़क पर उतरकर जुलुस निकालते है. विभिन्न श्रम संगठन व् ट्रेड यूनियन अपने अपने लोगों के साथ जुलुस, रेली व् परेड निकालते है. जुलुस के अलावा बच्चों के लिए तरह तरह की प्रतियोगितायें होती है, जिससे वे इसमें आगे बढ़कर हिस्सा लें और एकजुटता के सही मतलब को समझ पायें. इस तरह बच्चे एकता की ताकत जो श्रमिक दिवस मनाने का सही मतलब है, समझ सकते है.  इस दिन सभी न्यूज़ चैनल, रेडियो व् सोशल नेटवर्किंग साईट पर हैप्पी लेबर डे के मेसेज दिखाए जाते है, कर्मचारी एक दूसरे को ये मेसेज सेंड कर विश भी करते है. ऐसा करने से श्रमिक दिवस के प्रति लोगों की सामाजिक जागरूकता भी बढ़ती है.

इन सबके अलावा अलग अलग राजनीती पार्टियों के नेता जनता के सामने भाषण देते है, अगले चुनाव में जीतने के लिए ऐसे मौकों का वे सब भरपूर फायदा उठाते है. 1960 में बम्बई को भाषा के आधार पर 2 हिस्सों में विभाजित कर दिया गया था, जिससे गुजरात व् महाराष्ट्र को इसी दिन (1 मई) स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था. इसलिए मई दिवस के दिन महाराष्ट्र दिवस व् गुजरात दिवस के रूप में क्रमशः महाराष्ट्र व् गुजरात में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. श्रमिक दिवस एक ऐसा अवसर है, जब दूनिया के सभी लोग मजदूर वर्ग की सच्ची भावना को समझ कर उसका जश्न मनाते है. यह एक ऐसा दिन है जब सभी श्रमिक को एक साथ सबके सामने अपनी ताकत, एकजुटता दिखाने का मौका मिलता है, जो ये दर्शाता है कि श्रमिक वर्ग अपने अधिकारों के लिए कितने प्रभावी ढंग से सकरात्मक रूप में संघर्ष कर सकता है.

यह मेरी भावना है उन लोगों के प्रति जो सेवक को गुलाम समझते है, उनका हक़ मारते है साथ ही उनका शोषण करते है. मजदूर तुच्छ नहीं है, मजदूर समाज की एक महत्वपूर्ण इकाई है.

भारत में 2024 में मजदूर दिवस कब मनाया जायेगा (Labour Day 2024 Date )–

हर साल की तरह इस साल भी 1 मई को मजदूर दिवस (Labour Day) के तौर पर मनाया जायेगा और इस दिन सभी का अन्तराष्ट्रीय अवकाश होता हैं .

मजदूर दिवस के दिन स्कूलों में क्या किया जाता है ?

वैसे तो मजदूर दिवस यानि 1 मई को लगभग सभी कंपनियों एंव विभागों में छुट्टी होती है लेकिन स्कुल में इसका ख़ास महत्व है. इस दिन स्कूलों में बच्चे मजदूरों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हैं. वह अनेक तरह के नाटक पेश करते हैं. इतना ही नहीं स्कुल के प्रधानाचार्य अपने सह शिक्षकों को सम्मानित करते हैं. कुछ बच्चे मजदूर दिवस पर भाषण भी लिखते है और मंच पर उसका पाठन भी करते हैं. कुल-मिलाकर स्कुल में मजदूरों के प्रति सम्मान और उनके हक़ के प्रति बच्चों को जागरूक किया जाता है.

मजदूर दिवस पर शायरी (Labour Day Shayari / SMS / Poem)

  • मैं मजदूर हूँ मजबूर नहीं यह कहने मैं मुझे शर्म नहीं

    अपने पसीने की खाता हूँ मैं मिट्टी को सोना बनाता हूँ

  • हर कोई यहाँ मजदूर हैं चाहे पहने सूट बूट या मैला

    मेहनत करके कमाता हैं

    कोई सैकड़ा कोई  देहला

    हर कोई मजदूर ही कहलाता हैं

    चाहे अनपढ़ या पढ़ा लिखा

  • जिसके कंधो पर बोझ बढ़ा वो भारत माँ का बेटा कौन

    जिसने पसीने से भूमि को सींचा

    वो भारत माँ का बेटा कौन

    वह किसी का गुलाम नहीं

    अपने दम पर जीता हैं

    सफलता का एक कण ही सही

    लेकिन हैं अनमोल जो मजदूर कहलाता हैं..

Labour Labor Day Majdoor Diwas SMS Shayari In Hindi

  • हर इमारत की नींव हैं अमीरों की तक़दीर हैं

    खून पसीना बहाकर अपना

    पूरा करते वो अमीरों का सपना

    दो वक्त की उसे मिले ना मिले

    पर उसी के हाथो करोड़ो की तक़दीर लिखे

    माना उसकी किस्मत हैं

    अभी नहीं हैं एशो आराम

    पर उसको ना भुलाना तुम

    ना बनाना बैगाना तुम

    देना उसे उसका हक़

    मजदूर हैं वह मेहनती शख्स

  • मेहनत उसकी लाठी हैं मजबूती उसकी काठी हैं

    बुलंदी नहीं पर नीव हैं

    यही मजदूरी जीव हैं.

  • सफलता के मार्ग में योगदान अनमोल हैं चाहे हो मालिक या कोई नौकर

    कोई ईकाई तुच्छ नहीं

    सबका अपना मान हैं

    कहने को एक छोटा लेबर ही सही

    पर उसी को रास्ते का ज्ञान हैं

    घमंड ना करना इस ऊंचाई का कभी

    तेरे कंधो पर इनके पसीने का भार हैं

  • मजदूर ऊँचाई की नींव हैं गहराई में हैं पर अंधकार में क्यूँ

    उसे तुच्छ ना समझाना

    वो देश का गुरुर हैं

FAQ

Q- मजदूर दिवस कब मनाया जाता है?

Ans- हर साल 1 मई को मनाया जाता है मजदूर दिवस।

Q- मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है?

Ans- ये दिवस मजदूरों के सम्मान, एकता और हक के समर्थन के लिए मनाया जाता है।

Q- पहली बार भारत में मजदूर दिवस कब मनाया गया था?

Ans- 1 मई 1923 को मनाया गया था मजदूर दिवस।

Q- मजदूर दिवस की शुरूआत किसके द्वारा की गई थी?

Ans- इसकी शुरूआत हिंदूस्तान किसान पार्टी द्वारा की गई थी।

Q- मजदूर दिवस के दिन क्या किया जाता है?

Ans- इस दिन सभी कंपनियों और विभागों में छुट्टी रखी जाती है चाहे वो प्राइवेट हो या सरकारी सेक्टर।

होम पेजयहाँ क्लिक करें

अन्य पढ़े :

Karnika
कर्णिका दीपावली की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं| यह दीपावली के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं | यह दीपावली की SEO एक्सपर्ट हैं,इनके प्रयासों के कारण दीपावली एक सफल हिंदी वेबसाइट बनी हैं

More on Deepawali

Similar articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here