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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास व 2024 अनमोल वचन | National Technology day in Hindi

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास, 2024 थीम, अनमोल वचन (National Technology day India, speech, quotes, theme in Hindi)

इस समय हमें टेक्नोलॉजी ने हर तरफ से घेर रखा है, हमारी हर जरुरत को पूरा करने में टेक्नोलॉजी हमारी मदद करती है. इतना ही नहीं काफी हद तक इंसान टेक्नोलॉजी पर निर्भर होता जा रहा है. जिसके पीछे का कारण है कि टेक्नोलॉजी हमारे हर काम को बेहतर और आसान बनाने में हमारी सहायता करती है. अब अगर टेक्नोलॉजी ही ना हो तो हमें दूरसंचार, मेडिकल, शिक्षा एवं व्यापार करने में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. आसान शब्दों कहा जाय तो किसी देश या देश के नागरिकों को विकास करने के लिए टेक्नोलॉजी की बहुत ज्यादा जरुरत है. इसलिए कुछ सालों से भारत अपनी टेक्नोलॉजी को एक उच्च स्तर पर पहुंचाने में लगा हुआ है. इसके साथ-साथ भारत का केंद्रीय मंत्रालय टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए नेशनल टेक्नोलॉजी डे (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस) का आयोजन करता है.

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कब मनाया जाता है (When we celebrate national technology day)

भारत 1998 में एक उभरती परमाणु शक्ति बन गया था, जिसके पीछे का कारण था 11 मई1998 को हुआ परमाणु परिक्षण. इस बड़ी सफलता को हासिल करने के बाद भारत के प्रधानमंत्री ने 1999 को नेशनल टेक्नोलॉजी डे मनाने की घोषणा कर दी. चूकि 11 मई को भारत ने अपना सबसे ताकतवर परमाणु परीक्षण (नुक्लेअर टेस्ट) किया था, इसीलिए इस दिन को याद रखने के लिए हर साल 11 मई को ही राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाते हैं.

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का इतिहास  (National Technology day history)

  • अपनी परमाणु शक्ति का प्रदर्शन करने से पहले भारत को काफी कमजोर देश माना जाता था. इसके साथ-साथ जिन देशों के पास पहले से ही परमाणु शक्ति थी, वे भारत को नीचे समझते थे. कुछ समय बाद इन देशों की इस सोच में असली मोड़ तब आया, जब भारत ने खुद को ऐसा छठवां देश बताया, जिसके पास परमाणु हथियार बनाने की शक्ति है.
  • भारत में 11 मई 1998 को जब परमाणु अनुसंधान विभाग ने पोखरण में तीन परमाणु बमों का एक साथ परिक्षण किया था,  तब 5.3 रिएक्टर स्केल तक का भूकंप आस-पास के क्षेत्रों में दर्ज किया गया था. इस परीक्षण को भारत के अनुसंधान विभाग ने “शक्ति” नाम दिया गया था.  इसके 2 दिन बाद यानी 13 मई 1998 को दो और परमाणु बमों के टेस्ट किये गए. इसी दिन भारतीय सुरक्षा विभाग ने त्रिशूल मिसाइल और हंस-3 (ट्रेनिंग एयरक्राफ्ट) का भी परीक्षण किया. 

आखिर क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस  (why we celebrate National Technology day)

भारत का सबसे ताकतवर एवं सफल परमाणु परीक्षण सन् 1998 में किया गया था और इस पूरे परीक्षण को अंजाम देने के पीछे महान वैज्ञानिक अब्दुल कलाम का हाथ था. अब्दुल कलाम को इस काम को सौंपने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी वाजपेयी को जाता है. अब्दुल कलाम जी के शानदार मार्गदर्शन द्वारा ही सभी परमाणु परिक्षणों को सफलता पूर्वक टेस्ट किया गया था.  इस परीक्षण के बाद केंद्र सरकार ने इस उपलब्धि को भारत की सबसे बड़ी उपलब्धि करार दे दिया था.

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की थीम 2024 (what is the theme of national technology day 2024 in India)

इस दिन को भारत की केंद्र सरकार, अनुसंधान विभाग एवं संबंधित कार्यालय मिलकर मनाते है. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस को मनाने के लिए हर साल एक नई थीम रखी जाती है, 2024 के लिए भी नई थीम रखी जाएगी, जोकि ‘विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें’ है.

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कैसे मनाते हैं (How to celebrate national technology day)

  1. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग कार्यक्रमों का आयोजन करता है (Department of Science and Technology India)

भारत का टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट हर साल नई तकनीक को बढ़ावा देने के कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजन करता है. जिसमें देश की तरक्की के लिए नई-नई तकनीकों के विचारों का स्वागत किया जाता है.

  1. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा पुरस्कार वितरण (Award distribution)

भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय हर साल भारत के कुछ होनहार वैज्ञानिकों को सम्मान देता है. हालांकि ये सम्मान उन्हीं वैज्ञानिकों को दिए जाते है, जिन्होंने तकनीक के क्षेत्र में अपना उत्कृष्ट योगदान दिया हो.

  1. इंजीनियरिंग कॉलेज में कार्यक्रम (events in engineering college)

भारत के लगभग सभी टेक्निकल कॉलेज में इस दिन कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. जिसमें छात्र प्रेजेंटेशन, स्लाइडशो एवं प्रोजेक्ट की मदद से इस दिन के बारे में मुख्य जानकारियां देते हैं..

  1. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के बारे में सूचना देना

इस दिन भारत की टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कामयाबी के बारे में लोगों को उजागर किया जाता है एवं भारत की तकनीक में होने वाले सुधार और तरक्की की जानकारी भी दी जाती है. इसके बाद इस दिन भारत के छात्रों को वैज्ञानिकों से मिलने का अवसर प्रदान किया जाता है. जिसमें देश के छात्र नई तकनीक एवं वैज्ञानिकों के अनुभव के बारे में जान पाते हैं.

  1. कॉलेजों में होने वाली प्रतियोगिताएं (Inter-college competition)

भारत के कई इंजीनियरिंग एवं टेक्निकल कॉलेजों द्वारा इस दिन विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं की जाती है. जहां बहुत से कॉलेजों के छात्र आकर इन प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं. इन प्रतियोगिताओं के लिए छात्र अपडेटेड लैब्स, खोज करने के लिए तकनिकी प्रबंधनशालाओं एवं अन्य केंद्रों पर भी जाते हैं.

  1. माता पिता भी उपस्थित रहते हैं

सरकार या कॉलेजों द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं में छात्रों के माता पिता को भी आमंत्रित किया जाता है. हर छात्र की शिक्षा उसके घर से ही आरम्भ होती है, इसलिए माता पिता को प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के बारे में जानकर अपने बच्चों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए. ऐसा करने से बच्चे के अंदर भी नयी खोज करने एवं वैज्ञानिक बनने की इच्छा पैदा होती है.

  1. मीडिया का रोल (Media on National Technology day)

मीडिया को भी राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के  दिन होने वाले महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को देश दुनिया में दिखाने की जरुरत होती है, जिससे पूरी दुनिया को प्रौद्योगिकी दिवस के महत्त्व के बारे में पता चल सके. इसके अलावा इस दिन वैज्ञानिकों के बीच टेक्नोलॉजी को लेकर होने वाली वार्ता भी दिखाई जाती है.

थीम का चुनाव (Selection of theme)

  • हर साल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट बोर्ड यानी की टीडीबी एक विशिष्ठ (स्पेसिफिक) थीम का चुनाव करती है. इसी थीम को केंद्रित करके मनाते हैं एवं इसी थीम पर आधारित प्रोग्राम भी आयोजित किये जाते हैं.
  • पिछले साल 2017 की थीम “टेक्नोलॉजी फॉर इंक्लूसिव एंड सस्टेनेबल ग्रोथ” विषय पर केंद्रित की गई थी. चूकि हर साल अलग थीम होती है इसलिए दो साल पहले भी साल  2016 की थीम भी एक नए विषय पर आधारित थी, जिसका विषय था “टेक्नोलॉजी इनेबलर्स ऑफ स्टार्टअप्स इंडिया”.

भारत सरकार को इस समय टेक्नोलॉजी विकसित करने के लिए काफी पैसे निवेश करने की जरुरत है, हालांकि ऐसा किया भी जा रहा है. इस दिन लोगों को कार्यक्रम का आयोजन करके टेक्नोलॉजी के क्षेत्र की महत्वपूर्ण जानकारियां दी जाती हैं. इन कार्यक्रमों के चलते भारत में कई इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज के बारे में भी जागरूक किया जाता है.

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाने के पीछे उद्देश्य  (National Technology day objectives)

  1. पोखरण परमाणु बम के सफल परीक्षण को याद करना (Nuclear bomb test in India)

पहले परमाणु बम का परीक्षण पोखरण में हुआ था और इसमें भारत को सफलता भी मिली थी. इसके पश्चात भारत के प्रधानमंत्री ने गर्व पूर्वक अपनी सफलता का गुणगान करते हुए कहा था कि भारत अब एक परमाणु शक्ति बन चुका है. उन्होंने उस समय ये भी कहा था कि भारत नॉन प्रॉलिफरेशन एग्रीमेंट ऑफ न्यूक्लियर वेपन (परमाणु अप्रसार संधि) पर हस्ताक्षर नहीं करेगा. भारत को मिलने वाली इस महान उपलब्धि के जश्न के रूप में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाते है.

  1. त्रिशूल मिसाइल की सफलता के रूप में (Trishul Missile)

भारत की सेना एवं सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में त्रिशूल मिसाइल को आधार माना जाता है. 11 मई 1998 के दिन परमाणु बमों के अलावा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने कम दूरी पर जल्दी हमला करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया था. जमीन से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल को त्रिशूल नाम से पुकारा गया था.

  1. हंसा-3 का सफल परीक्षण

मई 1998 को ही एक और सफलता भारत के हाथ लगी थी, हंसा-3 भारत का एयरक्राफ्ट वायु सेना में प्रशिक्षण के लिए शामिल हुआ था. 11 मई को ही हंसा-3 को बैंगलुरु की हवाई पट्टी से उड़ाया गया था.

  1. वैज्ञानिकों को नाम एवं सम्मान देना (Awards given to scientist)

भारत के जितने भी वैज्ञानिकों ने देश के लिए अपना उत्कृष्ट योगदान दिया है, इस दिन उनको याद किया जाता है. इस दिन का सभी नए एवं पुराने वैज्ञानिकों को लाइम लाइट में लाया जाता है, जिससे भारत की युवा पीढ़ी को टेक्नोलॉजी की तरफ प्रोत्साहित किया जा सके.

  1. नये रिसर्च सेंटर या प्लेटफॉर्म देना (Open new platforms for research)

भारत में इस दिन युवाओं को प्रोत्साहन के साथ-साथ अपने टेक्निकल आईडिया को सबके सामने लाने का प्लेटफार्म दिया जाता है.. उसके बाद साइंटिस्ट एवं टेक्नॉलाजिस्ट आपस में तकनीक को विकसित करने के लिए अपने विचार साझा करते हैं. इस वजह से भारत को एक नई एवं भरोसेमंद तकनीक खोजने में आसानी हो जाती है.

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर कोट्स  (National Technology day quotes in Hindi)

  • इस 21 वीं शताब्दी के दौर में अगर कोई देश आगे बढ़ना चाहता है, तो उसे टेक्नोलॉजी रूपी वाहन की जरुरत अवश्य पड़ेगी अन्यथा उस देश की विकास दर में दीमक लग जाएगा.
  • इस समय समाज का हर पहलू टेक्नोलॉजी से जुड़ता जा रहा है, इसलिए जरुरी है कि हम भी टेक्नोलॉजी के साथ कदम से कदम मिलकर चलें क्योंकि इस समय टेक्नोलॉजी ही विकास करने का सबसे अच्छा रास्ता है.
  • भारत देश में वैज्ञानिकों को उच्च एवं सम्मानीय दर्जा दिलाने के लिए  राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाना एक सकारात्मक विचार है. जिसकी मदद से तमाम वैज्ञानिकों को देश में सम्मान प्राप्त हो रहा है.
  • पहले के समय में इस तकनीक को जादू के नाम से जाना जाता था, इस समय विज्ञान की मदद से से कुछ भी करना असंभव नहीं है. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के कार्यक्रमों में लोगों को इसके द्वारा होने वाले फायदे के बारे बताया जाता है, जो समूचे राष्ट्र को तकनीक में विकास की ओर अग्रसर करता है.
  • तकनीक हमारा ऐसा अभिन्न अंग बनती जा रही है जिसके बिना हमारे भविष्य की कल्पना करना नामुमकिन है. लेकिन इसके लिए हमे संतुलन एवं जागरूकता की भी आवश्यकता है, जिसके लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन एक तरह का अच्छा प्लेटफार्म है.

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FAQ

Q- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2024 में कब मनाया जाएगा?

Ans- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2024 में 11 मई को मनाया जाएगा।

Q- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस क्यों मनाया जाता है?

Ans- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

Q- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी के कितने संस्थान हैं?

Ans- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी के 20 संस्थान हो गए हैं।

Q- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2024 की थीम क्या है?

Ans- विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकें।

Q- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी की स्थापना कब हुई थी?

Ans- इसकी स्थापना साल 1971 में हुई थी।

Ankita
अंकिता दीपावली की डिजाईन, डेवलपमेंट और आर्टिकल के सर्च इंजन की विशेषग्य है| ये इस साईट की एडमिन है| इनको वेबसाइट ऑप्टिमाइज़ और कभी कभी आर्टिकल लिखना पसंद है|

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