पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड पीपीएफ अकाउंट की जानकारी | PPF Public Provident Fund Account In Hindi

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड पीपीएफ अकाउंट की जानकारी (PPF or Public Provident Fund Account interest Rate In Hindi)

सन 1968 में भातर सरकार के वित्त मंत्रालय के अंतर्गत इस योजना की शुरुआत हुई थी. ये एक कर मुक्त बचत योजना है, जिसके तहत पीपीएफ़ खाते में आये हुए ब्याज पर किसी भी तरह का कर नहीं लगता. पीपीएफ़ में जमा की गयी राशि पर कर कटौती का दावा किया जा सकता है, जिसकी सहयता से पीपीएफ़ स्कीम भारत की सबसे बढ़िया कर मुक्त सेवों में एक है. इसे लागू करने की सबसे मुख्य वजह लोगों को बचत करने के लिए प्रोत्साहित करना और सेवा निवृत्ति के तहत राशि जमा करना था.

क्या है पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड पीपीएफ अकाउंट  (What is PPF or Public Provident Fund Account In Hindi)

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड जिसे सार्वजनिक भविष्य निधि भी कहा जाता हैं| यह एक बचत अर्थात कर बचत जमा योजना हैं, जिसकी शुरुवात वित्त मंत्रालय ने 1968 में की थी. पीपीएफ का मुख्य उद्देश्य लोगों में बचत की भावना बढ़ाना भी था, जिसमे उन्हें टैक्स बचत का लाभ दिया गया था. यह एक तरह की भविष्य जमा पूंजी हैं इसलिए इसे सार्वजनिक भविष्य निधि कहते हैं. पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड खाता किसी भी डाकघर, SBI बैंक की किसी भी शाखा अथवा किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में खोला जा सकता हैं. आदमी किसी पीपीईफ़ के तहत अपने पैसे एक निश्चित समय के लिए जमा कर सकता है और अपने पैसे पर ब्याज पा सकता है.
पीपीएफ़ एक लम्बी अवधि का निवेश है, जिसमे हर तरह के लोग अपनी राशि जमा कर सकते हैं. ये सरकार की तरफ से दी जाने वाली सेवा है अतः इसमें किसी तरह का जोखिम भी नहीं रहता. 

PPF Public Provident Fund Accont Details In Hindi

पीपीएफ़ फण्ड की सात मुख्य बातें (PPF related information)

पीपीएफ़ अकाउंट के लिए सात मुख्य बातों को जानना आवश्यक है जो नीचे दिए जा रहे हैं.

  • पीपीएफ़ खाते को शुरू करने के लिए सिर्फ 100 रूपए की आवश्यकता होती है. अतः इसमें कम से कम पैसा कमाने वाला भी धन पाने का निवेश कर सकता है. इसके लिए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की किसी भी शाखा में आवेदन दिया जा सकता है. स्टेट बैंक के अलावा कई और ऐसे बैंक हैं जो इस सुविधा को अपने ग्राहको के लिए देते हैं. बैंक ऑफ़ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया, बैंक ऑफ़ बरौदा आदि सरकारी बैंकों में पीपीएफ़ खाता खोला जा सकता है. डाकघरों में इसके लिए आवेदन दिया जा सकता है. व्यक्ति अपने बच्चे के नाम से भी पीपीएफ़ खाता खोल सकता है.
  • पीपीएफ़ अकाउंट में कम से कम और अधिक से अधिक राशि जमा करने की सुविधा है. एक साल के अन्दर ग्राहक को कम से कम 500 रुपये जमा करने की आवश्यकता होती है. इस खाते में सालाना अधिकतम 1,50,000 रूपए जमा किये जा सकते हैं. ये डिपाजिट एक साथ अथवा किश्तों में जमा किया जा सकता है. ग्राहक अपने किश्तों की संख्या तथा किश्त की राशि को अपने सुविधानुसार बढ़ा अथवा घटा सकता है. न्यूनतम सालाना राशि जमा न कर पाने पर ग्राहक का खता बंद कर दिया जा सकता है. सरकार द्वारा बनाये गये एक नियम के तहत सालाना किश्तों की अधिकतम संख्या 12 हो सकती है.
  • ग्राहक के अकाउंट के लिए ब्याज का हिसाब माह के पांचवे से माह के अंतिम दिन तक को लेकर होता है. अतः अधिकतम ब्याज पाने के लिए महीने के 1 से 5 तारिख के मध्य पैसा जमा करना सही होता है. ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज के तहत प्रति वर्ष 31 मार्च को ग्राहक के खाते में जाता है.
  • खाते में जमा की गयी पूरी राशि निश्चित समय पूरा होने के बाद ही उठाई जा सकती है. हालाँकि आवश्यकता होने पर ग्राहक अपने पीपीएफ़ खाते से पैसा उठा सकता है, किन्तु एक निश्चित सीमा तक. राशि 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है. कैश डेथ होने की वजह से पीपीएफ़ अकाउंट बंद हो सकता है. 
  • 80C अधिनियम के तहत पीपीएफ़ खाते में डिपाजिट करते वक़्त कुछ कटौती होती है. हालाँकि निश्चित समय समाप्त हो जाने पर मच्यौरिटी अमाउंट और उसके ब्याज पर किसी तरह का कर नहीं लगता है. सिर्फ ब्याज ही नहीं बल्कि पीपीएफ़ डिपाजिट भी वेल्थ टैक्स से मुक्त होता है.
  • पीपीएफ़ की सहता से ऋण भी लिया जा सकता है. इसके लिए कुछ विशेष नियम और शर्तें हैं. ऋण तीसरे वर्ष से छट्ठे वर्ष के बीच लिया जा सकता है. ये ऋण पीपीएफ़ खाते के कुल राशि का 25 प्रतिशत तक लिया जा सकता है. ये ऋण पुनः 24 महीनों के अन्दर लौटाना होता है. ऋण पर लगने वाली ब्याज दर पीपीएफ़ पर मिलने वाली व्याज दर से 2 प्रतिशत अधिक की होती है.
  • पंद्रह वर्ष के बाद भी अपने पीपीएफ़ अकाउंट को कोई ग्राहक चालू रख सकता है. किन्तु आगे से ये समय सीमा 5 – 5 वर्षों के अंतर्गत आती है. खाते में जमा राशि पर ग्राहक को ब्याज मिलता रहेगा. इस दौरान खाते में पैसा न जमा करने पर खाते से पैसा उठाया जा सकता है किन्तु वर्ष में सिर्फ एक ही बार ये सुविधा प्राप्त होती है.
  • इसमें जॉइंट अकाउंट नहीं बनाया जा सकता है.

पीपीएफ़ अकाउंट के नियम (PPF account rules)

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड 1968 के अंतर्गत कई तरह के नियमों को सरकार ने लागू किया है. इसके लिए ग्राहक का पीपीएफ़ के लिए योग्य होना और सही दस्तावेज़ों का होना अति अनिवार्य है. नीचे एक एक करने सभी बिन्दुओं पर प्रकाश डाला जाएगा.

पीपीएफ़ के लिए योग्यता (Eligibility criteria for PPF)

इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए ग्राहकों को कुछ योग्तायें प्रदर्शित करनी होती हैं, जो निम्न लिखित है :

  • एक आदमी सिर्फ एक ही पीपीएफ़ खाता रख सकता है. व्यक्ति भारत का नागरिक और 18 वर्ष से अधिक का होना चाहिये. इसके लिए अधिकतम आयु की सीमा तय नहीं की गयी है.
  • ये अकाउंट 18 वर्ष से कम उम्र के लिए भी खोला जा सकता है. इसमें प्रतिवर्ष अधिकतम 1.5 लाख रूपए डिपाजिट किये जा सकते हैं. ग्रैंड पैरेंट अपने नाती- पोतो के लिए ये खता नहीं खोल सकते हैं. अभिभावक को खाताधारक का माता- पिता होना अनिवार्य है.
  • एनआरआई इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सकते हैं, हालाँकि ऐसे लोग जो खाता बना लेने के बाद देश में नहीं रहते वे प्लान के निश्चित समय सीमा तक को पूरा कर सकते हैं. मच्योरीटी के लिए 15 वर्ष का समय लगता है.
  • HUF (हिन्दू अविभाजित परिवार) इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सकते. ये क़ानून सन 2005 से लागू किया गया है. 13 मई 2005 से पहले जिन हिन्दू अविभाजित परिवारों में पीपीएफ़ खाता खोला है उन्हें मच्योरटी का पूरा मौक़ा दिया जाएगा.
  • विदेशी नागरिक भी इस सुविधा का लाभ नहीं उठा सकते हैं.

पीपीएफ़ अकाउंट खोलने के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (PPF account required documents)

पीपीएफ़ अकाउंट खोलने के लिए kyc डॉक्यूमेंट की आवाश्यकता पड़ती है. इनमे परिचय पत्र, आवास प्रमाण पत्र, हस्ताक्षर प्रमाण आदि होते हैं. नीचे एक एक करके आवश्यक दस्तावेज़ों के नाम दिए जा रहे हैं.

  • पासपोर्ट, पैन कार्ड, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी, किसी तरह का यूटिलिटी बिल, लीस अग्रीमेंट, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट, राशन कार्ड, हस्ताक्षरित चेक आदि महत्वपूर्ण दस्तावेज़ हैं, जिनकी आवश्यकता पीपीएफ़ अकाउंट के लिए पड़ती है.
  • इसके अलावा खाताधारक का फोटोग्राफ, आवेदन पत्र, नॉमिनी का नाम तथा बैंक द्वारा मांगे जाने वाले विशेष दस्तावेज़ आदि आवश्यक हैं. विशेष दस्तावेज़ मुख्यतः 18 वर्ष से कम उम्र के लिए मांगे जाते हैं, जिनमें जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल सर्टिफिकेट आदि होते हैं.

पीपीएफ़ अकाउंट की शुरुआत (PPF account open process)

ये अकाउंट किसी पोस्ट ऑफिस अथवा किसी सरकारी बैंक में जाकर खुलवाया जा सकता है. अकाउंट शुरू होते समय खाते में न्यूनतम 100 रूपए जमा करना आवश्यक है.

  • पोस्ट ऑफिस अथवा बैंक में : किसी भी निर्धारित बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस में जाकर ये खाता खुलवाया जा सकता है. वहाँ जा कर पीपीएफ़ का आवेदन फॉर्म लिया जा सकता है. इसके बाद उसके अच्छी तरह से भर के आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा किया जा सकता है. बैंक और पोस्ट ऑफिस इस काम में सरकार के एजेंट की तरह काम करती है.
  • ऑनलाइन : ये खाता चुने गये बैंक के ऑनलाइन वेबपोर्टल पर जाकर भी खुलवाया जा सकता है. ऑनलाइन खाता खुलवाने का सबसे बड़ा लाभ है समय की बचत है. बैंक की वेबसाइट पर नियम और शर्तें दी हुई होती हैं, जिन्हें पढना ज़रूरी होता है. कई सारे बैंक इस खाते को अन्य खाते से लिंक करने की सुविधा भी देते है. नीचे कुछ आवश्यक निर्देश दिए जा रहे हैं.
  • सबसे पहले निर्दिष्ट बैंक अकाउंट के वेबपोर्टल पर जाकर वहाँ से पीपीएफ़ का आवेदन पत्र डाउनलोड कर लें.
  • इसके बाद उपरोक्त दिए गये आवश्यक दस्तावेज़ों को इकठ्ठा कर निर्दिष्ट बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस में जा कर जमा कर दें.
  • खाताधारक का नाम सभी दस्तावेज़ों में समान होना अति आवश्यक है.

कुछ बैंकों के नाम जो पीपीएफ़ की सुविधा देते हैं (PPF account open banks)

पीपीएफ़ अकाउंट सभी बैंकों में नहीं खोला जा सकता. इसके लिए सरकार द्वारा निर्देशित कुछ सरकारी बैंक होते हैं, जो इस काम को बहुत देख- भाल के साथ करते हैं. नीचे कुछ बैंकों के नाम दिए जा रहे हैं.

  • स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया
  • बैंक ऑफ़ इंडिया
  • स्टेट बैंक ऑफ़ पटियाला
  • सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया
  • आईसीआईसीआई बैंक
  • यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया
  • आईडीबीआई बैंक
  • कारपोरेशन बैंक
  • देना बैंक
  • इंडियन बैंक
  • इंडियन ओवरसीज बैंक
  • पंजाब नेशनल बैंक
  • यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया
  • यूको बैंक

पीपीएफ़ फॉर्म (PPF forms)                      

पीपीएफ़ के लिये कई तरह के फॉर्म सरकार द्वारा लागू किये गये हैं. ये फॉर्म ए से एच तक के अलग अलग फॉर्म हैं. ये सारे फॉर्म विभिन्न उद्देश्यों के लिए होते है. ग्राहक अपनी सुविधानुसार अपना फॉर्म चुनते हैं. नीचे सभी फॉर्म के विषय में दिया जा रहा है.

  • फॉर्म ए (पीपीएफ़ अकाउंट खोलने के लिए) : ये फॉर्म उन लोगों के लिए हैं, जो पहली बार पीपीएफ़ अकाउंट खोलते हैं. इसमें ग्राहक को सभी आवश्यक जानकारियां देनी होती हैं मसलन नाम, पता, जन्म की तारिख, पैन कार्ड, हस्ताक्षर आदि. 18 वर्ष के कम के लोगों के लिए उनकी जानकारियां और साथ ही उनके अभिभावक की सभी जानकारियाँ देनी होती हैं. यदि खाता ग्राहक ख़ुद न खोल कर सारे औपचारिक काम किसी एजेंट से करवा रहा है, तो फॉर्म में एजेंट की भी जानकारी देना अनिवार्य हैं.
  • फॉर्म बी (डिपाजिट अथवा पीपीएफ़ के ज़रिये ऋण के भुगतान के लिये) : ये फॉर्म अकाउंट में पैसा जमा करने अथवा उठाने के लिए प्रयोग किये जाते है. अपने खाते को सदैव चालू रखने के लिए वर्ष में एक बार पैसा जमा करना आवश्यक होता है. इसकी सहायता से पीपीएफ़ खाते की सहायता से लिए किये गये ऋण का भुगतान भी किया जाता है. अमाउंट चेक, पीओ, डीडी आदि की सहायता से इस फॉर्म को आसानी से भरा जा सकता है.
  • फॉर्म सी : इसका इस्तेमाल पीपीएफ़ अकाउंट से आंशिक रूप से धन निकलने के लिए किया जाता है. खाता खुलने के सात वर्ष बाद से ग्राहक अपने पीपीएफ़ खाते से आंशिक रूप से कुछ राशि निकाल सकता है. ये राशि इसी फॉर्म सी की सहायता से निकाली जा सकती है. इसमें ग्राहक अपना खाता क्रमांक, नाम और आंशिक राशि भरता है.
  • फॉर्म डी : इसका इस्तेमाल ग्राहक अपने पीपीएफ़ अकाउंट के सहारे ऋण के लिए आवेदन देता है. ग्राहक अपने खाता खुलने के तीन साल बाद से छः साल तक के बीच की अवधि में ऋण ले सकता है. इसमें ग्राहक का पीपीएफ़ अकाउंट संख्या, ऋण राशि और उस ऋण राशि पर लागू दर का विवरण होता है. ये ऋण मुख्यतः 3 वर्ष के अन्दर चुकाना होता है.
  • फॉर्म ई : पीपीएफ़ खाते में नॉमिनी का नाम जोड़ने के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है. एक पीपीएफ़ अकाउंट में एक से अधिक लोग नामांकित हो सकते हैं. नामांकित होने वाले व्यक्ति का नाम, उसका पता और खाताधारक के साथ उसके सम्बन्ध का पूरा विवरण इस फॉर्म में देना होता है. यदि एक से अधिक नॉमिनी हो तो प्रत्येक नॉमिनी के लिए प्रतिशत लाभ का भी ब्यौरा इस फॉर्म में दिया जाता है.
  • फॉर्म एफ़ : किसी पीपीएफ़ अकाउंट में से नॉमिनी का नाम हटाने अथवा बदलने के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें खाताधारक को नॉमिनी कब हटाया अथवा बदला अथवा स्थानांतरित किया जा रहा है और उसका नाम क्या है. पीपीएफ़ अकाउंट के समयावधि में किसी भी समय नॉमिनी बदला अथवा हटाया जा सकता है. इस तरह से नॉमिनी के लाभ प्रतिशत को भी बदला जा सकता है.
  • फॉर्म जी : किसी नॉमिनी से पीपीएफ़ अकाउंट के लिए फण्ड मांगने के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल होता है. ऐसा करने के लिए खाताधारक को इस फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारियां, उसका लाभ प्रतिशत दर आदि देने की आवश्यकता होती है.
  • फॉर्म एच : खाता की मैच्योरिटी समय सीमा बढाने के लिए इस फॉर्म का इस्तेमाल होता है. मैच्योरिटी का कुल समय 15 वर्ष का होता है. इसके बाद भी यदि खाताधारक चाहे तो पांच पाच वर्ष के अंतराल के साथ अपने खाता की मैच्योरिटी सीमा बाध सकता है. इस फॉर्म में खाता क्रमांक और खाता खुलने की तारिख देना अति आवश्यक है.

पीपीएफ़ अकाउंट का ब्याज दर (PPF account interest rate)

ये एक लम्बे समय तक चलने वाला प्लान है. नीचे कुछ सालों का ब्याज दर प्रतिवर्ष दिया जा रहा है.

वित्तीय वर्ष पीपीएफ अकाउंट ब्याज दर 
अप्रैल 2015 – मार्च 20168.70%
अप्रैल 2016 – सितम्बर 20178.10%
अक्टूबर 2017 – मार्च 20178%
अप्रैल 2017 – जून 20177.90%
जुलाई 2017 – दिसंबर 20177.80%
जनवरी 2018 – अब तक 7.60%


पीपीएफ़ अकाउंट की निष्क्रियता और सक्रियता (PPF account activation time)

पीपीएफ़ खाते को निरंतर चालू रहने के लिए इस खाते में प्रतिवर्ष पैसे डालना बहुत ज़रूरी होता है. प्रतिवर्ष कम से कम 500 रू की राशि देने की ज़रुरत होती है. यदि किसी वर्ष ऐसा न हो सका तो खाता निष्क्रिय हो सकता है.

इस परिस्थिति में खाताधारक को अपना अकाउंट पुनः शुरू करने के लिए 50 रूपए का पेनल्टी भरना होता है. ये पेनाल्टी जितनी बार खाता निष्क्रिय होता है उतनी बार खाताधारक पर लगती है. मसलन, यदि किसी खाताधारक का खाता तीसरे चौथे और पांचवे साल तक बंद रहता है, तो इसे पुनः सक्रिय करने के लिए सबसे पहले 50 रूपए के हिसाब से तीन महीने का पेनल्टी 150 रूपए और इस तीन महीनों का 500 रु की न्यूनतम राशि के हिसाब से 1500 रूपए और साथ ही छठवें साल का 500 रूपये यानि कुल 2000 रूपए पेनाल्टी के अतिरिक्त जमा देना होता है

पीपीएफ़ अकाउंट को बंद करने के नियम (PPF account closing rules)

पीपीएफ़ अकाउंट को मच्योरिटी के पहले बंद नहीं किया जा सकता है. यद्यपि खाता निष्क्रिय हो जाने पर पंद्रह वर्षों तक उसका पैसा उठाया नहीं जा सकता है. 15 साल की मच्यौरिटी पूरी हो जाने पर अपने खाते में जमा सारी राशि खाताधारक एक ही साथ उठा सकता है.

पीएफ़ अकाउंट का पुनर्नवीनीकरण (PPF account recycling)

पंद्रह वर्ष की समय सीमा पूरी हो जाने के बाद भी खाताधारक अपने खाता का पुनर्नवीनीकरण कर सकता है.

  • मैच्योरिटी के बाद निवेश न करने पर खाता में जमा पैसा अपने ब्याज दर के हिसाब से चलता रहेगा. निवेश न करने पर साल में एक बार खाताधारक द्वारा पैसा उठाया भी जा सकता है.
  • मैच्योरोटी के बाद निवेश करने पर नया निवेश पंद्रह साल के बाद जमा हुई राशि के साथ जुड़ जाता है, और ब्याज पूरे जमा किये पैसे पर पंद्रह साल के अंत में तय किया जाता है. इस तरह के प्लान में खाताधारक आवश्यकता पड़ने पर अपनी ज़मा की गई राशि का अधिकतम 60 प्रतिशत ही उठा सकता है.

पीएफ़ अकाउंट से टैक्स लाभ (PPF account tax free)

पीपीएफ़ निवेश में टैक्स लाभ बहुत आसानी से मिलता है. ये उन लोगों के लिए बहुत ही लाभकारी है जो अपनी निवृत्ति को ध्यान में रखते हुए निवेश कर रहे हैं.

  • पीपीएफ़ EEE टैक्स के अंतर्गत आता है.
  • इसमें प्राप्त होने वाले ब्याज कर मुक्त होते हैं.
  • अकाउंट से पैसा उठाने पर भी किसी कर का भुगतान नहीं करना होता है.
  • अपने जीवनसाथी अथवा बच्चो के पीपीएफ़ खाते में जमा की जाने वाली राशि भी कर मुक्त होती है.

निवेश और रिटर्न (PPF Account Investment Process):

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड खाते में धारक को न्यूनतम 500/ और अधिकतम 150000/ रूपये की राशि जमा करने की स्वतंत्रता हैं, किसी भी स्थिती में धारक 150000 से ज्यादा की राशि खाते में नहीं डाल सकता.यह निवेश खाताधारी प्रति वर्ष एक किश्त या अधिकतम 12 किश्तों में जमा कर सकता है।

इस पर मिलने वाला ब्याज वित्त मंत्रालय द्वारा तय किया जाता हैं, जो कि वर्तमान सरकार द्वारा 8.70 % तय किया गया हैं. यह ब्याज 31 मार्च तक अदा किया जाता हैं.

योजना की अवधि (PPF Account Duration Rules):


Public Provident Fund खाते की अवधि 15 वर्ष की होती हैं. एवम 15 वर्ष पुरे होने पर खाताधारक की इच्छा अनुसार इसे 5 – 5 वर्ष के ब्लाक में बढाया भी जा सकता हैं.

ऋण सुविधा (PPF Account Loan Facility):

धारक PPF खाते पर ऋण ले सकता हैं, लेकिन यह ऋण वह खाता खुलने के तीसरे वर्ष से ले सकता हैं.ऋण के समय ब्याज दर के आंकड़े बदल जाते हैं.

आंशिक निकासी (PPF Account Pre-mature Withdrawal Rules):


इस खाते का लॉक की अवधि 15 वर्ष तय की गई हैं, लेकिन धारक अपनी आवश्यकता के अनुसार आंशिक निकासी भी कर सकता हैं, जिसे Pre-mature Withdrawal कहते हैं.इसके तहत पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड खाते से अधिकतम 50 % राशि निकाली जा सकती हैं, लेकिन यह सुविधा छटवे साल के ख़त्म होने पर मिलती हैं.

नामांकन (PPF Account Nomination Facility):


यह खता किसी के नाम से भी खोला जा सकता हैं, नाबालिक का भी Public Provident Fund बनाया जा सकता हैं| इस खाते के एक या अधिक उत्तराधिकारी भी बनाये जा सकते हैं. अगर धारक की मृत्यु हो जाए, तब इन उत्तरदायी को PPF खाते का मालिकाना हक़ मिलता हैं. उत्तरदायी खाताधारक स्वयम तय करता हैं, साथ ही खाताधारक की मृत्यु के बाद उत्तराधिकारी के वारिस होने का प्रमाण होना आवश्यक हैं

स्थानांतरण (PPF Account Transfer Process): 

पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड को पोस्ट ऑफिस से बैंक, बैंक से पोस्ट ऑफिस अथवा एक ब्रांच से दूसरी ब्रांच में ट्रान्सफर किया जा सकता हैं.

  • PPF ट्रान्सफर के लिए एक फॉर्म दिया जाता हैं, जिसे भरकर धारक अपने बैंक में जमा कर सकता हैं.
  • बैंक उस फॉर्म और PPF खाते के दस्तावेज,धारक की पासबुक एवम हस्ताक्षर की प्रति पोस्ट ऑफिस या अन्य बैंक ब्रांच जहाँ खाता स्थानान्तरित करना हैं वहाँ भेजता हैं.
  • अन्य बैंक उन दस्तावेजो को वेरीफाई करके पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड खाता स्थानान्तरित के लिए राज़ी होती हैं.
  • धारक चाहे तो पीपीएफ का वारिस बदल सकता हैं, साथ ही धारक को KYC दस्तावेज जमा करना भी अनिवार्य होता हैं.
 मुख्य बिंदुजानकारी
1योग्यताभारतीय
2आयु सीमानहीं
3नामांकनबालिग स्वयम अपने नाम से खाता खोल सकते हैं. लेकिन नाबालिक के लिए खाता धारी तो वो स्वयं होंगे पर खाते की ज़िम्मेदारी पालक की होगी.
4स्थानPPF की सुविधा पोस्ट ऑफिस, सरकारी बैंक एवम निजी बैंक आईसीआईसीआई में हैं.
5अधिकतम खाता संख्याPPF अकाउंट  केवल एक ही हो सकता हैं
6न्यूनतम वार्षिक राशि500 रुपये
7अधिकतम वार्षिक राशि 150000
8वार्षिक ब्याज दर(साल 2018 से अब तक )7.6%
9लॉक-इन-अवधिन्यूनतम 15 साल और फिर 5 साल के ब्लॉक में।
10खाता ट्रान्सफर सविधाहाँ
11दंडअगर न्यूनतम राशि से कम का योगदान करते हैं तो 50 रुपे का दंड देना पड़ता हैं
12राशि जमा करने के तरीकेनकद या डिमांड ड्राफ्ट या चेक साथ ही एक मुश्त अथवा अधिकतम 12 किश्त
13आंशिक निकासी6 वे वर्ष के अंत में 50 % राशि
14ऋण सुविधाधारक तीसरे वर्ष में उधार ले सकता हैं.
15टैक्सेशनकोई टैक्स नहीं है
17ब्याज सुविधा मूल एवम ब्याज दोनों पर चक्रवर्ती ब्याज मिलेगा
16टैक्स सुविधा80 C के तहत मूल एवम ब्याज दोनों कर/ टैक्स मुक्त होंगे

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Karnika
कर्णिका दीपावली की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं| यह दीपावली के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं | यह दीपावली की SEO एक्सपर्ट हैं,इनके प्रयासों के कारण दीपावली एक सफल हिंदी वेबसाइट बनी हैं

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