जाने राजपूत करणी सेना क्या है कैसे काम करती है

 राजपूत करणी सेना क्या व कौन है व इनका इतिहास What Is Rajput Karni Sena and it history In Hindi

इस वक्त देश के हर न्यूज चैनल, अखबार, रेडियो और खबर देने वाले अन्य संसाधनों पर केवल ‘पद्मावत’ फिल्म का विवाद ही छाया हुआ है. इस फिल्म की रिलीज को लेकर देश के कुछ हिस्सों में काफी विरोध किया जा रहा है. यहां तक की ये मुद्दा देश के उच्चतम न्यायालय तक भी जा पहुंचा है. वहीं इस फिल्म की रिलीज को लेकर चल रहे विरोध के पीछे जिस संगठन का हाथ है, उस संगठन का नाम ‘करणी सेना’ है. इस फिल्म को लेकर केवल इसी संगठन को ऐतराज है. अपने ऐतराज का प्रदर्शन इस संगठन के लोग सिनेमा घरों में तोड़फोड़ और सड़कों पर हंगामा करके दिखा रहे हैं.वहीं ‘पद्मावत’ फिल्म को लाख विरोध के बाद भी रिलीज किया जा रहा है. वहीं काफी लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर कौन हैं करणी सेना और क्यों कर रही है ये सेना इस फिल्म का विरोध?

करणी सेना का इतिहास (Karni Sena History)

भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमारे देश में हर किसी को अपनी बात कहने की आजादी दी गई है. लेकिन देश के कुछ ऐसे संगठन हैं, जो इस आजादी का गलत फायदा उठाते हैं और अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक चला जाता हैं. वहीं करणी सेना का इतिहास देखा जाए तो ये संगठन भी उन्हीं संगठन की तरह है, जो अपनी बात को मनवाने के लिए कुछ भी कर सकता है. वहीं आप सोच रहे होंगे की आखिर इस संगठन का निर्माण किसने और क्यों किया था.

karni sena

दरअसल इस संगठन को साल 2006 में बनाया गया था. इस संगठन का निर्माण राजस्थान के ‘राजपूत’ जाति से ताल्लुक रखने वाले लोगों द्वारा किया गया था.इतना ही नहीं ये सेना राजूपतों के आक्षरण और अपनी संस्कृती को बचाने का कार्य करती है. इस समूह की स्थापना के पीछे लोकेंद्र सिंह काल्वी और अजीत सिंह मामडोली का हाथ बताया जाता है.वहीं कुछ कारणों के चलते ये समूह आगे चलकर तीन हिस्सों में बट गया और इस तरह इस सेना के तीन समूह बन गए.वहीं काल्वी के पिता का नाता राजनीति से रहा है और काल्वी ने विधानसभा चुनाव भी लड़ा है. लेकिन उनको इस चुनाव में हार मिली थी. अपना राजनीति में करियर ना बन पाने के चलते उन्होंने इस सेना का निर्माण किया था. इस सेना का निर्माण करने के बाद भी उन्होंने फिर से चुनाव लड़ा था. लेकिन फिर भी उनको जीत हासिल नहीं हुई.

तीन तरह की है करणी सेनाऔर उनके प्रतीक चिन्ह (Karni Sena Logo)

करणी सेना का निर्माण होने के बाद इसके सदस्यों में आपसी मनमुटाव होने लगे. जिसके बाद ये सेना तीन गुटों में बट गई. इन तीनों गुटों ने अपना अलग-अलग नाम रख लिया. लेकिन इन गुटों का मकसद एक ही रहा और वो है राजपुताना शान की रक्षा करना. इन गुटों में से पहले गुट का नाम श्री राजपूत करणी सेना है. इस सेना के मुख्य का नाम लोकेंद्र सिंह काल्वी है और आपने इनको हर न्यूज चैनल पर अपनी सेना का पक्ष लेते हुए देखा होगा. वहीं दो अन्य गुटों में से पहले गुट की सेना का नाम श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना समिति है.जबकि दूसरे गुट का नाम श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना है. वहीं इस फिल्म के खिलाफ सेना के ये तीनों गुट एक साथ विरोध कर रही हैं. इन तीनों सेनाओं के अपने अलग-अलग प्रतीक चिन्ह(लोगो) भी हैं.

‘करणी’ नाम का मतलब (Karni Meaning Kya hai in hindi)

राजस्थान के जाने माने घरानों की देवी का नाम ‘करणी माता’ है. वहीं मान्यताओं के अनुसार करणी माता को जगदम्बा मां का दूसरा रूप माना गया है. इतना ही नहीं राजस्थान में करणी माता के नाम का एक मंदिर भी है. वहीं इन सब चीजों के कारण इस संगठन का नामांकरण करणी माता के नाम पर ही पड़ा है.

करणी सेना का उद्देश्य (Aim of Karni Sena)

करणी सेना के अनुसार उनके संगठन के कई उद्देश्य हैं और इन्हीं उद्देश्यों में से कुछ उद्देश्य इस प्रकार हैं. राजपूतों में एकता कायम करके रखना, राजपूत इतिहास की रक्षा करना, राजपूत महिलाओं को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाना, राजपूतों के हितों के लिए लड़ना और उनको आरक्षण दिलवाना. लेकिन हाल ही में जिस तरह से ये संगठन काम कर रहा है, उससे इस संगठन की केवल नकारात्मक छवि लोगों के सामने बन रही है.

इस संगठन के सदस्य (Karni Sena’s Members)

इस संगठन से जुड़े हुए ज्यादातर सदस्य युवा हैं. जो कि इस संगठन के लिए किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं. वहीं इस संगठन की पकड़ केवल राजस्थान और राजस्थान से जुड़े राज्यों तक ही सीमित है.

आखिर क्यों है करणी सेना इतना मजबूत (Why Karni Sena Is So Powerful In Rajasthan)

दरअसल करणी सेना के ज्यादातर सदस्य राजपूत हैं. इतना ही नहीं कहा जाता है कि राजस्थान के लगभग 12 प्रतिशत आबादी इस सेना के साथ जुड़ी हुई है. जिसके चलते कोई भी सरकार इस सेना के विरुद्ध जाने से डर रही है.और इन्हीं कारणों के चलते राजस्थान सरकार के पास इस सेना की बात मानने का ही रास्ता बचता है.

पद्मावत को लेकर क्या है विरोध (Padmavati protest reason)

दरअसल इस संगठन के लोगों का कहना है कि इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मोड़ कर पेश किया गया है, जिससे की वो नाराज हैं. इसी वजह से वो चाहते हैं कि इस फिल्म को रिलीज ना किया जाए.गौरतलब है कि ये फिल्म महारानी पद्मावती के जीवन पर आधारित है और पद्मावती का नाता राजस्थान से है.

पद्मावतफिल्म और करणी सेना का विवाद (Karni Sena Protest against Padmavat Film)

हाल ही के विवादों के चलते इस सेना को देशभर में जाना जाने लगा है. इस फिल्म को लेकर करणी सेना ने अपनी सारी सीमाएं लांघते हुए हाथापाई पर उतर आई थी. वहीं जब इस फिल्म की शूटिंग राजस्थान में की जा रही थी, तो इस सेना के सदस्यों ने इस फिल्म के सेट पर जाकर मारपीट की थी.यहां तक की जब संजय लीली भंसाली राजस्थान इस फिल्म की शूटिंग के लिए आए थे, तो करणी सेना के कुछ लोगों ने इनको भी पीट दिया था. इस फिल्म में दिखाए गए ‘घूमर’ डांस को लेकर इस सेना ने अपनी आपत्ति दर्ज करवाई थी. जिसके बाद इस गाने में ग्राफिक की मदद से दीपिका पादुकोण की कमर को ढांका गया था. इतना ही नहीं इस मूवी का नाम शुरुआत में पद्मावती रखा गया था, जिसको बाद में बदलना पड़ गया था.

प्रसून जोशी को दी पीटने की धमकी (prasoon joshi padmavati)

इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से रिलीज करने के लिए अनुमति मिलने के बाद भी कई राज्यों की सरकारों ने इस फिल्म को दिखाने से इंकार कर दिया गया था. वहीं सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी को भी इस सेना द्वारा पीटने की धमकी दी थी. वहीं जब इस फिल्म का मसला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म को पूरे देश में रिलीज करने के आदेश दिए थे. जिसके बाद इस फिल्म को पूरे देश में रिलीज किया जाना है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य की सरकारों को आदेश दिए, कि वो अपने राज्य में पुलिस के अच्छे इंतजाम करें ताकि इस फिल्म को देखने आनेवाले दर्शकों को कोई परेशानी ना हो. वहीं करणी सेना ने लोगों को सिनेमा घर ना जाने की सलाह ही है.

करणी सेना ने सिनेमा घरों में की तोड़फोड़ 

इस फिल्म की रिलीज से पहले करणी सेना के सदस्यों ने अपना विरोध दर्ज करवाते हुए सिनेमा घरों में घुसकर वहां पर तोड़फोड़ की. जिसके चलते कई सिनेमा घरों के मालिकों ने इस फिल्म को पर्दे पर दिखाने से इंकार कर दिया. करणी सेना के आतंक मचाने के फलस्वरूप सिनेमा घरों के मालिकों ने ‘पद्मावत’ की बुकिंग रद्द करना शुरू कर दिया.

करणी सेना कादीपिका पादुकोणपर विवादित बयान (Karni Sena Deepika Padukone)

इस फिल्म में दीपिका पादुकोण मुख्य किरदार निभा रही हैं. जिसके चलते करणी सेना ने उन पर भी कई जुबानी हमले किए. इस सेना के मुख्य ने कहा था कि वो दीपिका की नाक काट देंगे.

करणी सेना द्वारा किए गए अन्य विवाद  (Karni Sena Protest And Controversy)-

करणी सेना ने इससे पहले भी कई बार ऐसे विवाद किए हैं. जिसके चलते फिल्म निर्मातों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था और इन्हीं विवादों के बारे में नीचे जानकारी दी गई है.

जोधा-अकबर फिल्म पर विरोध (Karni Sena Protest against Jodha Akbar Film)

साल 2008 में इस संगठन ने ‘जोधा-अकबर’ फिल्म को लेकर भी अपना विरोध दर्ज करवाया था. इस संगठन का आरोप था कि इस फिल्म में तथ्यों के साथ छेड़ छाड़ की गई है. इस फिल्म को आशुतोष गोवारिकर द्वारा बनाया गया था. उस समय भी करणी सेना ने मांग की थी कि इस फिल्म पर बैन लगा दिया जाए. हालांकि उस वक्त भी करणी सेना की मांग को माना नहीं गया था. केवल राजस्‍थान को छोड़ ये फिल्म देश के हर राज्य में रिलीज की गई थी.

जोधा-अकबर सीरियल पर विवाद (Karni Sena Protest against TV Serial Jodha Akbar)

जी टीवी पर आने वाले जोधा-अकबर सीरियल पर भी इस सेना ने खूब हंगामा किया था.इस सीरियल की निर्माता एकता कपूर पर इस सेना के सदस्यों ने हमला भी किया था.गौरतलब है कि जब जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में एकता कपूर हिस्सा लेने गई थी, तब इस सेना के सदस्यों ने उनके साथ बदसलुकी की थी. हालांकि फिर भी ये सीरियल चलता रहा और इस सीरियल को लोगों द्वारा काफी पसंद भी किया गया था.

ऊपर बताए गए सीरियल और फिल्मों के अलावा करणी सेना ने फिल्म वीर को लेकर भी विवाद खड़ा किया था. इस फिल्म में सलमान खान मुख्य भूमिका में थे और करणी सेना ने इस फिल्म की रिलीज पर बैन लगाने को कहा था. वहीं फिल्मों के अलावा करणी सेना अपने राज्य में भी समय-समय पर किसी ना किसी मुद्दे पर विरोध करती रही है. इन मुद्दों में से ज्यादातर मुद्दों का ताल्लुक राजपूत से जुड़ा हुआ होता है.

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Ankita
अंकिता दीपावली की डिजाईन, डेवलपमेंट और आर्टिकल के सर्च इंजन की विशेषग्य है| ये इस साईट की एडमिन है| इनको वेबसाइट ऑप्टिमाइज़ और कभी कभी आर्टिकल लिखना पसंद है|

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