पायलेट अभिनंदन वर्धमान जीवन परिचय | Wing Commander Abhinandan Varthaman in Hindi

पायलेट अभिनंदन वर्धमान जीवन परिचय ( Wing Commander Abhinandan Varthaman Details in hindi) 

अभिनंदन भारतीय वायु सेना के वे अधिकारी है, जिनकी राह पूरा हिंदुस्तान देख रहा था. पुलवामा अटैक के बाद से ही भारत-पाक के बीच संघर्ष जारी है, इसी कड़ी में बुधवार को जब भारतीय सीमा में तीन पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों ने प्रवेश किया, तो भारत ने भी जवाबी कार्यवाही में 2 मिग-21 और 3 सुखोई-30 विमानों को आगे किया. इस कार्यवाही में भारतीय सेना ने एक पाकिस्तानी एफ़-16 विमान को छतिग्रस्त कर दिया, परंतु इस कार्यवाही में एक भारतीय विमान भी क्रेश हो गया. इसके पायलट अभिनंदन पेराशूट के जरिये जान बचाने में तो कामयाब रहे, परंतु दुर्भाग्यवश वे पाकिस्तान पहुंच गए. और इन्हे पाक सेना द्वारा बंदी बना लिया गया.

Wing Commander Abhinandan

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पायलेट अभिनंदन वर्धमान जीवन परिचय

अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा पाक संसद में यह ऐलान किया गया है, कि वे शुक्रवार को भारतीय जवान को रिहा करेंगे. गुरुवार को  भारत में भी तीनों सेना के अधिकारियों द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया, कि पाकिस्तान द्वारा उठाया गया यह कदम जेनेवा संधि के तहत उठाया जा रहा है.

कैसे और कहाँ से शुरू हुई ये कहानी और आखिर कैसे और क्यु एक भारतीय सिपाही पाकिस्तानी सीमा में पंहुच गया, वहाँ उसके साथ कैसा सुलुख हुआ ??? आइये इस पूरे वाक्ये पर शुरू से गौर फरमाते है, इस पूरे घटनाक्रम को शुरुआत से समझते है –

फ़र्स्ट फेज – पुलवामा अटैक

बात 14 फरवरी साल 2019 की है, जब पूरा देश प्यार का दिन मना रहा था और एक दूसरे को वेलेंटाइन डे की बधाइया दे रहा था, वही जम्मू कश्मीर के पुलवामा में अवन्तिपोरा क्षेत्र में आतंकवादियो द्वारा सीआरपीएफ़ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) को टार्गेट बनाकर इनके काफिले पर हमला किया गया. आतंकवादियों के इस कायराना हमले में 40 जवान बिना लड़े ही शहीद हो गए और कई घायल हो गए. प्राप्त खबरों के मुताबिक इस हमले में आत्मघाती हमलावरों ने एक महिंद्रा स्कोर्पियो में लगभग 200 किलो बारूद भरकर जवानो के काफिले पर हमला किया. इस कायराना हमले और 40 जवानो की शहादत ने पूरे हिंदुस्तान में आक्रोश भर दिया, हर कोई भारतवासी अपने जवानो की जान का बदला चाहता था. इसी बीच इस हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान मे मौजूद आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली.

सेकंड फेज – एयर स्ट्राइक  

जब पाकिस्तान ने अपने वतन में मौजूद आतंकवादियों पर कोई कार्यवाही नहीं की, तो अपनी आगामी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुये, भारत ने स्वयं पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों पर कार्यवाही की. और अपने जवानो की शहादत के मात्र बारह दिन बाद भारत ने पाकिस्तान बॉर्डर में प्रवेश कर एयर स्टाइक की. यह स्ट्राइक पुलवामा अटैक के बाद एकदम से प्लान की गई स्ट्राइक थी. इस स्ट्राइक के लिए करीब 2 हफ़्तों तक तैयारी की गई, आतंकवादी शिविरों की पहचान की गई, उनके कैपों की भी पहचान की गई, इस तैयारी से भारतीय सेना का उद्देश्य साफ था, वे ना तो पाकिस्तानी सेना को नुकसान पंहुचाना चाहते थे, ना ही वहाँ की जनता को, उनका टार्गेट केवल और केवल आतंकवादी थे. भारतीय वायु सेना अपने उद्देश्य में कामयाब भी रही, इस हमले में आतंकवादियों के तीन प्रमुख सेंटर और लगभग 300 आतंकवादियों का खात्मा हुआ.

थर्ड फेज- कैसी थी हमले की तैयारी

इस हमले में 12 मिराज 2000 का उपयोग किया गया, ये जानकारी तो हम जानते ही है. इसी के साथ इसमें सुखोई 30 विमान हवा में उड़ते वक़्त ईंधन की पूर्ति करने वाले विमान और 2 एयर बोर्न वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम का भी इस स्ट्राइक में उपयोग किया गया. यह कार्यवाही 26 फरवरी की सुबह पौने चार बजे शुरू हुई और चार बजकर पाँच मिनिट पर खतम हुई. इस मात्र 20 मिनिट की कार्यवाही में भारतीय सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों पर 6 बम गिराए और 300 आतंकवादियों और उनके कंट्रोल सेंटर का सफाया किया. इस स्ट्राइक को खुफिया तौर पर अंजाम देने के उद्देश्य से इस स्ट्राइक के लिए 4 सुखोई 30 विमानों ने बरेली और हलवारा एयरबेस से उड़ान भरी, 2 मिड एयर रिफ़्यूअलर्स आईएल 78 ने आगरा से उड़ान भरी इसके अलावा आगरा और भटिंडा में भी एडबल्यूएसीएस फाल्कन और मिनी भी स्थापित किए गए. यह विमान लड़ाकू विमान से कुछ दूरी पर उड़ान भरते है और इन विमानों को कमांड और चेतावनी देने का काम करते है. इसके अलावा इस स्ट्राइक के हेरो मिराज को आगरा से उड़ान भराई गई, ताकि पाकिस्तान की नजरों से इसे बचाया जा सके. इनके जवाब में पाकिस्तान के एफ़ 16 विमानों को सामने लाया गया, परंतु भारतीय विमान शक्ति के आगे इन्हे पीछे हटना पड़ा.  इसके अवशेष कश्मीर में देखे गए. साल 1971 पाकिस्तान और बांग्लादेश की लड़ाई के बाद यह पहला मौका था, जब भारत ने पाकिस्तान की एलओसी पार की, परंतु पुलवामा अटैक के बाद यह जरूरी था. इन आतंकवादी संगठनो को भारतीय शक्ति का अहसास करना भी जरूरी था और उनके बढ़ते इरादो को विराम देना जरूरी था.

फोर्थ फेज – एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी कार्यवाही

इस एयर स्ट्राइक के कुछ ही समय बाद पाकिस्तान ने एलओसी पर गोलीबारी चालू कर दी, जिसका जवाब भारतीय सेना ने बखूबी दिया. भारतीय सेना यह जानती थी, कि उनकी इस स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ऐसा ही करेगा, इसलिए उन्होने संपूर्ण तैयारी कर रखी थी, खास तौर पर पाकिस्तान एलओसी पर सीआरपीएफ़ की जगह बीएसएफ़ के जवानो को तैनात कर दिया था और भारतीय सेना ने एलओसी के पार 5 पाकिस्तानी चौकियों को धव्स्त भी किया.

फ़िफ्थ फेज – अभिनंदन पाकिस्तान कैसे पंहुचे

27 फरवरी की सुबह जम्मू कश्मीर के पाकिस्तान से सटी नियंत्रण रेखा के पास नौशेरा सेक्टर में भारत पाक सेनाओं का टकराव चालू हुआ. इस दौरान पाकिस्तानी सेना के 10 एयर क्राफ्ट नियंत्रण रेखा के समीप नजर आए, उनकी स्थिति भारतीय सैन्य ठिकानों की और बढ़ती हुई दिख रही थी. इनकी जवाबी कार्यवाही में भारत की ओर से 2 मिग-21  और सुखोई-30 और फायतर जेट लॉंच किए गए. इस कार्यवाही में अभिनंदन जो मिग-21 विमान उड़ा रहे रहे थे, उससे उन्होने पाकिस्तान के एफ़-16 का पीछा किया और इस पर आर-73 से हमला किया, इससे पाकिस्तानी विमान ध्वस्त हो गया. इस दौरान अभिनंदन का विमान भी क्रेश हो गया. इस दौरान अभिनंदन ने पैराशूट से छलांग लगा दी, परंतु इसमें वे पाक अधिकृत कश्मीर में पंहुच गए.

सिक्सथ फेज – पाकिस्तान में अभिनंदन

जब अभिनंदन पाकिस्तान पंहुचे, तो पाकिस्तान के आम नागरिकों ने उनपर हल्ला बोल दिया. इस दौरान पाकिस्तानी आर्मी ने बीच बचाव कर उन्हे हिरासत में लिया. इसके बाद पाकिस्तानी आर्मी द्वारा इनका पहला विडियो सामने लाया गया, जिसमे उनकी आंखो पर पट्टी बंधी हुई थी और उनके चेहरे पर खून था. इस वीडियो का बहुत विरोध हुआ और भारतीय सेना ने इस पर एक्शन लेते हुये कहां, की यह जेनेवा संधि का उलंघन है. इसके बाद पाक द्वारा यह पहला विडियो डिलीट कर एक और नया विडियो सामने लाया गया, जिसमे अभिनंदन चाय पीते हुये और पाक सेना के सवालों का जवाब देते हुये नजर आए. इसी बीच पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने इस भारतीय जवान की रिहाई का भी ऐलान किया, उन्होने पाकिस्तानी संसद में कहा, कि 1 मार्च को भारतीय जवान को रिहा किया जाएगा. पाकिस्तानी पीएम ने पुलवामा हमले से भी अपना पल्ला झाड़ते हुये, उसमें स्वयं का हाथ ना होने की बात भी कही थी. इस दौरान यह बात भी सामने आई, की पाकिस्तान भारतीय जवान की रिहाई से पहले भारत से बात करना चाहता है. लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसके लिए सख्त मना कर दिया. भारत की ओर से भारतीय जवान की रिहाई ना होने पर सख्त कार्यवाही की भी बात कही गई.

सेवेन्थ फेज – अभिनंदन की भारत वापसी

1 मार्च को अभिनंदन अपने देश लौट आये है, उनका इंतजार पूरा देश कर रहा था. रात लगभग 9:15 बजे पाकिस्तान सेना ने अभिनन्दन को भारतीय सेना को सौंप दिया. भारतीय विंग कमांडर बागा बॉर्डर की ओर से भारतीय सीमा आये है. उनके स्वागत के लिए सैकड़ो भारतीय हाथो में तिरंगा लेकर उनका इंतजार कर रहे थे, वे बस एक नजर अपने हीरो को देखना चाहते थे. आज वाघा बॉर्डर भारत माता की जय, हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारों से गूंज रही है. बीती रात अभिनंदन की पत्नी, पिता और माँ ने कैसे गुजारी होगी, यह सोचना भी नामुमकिन है. कैसे उनका बेटा रात में सोया होगा, कैसे उन्होने स्वयं यह रात विदेशी दुश्मन के साथ गुजारी होगी. उनके साथ वहाँ क्या हुआ, इसका पता तो अभिनंदन के लौटने पर ही पड़ेगा.

अंतिम फेज – अभिनंदन का भारतीय सीमा में वापसी का कदम

 कमांडर अभिनन्दन भारत देश की जमीन पर कदम रख चुके है. पाकिस्तान सुबह से उनके आने के समय में बदलाव कर रही थी. पहले 4 बजे का समय तय था, जिसे बदलकर 6:30 किया गया, फिर बाद में खबर आई थी, कि 10 बजे के बाद वो अभिनन्दन को छोड़ेंगे. पाकिस्तान की इस देरी को सबने बुरी हरकत कहा है. कहा जा रहा है पाकिस्तानी सेना की तरफ से अभिनन्दन का विडियो भी रिकॉर्ड किया गया, जहाँ उन्हें जबरन भारतीय मीडिया को बुरा भला कहने को कहा गया. अभिनन्दन का यह विडियो पाकिस्तान के न्यूज़ चैनल में दिखाया भी गया है.

भारतीय वायु सेना के इस जवान के जीवन के संबंध में संपूर्ण  जानकारी हम अपने इस आर्टिकल के द्वारा आपको देने जा रहे है.

अभिनंदन प्रारंभिक जीवन (Abhinandan’s Early Life) –

अभिनंदन का जन्म 1983 में हुआ था, आज इनकी उम्र 35 वर्ष है. इनके मन में देश भक्ति का जज्बा खानदानी है. इनके पिता और दादा भी भारतीय सेना के अधिकारी राह चुके है. इनकी माता पेशे से डॉक्टर है, वही इनकी पत्नी भी वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर के पद पर कार्य कर चुकी है, वही वे एक हेलिकॉप्टर पायलट के पद से सेवानिवृत्त हुई.

इनके पिता ने कारगिल युद्ध के दौरान भी प्रमुख पद पर रहते हुए अपनी सेवाएं प्रदान की थी. वही इनके दादा भी द्वितीय विश्व युध्द के समय वायु सेना में थे.

अभिनंदन कैरियर (Abhinandan’s Career) –

अभिनंदन भारतीय वायु सेना में विंग कमांडो के तौर पर कार्यरत है. इन्होने 19 जून सन 2004 से भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देना प्रारंभ किया था. ये वर्तमान में भारतीय वायु सेना में एक लड़ाकू विमान चालक है.

जेनेवा संधि क्या है? (What is Geneva Convention?)

भारतीय वायु सेना के अधिकारी के अनुसार, भारतीय जवान की यह रिहाई जेनेवा संधि के अंतर्गत हो रही है. इस संधि के अनुसार युद्ध में बंदी बनाए गए सैनिकों से केवल उनके नाम, सैन्य पद, नंबर और यूनिट संबंधित जानकारी पूछि जा सकती है. उन पर किसी प्रकार का हिंसक प्रहार नहीं किया जा सकता, न उन्हे अपमानित किया जा सकता है. इस संधि के अनुसार बंदी सैनिक को डराया धमकाया भी नहीं जा सकता, सरकार चाहे तो उनपर मुकदमा चला सकती है.

अब जब पाक सरकार ने इन्हे अपने वतन वापस लौटाने का फैसला लिया है, तो सारा हिंदुस्तान अपने इस जवान का रास्ता देख रहा है. और प्रत्येक हिंदुस्तानी को अपने हर जवान पर गर्व और विश्वास है.

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Pavan Agrawal
मेरा नाम पवन अग्रवाल हैं और मैं मध्यप्रदेश के छोटे से शहर Gadarwara का रहने वाला हूँ । मैंने Maulana Azad National Institute of Technology [MNIT Bhopal] से इंजीन्यरिंग किया हैं । मैंने अपनी सबसे पहली जॉब Tata Consultancy Services से शुरू की मुझे आज भी अपनी पहली जॉब से बहुत प्यार हैं।

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