पिंक बॉल टेस्ट मैच का इतिहास क्या हैं पिंक बॉल की क्या विशेषताये हैं [Pink ball test match history In Hindi]
पिंक बॉल टेस्ट मैच जैसा कि नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि टेस्ट मैच पिंक बॉल से खेला जाता होगा सामान्य क्रिकेट लाल बॉल अथवा सफेद रंग की बॉल से खेला जाता है लेकिन कुछ टेस्ट मैच है जो पिंक बॉल से खेले गए हैं और वे काफी मशहूर हुये है . साल 2015 में पहली बार पिंक बॉल टेस्ट मैच खेला गया था जो कि नवंबर माह में ही हुआ था इस वर्ष 2019 में यह पिंक बॉल टेस्ट मैच हमारे देश में खेला जाने वाला है जो कि 22 नवंबर को होने वाला हैं .यह मैच भारत और बांग्लादेश के बीच होने वाला हैं और भारत पहली बार पिंक बॉल से क्रिकेट खेलने वाला हैं, इसलिए इस दिन को एतिहासिक माना जा रहा हैं .
टाइटल | पिंक बॉल टेस्ट मैच |
अन्य नाम | डे नाईट टेस्ट मेच |
पहला मेच | नवंबर 2015 |
भाग लेने वाली टीम | ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड |
विजेता | ऑस्ट्रेलिया |
पिंक बॉल की विशेषताये
अब तक के इतिहास में भारत पहली बार डे नाईट टेस्ट मेच खेलने जा रहा हैं जो कि पिंक बॉल से खेला जायेगा, पिंक बॉल सफ़ेद बॉल से भिन्न होती हैं –
- पिंक बॉल को तैयार करने का तरीका सामान्य बॉल से अलग होता हैं . सामान्यतया बॉल दो दिनों में बन कर तैयार हो जाती हैं लेकिन पिंक बॉल को लगभग 8 दिनों का समय लगता हैं .नियमित गेंदों को कूकाबुरा गेंद कहा जाता हैं जो हमेशा क्रिकेट में इस्तेमाल की जाती हैं .
- कूकाबुरा बॉल को मशीनों से तैयार किया जा सकता हैं लेकिन पिंक बॉल को कारीगर अपने हाथों से तैयार करता हैं इसमें मेहनत ज्यादा लगती हैं .
- पिंक बॉल को बनाने में जो रॉ मटेरियल (चमड़ा) लगता हैं वो भी बाहर के देशों से ख़रीदा जाता हैं जबकि सामान्य बॉल देश के भीतर की सामग्री से ही तैयार हो जाती हैं .
- पिंक बाल भारी एवं कड़क भी होती हैं .
पिंक बॉल टेस्ट मैच इतिहास क्या हैं ?
पिंक बॉल से अब तक 11 टेस्ट मैच खेले जा चुके हैं, एवं 12 वां टेस्ट मैच भारत और बांग्लादेश के बीच में होने वाला है, पिंक बॉल से खेले जाने वाले टेस्ट मैच को डे नाइट टेस्ट मैच कहा जाता है . इन टेस्ट मेच की सबसे बड़ी बात यह हैं कि 11 में से छः मेच पुरे पांच दिन तक नहीं खेले जा सके . पांच से कम दिनों में इन टेस्ट मेच ने अपना रिजल्ट दे दिया . एतिहासिक आंकड़े कहते हैं कि पिंक बॉल से खेले जाने वाले टेस्ट मेच खिलाडियों के लिए चुनौति साबित हुये हैं .
पहला पिंक बॉल टेस्ट मैच 2015 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया था यह मैच बहुत ही रोमांचक तरीके से पूरा हुआ और महज 5 दिनों में यह मैच खत्म हो गया था . इस मैच को ऑस्ट्रेलिया ने 3 विकेट से जीता था . इस मेच में न्यूजीलैंड ने पहले बल्लेबाजी की और 202 रन की पहली पारी और 208 रन की दूसरी पारी खेली वही ऑस्ट्रेलिया ने 224 पहली परी में और दूसरी में 187 रन बनाकर जीत हासिल की .
इसके बाद 2017 में 8 मेच और 2018 में 2 मेच खेले गये .और 2019 में एक मेच खेला जा चूका हैं और दूसरा मेच 22 नवंबर को भारत के ईडन गार्डन कोलकाता में खेला जाना हैं . भारत के सभी दर्शक काफी उत्सुक हैं क्यूंकि पहली बार टीम इंडिया पिंक बॉल से मेच खेलने वाला हैं .
विराट कोहली ने भी कहा कि पिंक बॉल से खेलना चेलेंग्जिग रहेगा क्यूंकि वह हॉकी बॉल की तरह काफी भारी हैं और काफी हार्ड भी हैं . लाल गेंद की अपेक्षा पिंक बॉल को फेकने में ज्यादा ताकत लगती हैं और यह मूव करने में काफी समय भी लेती हैं .
वर्तमान समय में चल रही सीरीज में 2 टेस्ट मेच होने थे जिस में से एक भारत बांग्लादेश के खिलाफ जीत चूका हैं वहीँ दूसरा मेच पिंक बॉल से होना हैं जिस पर सभी की निगाहे टिकी हुई हैं कि क्या भारत इस बॉल के साथ अपनी जीत बरक़रार रख सकता हैं और यह 12 वां पिन बॉल मेच कितने दिनों में ख़त्म होता हैं ? क्या यह मेच पांच दिनों तक चल पायेगा यह सभी सवाल दर्शकों को काफी प्रात्साहित कर रहे हैं .
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