Dieting Advantages and disadvantages in hindi डाइटिंग कभी भी किसी एक्सपर्ट से पूछे बिना न करे, एवम भूखा रहना डाइटिंग नहीं होता इस बात का ध्यान रखे | जब भी कोई व्यक्ति डाइटिंग के बारे में सोचता है, तो उसके दिमाग में सबसे पहला सवाल यह आता है, क्या डाइटिंग (Dieting)सेहत के लिए सही है या इससे कोई हानि (disadvantages) भी है। क्या इसका कोई दुष्प्रभाव हमारी सेहत पर पड़ेगा या यह केवल कुछ समय तक इफैक्ट करेगा, जैसे कइ सवाल हमारे दिमाग में रहते है ।
बहुत से लोगो के मन में यह सवाल होता है, कि क्या उसे डाइटिंग करना चाहिए, क्या यह उसके लिए यह सही है । इसके लिए हमेशा एक ही उत्तर होता है कि यह निर्भर करता है आप पर, आपकी शारीरिक संरचना पर, आपकी सेहत पर, आपके वजन पर। कोई वजन कम करने के लिए डाइटिंग (Dieting) करता है, तो कोई exercise करता है, तो कुछ लोग दोनों ही करते है। यह जरूरी है कि आपका वजन कम हो, परंतु इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि आप कैसे वजन कम करते है। जो लोग डाइटिंग (Dieting) करते है, उनके लिए यह ध्यान रखना चाहिए, कि कभी 70Kg से कम या 100Kg से ज्यादा नहीं खाना चाहिए। वैसे तो डाइटिंग (Dieting) के कई फायदे है, परंतु अगर डाइटिंग सही तरीके से नहीं की गयी, तो वह नुकसान भी पहुंचा सकती है।
क्रमांक | डाइटिंग से लाभ | डाइटिंग से हानि |
1. | वजन कम होता है | कमजोरी आती है |
2. | हेल्थी डाइट लेने से शरीर स्वस्थ रहता है | बाल झड़ना, दांत की परेशानी होती है |
3. | कोलेस्ट्रोल, ब्लडप्रेशर कण्ट्रोल रहता है | थकान जल्दी होती है |
4. | एक्सरसाइज करने से एक्टिव रहते है | चिडचिडापन होता है |
5. | सेल्फ कण्ट्रोल बढ़ता है | शरीर में पोषक तत्व की कमी आती है |
डाइटिंग के लाभ एवम हानि Advantages and disadvantages of dieting in hindi

डाइटिंग की लाभ (Advantages Of Dieting):
- जब आप डाइटिंग करते है तो आपकी एक्सट्रा खाने (जैसे बेवक्त नाश्ता चिप्स समोसा और कई junk food आदि ) की जो आदत होती है, वह कम होती है । यही वो एक्सट्रा चीजें जो आपका वजन तेजी से बढ़ाती है।
- शरीर में कैलोरी अधिक नहीं जाती है, जिससे तेजी से वजन में गिरावट आती है.
- जब आप डाइटिंग करते है तो आपके व्यक्तित्व में patience तथा consistency जैसी आदतें शामिल होती है।
- आप अपने आप को सेल्फ कण्ट्रोल कर पते है.
- डाइटिंग का सबसे बड़ा फायदा तो वजन कम होना है ।
- जब तक डाइटिंग (Dieting) एक सीमा में रहकर की जाती है यह व्यक्ति को फ्रेश रखती है। आप हमेंशा तरोताजा महसूस करते है, साथ ही तनाव कम होता है.
- अगर आप डाइटिंग करते है तो आपकी हैल्थ सही रहती है तथा आपका हार्ट हेल्थी रहता है, तथा अन्य बीमारियो से सुरक्षित रहते है ।
- आप डाइटिंग (Dieting) करते है तो आपके शरीर में कोलेस्ट्राल सही रहता है ।
- अगर आप डाइटिंग के साथ exercise भी करते है तो आप हमेंशा active बने रहते है तथा आलस आपसे कोसो दूर रहता है।
- आप अगर डाइटिंग (Dieting) करते है तो आपके blood में शुगर का लेवल सही बना रहता है। जिससे ब्लड शुगर कम रहती है.
- ब्लडप्रेशर कम होता है.
- सही तरीके से की गई डाइटिंग से एनर्जी मिलती है.
- बैलेंस डाइट लेने से शरीर में सारे पोषक तत्व सही मात्रा में रहते है.
- ब्रैस्ट कैंसर होने का खतना कम होता है.
डाइटिंग की हानियाँ (Disadvantages Of Dieting):
- बाल झड़ने लगते है – डाइटिंग के दौरान आपने देखा होगा, बाल अधिक झड़ने लगते है. ये इसलिए होता है, क्यूंकि शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिल पते है. जिससे बाल कमजोर होकर गिरने लगते है.
- याददाश कम होती है – ये शोध में भी ये पाया गया है कि जो औरतें डाइटिंग करती है, उनकी याददाश कमजोर होने लगती है, साथ ही वे किसी भी बात पर लेट रिएक्शन देने लगती है.
- पानी की मात्रा बिगड़ती है – डाइटिंग के दौरान भले हम पानी अधिक मात्रा में पियें,लेकिन तब भी शरीर में सामान्य मात्रा में नहीं होता है, क्यूंकि पानी को ग्रहण करने के लिए भोजन की जरूरत होती है, जिसके बाद पाचन भी अच्छे होता है. इसलिए फिर शरीर में दर्द और दूसरी परेशानियाँ होने लगती है.
- ब्लडप्रेशर कम होता है – कार्बोहाइड्रेट कम लेने से, शरीर में एनर्जी भी नहीं रहती है. साथ ही शरीर में शुगर भी कम होता है, जिससे ब्लडप्रेशर कम होने लगता है और कमजोरी के साथ साथ, सांस लेने में भी परेशानी होती है.
- कमजोरी की वजह से दांत दर्द, उससे जुड़ी अन्य परेशानियाँ भी सामने आती है. दांतों में कुलबुलाहट होती रहती है.
- जब आप डाइटिंग (Dieting) करते है, तो आपके शरीर का metabolism कम होता है, जिससे अचानक से आपके शरीर का वजन बढ़ने भी लगता है. पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व न मिलने से मेटापोलिस्म कम होता है, जिससे कुछ भी खाने पर उसका विपरीत असर पड़ता है.
- जब आप डाइटिंग (Dieting) कर रहे होते है, तो थोड़े ही समय में आपको थोड़ी कमजोरी महसूस होती है।
- अगर आप डाइटिंग (Dieting) से वजन कम करने के बाद डाइटिंग follow नहीं करते तो आपका वजन और भी बढ़ जाता है।
- अगर आप डाइटिंग (Dieting) करते है तो आपको हर थोड़ी देर में भूख लगने लगती है।
- Dehydration की समस्या बड़ जाती है क्यूकी शरीर में डाइटिंग (Dieting) के कारण सोडियम लॉस हो जाता है।
- अगर कोई व्यक्ति डाइटिंग (Dieting) को लेकर ज्यादा संजीदा हो जाते है, वे कभी भी डिप्रेशन का शिकार हो जाते है. कार्बोहाइड्रेट व शुगर कम लेने से शरीर में सेरोटोनिन का स्तर कम हो जाता है, ये हमारे शरीर के हैप्पी हार्मोन होते है, जो मन को प्रसन्न रखते है. इसका कम होना मतलब शरीर में तनाव का बढ़ना.
- चिड़चिड़ापन रहता है, सर भारी रहता है, चक्कर आने लगता है.
- शारीरिक काम कर लेने पर जल्दी थकान महसूस होने लगती है.
- रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, शरीर में छोटे मोटे इन्फेक्शन का भी जल्दी असर होने लगता है.
- आलस, नींद महसूस करते है.
तो इस प्रकार आपने देखा डाइटिंग के लाभ से ज्यादा नुकसान है. डाइटिंग डॉक्टर की सलाह पर सही से ढंग से की जानी चाइये. इसे सही तरीके से प्रॉपर प्लान के अनुसार किया जाता है, तभी ये अपना अच्छा असर दिखाती है. आजकल की लड़कियां दूसरों की देखा देखि डाइटिंग करने के पीछे भागती है. ऐसा नहीं करना चाइये, हर किसी का शरीर डाइटिंग के लिए तैयार नहीं रहता है.