बाल श्रमिक विद्या कंडीशनल कैश ट्रांसफर योजना उत्तर प्रदेश 2021 (BSVY) (आवेदन फॉर्म, पात्रता, सूचि, श्रम विभाग, लाभार्थी, सहायता प्रोत्साहन राशी (Bal Shramik Vidya Yojana UP in hindi)
देश में नाबालिग छोटे बच्चों से काम करवाना एक दंडनीय अपराध है, इसके बावजूद देश में बाल श्रमिकों की संख्या बढ़ती जा रही है. उत्तरप्रदेश की सरकार प्रदेश में बाल श्रमिक दशा को सुधारने के लिए एक विशेष योजना बनाई है. 12 जून को बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने विडियो कांस्फेरिंग के द्वारा समस्त उत्तर प्रदेश में बाल श्रमिक योजना की शुरुवात की है. चलिए जानते है योजना क्या है, किसको कैसे मिलेगा फायदा –

UP बाल श्रमिक विद्या योजना 2021
नाम |
बाल श्रमिक विद्या योजना उत्तर प्रदेश |
किसने लांच की |
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी |
विभाग |
श्रम विभाग |
किस मौके पर लांच हुई |
बाल श्रम निषेध दिवस |
लाभार्थी |
प्रदेश के बाल श्रमिक |
क्या लाभ मिलेगें |
लड़के – 1000 रूपए/माह लड़की – 1200 रूपए/माह 8th, 9th और 10th पढने वाले बच्चों को 6 हजार प्रोत्साहन राशी |
बाल श्रमिक विद्या योजना उत्तर प्रदेश की मुख्य बातें –
- योजना का उद्देश्य – घर की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण, कई परिवार के बच्चों या अनाथ बच्चों को कम उम्र से ही काम करना पड़ता है. ऐसे बच्चों का बचपन पूरी तरह नष्ट हो जाता है, वे न पढाई कर पाते है न बचपन के मजे ले पाते है. यूपी सरकार ऐसे ही बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना चाहती है. आर्थिक तंगी की वजह से वे जबरजस्ती काम करने को मजबूर न हो, सरकार उन्हें आर्थिक सहायता देगी.
- बच्चों का भविष्य होगा सुरक्षित – बच्चे जब मजबूरी में काम करना शुरू करते है, तो यह उनको मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रभावित करता है. इससे देश, समाज की भी एक बड़ी क्षति होती है.
- आर्थिक सहायता – प्रदेश सरकार बाल श्रमिक लड़के को 1000 रूपए एवं लड़कियों को 1200 रूपए प्रतिमाह देगी.
- प्रोत्साहन राशी – हर माह आर्थिक सहायता के साथ-साथ, जो बच्चें आठवीं, नौवीं एवं दसवीं में पढाई कर रहे है, उन्हें 6000 रूपए की प्रोत्साहन राशी अतिरिक्त सहायता के रूप में दी जाएगी.
- 2000 बच्चों का हुआ चयन – सरकार ने अभी इस योजना को एक पायलट प्रोजेक्ट की तरह 13 मंडल के 20 जिलों में प्रारंभ किया है. यहाँ पर 2000 बच्चे ऐसे पाए गए है, जो बाल मजदूरी कर, अपना जीवनयापन करने को मजबूर है. सरकार इन बच्चों को मदद पहुंचाएगी. इनका चलन 2011 की जनगणना के आधार पर किया गया है, जनगणना सूचि में पाया गया है इन 20 जिलों में सबसे ज्यादा बाल श्रमिक है, इसलिए पहले कार्य यहाँ से आरम्भ किया गया.
- बच्चों को स्कूल भेजा जायेगा – सरकार ऐसे श्रमिक बच्चों को स्कूल भेजने का भी काम करेगी. सरकार ने इसलिए सालाना प्रोत्साहन राशी की भी घोषणा की है ताकि ये बच्चे स्कूल जाने के लिए प्रोत्साहित हो.
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योजना की पात्रता –
- योजना का लाभ उत्तर प्रदेश के बाल श्रम मजदूर को ही मिलेगा, जो चयनित 20 जिलों में रहते है.
- योजना का लाभ 8 से 18 साल के किशोरियों को ही मिलेगा.
- जिन बच्चों के माता पिता नहीं है, या कोई एक भी नहीं तो भी योजना का पात्र है.
- अगर बच्चों के माता पिता दोनों दिव्यांग है, या कोई एक भी है तो भी योजना का पात्र है.
- अगर बच्चों के माता पिता गंभीर बीमारी से ग्रस्त है तो भी योजना के पात्र होंगे.
बाल श्रमिक विद्या योजना आवेदन फॉर्म प्रक्रिया –
योजना के आवेदन कैसे होगा इसकी जानकारी अभी नहीं आई है, लेकिन सरकार ने बताया है कि योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले पैसे लाभार्थी के नाम पर बने अकाउंट में डायरेक्ट ट्रान्सफर किये जायेंगें.
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योजना के अंतर्गत अभी 13 मंडल के 20 जिले, 57 जनपद का चयन हुआ है. हर जिले से 100-100 बच्चों को लाभ मिलेगा. कुल 2000 बच्चे अभी लाभार्थी सूचि में है.
योजना के अंतर्गत लड़के को 1000 लड़की को 1200 रूपए मिलेंगें. और अगर बच्चे स्कूल जाते है तो अतिरिक्त 6000 रूपए की प्रोत्साहन राशी भी मिलेगी.
बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर योजना शुरू हुई.
योजना की देख रेख श्रम विभाग के अंतर्गत होगी.
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