बूँद बूँद से घट भरता है की कहानी Boond Boond Ghat Bharta Hai Story In Hindi
बूँद – बूँद से घट भरता है, यह एक मुहावरा है इसका अर्थ होता है थोड़ा – थोड़ा जमा कर अधिक संचय करना. दोस्तों आप सभी यह जानते है कि आज के समय में हमारे देश के प्रधानमंत्री “श्री नरेंद्र मोदी जी” देश को स्वच्छ करने के लिए कई अभियान चला रहे है, ताकि हमारा देश स्वच्छ और सुन्दर हो जाए. इसके लिए उन्होंने बहुत लोगों को प्रेरित भी किया है. उनकी इस कोशिश में भारत देश के कई क्षेत्रों के लोग उनका सहयोग भी दे रहे हैं, और उनके सहयोग से देश की स्वच्छता में काफी हद तक सुधार भी आया है. जिस तरह वे देश को स्वच्छ करने की कोशिश में जूटे हुए है, उसी तरह यदि एक – एक कर देश के सभी लोग देश को स्वच्छ करने में जुट जायेंगे तो हमारा भारत देश भी दुसरे बड़े देशों की तरह स्वच्छ और सुन्दर हो जायेगा. स्वच्छ भारत अभियान के बारे में यहाँ पढ़ें.

इसी से जुड़ी एक कहानी आज मैं आपके सामने प्रस्तुत कर रही हूँ. जिसमे एक व्यक्ति की कोशिश ने पूरा मोहल्ले के लोगों को प्रेरित कर दिया.
बूँद बूँद से घट भरता है की कहानी
Boond Boond Ghat Bharta Hai Story In Hindi
एक बार की बात है एक रोहन नाम का लड़का था. वह बहुत ही शरारती था. उसकी शरारतों से पूरे मोहल्ले के लोग परेशान रहते थे. वह शरारती होने के साथ – साथ पढ़ाई और खेल – कूद में भी काफी अच्छा था. उसकी शरारत के कारण पूरे मोहल्ले के लोग उसके पिता के पास उसकी शिकायत ले कर जाते थे. रोहन के पिता भी रोहन की शरारतों से बहुत तंग आ चुके थे, जिसके कारण मोहल्ले के लोगों से अक्सर रोहन के पिता का झगड़ा होता रहता था.
एक दिन रोहन के पिता ने रोहन को उसकी शरारत के लिए बहुत डांटा, उसे बाहर खेलने जाने से मना कर दिया और घर पर ही पढ़ाई करने को कहा. रोहन घर पर ही पढ़ाई कर रहा था और उसके पिता टेलीविजन देख रहे थे. टेलीविजन पर देश के प्रधानमंत्री मोदी जी का एक ऐड आ रहा था, जिसमें वे देश को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छता अभियान के बारे में बता रहे थे. तभी रोहन की नजर टेलीविजन पर आ रहे मोदी जी के ऐड पर पड़ी. वह बहुत ही ध्यान से मोदी जी के ऐड को देखने लगा और उनके इस ऐड से वह बहुत प्रभावित हुआ. उस दिन उसने मन में निश्चय कर लिया कि अब वह भी मोदी जी के इस स्वच्छता अभियान से जुड़ेगा और देश को स्वच्छ करने में उनकी मदद करेगा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का जीवन परिचय यहाँ पढ़ें.
दुसरे दिन रोहन सुबह उठा और मोहल्ले के सभी लोगों को इकठ्ठा करके मोहल्ले में सफाई के लिए बोलने लगा, किन्तु लोगों को लगा रोहन की इसमें भी कोई शरारत होगी और वह उनको परेशान करने के लिए यह सब बोल रहा है. मोहल्ले वालों ने रोहन से कहा कि –“हम लोग तुम्हारी बातों में नहीं आएंगे, तुम बहुत शरारती हो और इसमें भी तुम्हारी कोई शरारत छिपी होगी”. फिर रोहन ने कहा कि – “मैं कोई शरारत नहीं कर रहा हूँ, सच में मैं देश को स्वच्छ रखने में मोदी जी का साथ देना चाहता हूँ, इसलिए आप लोगों को भी उनका साथ देने के लिए बोल रहा हूँ”. लोग रोहन की बातें सुन कर हंसने लगे और वहाँ से जाने लगे. रोहन ने उनको रोकने की बहुत कोशिश की, किन्तु मोहल्ले वालों ने उसकी एक ना सुनी और रोहन को डांटते हुए वहाँ से चले गए.
इसके बाद रोहन ने सोचा कि –“मैं अकेले ही यह काम करूँगा” और रोहन ने मोहल्ले में सफाई करनी चालू कर दी. लोगों को लगा कि “रोहन यह सब जोश में आ कर कर रहा है कुछ देर बाद जब थक जायेगा तो अपने आप शांत हो जायेगा”. तीसरे दिन रोहन फिर से सुबह उठा और मोहल्ले में सफाई के लिए चल पड़ा. लोगों ने फिर से उसे काम करते देखा तो सोचा कि यह कुछ दिन ऐसा करेगा और फिर थक कर अपने घर चला जायेगा. किन्तु ऐसा नहीं हुआ. रोहन को ऐसा करते करते 5-6 दिन हो गए और वह इस काम में जुटा रहा. मोहल्ला काफी हद तक साफ हो गया था. लोगों को रोहन को इस तरह काम करते और मोहल्ले में सफाई देख कर लगने लगा कि वह सही कह रहा था. किन्तु तब भी लोगों ने उसका साथ नहीं दिया.
फिर अगले दिन वह सुबह उठा और रोज की तरह ही सफाई के काम पर चल पड़ा. इस बार मोहल्ले के एक व्यक्ति ने उसको काम करते देखा और उसका साथ देने के लिए गए. फिर रोहन का उस दुसरे व्यक्ति ने मोहल्ले की सफाई में साथ दिया. अगले दिन फिर उस व्यक्ति ने रोहन का साथ दिया, उन दोनों को यह काम करते देख मोहल्ले के कुछ लोग और आ कर उसका साथ देने लगे, जिससे मोहल्ले की सफाई और भी जल्दी होने लगी. फिर कुछ दिन ऐसा ही चलता रहा, एक दिन जब रोहन सफाई के लिए घर से बाहर जाने लगा, तब उसके पिता ने उससे कहा कि –“रोहन रुको मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ” और रोहन के पिता ने भी सफाई में रोहन का साथ दिया और सफाई करनी शुरू कर दी.
इस प्रकार एक – एक करके मोहल्ले के सारे लोगों ने रोहन का साथ दिया और सभी सफाई के काम में जुट गए. रोहन को मोहल्ले के सभी लोगों को उसका साथ देते देख बहुत ख़ुशी हुई. उस समय रोहन की एक कोशिश ने मोहल्ले का पूरा नक्शा बदल कर रखा दिया था. फिर सारे लोग रोहन का साथ देते हुए मोहल्ले के बाहर जा कर भी लोगों को इसके लिए प्रेरित करने लगे.
इस कहानी से प्राप्त शिक्षा (Moral of the Story) –
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जिस प्रकार एक – एक पैसे जोड़ कर धन का संचय किया जाता है और जिस तरह रोहन ने अपने मोहल्ले को स्वच्छ करने की ठान ली और एक – एक करके मोहल्ले के सभी लोगों ने उसका साथ दिया. उसी तरह यदि देश का हर एक नागरिक एक – एक करके देश को स्वच्छ रखने की ठान ले, तो भारत देश को बहुत ही जल्द एक साफ और सुन्दर देश में परिवर्तित किया जा सकता है. “बूँद – बूँद से घट भरता है”, रोहन ने जिस प्रकार इस मुहावरे को सच कर दिखाया है उसी तरह हमें भी उसका साथ देना चाहिए इसके लिए सभी को कोशिश करनी होगी.
अगर आप हिंदी की अन्य कहानियों को पढ़ना चाहते है, तो प्रेरणादायक हिंदी कहानी का संग्रह पर क्लिक करें|
Ankita
Latest posts by Ankita (see all)
- असहिष्णुता क्या है,असहिष्णुता पर निबंध,अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस - January 15, 2021
- प्रधानमंत्री घर तक फाइबर योजना 2021 | PM Ghar Tak Fibre Yojana in hindi - January 15, 2021
- जीवन में खेल कूद का महत्व निबंध अनुच्छेद | Importance of Sports in our life Essay in Hindi - January 12, 2021