चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) क्या है, भारत में पहली बार क्यों और कैसे हुआ गठन [Chief of Defence Staff in Hindi India, CDS, Logo, Full Form]
देश की सुरक्षा जब तक अच्छे हाथों में ना हो तब तक देश के नागरिक निश्चित होकर देश में कैसे रह सकते हैं? देश की सुरक्षा को ध्यान में रखने का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य सरकार का होता है जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर घोषणा की थी कि वे जल्द ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर एक नए व्यक्ति को नियुक्त करने वाले हैं। वर्तमान समय में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की घोषणा कर भी दी गई है। आखिर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होता क्या है क्या आप जानते हैं इसके बारे में तो चलिए जानते हैं विस्तार से…
कौन है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ? (Who is Chief of Defence Staff)
देश की रक्षा का ख्याल रखना एक ऐसे व्यक्ति के हाथ में देना चाहिए जो सही समय पर उचित निर्णय लेकर देश की रक्षा को सदैव बनाए रखें। चीफ ऑफ डिफेंस वह व्यक्ति होता है जो प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के पद पर आसीन व्यक्तियों की महत्वपूर्ण रक्षा और रणनीतिक मुद्दों से जुड़े सभी फैसलों पर अपने विचार विमर्श भी प्रकट करने का पूरा हक रखता है।
वह प्रधानमंत्री का एक ऐसा सलाहकार होता है जो परमाणु मुद्दों पर भी अपनी राय सरकार को दे सकता है। उसका मुख्य कारण यह होता है कि वह देश में मौजूद तीनों प्रकार की सेनाओं के बीच प्रशिक्षण खरीद परिवहन जैसे सभी कार्यों पर कड़ी निगरानी रख सके, और उनके लिए एक मजबूत दीर्घकालिक योजना का समन्वय कर सके।
जैसा कि आज के समय में आप देख ही पा रहे हैं कि किस तरह से देश की रक्षा को लेकर सरकार परेशान है और धीरे-धीरे देश की रक्षा के लिए कई सारे खर्चे भी किए जा रहे हैं जिसके चलते रक्षा क्षेत्र का बजट दिन-प्रतिदिन बढ़ता चला जा रहा है। जिसमें देश के लिए रक्षा से जुड़े संसाधनों को जुटाने और देश की तीनों सेनाओं के बीच समन्वय को बढ़ाना जिसके लिए सरकार द्वारा प्रतिवर्ष एक बजट निर्धारित किया जाता है।
रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाल चुके मनोहर पर्रीकर के बारे में जानने के लिए यहाँ क्लिक करें
भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पीछे का इतिहास (History)
आपने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का नाम पहली बार सुना होगा क्योंकि पहले कभी देश मे इस पद को लेकर कोई चर्चा हई ही नही, लेकिन भारत में पहली बार यह पद किसी अनुभवी व्यक्ति को नहीं सौंपा जा रहा है इससे पहले 1999 के समय जब कारगिल युद्ध हुआ था उस युद्ध के ठीक बाद भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद को स्थापित किया गया था। जिसे सुब्रमण्यम समिति की सिफारिश पर लाया गया। इसी पद के लिए साल 2012 में नरेश चंद्र समिति के द्वारा चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के स्थाई चेयरमैन की नियुक्ति के लिए अर्जी लगाई गई थीं और वर्तमान समय में इस योजना पर सरकार कार्य कर रही है।
क्या होगा चीफ ऑफ डिफेंस का मुख्य काम
- चीफ ऑफ डिफेंस के प्रमुख कामों में उसे यह काम सौंपा जाएगा कि वह भारत में मौजूद सभी प्रकार की रक्षा समिति के लिए एक सलाहकार के रूप में काम करे।
- भारत में मौजूद रक्षा संसाधनों को बेहतर बनाने के लिए और उनका पुनर्गठन करने के लिए मुख्य भूमिका निभाते हुए चीफ ऑफ डिफेंस नजर आएंगे।
- देश की रक्षा का पूरी तरह से ख्याल रखा जाएगा और रक्षा सेना के अंतर्गत आने वाली तीनों प्रकार की सेनाओं के बीच संबंध में बैठाने का काम भी सीडीएस का होगा।
- मात्र 3 वर्षों के अंतर्गत भारत में मौजूद तीनों प्रकार की रक्षा सेना के सभी प्रकार के अभियान साजो समान परिवहन संचार मरम्मत देखभाल प्रशिक्षण सहायक सेवाओं जैसी सभी सुविधाओं पर संपूर्ण नियंत्रण और देखरेख मात्र सीडीएस के अंतर्गत ही होगी।
- यदि तीनों सेनाओं के बीच किसी भी प्रकार का कोई विवाद हो जाता है तो उसको समझाने का एवं कर्तव्य भी सीडीएस के पास ही होगा।
- देश की तीनों अंगों की महत्वपूर्ण सेनाओं को प्रशिक्षित करना उनको ट्रांसपोर्ट सर्विसेस प्रदान करना भी सीडीएस का मुख्य काम होगा।
- सेना में मौजूद किस अधिकारी का ट्रांसफर कहां होगा और कब होगा इस बात की सभी प्रकार की जिम्मेदारी और निर्धारण भी सीडीएस के पास ही होगा।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के जीवन के अनछुए पहलुओं को जानने के लिए यहाँ क्लिक करें
क्यों है सीडीएस की जरूरत
देश की जल, वायु और थल सेना भले ही देश की रक्षा का काम करती हैं लेकिन अपनी एक अलग पैमाने पर सोच विचार करके किसी गतिविधि को कार्यरत करते हैं। कभी कबार देश की परिस्थितियों में ऐसा भयंकर रूप आ जाता है जिसकी वजह से तीनों सेनाओं को मिलकर एक साथ काम ही करना होता है ऐसे समय पर उन्हें कोई भी मार्गदर्शक बन कर उनका मार्गदर्शन करने के लिए मौजूद नहीं है। तीनों सेनाओं के बीच में एक डोर बांधने का काम आज तक कोई भी अनुभवी व्यक्ति नहीं कर पाया है और ना ही तीनों सेना एक साथ मिलकर किसी भी काम को अंजाम दे पाई है। इसलिए भविष्य में आने वाले युद्धों की रणनीतियों को बनाने और देश की सेना को मजबूत बनाने के लिए इस सीडीएस की जरूरत महसूस हुई जिसके पद के लिए एक प्रशिक्षित व्यक्ति को चुन लिया गया है।
देश में आने वाली प्रत्येक कड़ी चुनौती का सामना करने के लिए और तीनों प्रकार की सेनाओं को एकजुट मिलाकर एक मजबूत सैन्य बल देश को प्रदान करने के लिए सीडीएस की नियुक्ति करना देश के लिए अति आवश्यक था जिसकी पहल मोदी सरकार ने आने वाले साल 2020 के आगाज से पहले ही कर दी है।
कौन होगा चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ में शामिल
20 सालों के बड़े इंतजार के बाद भारत देश को भी चीफ ऑफ डिफेंस का हेड मिल गया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के मुख्य पद का कार्यभार भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को सोंप दिया गया है। उनके लिए यह पद 4 स्टार रैंक के बराबर माना जाता है। बतौर जनरल उन्होंने 3 साल एक बेहतर प्रशिक्षक के रूप में खुद को साबित कर दिखाया है। उन्होंने सेना के अंदर ऐसे सुधार किए जिसके बाद सेना को उन्होंने पूरी तरह से देश की रक्षा के काबिल बना दिया और खुद को एक बेहतर प्रशासक सिद्ध कर दिया।
सेना प्रमुख रह चुके बिपिन रावत ने ली सीडीएस की शपथ –
- 1 जनवरी सुबह 10:00 बजे सीडीएस पद के लिए जनरल बिपिन रावत ने शपथ ग्रहण की, उसके बाद कुछ ऐसी नई घोषणाएं की गई, जिसके बाद तीनों सेनाओं में एक समन्वय स्थापित होने का कार्य पहले से ही आरंभ हो गया।
- सबसे पहली घोषणा तीनों टीमों की वर्दी को लेकर हुआ जिसमें जनरल बिपिन रावत ने वर्दी में किए गए बदलावों के बारे में विस्तार से बताया।
- तीनों सेनाओं के चीफ के पद को संभालने के बाद उन्होंने तीनों सेनाओं की वर्दी पर एक स्पेशल बैच लगाने की बात कही। उस स्पेशल बैच में तीनों सेनाओं के चिन्ह उनकी वर्दी पर लगाए जाएंगे।
- वर्दी पर एक सुनहरे रंग का बटन लगाया जाएगा जिस पर गोल्डन रंग का प्रतीक चिन्ह बनाया जाएगा।
- इसके अलावा भी कंधे पर लगने वाला पीक और बेल्ट में भी बड़ा बदलाव किया गया है जिस पर तीनों सेनाओं के चिन्ह मौजूद होंगे।
- बेल्ट और बक्कल पर झंडे की तस्वीरें भी लगाई जाएंगी ऐसा आदेश सीडीएस द्वारा जारी कर दिया गया है।
सीडीएस की वर्दी में तीनों सेनाओं का है मेल
- सीडीएस द्वारा पहने जाने वाली वर्दी पर अशोक चिन्ह के साथ साथ तीनों सेनाओं का एक मुख्य चिन्ह भी होगा।
- इसके अलावा सीडीएस की टोपी कुछ इस तरह से तैयार की गई है जिसमें ओक पत्ती के साथ साथ थल सेना का प्रतीक चिन्ह तलवार, वायु सेना का प्रतीक चिन्ह बाज और नौसेना का एंकर भी मौजूद होगा जो तीनों सेना के चीफ को तीनों सेना का चीफ होने का पद समर्पण करता होगा।
- सीडीएस की बेल्ट पर भी कुछ इस तरह का निशान बनाया जाएगा जिसमें तीनों सेनाओं के प्रतीक चिन्ह सम्मिलित किए जाएंगे। इससे सीडीएस की बेल्ट को एक नया रूप दिया जाएगा।
- सीडीएस की कार पर लगने वाले झंडे में सीडीएस का प्रतीक चिन्ह भी सम्मिलित किया जाएगा जो उनकी कार को एक अलग और आकर्षक आभास देगा।
- भारतीय आर्मी में मरून कलर को बलिदान का कलर माना जाता है इसलिए चीफ ऑफ डिफेंस की कार का कलर मैरून रखा गया है जो बलिदान को दर्शाता है।
उनकी नियुक्ति में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और रक्षा सचिव अजय कुमार है। सीडीएस पद के लिए नियुक्त किए गए व्यक्ति की आयु 65 वर्ष तक निर्धारित की गई है। 31 दिसंबर 2019 के दिन वह जनरल के पद से रिटायर हो गए हैं और अब उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपते हुए उन्हें देश का पहला सीडीएस घोषित कर दिया गया है।
Other links –
- जानिए डिटेंशन सेंटर क्या है
- जानिए गुंजन सक्सेना कारगिल गर्ल जीवनी
- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस स्लोगन
- भारतीय सेना बीएसएफ़ सीआरपीएफ़ में अंतर
Vibhuti
Latest posts by Vibhuti (see all)
- सपनों का मतलब और उनका फल | Sapno Ka Matlab and Swapan phal in hindi - January 25, 2021
- भारतीय युवा और जिम्मेदारी पर लेख निबंध| Indian youth and responsibility Essay in hindi - January 25, 2021
- हस्तरेखा का संपूर्ण ज्ञान | Hast Rekha Gyan in hindi - January 24, 2021