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Cybersickness (साइबर सिकनेस) क्या है, लक्षण, ईलाज, उपाय [Symptom, Treatment]

Cybersickness (साइबर सिकनेस) क्या है, मतलब, लक्षण, ईलाज, उपाय,  [Symptom, Treatment in Hindi]

दोस्तों हम सभी हर दिन सुबह उठने के साथ रात में सोने तक कितने मजे से अपना मोबाइल इस्तेमाल करते हैं। सोशल मीडिया पर स्क्रॉल करते हुए और यूट्यूब पर वीडियो देखते देखते हम घंटों निकाल देते हैं। पर क्या आप जानते हैं ऐसा करना सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। क्योंकि लंबे समय तक मोबाइल या किसी भी स्क्रीन को देखने से लोग cybersickness के शिकार हो सकते हैं। Cybersickness एक ऐसी समस्या है जिस पर कोई ध्यान नहीं देता लेकिन यह इंसान के हेल्थ पर बहुत बुरा असर डालती है। cybersickness के बारे में आप सभी को जानकारी देने के लिए इस आर्टिकल में हमने cybersickness से संबंधित सभी facts शेयर किए हैं। जिससे आप खुद को cybersickness से बचा सकते हैं।

cybersickness kya hai hindi

Cybersickness क्या है

सरल शब्दों में cybersickness को समझें तो लंबे समय तक जब हम किसी डिजिटल स्क्रीन को ध्यान से देखते हैं, तो कुछ समय बाद आंखों में जलन होना और आंखें भारी होना शुरू हो जाती है। यही cybersickness के लक्षण है। Cybersickness को “virtual reality sickness” भी कहते हैं। जब कोई व्यक्ति cybersickness का पूरी तरह शिकार हो जाता है। तब उस व्यक्ति को वर्चुअल वर्ल्ड और रियल वर्ल्ड में अंतर दिखना भी बंद हो जाता है। अतः जब हम काफी देर तक किसी स्क्रीन चाहे वह मोबाइल की स्क्रीन हो या फिर कंप्यूटर को बहुत ध्यान से देखते हैं। तो एक समय के बाद हमारा दिमाग पूरी तरह थक जाता है। और हमारी आंखें बंद होने लगती है लेकिन आंखें झपकने के बाद भी हमारे दिमाग में स्क्रीन पर चल रही चीजें तेजी से घूमती है।

Cybersickness क्यों होता है

हमारा दिमाग कंप्यूटर से भी ज्यादा तेज तो काम नहीं कर सकता। लेकिन जब भी हम किसी इंफॉर्मेशन या कंटेंट को देखते हैं। तब हमारा दिमाग उस इंफॉर्मेशन को प्रोसेस करने लगता है। जब हम मोबाइल पर सोशल मीडिया में स्क्रोलिंग करते हैं तो अलग अलग तरह की चीजें हमारे दिमाग में एक साथ जाती हैं। सोशल मीडिया को स्क्रॉल करते समय तो हम काफी सारी चीजें देख लेते हैं। लेकिन वे सभी चीजें हमारे दिमाग में फिट नहीं होती है। इस वजह से कई बार हम देखी हुई चीज 5 मिनट में ही भूल जाते हैं। ऐसे में जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा देर तक मोबाइल स्क्रीन पर सोशल मीडिया स्क्रॉल करता है या फिर गेम खेलता है या फिर किसी काम को करता है। तो एक निश्चित समय के बाद लोगों को स्क्रीन को देखने में या फिर किसी भी काम को करने का मन नहीं करता है।

जब भी हम मोबाइल स्क्रीन पर देखते हैं, तो आंखें भारी होने लगती हैं हमारी पलकों का झपकना कम हो जाता है और हम लगातार मोबाइल की स्क्रीन को देखने लगते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि मोबाइल को थोड़े-थोड़े ब्रेक में यूज करना चाहिए। कई घंटों तब मोबाइल या किसी भी स्क्रीन पर नजर टिकाए रखने से cybersickness की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

Cybersickness के लक्षण 

जैसा कि हमने आपको बताया कि cybersickness कोई बीमारी नहीं है। अगर आप किसी भी दिन लंबे समय तक किसी स्क्रीन को देखेंगे तो आपको अचानक ही चक्कर आने जैसा फील होने लगेगा। कुछ ऐसे लक्षण है जो बताते हैं कि एक व्यक्ति को cybersickness की परेशानी है या नहीं। इन लक्षणों के बारे में नीचे विस्तार में बताया गया है –

मूड में परिवर्तन –

Cybersickness की परेशानी होने पर लोगों का मूड बार-बार स्विंग होने लगता है। कभी होने बहुत अच्छा महसूस होता है तो अचानक उन्हें बहुत दुखी फील होने लगता है। इस तरह की परेशानी cybersickness का सबसे खास लक्षण है।

थकावट –

अगर कोई व्यक्ति cybersickness के परेशानी से जूझ रहा है तो उस व्यक्ति को बिना ज्यादा काम किए ही बहुत ज्यादा थकान होने लगती है। कभी-कभी तो 8 से 9 घंटे की नींद पूरी करने के बाद भी सुबह-सुबह इतनी थकान होती है कि लोगों को फिर से सोने का मन करता है।

सुस्ती –

जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक किसी स्क्रीन पर देखता है। तो उसे बाकी किसी काम को करने का मन नहीं करता क्योंकि उसका दिमाग पूरी तरह से थक चुका होता है। भले ही वह व्यक्ति कुछ फिजिकल काम ना किया हो लेकिन इतनी देर तक स्क्रीन देखने की वजह से उसके शरीर में किसी काम को करने की हिम्मत नहीं बचती हैं।

हल्का सरदर्द –

हलका सर दर्द cybersickness का काफी बड़ा लक्षण माना जाता है। स्क्रीन को देखते देखते ही हल्का सर भारी होना और आंखों के सामने अंधेरा हो ना cybersickness की परेशानी को संबोधित करती है।

सिरदर्द –

अगर कोई व्यक्ति काफी समय से cybersickness की परेशानी को झेल रहा है। तो थोड़ी देर भी इस स्क्रीन पर देखने पर उस व्यक्ति का सर काफी तेज दर्द होने लगेगा। अगर ऐसा किसी को होता है तो वह भी साफ इशारा है कि उस व्यक्ति को cybersickness हैं।

चक्कर आना –

अजीब अजीब सा महसूस होना, कुछ भी समझ में ना आना ऐसी चीज है! जिसे कोई सही तरह से एक्सप्लेन नहीं कर सकता है। अगर किसी व्यक्ति को ऐसा महसूस हो रहा है। तो उससे भी cybersickness की परेशानी हो सकती हैं।

उल्टी आना –

cybersickness कई बार लोगों की हालत इतनी ज्यादा खराब कर देता है कि उन्हें बिल्कुल नींद नहीं आती है। और नींद आने के वजह से हम लोगों को खाना भी सही तरह से डाइजेस्ट नहीं होता जिसके वजह से उन्हें vomiting आने लगती हैं।

अगर आपको भी लगता है कि आपमें यह सब लक्षण है तो आप स्क्रीन पर समय बिताने वाले समय को कम करके इस परेशानी से राहत पा सकते हैं।

Cybersickness से होने वाली परेशानियाँ

Cybersickness किसी तरह की बीमारी नहीं है यह हर उस इंसान को हो सकती हैं जो जरूरत से ज्यादा समय अपने मोबाइल में कंप्यूटर की स्क्रीन पर बीताता है।

  • Cybersickness से लोगों को हल्का दिखाई देना, सर दर्द, सर भारी, चक्कर नींद ना आने जैसी समस्याएं होती है, जोकि ज्यादा समय तक किसी भी स्क्रीन को देखने की वजह से होती है. ‌
  • Cybersickness से एक मनुष्य के मानसिक स्थिति पर तो प्रभाव पड़ता ही है। साथ ही साथ cybersickness एक व्यक्ति के हेल्थ को भी पूरी तरह बर्बाद कर सकता है।
  • cybersickness के कारण कई बार लोगों में एकाग्रता में कमी, ध्यान भटकना इत्यादि जैसी कई अलग अलग तरह की परेशानियां पैदा होती है।

Cybersickness का ईलाज

  • अगर कोई व्यक्ति बुरी तरह से cybersickness का शिकार हो चुका है। तो उस व्यक्ति को सबसे पहले स्क्रीन को देखना बंद करना होगा। अगर वह व्यक्ति स्क्रीन देखना बंद नहीं कर सकता है। तो कम से कम उसे अपने स्क्रीन देखने का समय कम करना होगा।
  • स्क्रीन देखने के समय को लिमिट करने के साथ-साथ उस व्यक्ति को अपने डाइट और सोने के समय पर भी ध्यान देना चाहिए।
  • Cybersickness से ग्रसित व्यक्ति को मेडिटेशन भी जरूर करना चाहिए तभी वह इस परेशानी से खुद को जल्दी ठीक कर सकते हैं।

Cybersickness से खुद को कैसे बचायें

आज की इस टेक्नोलॉजी भरी दुनिया में बिना मोबाइल या कंप्यूटर की कोई काम नहीं हो सकता है। हम चाहे या ना चाहे हमें जरूरत के अनुसार स्क्रीन पर देखना ही होगा। इसीलिए लोगों को अपने स्क्रीन देखने का समय ठीक से मैनेज करना चाहिए। स्क्रीन देखने के समय को मैनेज करने के साथ-साथ लोगों को बीच-बीच में नैप लेना चाहिए, साथ ही साथ जब भी आंखों में भारीपन महसूस हो तो आंखें बंद कर लेनी चाहिए। और कोशिश करना चाहिए कि हर आधे घंटे में ठंडे पानी से अपना आंख धोया जाए। ठंडे पानी से आंख धोने पर उसे काफी आराम मिलता है। इन तरीकों का उपयोग करके cybersickness को अवॉइड किया जा सकता है।

FAQ

Q : Cybersickness से बचने के तरीके क्या है ?

Ans : आप अपने स्क्रीन के कंट्रास्ट को कम कर सकते हैं, ब्राइटनेस को बिल्कुल घटा सकते हैं और font size को बड़ा भी कर सकते हैं।

Q : क्या प्रेग्नेंट औरत को cybersickness की परेशानी हो सकती है ?

Ans : हां एक प्रेग्नेंट औरत को cybersickness की परेशानी हो सकती है। इसीलिए तो डॉक्टर प्रेगनेंट लेडी को यह सलाह देते हैं कि प्रेग्नेंसी के समय उन्हें अपने मोबाइल का उपयोग करना कम कर देना चाहिए।

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