दीपा मलिक का जीवन परिचय [Deepa Malik Biography In Hindi]
दीपा मलिक एक भारतीय तैराक, बाइकर और एथलीट है. दीपा का कमर से नीचे का अंग लकवा ग्रसित है, इसके बाबजूद उन्होंने विभिन्न साहसिक खेलों में भागीदारी की और अनेकों पुरुस्कार जीते. दीपा पहली भारतीय महिला है, जिन्होंने पैरालिम्पिक गेम्स में सिल्वर मैडल जीत कर भारत का नाम गौरवान्वित किया है. वे हिमालय मोटरस्पोर्ट्स एसोसिएशन (H.M.A.) और भारतीय मोटरस्पोर्ट्स क्लब के महासंघ (F.M.S.C.I.) के साथ जुड़ी हुई है. दीपा ने 8 दिनों में 1700 किलोमीटर यात्रा जीरो तापमान में की, जिसमें वे 18000 फीट ऊंचाई पर भी चढ़ी थी, जहाँ ओक्सीजन तक की कमी थी. इस यात्रा हिमालय, लेह, शिमला और जम्मू सहित कई कठिन रास्तों से होकर पूरी हुई थी. यह ‘रेड दे हिमालय’ मोतोस्पोर्ट्स था.
दीपा मलिक का जीवन परिचय
क्रमांक | जीवन परिचय बिंदु | दीपा मलिक जीवन परिचय |
1. | पूरा नाम | दीपा मलिक |
2. | जन्म | 30 सितम्बर 1970 |
3. | जन्म स्थान | भैस्वाल, जिला सोनीपत, हरियाणा |
4. | पिता का नाम | कर्नल बी के नागपाल |
5. | पति | कर्नल विक्रम सिंह |
6. | बेटी |
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7. | प्रोफेशन | शॉट पुट, भाला फेंक व मोटरसाइकिल चलाना |
8. | निवास | दिल्ली |
9. | अवार्ड | अर्जुन अवार्ड |
दीपा का जन्म 30 सितम्बर 1970 को भैस्वाल गाँव जिला सोनीपत, हरियाणा में हुआ था. इनके पिता एक अनुभवी कर्नल बी के नागपाल थे. दीपा के पति कर्नल विक्रम सिंह है, इनकी दो बेटी है देविका एवं अम्बिका.
दीपा मलिक के जीवन का संघर्ष का इतिहास (Deepa Malik History) –
दीपा एक साधारण इन्सान नहीं है. दीपा को 30 साल की उम्र में कमर के नीचे लकवा का रोग हो गया. इस भयानक बीमारी ने भी दीपा के आत्मविश्वास को कम नहीं किया. एक सेना अधिकारी की पत्नी और दो बच्चों की माँ दीपा हर विपरीत परिस्थिति को अपने अनुसार अवसर एवं सफलता में बदलने की ताकत रखती है. इनके जीवन में एक बड़ा मोड़ तब आया, जब सन 1999 में इन्हें रीढ़ की हड्डी में ट्यूमर की शिकायत हो गई. ये वही समय था जब देश में कारगिल युद्ध का खतरा मंडरा रहा था. दीपा के पति विक्रम भी इस युद्ध में देश के लिए लड़ाई लड़ रहे थे. ये समय दीपा के परिवार के लिए बहुत मुश्किल भरा था, जहाँ एक ओर दीपा के पति विक्रम कारगिल युद्ध लड़ रहे थे, वही दूसरी ओर दीपा घर में अपनी ट्यूमर की बीमारी से लड़ाई कर रही थी. लेकिन अंत में दीपा के परिवार ने दोनों लड़ाइयाँ जीत लीं. भारत ने करिगिल का युद्ध जीत लिया और दीपा की तीन स्पाइनल ट्यूमर सर्जरी सफल रहीं. इस सर्जरी में दीपा के कंधो में 183 टाँके लगे. दीपा इस सबके बीच एक विजेता बनके सामने आई और उन्होंने फिर कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा.

दीपा अहमद नगर में ‘दीस प्लेस’ नाम का रेस्तरां चलाती है, वहीँ इनका परिवार रहता है. वे रोमांच के खेल में बहुत सक्रिय है. वे हिमालय मोटरस्पोर्ट्स एसोसिएशन के साथ जुड़ी हुई है, जिसके द्वारा वे सभी सक्षम और विकलांगों के लिए प्रेरणा का काम करती है. दीपा ने बहुत से साहसिक खेलों में हिस्सा लिया है. इन्होने यमुना नदी में कठिन स्थल में बेहतरीन तैराकी कर सबको अचम्भे में डाल दिया. ये एक स्पेशल बाइक चालक है, साथ ही इन्होने पैरालिम्पिक गेम्स में शॉट पॉट गेम में हिस्सा लेकर सबको ये बता दिया कि जहाँ चाह है वहां राह है.
दीपा मलिक का मोटर स्पोर्ट्स (Deepa Malik Motor Sports) –
दीपा मलिक पहली महिला है, जिन्हें असमान्य, संशोधित वाहन रैली के लिए लाइसेंस मिला था. वे देश की पहली विकलांग महिला है, जिन्हें ‘फेडरेशन ऑफ इंडिया मोटर स्पोर्ट्स क्लब’ की ओर से अधिकारिक रूप से रैली लाइसेंस दिया गया है. भारत की सबसे कठिन कार रैली ‘रेड दे हिमाचल’ 2009 एवं डेजर्ट स्टॉर्म 2010 में इन्होने हिस्सा लिया और एक अच्छी ड्राईवर के रूप में सामने आई. दीपा का मोटर रैली में शामिल होने का यही उद्देश्य है कि वे शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के बीच में जागरूपता फैला सके कि वे भी सरकारी लाइसेंस प्राप्त कर सकते है और वे ड्राइविंग के माध्यम से अपने जीवन में स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सकते है. दीपा मलिक ने इस बात को बढ़ावा देने के लिए कई रैलियों पर कार्य शुरू किया है. दीपा वर्तमान में GoSports फाउंडेशन द्वारा पैरा चैंपियंस कार्यक्रम के माध्यम से समर्थित की जा रही है.
अंतरराष्ट्रीय भागीदारी और पदक (Deepa Malik Awards) –
क्रमांक | अन्तराष्ट्रीय खेल | पदक |
1. | आईपीसी एथलेटिक्स विश्व चैम्पियनशिप, दोहा 2015 | शॉटपूट में पांचवां स्थान |
2. | आईपीसी ओशिनिया एशिया चैम्पियनशिप, दुबई, मार्च 2016 |
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3. | आईपीसी चाइना ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप बीजिंग | गोल्ड (शॉटपुट) |
4. | जर्मन ओपन एथलेटिक्स चैम्पियनशिप | एक अकेली महिला थी, जिन्होंने आईपीसी विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में क्वालिफाइड किया था. |
5. | आईपीसी विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप क्राइस्टचर्च, जनवरी 2011 | सिल्वर मैडल |
6. | आईपीसी विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप न्यूजीलैंड 2011 | शॉटपुट के लिए क्वालिफाइड होने वाली एक अकेली महिला |
7. | पैरा-एशियन गेम्स चाइना | ब्रोंज मैडल, ऐसन गेम्स में जीतने वाली पहली महिला |
8. | IWAS विश्व खेल, भारत 2009 | ब्रोंज मैडल (शॉटपुट) |
9. | विश्व ओपन तैराकी चैम्पियनशिप, बर्लिन 2008 | 10 वन स्थान |
10. | IWAS विश्व गेम्स ताइवान, 2007 | डिप्लोमा पोजीशन |
11. | FESPIC खेल कुआलालंपुर 2006 | तैराकी में दूसरा स्थान |
12. | अन्तराष्ट्रीय मैडल | 13 |
13. | राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर मैडल | 47 गोल्ड, 5 सिल्वर, 2 ब्रोंज |
दीपा मलिक की उपलब्धि (Deepa Malik Achivements) –
दीपा मलिक पहली भारतीय महिला है, जिन्होंने पैरालिम्पिक्स में पदक जीता है. इन्होने रियो ओलंपिक 2016 में शॉटपुट गेम में सिल्वर मैडल जीता है.
रियो में सिल्वर मैडल जीतने के बाद मिले पुरुस्कार –
- हरियाणा सरकार द्वारा 4 करोड़ की राशी
- युवा खेल मंत्रालय द्वारा 50 लाख की राशी प्रदान की गई.
राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर अवार्ड –
- प्रेसिडेंट रोल मॉडल अवार्ड (2014)
- दीपा को सन 2012 में 42 साल की उम्र में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया है.
- सन 2009-10 में दीपा को महाराष्ट्र छत्रपति अवार्ड (खेल) से सम्मानित किया गया है.
- सन 2008 में हरियाणा सरकार द्वारा हरियाणा करमभूमि अवार्ड से सम्मानिक किया गया.
- सन 2006 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा स्वावलंबन पुरुस्कार से सम्मानित किया गया.
अन्य अवार्ड –
- 2014 में लिम्का पीपल ऑफ़ दी इयर
- 2013 में अमेजिंग इंडियन अवार्ड टाइम्स
- 2013 में केविनकेयर राष्ट्रीय योग्यता महारत अवार्ड
- 2013 करमवीर चक्र अवार्ड
- खेल के लिए मीडिया शांति और उत्कृष्टता पुरस्कार
- महाराणा मेवाड़ अरावली खेल अवार्ड 2012
- 2012 में मिसाल – ए- हिम्मत अवार्ड
- 2011 श्री शक्ति पुरुस्कार
- जिला खेल अवार्ड, अहमदनगर 2010
- 2009 राष्ट्र गौरव पुरुस्कार
- 2009 नारी गौरव पुरुस्कार
- 2009 गुरु गोविन्द शौर्य पुरुस्कार
- 2007 रोटरी वीमेन ऑफ़ दी इयर अवार्ड
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