दिवाली क्यों मनाई जाती है, इसका महत्त्व क्या है | Why do we celebrate Diwali Festival in hindi

हर साल दिवाली या दीपावली क्यों मनाई जाती है, महत्त्व व इतिहास (दिवाली क्यों मनाते हैं) (Why we Celebrate diwali Festival, history, reason, importance in hindi)

दिवाली का त्योहार हमारे देश के लोगों के जीवन में काफी महत्व रखता है और ये त्योहार हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में आता है. इस दिन लोग अपने घरों को रोशन करतें हैं और धन कि देवी माता लक्ष्मी और गौरी पुत्र भगवान गणेश की पूजा करते हैं. इस त्योहार का अवकाश भारत के अलावा भी कई राष्ट्रों में घोषित किया गया है.

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दीपावली या दिवाली क्यों मनाई जाती है, इसके क्या कारण है? (12 Reasons To Celebrate Diwali) –

ये त्योहार हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या के दिन आने वाला हिंदू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों का त्योहार है और हर धर्म का इस दिन के साथ खास महत्व जुड़ा हुआ है. साथ में ही दीपावली को मनाने के पीछे कई सारी कथाएं भी हैं:

  • लक्ष्मी मां का जन्मदिन- इस दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था और उनका विवाह भी भगवान विष्णु से इसी दिन हुआ था. कहाँ जाता है कि हर साल इन दोनों की शादी का जश्न हर कोई अपने घरों को रोशन करके मनाता है.
  • लक्ष्मी मां को करवाया था रिहा- भगवान विष्णु के पांचवें अवतार ने कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी को राजा बाली की जेल से छुड़वाया था और इसके चलते ही इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है.
  • जैन धर्म के लोगों के लिए विशेष दिन- जैन धर्म में पूजनीय और आधुनिक जैन धर्म के संस्थापक जिन्होने दीपावली के दिवस पर ही निर्वाण प्राप्त किया था और अपने धर्म के लिए इस दिन को महत्वपूर्ण बनाया.
  • सिक्खों के लिए विशेष दिन- इस दिन को सिक्ख धर्म के गुरु अमर दास ने रेड-लेटर डे के रूप में संस्थागत किया था, जिसके बाद से सभी सिख्क, अपने गुरु का आशीर्वाद इस दिन प्राप्त करते हैं. सन् 1577 में दीपावली के दिन ही अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की आधारशिला भी रखी गई थी.
  • पांडवों का वनवास हुआ था पूरा – महाभारत के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन ही पांडवों का वनवास पूरा हुआ था और इनका बाराह साल का वनवास पूरा होने की खुशी में इनसे प्रेम करने वाले लोगों ने अपने घरों में दीये जलाए थे.
  • विक्रमादित्य का राज तिलक हुआ था- हमारे देश के महाराजा विक्रमादित्य जिन्होंने दुनिया के सबसे बड़े साम्राज्य पर राज किया था, उनका राज तिलक भी इसी दिन किया गया था.
  • कृष्ण जी ने नरकासुर को मारा था- देवकी नंदन श्री कृष्ण ने नरकासूर राक्षस का वध भी दीपावली से एक दिन पूर्व किया था. जिसके बाद इस त्योहार को धूमधाम से मनाया गया था.
  • राम भगवान की घर वापसी की खुशी में  – इस दिन भगवान राम जी अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपना 14 साल का वनवास सफलता पूर्वक करके, अपने जन्म स्थान अयोध्या में लौटे थे. और इनके आने की खुशी में अयोध्या के निवासियों ने दीपावली अपने राज्य में मनाई थी. वहीं जब से लेकर अब तक हमारे देश में इस त्योहार को हर वर्ष मनाया जाता है.
  • फसलों का  त्योहार – खरीफ फसल के समय ही ये त्योहार आता है और किसानों के लिए ये त्योहार समृद्धी का संकेत होता है और इस त्योहार को किसान उत्साह के साथ मनाते हैं.
  • हिंदू नव वर्ष का दिन – दीपावली के साथ ही हिंदू व्यवसायी का नया साल शुरू हो जाता है और व्यवसायी इस दिन अपने खातों की नई किताबें शुरू करते हैं, और नए साल को शुरू करने के पहले अपने सभी ऋणों का भुगतान करते हैं.

दीपावली का महत्व (Significance of Diwali)

  • दीपावली त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. और ये दिन लोगों को याद दिलाता है कि सच्चाई और भलाई की हमेशा ही जीत होती है.
  • धारणाओं के मुताबिक, इस दिन पटाखे फोड़ना शुभ होता है और इनकी आवाज पृथ्वी पर रहने वाले लोगों की खुशी को दर्शाती है, जिससे की देवताओं को उनकी भरपूर स्थिति के बारे में पता चलता है.
  • इस दिन लक्ष्मी मां की पूजा करना बहुत महत्वपूर्ण होता है और ऐसा माना जाता है कि अगर सच्चे मन से इस दिन मां की पूजा की जाए तो घर में पैसों की कमी नहीं होती है.
  • इस अवसर पर लोग उपहारों का आदान प्रदान करते हैं और मिठाई से एक दूसरे का मुंह मीठा करवाते हैं और ऐसा करने से उनके बीच में प्यार बना रहता है. ये त्योहार लोगों को आपस में जोड़कर रखने का भी कार्य करता है.
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FAQ

Q : दीपावली क्यों मनाई जाती है ?

Ans : क्योकि इस दिन भगवान् राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे, उनके स्वागत के लिए लोग दीपावली का त्यौहार मनाते हैं.

Q : दीपावली का त्यौहार मनाने का अन्य कारण क्या है ?

Ans : अलग अलग मान्यता के आधार पर इस त्यौहार को लोग अलग अलग तरीके से मनाते हैं.

Q : दीपावली 2024 में कब की है ?

Ans : 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को

Q : दीपावली में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहुर्त क्या है ?

Ans : शाम 06:54 से 8:16 तक

Q : दीपावली का त्यौहार कैसे मनाते हैं ?

Ans : घर को दियों से रोशन करके.

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Karnika
कर्णिका दीपावली की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं| यह दीपावली के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं | यह दीपावली की SEO एक्सपर्ट हैं,इनके प्रयासों के कारण दीपावली एक सफल हिंदी वेबसाइट बनी हैं

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