भाई दूज का त्योहार क्यों मनाया जाता है? भाई पर कविता (Bhai Dooj 2023 Date, Significance, Reason, story, poem In Hindi )
भाई दूज त्योहार बहन और भाई के प्यार से जुड़ा हुआ त्योहार है और ये त्योहार कार्तिक महीने के समय आता है. इस त्योहार पर लड़कियां अपने भाई को तिलक लगा कर, अपने भाई की दीर्घायु जीवन एवं कुशल स्वास्थ्य की कामना करती है.
साल में कितनी बार आता है भाई दूज (How Many Time celebrate Bhai Dooj In A Year)
भाई दूज हिंदुओं का अहम त्योहार है जो कि हर साल दो बार आता है, जिनमें से एक बार ये त्योहार होली के बाद आता है और दूसरी बार दीपावली के बाद मनाया जाता है. होली के बाद आने वाले भाई दूज को होली भाई दूज के नाम से भी जाना जाता है.

भाई दूज का महत्व (Bhai Dooj Significance)
कहा जाता है इस दिन जो भी बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है और उसकी आरती करती है, उसके भाई को मृत्यु से डरने की जरूरत नहीं पड़ती और साथ में ही उसके भाई के जीवन में किसी प्रकार की परेशानी भी नहीं आती है.
साल 2023 होली के बाद आने वाले भाई दूज से जुड़ी जानकारी (Bhai Dooj Date After 2023 Holi)
साल 2023 में कब है भाई दूज | 9 मार्च |
किस दिन आ रही है भाई दूज | गुरुवार |
किसके द्वारा मनाया जाता है ये त्योहार | हिंदूओं |
भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त | 9 मार्च 19:40 से शुरू होगा और 10 मार्च 20:55 तक चलेगा |
साल 2023 में दीपावली के बाद आने वाले भाई दूज से जुड़ी जानकारी (Bhai Dooj Date After 2023 Diwali)
साल 2023 में कब है भाई दूज | 14 नवम्बर |
किस दिन आ रही है भाई दूज | मंगलवार |
किसके द्वारा मनाया जाता है ये त्योहार | हिंदूओं |
तिलक करने का शुभ महुर्त | 13:10 से लेकर 15:22 तक |
और किन नामों से जाना जाती है भाई दूज | यम द्वितीया, भाई टिक, भाऊबीज |
भाई दूज को क्यों मनाया जाता है (Why is Bhai Dooj celebrated?)
- यमराज जी से जुड़ी कथा ( Bhai Dooj Katha )
भाई दूज से जुड़ी कथा के मुताबिक यमराज की बहन यामी का विवाह होने के बाद वो अपने घर को काफी याद कर रही थी और जब एक दिन यामी को पता चला की उनका भाई यमराज उनसे मिलने आ रहा है, तो उन्होंने अपने भाई की आने की खुशी में कई तरह की तैयारियां की थी और जब यमराज दीपावली के दो दिन बाद उनसे मिलने पहुंचे, तो यामी ने यमराज का स्वागत तिलक लगाकर और उनकी आरती करके किया. जिसके बाद यमराज ने अपनी बहन से वादा किया था कि जो भी बहन इस दिन अपने भाई की आरती और तिलक करेंगी उसके भाई को अकाल मृत्यु से डरने की जरूरत नहीं होगी.
- कृष्ण जी से जुड़ी कथा ( Bhai Dooj Story)
दूसरी कथा के अनुसार कृष्ण जी जब नरकासुर दानव का वध करके अपनी बहन के पास गए थे, तो उनकी बहन सुभद्रा ने उनका स्वागत तिलक और आरती के साथ किया था. जिसके बाद से वार्षिक रूप से इस दिन पर भाई दूज त्यौहार के रूप में यह त्योहार मनाने लगा.
भैया दूज पर भाई के लिए कविता (Bhai Dooj Poem)
राखी आई राखी आई,
बाज़ार गई खूब मिठाई लाई.
मेरे भाई की पसंदीदा रस मलाई,
सुन्दर राखी जो सजे उसकी कलाई .
सुबह से ही नाच रही थी मैं,
बरसों बाद मिलने वाली थी भाई से .
दरवाज़े पर एक दस्तक हुई,
एक क्षण को मैं घबराई .
दरवाजे पर नहीं था भाई,
डाकिया की चिठ्ठी थी आई.
कांपते हांथो से मैं चिट्ठी पढ़ पाई
संदेशा था सरहद से, भाई ने वीरगति पाई
देश के लिए उसने अपनी जान गंवाई
मैंने उसकी याद में ही जिन्दगी बिताई ..
FAQ
A- भाई दूज साल मे 2 बार आती है ।
A- होली के बाद भाई दूज 9 मार्च को है ।
A- दिवाली के बाद भाई दूज 14 नवम्बर को है ।
A- भाई दूज के दिन यमराज और यमुना के साथ भगवान गणेश और भगवान विष्णु की पुजा की जाती है ।
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