Engineering Courses Exam Preparation In Hindi जीवन में शिक्षा का महत्व कितना अधिक है, ये हम सभी जानते है. शिक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए बहुत कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाये जा रहे है. एक अच्छी शिक्षा हर किसी का सपना है, माँ बाप चाहते है, उनके बच्चे अच्छे से पढ़ लिख, बड़ा आदमी बने. बच्चे चाहते है वे अपने माँ बाप की सोच पर खरा उतरे और जीवन में एक मुकाम हासिल करें. आजकल की पढाई पहले जितनी आसान नहीं है, पहले की अपेक्षा प्रतियोगिता बढ़ गई. हर कोई अपने बच्चों को दूसरों से आगे देखना चाहते है, इस वजह से कही न कहीं वे अपने बच्चों पर दबाब भी डालते है. आजकल की पढाई 2 साल या डेढ़ साल से शुरू हो जाती है. स्कूल की पढाई के समय बच्चों के पास एक ही लक्ष्य होता है, कि अच्छे नंबर लायें. बच्चों और उनके माँ बाप का सही इम्तिहान 12 वीं कक्षा के बाद शुरू होता है, ये वो समय होता है, जब बच्चों को अपने करियर का सही चुनाव करना होता है. जरा सी चूंक से जीवन भर का पछतावा हो जाता है.
इंजीनियरिंग एग्जाम की तैयारी व कोर्स की जानकारी
Engineering Courses Exam Preparation In Hindi
12 वीं के बाद बच्चों को ये तय करना होता है, कि वे कौनसा कोर्स ज्वाइन करना चाहता है. सभी कोर्स 12 वीं के बाद शुरू होते है. इंजीनियरिंग भी उन्हीं में से एक है. आजकल के बहुत से युवा इंजीनियरिंग करना चाहता है, आईटी के बढ़ते स्कोप के चलते सबको उसने आकर्षित किया है. लेकिन कोई भी कोर्स ज्वाइन करने से पहले उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी इकठ्ठा कर लेना बहुत जरुरी है. साथ ही आपको अपने मन में ये विचार भी करना चाहिए कि इस कोर्स के लिए आप कितने उचित है, आपका मन इस कार्य में है भी या नहीं. ये सब बातें पहले ही अपने बड़ो के साथ बैठकर सोच लें.
इंजीनियरिंग कॉलेज का इतिहास (History of Engineering college in India) –
भारत को टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर ब्रिटिश राज ने बनाया था. उस समय इंजिनियर ब्रिटेन से आते थे, लेकिन नीचे के ग्रेड के लिए भारत से ही आदमी लिए जाते थे. तो उन्हें अच्छे से सिखाने के लिए भारत में इंजीनियरिंग स्कूल की शुरुवात हुई. भारत में पहला इंजीनियरिंग कॉलेज 1847 में रूरकी, उत्तरप्रदेश में खोला गया. बाद में इसे IIT रूरकी नाम दिया गया. 1856 में 3 प्रेसिडेंसी में कॉलेज खोले गए. बंगाल प्रेसिडेंसी में ‘कलकत्ता कॉलेज ऑफ़ सिविल इंजीनियरिंग’ , बॉम्बे प्रेसिडेंसी में ‘कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग’ पुणे में खुला, एवं मद्रास प्रेसिडेंसी में ‘कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग’ गुइंद्य में खोला गया.
इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने की योग्यता (Engineering College Eligibility) –
- 12 वीं में कम से कम 60% आना चाहिए (कुछ कॉलेज में इसके कम परसेंटेज में भी दाखिला हो जाता है)
- 12 वीं साइंस सब्जेक्ट द्वारा पास होनी चाहिए (BE और B Tech के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स जरुरी है)
पॉलिटेक्निक डिप्लोमा (Polytechnic Diploma) –
भारत में कुछ ऐसे इंस्टिट्यूट है, जो इंजीनियरिंग में डिप्लोमा देते है. ये 10 वीं कक्षा के बाद, 3 साल का कोर्स होता है. इस डिप्लोमा के बाद उम्मीदवार जूनियर इंजिनियर के लिए अप्लाई कर सकता है या फिर आगे पढाई के लिए AMIE एग्जाम पास कर किसी इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले सकता है, जिसके बाद उसे इंजीनियरिंग की डिग्री मिल जाएगी. पॉलिटेक्निक वाले विद्यार्थी इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लेने के बाद सीधे दुसरे साल में चले जाते है.
इंजीनियरिंग कोर्स के बारे में विस्तृत जानकारी (Engineering courses information In India) –
इंजीनियरिंग में 2 तरह की डिग्री होती है, बेचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (BE) और बेचलर ऑफ़ टेक्नोलॉजी (B.Tech). कुछ कॉलेज BE की डिग्री देते है, कुछ B.Tech की. दोनों ही कोर्स 4 साल के होते है, जिसमें 8 सेमेस्टर होते है. भारत में इंजीनियरिंग के 40 से अधिक कोर्स है.
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- सिविल इंजीनियरिंग
- केमिकल इंजीनियरिंग
- कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
- आईटी इंजीनियरिंग
- आईसी इंजीनियरिंग
- EC इंजीनियरिंग
- इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
- इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग
- पेट्रोलियम इंजीनियरिंग
- एरोनोटिकल इंजीनियरिंग
- एयरोस्पेस इंजीनियरिंग
- ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
- माइनिंग इंजीनियरिंग
- बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग
- जेनेटिक इंजीनियरिंग
- प्लास्टिक इंजीनियरिंग
- फ़ूड प्रोसेसिंग एंड टेक्नोलॉजी
- एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग
- डेरी टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग
- एग्रीकल्चरल इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
- पॉवर इंजीनियरिंग
- प्रोडक्शन इंजीनियरिंग
- इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग
- मोटरस्पोर्ट्स इंजीनियरिंग
- Metallurgy इंजीनियरिंग
- टेक्सटाइल इंजीनियरिंग
- एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग
- मरीन इंजीनियरिंग
- नवल आर्किटेक्चर
इसमें से बायोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग ऐसा कोर्स है, जो बायो और मैथ्स वाले दोनों विद्यार्थी कर सकते है.
इंजीनियरिंग कॉलेज के बारे में जानकारी (Engineering colleges in India) –
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (IIT) –
भारत में सबसे बेस्ट इंजीनियरिंग कॉलेज IIT को माने जाते है. ये IIT भारत के HRD मंत्रालय की देख रेख में रहते है. भारत में अभी 23 IIT है, जिसमें से 5 IIT अगले सत्र में खुलेंगें. हर IIT ऑटोनोमस है लेकिन काउंसिलिंग के समय एक दुसरे से जुड़े हुए है. IIT में एडमिशन के लिए IIT-JEE परीक्षा होती थी, जिसे 2013 में बदलकर जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम अडवांस कर दिया गया. IIT में दाखिला के लिए हर साल 150,000 विद्यार्थी परीक्षा देते है, जिसमें से सिर्फ 10 हजार चुने जाते है. JEE अडवांस की परीक्षा सेंट्रल बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है.
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग साइंस एंड टेक्नोलॉजी (IIEST) –
ये 2007 में भारत सरकार द्वारा खोला गया. देश में बढ़ती टेक्नोलॉजी और तकनिकी मांग के कारण, देश को ज्यादा स्पीड से ग्रोथ करनी होगी. इसलिए भारत सरकार ने फैसला लिया कि राज्य में मौजूद कुछ इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी को IIEST के अंतर्गत कर दिया जाये. नए कॉलेज बनाने से अच्छा है कि इन कॉलेज का लेवल अच्छा किया जाये. अपग्रेड होने के बाद इन कॉलेज को ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ नेशनल इम्पोर्टेंस (INI)’ का दर्जा मिल गया है.
- बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS) –
BITS एक इंडियन इंस्टिट्यूट है, जो एक बड़ी यूनिवर्सिटी है. इस यूनिवर्सिटी में 15 अकैडेमिक डिपार्टमेंट है, जिसमें मुख्य रूप से अंडरग्रेजुएट इंजीनियरिंग पर ध्यान दिया जाता है. BITS कॉलेज गोवा, पिलानी, हैदराबाद और दुबई में है, जिसमें से पिलानी मुख्य सेंटर है.
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IIIT) –
IIITs भारत में उच्च शिक्षा के लिए चार इंस्टिट्यूट का ग्रुप है, जो मुख्य रूप से इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी पर ध्यान देता है. इसे केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया है, जिसमें फण्ड भी सरकार से आता है एवं HRD मंत्रालय इसकी देख रेख करती है.
- IIIT अलाहाबाद
- IIITM ग्वालियर
- IIITDM जबलपुर
- IIITDM कचीपुरम
- नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (NIT) –
इन कॉलेज को भी नेशनल इंस्टिट्यूट का दर्जा प्राप्त है. इन्हें शुरुवात में रिजनल इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम से जाना जाता था. सन 2002 में HRD मंत्रालय ने इन्हें अपग्रेड कर NIT का दर्जा दे दिया. अभी 30 NIT कॉलेज है, जिसमें से 10 NIT, 2010 में खुले है. NIT में दाखिले के लिए AIEEE की परीक्षा हर साल CBSC द्वारा आयोजित होती है. इसमें 14 लाख से भी अधिक लोग परीक्षा देते है, जिसमें से 15 हजार के लगभग सीट के लिए लोग विद्यार्थी चयनित होते है.
- अन्य प्रसिद्ध इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी –
- विस्वेसर्या टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी (VTU)
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ मुंबई
- जादवपुर यूनिवर्सिटी, कोलकत्ता
- अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
- हिंदुस्तान यूनिवर्सिटी, चेन्नई
- वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (VIT)
- राजीव गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी
- निरमा यूनिवर्सिटी
बेचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग, भारत (B.E.) –
मध्यप्रदेश के भोपाल में स्थित RGPV यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग स्टूडेंट को B.E की डिग्री देती है. B.E की डिग्री देने वाले टॉप 5 कॉलेज –
- श्री गोविन्दराम सेकसरिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस
- इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी DAVV, इंदौर
- MITS, ग्वालियर
- JEC, जबलपुर
- इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड साइंस IPS अकैडमी, इंदौर
नेशनल लेवल इंजीनियरिंग एंट्रेंस परीक्षा (National level Engineering Entrance xams) –
JEE main | जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम मेन |
JEE अडवांस | इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम |
AIEEE | आल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम |
BITSAT | बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस एडमिशन टेस्ट |
ENAT | EPSI नेशनल एडमिशन टेस्ट |
VITEEE | वेलोर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम |
NAT | नेशनल एप्टीत्युड टेस्ट |
PACET | प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट |
ATIT | एडमिशन टेस्ट फॉर ICFAI टेक्नोलॉजी एंड साइंस |
ISAT | IIST एडमिशन टेस्ट |
WAT | रिटन एडमिशन टेस्ट |
MERI एंट्रेंस एग्जाम | मरीन इंजीनियरिंग एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट एंट्रेंस एग्जाम |
AMIE | एसोसिएट मेम्बरशिप ऑफ़ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजिनियर |
NEAT | नेशनल इंजीनियरिंग एप्टीत्युड टेस्ट |
NATA | नेशनल एप्टीत्युड टेस्ट इन आर्किटेक्चर |
ECET FDH | इंजीनियरिंग कॉमन एंट्रेंस टेस्ट फॉर डिप्लोमा होल्डर |
राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (State Level Engineering Entrance Exams) –
- महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
- कर्नाटका कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
- तमिलनाडु इंजीनियरिंग एडमिशन
- उत्तरप्रदेश स्टेट एंट्रेंस एग्जाम
- इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चरल एंड मेडिसिन कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
- केरला इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चरल मेडिकल एग्जाम
- असं जॉइंट एडमिशन टेस्ट
- बिहार कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
- जम्मू एंड कश्मीर कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
- पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट
- उड़ीसा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम
- राजस्थान प्री इंजीनियरिंग टेस्ट
- मध्यप्रदेश प्रोफेशनल एग्जाम टेस्ट
- वेस्ट बंगाल जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम बोर्ड
- गुरु गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस टेस्ट
- कंबाइंड प्री एंट्रेंस टेस्ट
- पोंडिचेरी जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट
यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम (University level engineering entrance exams) –
- एस आर एम इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम
- वेल्स एंट्रेंस एग्जाम
- त्रिपुरा जॉइंट एंट्रेंस टेस्ट
- तोलानी मेरीटाइम इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस
- जामिया मिलिया इस्लामिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम
- नेरिस्ट एंट्रेंस एग्जाम
- विनायका मिशन यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम
- अन्नामलाई यूनिवर्सिटी एग्जाम
- विग्नान यूनिवर्सिटी एग्जाम
- कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी
- अमृता इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम
- भारती विद्यापीठ इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम
- सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्लास्टिक इंजीनियरिंग
- कारुन्य एंट्रेंस एग्जाम
- शिक्षा ओ अनुसन्धान यूनिवर्सिटी एडमिशन टेस्ट
- स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर
- बी एस अब्दुर रहमान यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग
- कोचीन युनिवेर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉमन एडमिशन टेस्ट
- स्लिएट इंजीनियरिंग टेस्ट
- जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग एग्जाम
- भारत यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम
इंजीनियरिंग में बहुत से कोर्स होते है, जिनका चुनाव विद्यार्थी अपनी मर्जी के अनुसार कर सकते है. किसी भी एंट्रेंस एग्जाम के बाद काउंसिलिंग होती है, जिसमें नंबरों के आधार पर उन्हें कॉलेज और ब्रांच मिलती है. ज्यादा से ज्यादा नंबर पाने वाले वालों को अच्छा, मनचाहा कॉलेज और मनचाही ब्रांच मिलती है. आजकल कम नंबर लाने पर भी कॉलेज तो मिल जाता है, लेकिन वहां से प्लेसमेंट की गारंटी नहीं होती है. अच्छे सरकारी कॉलेज, बड़ी यूनिवर्सिटी के अच्छे कॉलेज से इंजीनियरिंग करने पर ही अच्छा प्लेसमेंट मिलता है.
आजकल इंजीनियरिंग की बढ़ती डिमांड के कारण हर छोटे बड़े शहर में प्राइवेट कॉलेज खुल गए है. इन प्राइवेट कॉलेज की फीस भी अधिक होती है, और पढाई भी अच्छी नहीं होती है. इसके अलावा इन कॉलेज से इंजीनियरिंग करके प्राप्त डिग्री की भी अधिक मान्यता नहीं होती है. कॉलेज में कोई भी बड़ी कंपनियां नहीं जाती, जिससे प्लेसमेंट नहीं होता है. बाद में इस डिग्री के साथ नौकरी तलाशने में भी बहुत मेहनत करनी पड़ती है. ये प्राइवेट कॉलेज कम नंबर वाले छात्रों का भी एडमिशन डोनेशन लेकर कर देते है, जिससे भ्रष्टाचार बहुत बढ़ रहा है. AICTE ऐसे कई कॉलेज का लाइसेंस रद्द कर रही है.
इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी (How to prepare for Engineering entrance exam) –
इन परीक्षाओं की तैयारी आजकल 11वीं कक्षा से शुरू हो जाती है. IIT के एग्जाम को पास करना बहुत मुश्किल होता है, जिसके लिए कड़ी मेहनत और पढाई में लग्न की जरूरत होती है.
- 11 वीं से तैयारी शुरू –
- 11 वीं से ही अपने लक्ष्य को निर्धारित करें, सारे एग्जाम के बारे में जानकारी इकट्ठी करें.
- किसी एक परीक्षा पर मुख्य फोकस रखें.
- स्कूल की पढाई के साथ साथ, इन परीक्षाओं की भी तैयारी करते रहें.
- इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम का मटेरियल लाकर आप खुद से पढाई कर सकते है, या आप किसी कोचिंग को ज्वाइन कर सकते है.
- इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी के साथ साथ 12वीं में अच्छे नंबर लाने के लिए जोर शोर से पढाई करें, 12वीं के नंबर भी आपके लिए बहुत जरुरी होते है.
- 12 वीं के बाद क्रेश कोर्स –
- 12 वीं की परीक्षा देने के बाद बहुत सी कोचिंग के द्वारा क्रेश कोर्स होते है, जिनमे जाकर आप 1-2 महीनों में इन एग्जाम की तैयारी कर सकते है.
- क्रेश कोर्स के द्वारा किसी यूनिवर्सिटी या राज्य स्तरीय परीक्षा को पास किया जा सकता है, राष्ट्रीय स्तर की सभी परीक्षा 12 वीं की परीक्षा के तुरंत बाद होती है, जिनके लिए तैयारी का अधिक समय नहीं मिलता है.
- 12 वीं के बाद ड्राप –
- 12 वीं के बाद एंट्रेंस परीक्षा में अच्छा रिजल्ट नहीं मिला है, तो आप 1 साल का ड्राप भी ले सकते है. इस दौरान किसी कोचिंग को जरुर ज्वाइन करें, इससे आपको तैयारी का सही माहोल मिलेगा.
- ड्राप लेने के बाद घर में खुद से पढाई नहीं करनी चाहिए, इससे ध्यान भटकता है और साल ख़राब हो जाता है.
- उस 1 साल में दिल लगाकर पढाई करें और जी तोड़ मेहनत करें.
- कोचिंग की पढाई के अलावा सेल्फ स्टडी करें.
- प्रैक्टिस टेस्ट दें.
- पिछले सालों के पेपर हल करें.
- टाइमटेबल बनाकर तैयारी करें.
भारत के राज्यों में इंजीनियरिंग संस्थानों की संख्या (List of States in India by number of Engineering Institutes)–
राज्य का नाम | संख्या | राज्य का नाम | संख्या |
आंध्रप्रदेश | 498 | मध्यप्रदेश | 299 |
अरुणाचल प्रदेश | 2 | महाराष्ट्र | 799 |
असम | 23 | मणिपुर | 200 |
बिहार | 30 | मेघालय | 40 |
चंड़ीगढ़ | 9 | उड़ीसा | 125 |
छत्तीसगढ़ | 75 | पोंडिचेरी | 21 |
दिल्ली | 37 | पंजाब | 243 |
गोवा | 10 | राजस्थान | 325 |
गुजरात | 120 | सिक्किम | 50 |
हरयाणा | 342 | तमिलनाडु | 1027 |
हिमाचल प्रदेश | 56 | त्रिपुरा | 2 |
जम्मू एवं कश्मीर | 28 | उत्तरप्रदेश | 700+ |
झारखण्ड | 33 | उत्तराखंड | 99 |
कर्नाटक | 210 | पश्चिम बंगाल | 192 |
केरल | 198 | टोटल | 7080 |
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