लिखावट कैसे सुधारे या लिखावट सुधारने के तरीके ( How to improve Handwriting or Handwriting Improvement tips in hindi)
लिखावट किसी भी इंसान का पहला इम्प्रैशन होती हैं. बेशक आज कंप्यूटर ने इंसान के काम को कम जरुर कर दिया हैं, लेकिन फिर भी हम लिखना कभी नहीं छोड़ते, फिर चाहे वह स्कूल में हो , कॉलेज में हो, या फिर किसी ऑफिस में हो, लिखने का काम हम सभी को पड़ता हैं. इसलिए हम सभी का लिखना हमेशा जारी रहता है. ऐसे में अच्छी लिखावट का होना बहुत ज्यादा जरूरी हैं, जो आपके लिए तो अच्छी बात है ही साथ ही और लोगो के लिए भी फायदेमंद हैं.
लिखावट सुधारने के तरीके
अच्छी हैंडराइटिंग के फायदे | बेकार हैंडराइटिंग के दुष्प्रभाव |
आकर्षक एवं सुन्दर दिखना | बेतरतीब या भद्दा दिखना |
पढ़ने में समझने में आसान | पढ़ने में एवं समझने में कठिनाई |
विषय वस्तु मूल रूप में समझ आती है | विषय वस्तु का अर्थ ही बदल जाता है. |
हैंडराइटिंग प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्व रखती है, चाहे वह स्कूल कॉलेज हो या फिर आपका कार्यक्षेत्र सभी जगह अच्छी हैंडराइटिंग का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है.

हैंडराइटिंग एक जरिया भी होती है अपनी बात दुसरो तक पहुचाने का, जब आप अच्छा लिखेंगे तभी दुसरे पक्ष तक आपकी बात पहुँच पाएगी. किन्तु यदि हैंडराइटिंग स्पष्ट और पढ़ने योग्य नहीं है, तो आपकी बात दुसरे पक्ष तक नहीं पहुच पाएगी. अच्छी हैंडराइटिंग के लिए, जब आप सही देखेंगे और सही बोलेंगे और सही उच्चारण करेंगे, तभी उसे अच्छे से लिख पायेंगें. अच्छी हैंडराइटिंग लिखने के लिए हमे बस कुछ छोटी-छोटी बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
कुछ महत्वपूर्ण टिप्स (Tips to improve handwriting) :-
शुद्धलेखन का अभ्यास :-
अच्छी हैंडराइटिंग बहुत प्रयास के बाद ही आदत में आती हैं, इसके लिए जरुरी हैं की आप लिखने का बार- बार अभ्यास करे. आप शुद्धलेखन के बारे में तो जानते ही हैं , यह लिखावट को सुधारने का सबसे अच्छा उपाय हैं. आप अखबार, पत्रिका या किसी भी पुस्तक में से देख कर लिखने की आदत डाले, क्योंकि इनमे मात्राओं की अशुद्धि भी नहीं होती है. शुद्ध लेखन की आदत डलने से लिखावट में निश्चित तौर पर सुधार होगा.
अक्षरों को पूरा लिखे :-
अच्छी हैंडराइटिंग लिखने का सबसे पहला नियम यह है कि प्रत्येक अक्षर को पूरा एवं सही लिखे. जल्दबाजी में अधूरे अक्षर या गलत लिखने से हैंडराइटिंग कभी भी अच्छी नहीं आएगी, बल्कि आपकी बात का अर्थ बदल जायगा.
शब्दों की स्थिरता का ध्यान रखे :-
जब भी लिखना शुरू करे तो, यह सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपकी लिखावट के शब्द और अक्षर सही स्थिती में हो, यह टेढे- मेढ़े नहीं होना चाहिए, क्योंकी अगर आपकी लिखावट सीधी नहीं है तो यह पढ़ने और समझने में बहुत मुश्किल होगी. साथ ही यह देखने में भी अच्छा नहीं लगेगा.
निश्चित दूरी बनाये रखे :-
एक अच्छी और आकर्षक लिखावट के लिए यह सबसे ज्यादा जरुरी है कि आपके लिखे अक्षरों एवं शब्दों के बीच एक निश्चित दूरी हो, जिस से की उनका अर्थ सार्थक हो सके. यदि आप अक्षर अवं शब्दों के बीच में निश्चित दूरी नहीं रखेंगे तो ये असमान दूरी वाक्य का अर्थ भी बदल सकती हैं, और आपकी लिखावट में बहुत सारी त्रुटियाँ हो जायगी.
शब्दों का आकार :-
अक्षर का सामान्य आकार का होना भी एक अच्छी लिखावट की निशानी है. लिखावट न तो बहुत छोटी होना चाहिए जो की नजर भी न आयें, और ना ही जरुरत से ज्यादा बड़ी होनी चाहिए, जो देखने में अच्छी ना लगे. अक्षरों एवं शब्दों का आकार सामान्य होना चाहिए जो पढ़ने में आसान हो.
पेन या पेंसिल की स्थिती :-
सुन्दर लिखावट चाहते हैं तो पेन या पेन्सिल को बहुत अधिक कस कर या जरूरत से ज्यादा ढीला न पकडे, इस पर अपनी पकड़ सामान्य रूप से बनाये रखे, जो कि आपको अच्छी राइटिंग लिखने में मदद करेगा. पेन या पेंसिल को बहुत अधिक नीचे या ज्यादा ऊपर से नहीं पकड़ना चाहिए , एक निशिचित दूरी से पकड़ना चाहिये .
ज्यादा से ज्यादा खुद लिखे :-
यदि आप अच्छी हैंडराइटिंग चाहते हैं तो टाइप करना या किसी की सहायता लेकर लिखने से बचें, क्योंकी आप जितना अधिक अपने हाथो से लिखेंगे आपकी लिखावट उतनी ही अधिक सुन्दर होगी. लिखने की आदत को हमेशा बनाये रखे. वैसे भी मशीनों के युग में लिखने की आदत छुटती जा रही हैं . नियमित रूप से लिखने की आदत आपकी लिखावट को जरुर सुधरेगी. नियमित रूप से लिखने के लिए थोड़ा सा समय अवश्य निकले जिस से की आपकी हैंडराइटिंग हमेशा आकर्षक बनी रहेगी
सामग्री की गुणवत्ता पर ध्यान दे :-
लिखने के लिए हमेशा अच्छा पेन उपयोग में ले, पेन के विषय में हर किसी की पसंद अलग-अलग हो सकती है, लेकिन बस इतना ध्यान रखे कि जो पेन या पेंसिल आपको आरामदायक लगे, उसी का उपयोग करे. उसी प्रकार जिस पर लिख रहे है, वह कागज भी अच्छी गुणवत्ता का होना चहिये. जिस पर आपकी लिखावट साफ़ एवं स्पष्ट तथा सुन्दर दिखे.
अक्षरों के मूल आकार को बनाये रखे :-
लिखने के दौरान शब्दों के मूल आकर को बनाये रखे, उस से छेड़-छाड़ न करे, उसे परिवर्तित करने की कोशिश ना करे. क्यूंकि प्रत्येक अक्षर का एक पूर्वनिर्धारित आकार है और वह उसी रूप में अच्छा भी लगता है, अक्षरों को मन मुताबिक आकार देने की कोशिश ना करे.
जल्दबाजी न करे :-
शुरुवात में अक्षरों के मूल रूप को बनाये रखने के लिए धीरे-धीरे लिखे, जल्दबाजी ना करे क्यूंकि जल्दबाजी में अक्षर अच्छे नहीं आते. और जब आपको मूलरूप में लिखने की आदत हो जायगी तो आपकी स्पीड अपने आप बढ़ने लगेगी. और एक बार जब सही लिखने की आदत हो जायगी तो हम जल्दी लिखने पर भी सही ही लिखेंगे. एकाग्रता पूर्वक लिखे, लिखते वक़्त सिर्फ विषय पर ध्यान दें.
स्थिती का ध्यान रखे :-
यह भी जरुरी है की आप किस स्थिती में लिख रहे है मतलब आप जिस सतह पर लिख रहे है वो बिलकुल समतल हो , आपके हाथ का निचला हिस्सा टेबल या सतह से सटा हो, जिस से की आपके हाथ के नीचे आधार बना रहेगा. इन सब वस्तुओं के अलावा हम किस स्थिती में बैठ कर लिख रहे है ये भी बहुत मायने रखता है, अत: हमेशा सही एवं स्थिर बैठ कर ही लिखें .
सफाई का विशेष ध्यान रखे:-
लिखावट का सबसे अधिक महत्वपूर्ण गुण है सफाई. सफाई से लिखी हुई लिखावट पढ़ने में आसान होती है साथ ही सुन्दर भी दिखती है. कोशिश करें कि लिखते समय कम से कम शब्दों की काट-पिटी करें , अगर कुछ गलत हो भी गया है तो उस पर सिर्फ एक सिंगल लाइन फेर दे, पढ़ने वाला या देखने वाला ये बात जरुर समझ जायगा की यह शब्द गलत है या इसे नहीं पढना है.
लाइन का ध्यान रखे :-
अच्छी हैंडराइटिंग के लिए हमेशा लाइन पर ही लिखे, लाइन के ऊपर या नीचे लिखे शब्द व्यवस्तिथ नहीं लगते, ये बेतरतीब दिखते हैं, और पढ़ने में भी परेशानी होती है.
बहुत अधिक जोर देकर नहीं लिखे :-
लिखते समय पेन या पेंसिल की निप को (पॉइंट ) को बहुत अधिक गढ़ा कर नहीं लिखे, ऐसा करने से पेज पेन एवं लिखावट ख़राब होती है.
इन छोटी छोटी बातों को ध्यान में रख कर ही हम हैण्डराइटिंग को सुन्दर एवं आकर्षित बनाये रख सकते हैं.
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