भारत के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहारों की सूची, इंडियन फेस्टिवल लिस्ट 2020 (Indian Festival, 2020, 2021 Dates In Hindi)
त्यौहार हर एक देश में मनाये जाते हैं, लेकिन भारत देश में त्यौहारों का अपना ही अलग अंदाज हैं. पारिवारिक प्रेम, आपसी भाई चारा एवम सामाजिक व्यवस्था आदि ही त्यौहारों के मुख्य बिंदु हैं. हिन्दू संस्कृति में हर एक दिन की अपनी एक विशेषता होती हैं, जिससे जुड़ी मान्यताओ के आधार पर सांस्कृतिक त्यौहार मनाये जाते हैं. हिंदी पंचांग की व्यवस्था सामाजिक परिपेक्ष से नही बल्कि प्राकृतिक परिपेक्ष के आधार पर की गई हैं. ऋतुओ के बदलने के साथ-साथ त्यौहारों का आगमन होता हैं और वातावरण के अनुकूल ही उस त्यौहार के नियम होते हैं .

भारत के प्रमुख व्रत पर्व और त्यौहार (Indian Festival 2020, 2021 Dates List )
भारत में कई संस्कृतियों का समावेश हैं, ऐसे में कई विचारधाराओं एवम मान्यताओं के आधार पर भिन्न- भिन्न त्यौहार मनाये जाते हैं . ऐसे ही कुछ सांस्कृतिक त्यौहारों का विवरण किया गया हैं :
- भारत के महत्वपूर्ण सांकृतिक त्यौहार (Indian Cultural Festival Dates)
त्यौहार का नाम | 2020 | 2021 |
दिवाली | 14 नवंबर | 4 नवंबर |
दशहरा | 25 अक्टूबर | 14 अक्टूबर |
होली | 10 मार्च | 29 मार्च |
जन्माष्टमी | 11 अगस्त | 30 अगस्त |
गणेश चतुर्थी | 22 अगस्त | 10 सितम्बर |
रक्षाबंधन | 3 अगस्त | 21 अगस्त |
ईद | 24 मई | 13 मई |
क्रिसमस | 25 दिसंबर | 25 दिसंबर |
गुरु नानक जयंती | 30 नवंबर | 19 नवंबर |
भारत के अन्य धार्मिक त्यौहार (Indian religious festivals)-
त्यौहारों का नाम | 2020 | 2021 |
महाशिव रात्रि | 21 फरवरी | 11 मार्च |
फुलेरा दूज | 25 फरवरी | 15 मार्च |
गुड फ्राइडे | 10 अप्रैल | 2 अप्रैल |
ईस्टर | 12 अप्रैल | 4 अप्रैल |
रंग पंचमी | 13 मार्च | 2 अप्रैल |
गुड़ी पड़वा | 25 मार्च | 13 अप्रैल |
राम नवमी | 2 अप्रैल | 21 अप्रैल |
गणगौर | 27 मार्च | 15 अप्रैल |
अक्षय तृतीया | 26 अप्रैल | 14 मई |
बुद्ध पूर्णिमा | 30 अप्रैल | 8 अप्रैल |
गंगा दशहरा | 1 जून | 20 जून |
मिथुना संक्राती | 14 जून | 15 जून |
जगन्नाथ रथ यात्रा | 23 जून | 12 जुलाई |
जयापार्वती व्रत | 2 जुलाई | 21 जुलाई |
हरियाली तीज | 23 जुलाई | 11 अगस्त |
नाग पंचमी | 25 जुलाई | 13 अगस्त |
उपाकर्म | 3 अगस्त | 22 अगस्त |
कजरी तीज | 6 अगस्त | 25 अगस्त |
बहुला चौथ | 7 अगस्त | 25 अगस्त |
हर छठ | 9 अगस्त | 28 अगस्त |
पर्युषण | 16 अगस्त – 23 अगस्त | 4 सितंबर |
हरतालिका तीज | 23 जुलाई | 9 सितंबर |
ऋषि पंचमी | 23 अगस्त | 11 सितंबर |
संतान सप्तमी | 10 अगस्त | 28 अगस्त |
राधा अष्टमी/ महालक्ष्मी व्रत | 25 अगस्त | 13 सितंबर |
अनंत चतुर्दशी | 31 अगस्त | 19 सितंबर |
श्राद्ध | 1-16 सितंबर | 20 सितंबर – 5 अक्टूबर |
जीवित्पुत्रिका | 10 सितंबर | 28 सितंबर |
नवरात्री | 17 अक्टूबर | 6 अक्टूबर |
बठुकम्मा महोत्सव | 15 अक्टूबर – 23 अक्टूबर | – |
नवपत्रिका पूजा | 22 अक्टूबर | 12 अक्टूबर |
सरस्वती पूजा | 29 फरवरी | 16 फरवरी |
शरद पूर्णिमा / कोजागरी व्रत | 30 अक्टूबर | 19 अक्टूबर |
करवाचौथ | 4 नवंबर | 23 अक्टूबर |
अहौई अष्टमी | 8 नवंबर | 28 अक्टूबर |
धनतेरस | 13 नवंबर | 2 नवंबर |
नरक चतुर्दशी | 14 नवंबर | 3 नवंबर |
आद्य काली पूजा | 10 अगस्त | 29 अगस्त |
गोवर्धन पूजा/ अन्नकूट | 15 नवंबर | 5 नवंबर |
भैया दूज/ यम द्वितीया | 16 नवंबर | 6 नवंबर |
छठ पूजा | 20 नवंबर | 9 नवंबर |
गोपाष्टमी | 22 नवंबर | 11 नवंबर |
अक्षय आँवला नवमी | 23 नवंबर | 12 नवंबर |
जगद्धात्री पूजा | 23 नवंबर | 12 नवंबर |
तुलसी विवाह | 26 नवंबर | 15 नवंबर |
वैकुण्ठ चतुर्दशी | 28 नवंबर | 16 नवंबर |
मणि कर्णिका स्नान | 28 नवंबर | 16 नवंबर |
विवाह पंचमी | 18 दिसंबर | 8 दिसंबर |
मंडला पूजा | 26 दिसंबर | 26 दिसंबर |
- ग्यारस या एकादशी व्रत तिथी ( Ekadashi vrat dates):
हिन्दू पंचांग की प्रत्येक ग्यारहवी तिथी को एकादशी/ ग्यारस व्रत का पालन किया जाता हैं . वर्ष के प्रत्येक माह में ग्यारस की दो तिथियाँ आती हैं एक शुक्ल पक्ष एवम एक कृष्ण पक्ष. एकादशी के स्वामी भगवान विष्णु कहे जाते हैं. भक्त जन अपने मनोरथ के लिए एकादशी व्रत का पालन करते हैं . हिन्दू संस्कृति में एकादशी का महत्व सर्वाधिक होता हैं. मनुष्य अपने दुखो को दूर करने के उद्देश्य से इस व्रत का पालन करता हैं. वर्ष में 26 एकादशी व्रत का पालन किया जाता हैं. सभी एकादशी व्रत के पीछे एक पौराणिक कथा हैं, जिसमे एकादशी का उद्देश्य एवम भाव निहित हैं, जिन्हें आप नीचे दी गई लिंक से पढ़ सकते हैं.
एकादशी नाम | पक्ष | 2020 | 2021 |
सफला | कृष्ण | 21 दिसंबर 2019 | 8 जनवरी |
पौष पुत्रदा | शुक्ल | 6 जनवरी | 24 जनवरी |
षष्ठीला | कृष्ण | 20 जनवरी | 7 फरवरी |
जया | शुक्ल | 5 फरवरी | 22 फरवरी |
विजया | कृष्ण | 18 फरवरी | 8 मार्च |
आमलकी | शुक्ल | 5 मार्च | 24 मार्च |
पापमोचिनी | कृष्ण | 19 मार्च | 7 अप्रैल |
कामदा | शुक्ल | 4 अप्रैल | 23 अप्रैल |
वरुठिनी | कृष्ण | 18 अप्रैल | 6 मई |
मोहिनी | शुक्ल | 3 मई | 22 मई |
अपरा | कृष्ण | 17 मई | 5 जून |
निर्जला | शुक्ल | 1 जून | 22 जून |
योगिनी | कृष्ण | 16 जून | 5 जुलाई |
देव शयनी | शुक्ल | 30 जून | 19 जुलाई |
कामिका | कृष्ण | 16 जुलाई | 3 अगस्त |
पुत्रदा | शुक्ल | 30 जुलाई | 18 अगस्त |
अजा | कृष्ण | 14 अगस्त | 2 सितम्बर |
परिवर्तिनी/ डोल ग्यारस | शुक्ल | 28 अगस्त | 16 सितम्बर |
इंदिरा | कृष्ण | 13 सितम्बर | 2 अक्टूबर |
पापांकुशा | शुक्ल | 26 अक्टूबर | 15 अक्टूबर |
रमा | कृष्ण | 12 अक्टूबर | 31 अक्टूबर |
प्रबोधिनी/ देव उठनी | शुक्ल | 25 नवंबर | 14 नवंबर |
उत्पन्ना | कृष्ण | 10 दिसंबर | 30 नवंबर |
मोक्षदा | शुक्ल | 25 दिसंबर | 14 दिसंबर |
पद्मिनी (अधिक मास) | कृष्ण | 27 सितम्बर | – |
परमा (अधिक मास) | शुक्ल | 12 अक्टूबर | – |
- पूर्णिमा व्रत ( Purnima Vrat Date):
हिन्दू पंचांग के अनुसार एक माह में दो पक्ष (शुक्ल कृष्ण) होते हैं, जो कि अमावस से पूर्णिमा एवं पूर्णिमा से अमावस के बीच होते हैं . इस तरह प्रति वर्ष 12 पूर्णिमा आती हैं . पूर्णिमा के दिन अथवा एक दिन पूर्व सत्यनारायण भगवान की कथा एवम पूजा का महत्व होता हैं . पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपने पूर्ण रूप में होता हैं इस दिन उपवास का महत्व होता हैं जिसे हिन्दू धर्म में बड़े नियमो द्वारा निभाया जाता हैं .
निम्न सारणी में पुरे वर्ष में आने वाली पूर्णिमा का महत्व बताया गया हैं :
मासिक पूर्णिमा | महत्व | 2020 | 2021 |
चैत्र | हनुमान जयंती | 7 अप्रैल | 26 अप्रैल |
वैशाख | बुद्ध जयंती | 6 मई | 25 मई |
ज्येष्ठ | वट सावित्री | 5 जून | 24 जून |
आषाढ़ | गुरू पूर्णिमा | 4 जुलाई | 23 जुलाई |
श्रावण पूर्णिमा | रक्षाबंधन | 3 अगस्त | 21 अगस्त |
भाद्रपद पूर्णिमा | श्राद्ध/ पितृ | 1 सितम्बर | 20 सितम्बर |
आश्विन | शरद पूर्णिमा | 1 अक्टूबर | 19 अक्टूबर |
कार्तिक पूर्णिमा | – | 29 नवंबर | 18 नवंबर |
अग्रहण्य पूर्णिमा | – | 29 दिसंबर | 18 दिसंबर |
पौष पूर्णिमा | – | 10 जनवरी | 28 जनवरी |
माघ | माघ मेला | 8 फरवरी | 26 फरवरी |
फाल्गुन | होली | 9 मार्च | 28 मार्च |
मासिक अमावस्या व्रत –
मासिक पूर्णिमा | महत्व | 2020 | 2021 |
चैत्र | चैत्र अमावस्या | 23 मार्च | 11 अप्रैल |
वैशाख | बैसाख अमावस्या | 22 अप्रैल | 11 मई |
ज्येष्ठ | शनि जयंती | 22 मई | 9 जून |
आषाढ़ | सोमवती अमावस्या | 20 जून | 9 जुलाई |
श्रावण | श्रावण अमावस्या | 20 जुलाई | 8 अगस्त |
भाद्रपद | पिठोरी अमावस्या, चन्द्र ग्रहण | 18 अगस्त | 6 सितम्बर |
आश्विन | सर्व पितृ अमावस्या | 16 सितम्बर | 5 अक्टूबर |
कार्तिक | दीवाली | 16 अक्टूबर | 4 नवंबर |
अग्रहण्य | मार्गशीर्ष अमावस्या | 14 नवंबर | 3 दिसंबर |
पौष | पौष अमावस्या | – | – |
पौष | – | – | 12 जनवरी |
माघ | मौनी अमावस्या | 24 जनवरी | 11 फरवरी |
फाल्गुन | सूर्य ग्रहण | 22 फरवरी | 12 मार्च |
किसान के कटाई त्यौहार (Seasonal and Harvesting festivals) –
त्यौहार का नाम | 2020 | 2021 |
लोहड़ी | 13 जनवरी | 13 जनवरी |
मकर संक्रांति | 15 जनवरी | 14 जनवरी |
बसंत पंचमी | 29 जनवरी | 16 फरवरी |
बैसाखी | 13 अप्रैल | 13 अप्रैल |
ओणम | 2 सितम्बर | 21 अगस्त |
पोला | 20 जुलाई | – |
अन्य महत्वपूर्ण मासिक त्यौहार एवम पवित्र माह :
हिन्दू पंचांग में सभी तिथियों का विशेष महत्व होता हैं प्रति माह कई विशेष तिथियों पर भक्त जन पूजा एवम उपवास करते हैं . इसके अलावा कई माह भी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. आगे की तालिका में इन्ही महत्वपूर्ण मासिक त्यौहारों एवम माह का महत्व बताया गया हैं :
नाम | विवरण |
कालाष्टमी | कृष्ण पक्ष अष्टमी |
प्रदोष | प्रति हिंदी माह त्रयोदशी |
मासिक शिव रात्रि | प्रति हिंदी माह चतुर्दशी |
संकष्टी चतुर्थी | हर माह कृष्ण पक्ष के चौथे दिन संकष्टी चतुर्थी आती है| |
भानु सप्तमी | जब सप्तमी के दिन रविवार होता हैं |
स्कन्दा षष्ठी | शुक्ल पक्ष पंचमी और षष्ठी एक साथ आये तब मनाई जाती हैं |
रोहिणी व्रत | जब रोहिणी नक्षत्र सूर्योदय के बाद प्रबल होता हैं |
सत्य नारायण पूजा | पूर्णिमा एवं उसके एक दिन पूर्व/ प्रति माह संक्रांति |
मंगला गौरी / गौरी पूजा | सावन माह के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत होता है |
धनुर्मास | |
श्रावण/ सावन महत्व | पवित्र माह |
अधिक मास महत्व | पवित्र माह जो तीन वर्ष में आता हैं |
कोकिला व्रत | जब अधिक मास आषाढ़ में आता हैं यह योग 19 वर्षो में बनता हैं |
कार्तिक माह महत्व | पवित्र माह |
चातुर्मास/ चौमासा | अर्ध अषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन एवं अर्ध कार्तिक |
महाकुम्भ नासिक | सूर्य,वृहस्पति जब सिंह राशि में प्रवेश करते हैं |
महाकुम्भ उज्जैन | जब सूर्य एवम वृहस्पति वृश्चिक राशि में प्रवेश करता हैं | |
इस्लामिक त्यौहार ( Islamik Festival Dates):
भारत में कई धर्मो का समावेश हैं | यह एक अकेला राष्ट्र हैं जहाँ सभी धर्मो के लोग अपने- अपने धर्मानुसार स्वतंत्रता के साथ अपना- अपना त्यौहार मना सकते हैं . यहाँ विचारों की पूर्ण स्वतंत्रता हैं इसी तरह इस्लामिक त्यौहारों को भी उत्साह से भारत में मनाया जाता हैं जिनका महत्व एवम उद्देश्य भी प्रेम और शांति ही हैं ऐसे ही कुछ त्यौहारों का विवरण निम्न तालिका में किया गया हैं :
नाम | 2019 |
ईद | 5 जून |
रमजान | 4 मई पाक महिना |
बकरीद | 12 अगस्त |
अल हिजरा इस्लामिक न्यू इयर | 30 अगस्त |
मुहर्रम/ आशुरा | 10 सितम्बर |
भारत देश की पहचान हैं उसके अनेक धर्मो का एक सुन्दर स्वरूप. प्रेम, एकता, आपसी भाई चारा ही त्यौहारो का मुख्य उद्देश्य हैं. सामाजिक व्यवस्था की दृष्टि से भी त्यौहार बहुत महत्वपूर्ण हैं.
हमारे इस पेज में उन्ही त्यौहारों का विवरण किया किया हैं अगर आप इससे भिन्न कुछ जानते हैं तब अपनी राय कमेंट बॉक्स में दे सकते हैं.