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चंद्रशेखर सिंह जीवन परिचय | Chandra Shekhar singh biography in hindi

चंद्रशेखर सिंह जीवन परिचय Chandra Shekhar singh biography in Hindi

बहुत कम भारतीय राजनेता देश की समस्याओं को समझ पाते है और उसी के लिए समाधान खोजने में सफल हो पते हैं. ऐसा ही एक विजयी राजनीतिज्ञ चंद्रशेखर सिंह जी है, जो वी.पी.सिंह  के बाद, भारत देश के 8 वें प्रधानमंत्री बने. इनका कार्यकाल छोटा जरुर रहा, लेकिन इनको एक मजबूत प्रधानमंत्री व इनके कार्यकाल को भारत देश की राजनीती में असरदार कार्य के लिए याद किया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल में बहुत अधिक अविश्वास उत्पन्न हो जाने के कारण देश की हालत बहुत नाजुक दौर से गुजर रही थी, उस वक्त ऐसे लीडर की जरुरत थी, जो निज़ी स्वार्थों से उपर राष्ट्रहित में कार्य करे . चंद्रशेखर ने इन परिस्थितियों  में एक अच्छी राजनीति देश को दी. एक छोटी अवधि के लिए कार्यालय में होने के बावजूद, वे पूर्णता और राजनीतिमत्ता के साथ अपने नेतृत्व के गुणों को प्रदर्शित करते थे.

Chandra Shekhar

चंद्रशेखर सिंह जीवन परिचय

चंद्रशेखर सिंह जन्म व आरंभिक जीवन –

क्रमांकजीवन परिचय बिंदु चंद्रशेखर जीवन परिचय
1.       पूरा नामचंद्रशेखर सिंह
2.       जन्म1 जुलाई 1927
3.       जन्म स्थानइब्राहीमपट्टी, उत्तरप्रदेश
4.       मृत्यु8 जुलाई 2007 (दिल्ली)
5.       राजनैतिक पार्टीसमाजवादी जनता पार्टी

चंद्रशेखर जी का जन्म 1 जुलाई 1927 को उत्तरप्रदेश के ग्राम इब्राहिमपट्टी में हुआ. चंद्रशेखर एक कृषक, राजपूत परिवार में जन्मे थे, शायद इसलिए अपने देश से निःस्वार्थ भावना से जुड़े हुए थे. इनको अध्ययन में विशेष रूचि थी, स्वूल में वे एक मेधावी छात्र रहे. इलाहबाद यूनिवर्सिटी से अपना अध्ययन पूरा करने के बाद इन्होने राजनीति में प्रवेश किया.

चंद्रशेखर सिंह का राजनीती में आना (Chandrashekhar singh political career) –

राजनीति में इन्हें छात्र जीवन से ही दिलचस्पी थी. उस वक्त देश प्रेम ही जीवन था, हर व्यक्ति बसंती चोला पहने अपने देश प्रेम में लिप्त होता था. चंद्रशेखर की भाषाशैली अनुपम एवम तीव्र थी, उसमे इतनी सच्चाई और दृढता थी कि कोई उनकी बात काट नहीं सकता था. पक्ष हो या विपक्ष वो सभी के लिए सम्मानीय एवम सभी को मार्गदर्शन देते थे क्यूंकि इनमें निजी स्वार्थ का भाव था ही नहीं. चंद्रशेखर जी युवाओं के लिए प्रेरणा के प्रतिबिम्ब रहे, इन्होने युवाओं को जगाने का भरपूर प्रयास किया. उनका मानना था, “युवा को शक्ति मानने वाला ही, देश को एक स्वस्थ्य प्रगति की तरफ बढ़ाता है, क्यूंकि उसमें स्वहित के बजाय राष्ट्र के कल्याण का भाव होता है.”

चंद्रशेखर सिंह का राजनैतिक सफ़र –

चंद्रशेखर सिंह का राजनैतिक जीवन एक स्वच्छ दर्पण की तरह है. सर्वप्रथम वे समाजवादी आंदोलनों  से जुड़े, इन्होने पिछड़े वर्गों के लोगो के लिए बहुत कार्य किये. उस वक्त यह एक अहम् मुद्दा हुआ करता था. दलितों को सामान्य जीवन दिलाने की लड़ाई में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पर चंद्रशेखर जी ने अन्य सामाजिक धर्मों की भावनाओं का भी ध्यान रखना भी अहम् समझा, ताकि किसी तरह की हिंसा का मुख न देखना पड़े.

चंद्रशेखर जी बलिया जिले के समाजवादी दल के सचिव बने तत्पश्चात राज्यस्तर सचिव बनाये गए.  राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति में आगमन उत्तरप्रदेश राज्यसभा में प्रवेश करने के बाद हुआ. 1962 में चंद्रशेखर जी को प्रजा समाजवादी पार्टी के द्वारा राज्यसभा का टिकट मिल गया. यहाँ से इन्होने उच्च राजनीति का आरम्भ किया. अहम् मुद्दों पर आवाज बुलंद करना चंद्रशेखर जी के  व्यक्तित्व में शामिल था. इनकी दमदार आवाज, वेबाक बोलने की आदत काफी प्रभावशाली थी, लोग इनके आगे आवाज नहीं उठा पाते थे.
1975 के आपातकाल के दौरान इन्दिरा गाँधी ने कई राज नेताओं को जेल भेजा. उनमें  चंद्रशेखर जी का नाम भी शामिल था. 1977 में उत्तरप्रदेश के बलिया से चंद्रशेखर को लोकसभा की सीट मिल गई. इसके बाद वे जनता दल के अध्यक्ष बन गए, इन्होने दक्षिण के कन्याकुमारी से दिल्ली के राजघाट तक हुई पद यात्रा जिसे बाद में भारत यात्रा भी कहा गया, उसमें हिस्सेदारी की. 4260 किलोमीटर की पद यात्रा को 6 जनवरी 1983 से शुरू कर 25 जून 1983 को समाप्त किया गया. भारत यात्रा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं पर प्रकाश डालना और सामाजिक असमानताओं और प्रचलित जातिवाद की असमानताओं को दूर करना था.

प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह  (Chandra Shekhar singh prime minister )-

नवंबर 1990 में राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के पतन के बाद, राजीव गाँधी की मदद से चंद्रशेखर सिंह को 10 नवंबर 1990 को प्रधानमंत्री बना दिया गया. लेकिन कुछ समय बाद ही वी पी सिंह ने जनता दल से अलग समाजवादी पार्टी बना ली. जिसके बाद चंद्रशेखर को बीजेपी के द्वारा बहुमत मिला. ये बात राजीव गाँधी को अच्छी नहीं लगी और उन्होंने कुछ समय बाद चंद्रशेखर की सरकार से बहुमत वापस ले लिया. जिसके साथ मार्च 1991 में चंद्रशेखर सिंह की सरकार गिर गई, और उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

चंद्रशेखर सिंह रचनाएँ  (Chandra Shekhar singh books) –

इनके विचारों में बहुत गहराई थी जिसे उन्होंने अपने लेखन के जरिये उजागर किया. उस वक्त विचारो की अभिव्यक्ति सामान्यतः पत्र-पत्रिकाओं के जरिये की जाती थी. यह एक बहुत प्रभावशाली तरीका होता था. इस प्रकार चंद्रशेखर जी ने भी अपने विचारों को एक उड़ान दी . राजनीति एवम समाज से जुड़े मुदो को उन्होंने इसी तरह सबके सामने रखा उनकी शैली इतनी तीव्र थी कि उनका विरोध करने का सामर्थ्य किसी में नहीं था . इन्होने “Young India” नामक समाचार पत्र का सम्पादन किया, इनके समाचार पत्रों में यह जनता को जगाने वाली शैली को अपनाते थे. यह बोद्धिक वर्ग में भी प्रिय रहे. यह बेखोफ और निष्पक्ष नेता थे, जिन्होंने कलम को अपना हथियार बनाया और क्रांति का आव्हाहन किया . आपातकाल के दौरान इन्हें भी जेल जाना पड़ा था जहाँ इन्होने अपने विचारो और आपबीति को एक डायरी में संग्रहित किया, जो बाद में “मेरी जेल ” के नाम से प्रकाशित की गई . “डायनमिक्स ऑफ चेंज” नामक पुस्तिका के रचियता भी थे, जिसमें इनके विचारों और young India के इनके अनुभवों को भी प्रकाशित किया . इनके लेखन में एक प्रकार का भाव होता था, जो पाठक को शुरु से अंत तक बांधे रखता था .

बहुत वक्त बाद भारत को एक ईमानदार और कर्मवान हाथों ने सम्भाला था, उनके इन्ही गुणों के कारण वो निष्पक्ष भाव से प्रेम पाते भी थे. प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद वे भोड़सी में अपने आश्रम में रहे, इनसे इनकी पार्टी के आलावा विपक्षी भी सलाह करते थे .

चंद्रशेखर सिंह मृत्यु (Chandra Shekhar death) –

चंद्रशेखर जी को बॉन मेरो कैंसर था, तबियत ख़राब के चलते उन्हें 3 मई 2007 को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, 8 जुलाई 2007 को Delhi में इन्होने अंतिम सांस ली, उस वक्त वे प्लाज्मा कैंसर से ग्रसित थे, उनकी उम्र 80 साल थी.

1995 में चंद्रशेखर जी को उत्कृष्ट सांसद के पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था. इस पुरुस्कार की शुरुवात इसी वर्ष हुई थी, अतः चंद्रशेखर पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्हें ये सम्मान प्राप्त हुआ था. इनकी कर्मठता तो प्रभावशाली थी ही, साथ ही यह चरित्र के भी घनी थे. एक उच्च पद पर आसीन व्यक्ति सामान्यतः कई तरह के शोकों का शोकिन होता है पर चंद्रशेखर बहुत नियंत्रित व्यक्ति थे . अपने कर्मो एवम स्वभाव के कारण यह सदैव स्मरणीय रहेंगे. भारत के सभी प्रधान मंत्री की लिस्ट एवम उनका विवरण जानने के लिए पढ़े.

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Karnika
कर्णिका दीपावली की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं| यह दीपावली के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं | यह दीपावली की SEO एक्सपर्ट हैं,इनके प्रयासों के कारण दीपावली एक सफल हिंदी वेबसाइट बनी हैं

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