किसान विकास पत्र योजना व ब्याज दर क्या है 2023 (कैलकुलेट, इंटरेस्ट रेट, दस्तावेज, कमीशन) (Kisan vikas patra intrest rate, benefits, required documents, rules, calculator in hindi)
किसान विकास पत्र की शुरुआत वर्ष 1998 में की गयी थी. हालाँकि वर्ष 2011 मे, 2011 की सरकार ने इस योजना का लाभ देना रोक दिया था, किन्तु भारत की तात्कालिक सरकार ने इसे पुनः आरम्भ किया है. आज किसान विकास पत्र योजना भारत के कई लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण योजना है.
किसान विकास पत्र योजना
किसान विकास पत्र क्या है (what is kisan vikas patra)
- यह एक तरह का प्रमाण पत्र है जिसे कोई भी व्यक्ति अपने लाभ के लिए खरीद सकता है और इस पर प्राप्त ब्याज का भी लाभ उठा सकता है. यह विकास पत्र 18 वर्ष के कम आयु के बच्चों के लिए भी खरीदा जा सकेगा. इसकी सहायता से अल्प आयु के बच्चों को भविष्य में मदद के रूप में राशि प्राप्त हो सकेगी. यह हालाँकि इस पर निर्भर करता है कि कोई व्यक्ति किसी तरह का प्रमाण पत्र प्राप्त करता है.
- इस योजना के अंतर्गत निवेश करने वाले लोगों को सरकार एक बेहतर रिटर्न देगी. इस योजना के आधार पर देश के विभिन्न डाक घर यह प्रमाण पत्र लोगों को बेच रही है. हालाँकि विभिन्न डाक घरों में विभिन्न तरह के प्रमाण पत्र रहेंगे, अतः प्रमाण पत्र खरीदने वाले को अपने मन के मुताबिक़ प्रमाण पत्र खरीदने के लिए दूसरे डाकघर भी जाना पड़ सकता है.

किसान विकास प्रमाण पत्र के प्रकार: (types of kisan vikas patra)
इसके अंतर्गत तीन तरह के प्रमाण पत्र तय किये गये हैं, जो कुछ इस तरह निम्नवत है
- इस योजना के आधार पर एक सिंगल होल्डर प्रमाण पत्र तय किया गया है. यह प्रमाण पत्र कोई व्यस्क अथवा किसी अवयस्क के लिए भी प्राप्त किया जा सकता है.
- इस योजना के आधार पर लोगों का एक साथ प्रमाण पत्र (जॉइंट सर्टिफिकट) भी प्राप्त किया जा सकता है इस प्रमाण पत्र के अंतर्गत 2 व्यस्क लोगों के नाम एक साथ होंगे.
- यदि दो लोगों में से एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो एक व्यक्ति को भी इस प्रमाण पत्र का लाभ प्राप्त हो सकेगा. इसके अंतर्गत एक जॉइंट बी प्रमाण पत्र तय किया गया है. इस प्रमाण पत्र के अंतर्गत एक व्यक्ति को देय हो सकेगा.
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किसान विकास पत्र पेमेंट मोड (Payment Modes)
किसान विकास पत्र किसी भी पोस्ट ऑफिस/ बैंक से प्राप्त किया जा सकता हैं जिसके लिए भुगतान निम्न तरीकों से किया जा सकता हैं.
- कैश पेमेंट
- चेक
- डिमांड ड्राफ्ट
- उसी बैंक के सेविंग अकाउंट के विड्रावल फॉर्म पर उपभोक्ता के हस्ताक्षर द्वारा
कैश पेमेंट के जरिये किसान विकास पत्र उसी वक्त हाथ में दे दिए जाते हैं लेकिन चेक या डिमांड ड्राफ्ट या किसी अन्य तरीके से किसान विकास पत्र खरीदने पर पत्र कुछ समय बाद धारक को दिया जाता हैं.
किसान विकास पत्र योजना ब्याज दर: (kisan vikas patra interest rate)
इस योजना के अंतर्गत प्रमाण पत्र पर प्राप्त होने वाली ब्याज दर इस बात पर निर्भर करेगा कि प्रमाण पत्र कितने दिनों तक के लिए लिया जा रहा है. इस योजना के अंतर्गत आजीवन प्रमाण पत्र के लिए 7.8% का ब्याज प्राप्त हो सकेगा.
लगभग 8.5 वर्ष के बाद इस योजना के आधार पर प्रमाण पत्र का मूल्य दोगुना कर दिया जायेगा. यह उन लोगों को इनाम के तौर पर प्राप्त होगा जो अपना पैसा एक लम्बे समय तक के लिए जमा रखते हैं. यह ब्याज दर किसी लाभार्थी के लिए आजीवन बना रहेगा, जिस पर किसी तरह का बाजार सम्बंधित प्रभाव नहीं पड़ेगा. इस कारण इस प्रमाण पत्र का वैल्यू समय समय पर बढ़ता रहेगा. इस ब्याज दर से ये भी तय होता है कि लाभार्थी को उनके निवेश पर लाभ प्राप्त होता रहेगा.
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एक प्रमाण पत्र कितनी राशि में प्राप्त किया जा सकता है (kisan vikas patra margin)
एक प्रमाण पत्र कई तरह के डेनोमिनेशन या वर्गों के अंतर्गत प्राप्त हो सकेगा. इस प्रमाण पत्र की क़ीमत रू 1000 से आरंभ होकर रू 50,000 तक जाता है, जो व्यक्ति इस प्रमाण पत्र को खरीदता है, उसे उसकी इच्छा के अनुसार विभिन्न वर्ग का लाभ प्राप्त हो सकेगा. इसके अंतर्गत न्यूनतम राशि 1000 का है. इसके बाद लाभार्थी इस डेनोमिनेशन को 5000, 10,000 अथवा 50,000 का भी कर सकता है.
क्या मूलधन निकाला जा सकेगा: (kisan vikas patra lock in period)
एक निश्चित समय के बाद कोई भी व्यक्ति अपने प्रमाण पत्र से मूलधन निकाल सकता है. आरंभिक दौर में यह पहले दो से ढ़ाई वर्षों तक इस पैसे को हाथ नहीं लगाया जा सकेगा. इस समय काल के बाद मूलधन निकाला जा सकेगा. यद्यपि यह एक उपयोगी राह है किन्तु ऐसा भी हो सकता है कि मूल्य धन निकाल देने के बाद आपको प्राप्त ब्याज दर में कमी आये. इस प्रमाण पत्र की पूर्ण राशि तब प्राप्त की जा सकेगी, जब प्रमाण पत्र धारक की मृत्यु हो जाए. इस दौरान पूरे दस्तावेजों का पूर्ण निरिक्षण होगा और राशि दी जायेगी.
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किसान विकास पत्र के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज (Required Documents)
किसान विकास पत्र (Kisan Viakas Patra) के लिए धारक को निम्न दस्तावेज पोस्ट ऑफिस अथवा बैंक में देना होगा
- दो पासपोर्ट साइज़ फोटो
- आइडेंटिटी कार्ड (राशन कार्ड, चुनाव परिचय पत्र,पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स आदि.)
- एड्रेस प्रूफ (बिजली बिल,टेलीफोन बिल,बैंक पासबुक आदि )
- अगर इन्वेस्टमेंट 50000 रूपये से अधिक का हैं उस स्थिती में पैन कार्ड अनिवार्य हैं.
किसान विकास पत्र के खो जाने पर :
अगर किसी कारण से धारक का किसान विकास पत्र खो जाता हैं या चोरी कर लिया जाता हैं तो वह पोस्ट ऑफिस अथवा बैंक से उसे पुन: प्राप्त कर सकता हैं.
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प्रमाण पत्र कौन प्राप्त कर सकते हैं (kisan vikas patra eligibility)
इस प्रमाण पत्र को प्राप्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम तय किये गये हैं, जिसका नीचे वर्णन किया है.
- दो व्यस्क व्यक्ति एक साथ इस प्रमाण पत्र को प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए दोनों व्यक्तियों को एक साथ एक जॉइंट अकाउंट देने की आवश्यकता होती है, ताकि यह प्रमाणित हो सके कि दोनों वैचारिक रूप से प्रमाण पत्र लेने के लिए एकमत हैं.
- इस योजना के अंतर्गत आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक का होना आवश्यक है. साथ ही आवेदक का भारत का निवासी होना भी अनिवार्य है. आवेदक अन्य देश का हो सकता है किन्तु उसके पास औपचारिक रूप से भारत का निवासी होने का दस्तावेज होना अनिवार्य है.
- आवेदक केवल अपने नाम से भी प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं. इसी के साथ किसी 18 वर्ष से कम वर्ष के बच्चे के लिए भी कोई आवेदक प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकता है. इसके लिए आवेदक का अपने आवेदन पत्र के साथ 18 वर्ष से कम के बच्चे की समस्त जानकारियां दस्तावेजों के रूप में संलंग्न होनी चाहिये.
- इस योजना के अंतर्गत कोई ट्रस्ट भी सभी कानूनी दस्तावेजों के साथ यह प्रमाण पत्र खरीद सकता है. इस योजना का लाभ हिन्दू अनडिवाइडेड फॅमिली अथवा एनआरआई भी आ सकते हैं.
किसान विकास पत्र के लाभ (Benefits)
- 100 महीने में पत्र की कीमत 2 गुनी होगी अर्थात आपने जितना इन्वेस्ट किया हैं उसका दो गुना आपको मिलेगा.
- जिसमे वर्तमान ब्याज दर 8.70% हैं
- किसान विकास पत्र ट्रान्सफर किये जा सकते हैं अर्थात धारक इसे किसी अन्य को दे सकता हैं जिसके लिए बैंक अथवा पोस्ट ऑफिस के ऑफिसर को एप्लीकेशन देनी होगी लेकिन अन्य धारक भी पॉलिसी के अनुरूप योग्य होना चाहिये.
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किसान विकास प्रमाण पत्र में धोखाधड़ी (kisan vikas patra black money)
इस योजना की सहायता से कई लोग मनी लौन्डरिंग का कार्य कर रहे थे, जिस वजह से इस योजना को एक लम्बे समय तक बंद रखा गया था. इस बार केंद्र सरकार ने वर्ष 2014 में इसके संरचना में परिवर्तन किया था.
आइडेंटिटी स्लिप की आवश्यकता (KVP identity slip)
इस प्रमाण पत्र के साथ आवेदकों को इस योजना के अंतर्गत एक आइडेंटिटी स्लिप प्राप्त हो सकेगा. इसमें वह सभी जानकारियां दी रहेंगी जिससे यह पता चल सके कि किसी प्रमाण पत्र का लाभार्थी कौन है. इसी के साथ यह भी दिया रहेगा कि कब इस प्रमाण पत्र को कैश कराया जा सकता है. इस स्लिप में पोस्टमास्टर का हस्ताक्षर रहेगा.
किसान विकास पत्र का ट्रान्सफर: (kisan vikas patra transfer procedure)
इस योजना के अंतर्गत सबसे बड़ी सहूलियत यह है कि किसी नाम का सर्टीफिकेट किसी दूसरे के नाम पर ट्रान्सफर कराया जा सकता है. यह तब भी किया जा सकेगा जब किसी व्यक्ति को प्रमाण पत्र होल्डर से अधिक पैसे की जरुरत हो. इसके लिए प्रमाण पत्र होल्डर को किसी पोस्ट ऑफिस से इससे सम्बंधित फॉर्म लेकर भरने की आवश्यकता होती है.
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किसान विकास पत्र टैक्स बेनिफिट (kisan vikas patra under income tax act or taxability)
इस योजना के अंतर्गत इस प्रमाण पत्र से जो आय होती है, उसे टैक्स के अंतर्गत रखा गया है. मैच्योरिटी या परिपक्वता के बाद हालाँकि पैसे उठाने पर किसी तरफ का टैक्स नहीं काटा जाएगा. इससे यह भी ज़ाहिर होता है, कि पैसा मैच्योरिटी के बाद ही प्राप्त किया जा सकेगा.
किसान विकास प्रमाण पत्र के नए नियम (kisan vikas patra new rules in hindi)
इस योजना में रोकथाम को रोकने के लिए कुछ विशेष नियम बनाये गये है.
- इस योजना के अंतर्गत 50,000 से अधिक का निवेश करने पर व्यक्ति को अपने समस्त दस्तावेजों के साथ पैन कार्ड भी देना होगा. क्योंकि भारतीय सरकार ने 50 हजार से ऊपर की राशि का स्थानांतरण करने पर पैन कार्ड दिखाना आवश्यक कर रखा है.
- इस योजना के आधार पर जो भी व्यक्ति 10 लाख या उससे अधिक का निवेश करता है. उसे समस्त आवश्यक दस्तावेजों के साथ इनकम डेटा भी जमा करना होता है.
- यह इस लिए आवश्यक है कि इससे किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति का जायजा लिया जा सकेगा और यह तय होगा कि निवेश करने वाला बिना किसी आर्थिक संकट के राशि निवेश कर रहा है साथ ही इससे आवेदक के आय के मार्ग का भी पता चल सकेगा.
- इन शर्तों के अनुसार यदि प्रतिनिधियों द्वारा अन्य तरह के दस्तावेजों की मांग की जाती है, तो आवेदक को देना पड़ेगा ताकि यह तय किया जा सके कि आवेदक किसी तरह के ग़लत रिकॉर्ड के साथ नहीं है.
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साल 1988 व साल 2014 के किसान विकास पत्र में अंतर ( Difference Between Year 1988 and 2014 Kisan Vikas Patra)
अंतर बिंदु | 1988 किसान विकास पत्र | 2014 किसान विकास पत्र |
समय अवधि | 8 वर्ष 7 महीने | 8 वर्ष 4 महीने |
लाभ | दो गुना | दो गुना |
किसान विकास पत्र कीमत | 100, 500, 1000, 5000 10,000 रुपये | 1000, 5000, 10,000 50,000 रुपये |
वार्षिक चक्रवर्ती ब्याज दर | 8.2 % | 8.7 % |
पैन कार्ड | पैन कार्ड जरुरी नहीं | 50000 से अधिक के व्यय पर पैन कार्ड अनिवार्य हैं एवम 10 लाख से अधिक के व्यय पर आपको कमाई का ब्यौरा देना होगा. |
अन्य नियम: (Kisan vikas patra rules )
हालाँकि यह एक बेहद अच्छी योजना है, किन्तु इसके अंतर्गत यह आवश्यक नहीं, कि सभी लोगों को लाभ प्राप्त हो सके. इस योजना की कुछ विशिष्ट सीमाएं हैं, जिसकी जानकारी को निम्नलिखित दिया गया है.
- इस योजना के अंतर्गत इंटरेस्ट रेट उसी दर का है, जो आम तौर पर अन्य निवेश में प्राप्त होता है. इस योजना के अंतर्गत पैसे का लॉक इन पीरियड किसी अन्य बैंक से अधिक समय का है, अतः मैच्योरिटी में अपेक्षाकृत अधिक समय लगता है.
- इस प्रमाण पत्र के अंतर्गत लाभ पर टैक्स का दर लाभ राशि पर निर्भर करेगा. इस लाभ पर टैक्स के हिसाब करने के लिए किसी टैक्स एक्सपर्ट से बात की जा सकती है.
टेबल 1000 रुपये के भुगतान पर किस वर्ष में उपभोक्ता को कितनी राशि मिलेगी
समय अवधि | प्राप्त राशि |
2.5 वर्ष – 3 वर्ष | 1201 |
3 वर्ष – 3.5 वर्ष | 1246 |
3.5 वर्ष – 4 वर्ष | 1293 |
4 वर्ष- 4.5 वर्ष | 1341 |
4.5 वर्ष- 5 वर्ष | 1391 |
5 वर्ष- 5.5 वर्ष | 1443 |
5.5 वर्ष – 6 वर्ष | 1497 |
6 वर्ष- 6.5 वर्ष | 1553 |
6.5 वर्ष- 7 वर्ष | 1611 |
7 वर्ष- 7.5 वर्ष | 1671 |
7.5 वर्ष- 8 वर्ष | 1733 |
8 वर्ष (वयस्कता की अवधि के पूर्व ) | 1798 |
वयस्कता की अवधि पूर्ण होने पर | 2000 |
इस प्रकार उपरोक्त सारणी के अनुसार धारक अपने के व्यय के हिसाब से उसे कितना धन मिलेगा उसका अनुमान लगा सकता हैं.
FAQ –
Ans: यह एक बचत योजना है, जो लम्बे समय तक लोगों को निवेश करने का मौका देता है.
Ans: हर तिमाही
Ans: 1 अक्टूबर 2020 से 31 दिसम्बर 2020 की ब्याज दर 6.9%
Ans: 124
Ans: अधिकतम 1000 रूपए और न्यूनतम 100 रूपए
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