इस कहानी के जरिये जाने की वास्तव में मानव धर्म होता क्या हैं ? कई बार महान तपस्वी को भी मोक्ष नहीं मिलता, ऐसा क्यूँ ? कलयुग में क्या होना चाहिये धर्म की परिभाषा ? किस तरह धार्मिक कर्म काण्ड करके लोग अपने आपको ज्ञानी मानते हैं पर क्या वास्तव में यह धर्म हैं |

क्या हैं मानव धर्म ?
(कैसे एक महान संत को नहीं मिला मोक्ष का मार्ग)
एक महान संत थे जो बहुत ही प्रचंड तपस्वी थे | उन्हें कई शास्त्रों का ज्ञान था | कई श्लोक मुँह जबानी याद थे | उनकी बुद्धिमानी के चर्चे मीलो तक थे |संत दिन रात प्रत्येक पल भगवान् की भक्ति में लगे रहते थे | कठिन से कठिन तपस्या करते थे लेकिन उन्हें सेवा में रूचि नहीं थी | उन्हें लगता था सेवा से ज्ञान नहीं मिलता | केवल ईश्वर के ध्यान से ही जीवन तरता हैं | इसलिए वे दिन रात ईश्वर भक्ति में तल्लीन रहते थे | ना उन्हें किसी अन्य से लेना था ना देना | ना किसी का भला करते थे और नाही बुरा | ऐसे व्यक्ति से समाज को कोई खतरा नहीं होता | उन्हें लोग अच्छा ही मानते हैं | इसी कारण इनकी प्रसिद्धी सभी जगह थी |
एक दिन, संत अपनी साधना के लिए वाट वृक्ष के नीचे बैठे | अचानक ही वही बैठे- बैठे उनके प्राण निकल गये | मृत्यु के बाद जब उनके सामने चित्रगुप्त आये तो उन्होंने संत को कहा- हे तपस्वी ! तुम्हारी तपस्या और ईश्वर भक्ति को देख कर, तुम्हे एक कुलीन, प्रतिष्ठित परिवार में अगला जन्म दिया जायेगा | यह सुनकर संत दुखी स्वर में बोले – हे चित्रगुप्त ! मैंने वर्षो तपस्या की, उसमे कोई कमी नहीं रखी | किसी प्राणी को दुःख नहीं दिया | फिर भी मुझे मोक्ष की प्राप्ति क्यूँ नहीं हो रही ? इस पर चित्रगुप्त ने संत को धर्मराज के सामने पैश किया |
संत ने अपनी सारी व्यथा धर्मराज से कही | अपने सारे धार्मिक कर्म कांड के बारे में विस्तार से कहा | यह सब सुनकर धर्मराज मुस्कराये और उन्होंने कहा – हे वत्स ! वास्तव में तुम मानव धर्म को जान ही नहीं पाये | मुझे पता हैं तुमने कठिन से कठिन तप किया | किसी को कष्ट नहीं दिया लेकिन तुमने परोपकार भी नहीं किया | अपने अर्जित ज्ञान से किसी अज्ञानी की मदद नहीं की | किसी रोगी का उपचार नहीं किया | किसी भटके राही को सही मार्ग नहीं दिखाया | वास्तव में तुम जानते ही नहीं हो कि परोपकार ही असल मायने में मानव धर्म हैं | सेवा भाव ही मानव जीवन का आधार होना चाहिये | इस तरह संत को अपनी भूल का ज्ञान हुआ और उन्होंने अपने अगले जन्म में तप के साथ सेवा भाव को भी जीवन का लक्ष्य बनाया फिर उन्हें वर्षो बाद मोक्ष की प्राप्ति हुई |
शिक्षा:
वास्तव में इन्सान को यह पता ही नहीं होता कि धर्म क्या हैं और वो दिन रात धार्मिक कर्म काण्ड में लगा रहता हैं | जैसे हमेशा एक बात सुनने में आती हैं कि तीज त्यौहार पर लोग ब्राह्मण को दान देते और भोजन कराते हैं | भले ब्राह्मण सम्पन्न हो, खुद चार पहिये के वाहन में घूमता हो, लेकिन बड़े शान से उसे दान दिया जाता हैं और वो स्वीकार भी करता हैं | आप खुद ही सोचिये ऐसे दान का क्या महत्व होगा | अगर आप यही दान किसी गरीब को देंगे तो शायद उसकी कई दिनों की भूख शांत होगी | उसे जीने का सहारा मिलेगा |
कई घंटो तक पूजा करना या भजन करना गलत नहीं हैं लेकिन अगर यही वक्त किसी अनपढ़ को पढ़ाने अथवा किसी रोगी कि सेवा में लगाये तो किसी का भला जरुर होगा और ईश्वर की नज़रों में यह उसकी सच्ची उपासना ही होगी |
कई लोग बहुत दान दक्षिणा देते हैं | कई भंडारे एवम पूजा पाठ करते हैं लेकिन वही किसी गरीब भिखारी को फटकार कर भगा देते हैं | क्या यह धर्म हैं ?
हमेशा ही सब्जी, फल लेते वक्त पैसे का मौल भाव करते हैं, लड़ते हैं | कई बार जबरजस्ती कम पैसे में किसी गरीब से सब्जी या फल ले भी लेते हैं लेकिन वहीँ मॉल, सुपर मार्केट अथवा ऑनलाइन शॉपिंग बिना किसी सवाल के करते हैं | क्या कभी सोचा हैं किसी गरीब से पांच से दस रुपये कम करवाने में आप कितने अमीर हो गये | लेकिन हाँ उस सब्जी वाले के लिए इस कारण महीने की कम से कम पांच राते खाली पेट सोई होंगी |
वास्तव में धर्म क्या हैं इसी का ज्ञान इसके जरिये हम आपको, अपने आपको समझाना चाहते हैं | आज कलयुग के दौर में मोक्ष प्राप्ति की तो कोई नहीं सोचता | हाँ, लेकिन सभी एक संपन्न एवम निरोग जीवन की कामना करते हैं | और अगर हम ईश्वर में यकिन करते हैं तो हमें कर्म और उसके फल में यकिन रखना ही होगा | हमारे कर्म ही हमें अच्छा या बुरा फल दे सकते हैं |
इस कहानी से आपको क्या शिक्षा मिली ? और आप अपने आप में क्या बदलाव करेंगे इसे पढ़ने के बाद हमें अवश्य बतायें |
अन्य हिंदी कहानियाँ एवम प्रेरणादायक प्रसंग के लिए चेक करे हमारा मास्टर पेज
Karnika
Latest posts by Karnika (see all)
- कबीर दास के दोहे हिंदी अर्थ सहित, जीवन परिचय व जयंती | Kabir ke Dohe and Poem Jayanti in hindi - February 23, 2021
- प्रधानमंत्री आवास योजना 2021 | Pradhan Mantri Awas Yojana In Hindi - February 21, 2021
- (रजिस्ट्रेशन) आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना 2021 ऑनलाइन आवेदन, लाभ व पात्रता - February 6, 2021