लाभ पंचमी 2020 महत्व, पूजा तिथि एवं मुहूर्त (Labh pancham 2020 significance, Pooja Date and Muhurt In Hindi)
लाभ पंचमी को सौभाग्य लाभ पंचम भी कहते है, जो मुख्यतः गुजरात में मनाई जाती है. ये दीवाली त्यौहार का आखिरी दिन होता है, जो पंचमी के दिन मनाते है. सौभाग्य का मतलब होता है अच्छा भाग्य और लाभ का मतलब अच्छा फायदा. इसलिए इस दिन को भाग्य और अच्छा लाभ का दिन माना जाता है. गुजरात में लाभ पंचमी के दिन दिवाली उत्सव का समापन होता है, और इस दिन को अत्यधिक शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि लाभ पंचमी के दिन पूजा करने से जीवन, व्यवसाय और परिवार में लाभ, अच्छा भाग्य, उन्नति आती है. गुजरात में सभी व्यवसायी दिवाली के बाद त्यौहार मनाकर इसी दिन वापस अपने काम को शुरू करते है. लाभ पंचमी गुजरात न्यू इयर के हिसाब से पहला कामकाजी दिन होता है.
लाभ पंचमी या लाभ पंचम 2020 कब मनाई जाती है (Labh Pancham Date) –
लाभ पंचम कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन आती है. इसे ज्ञान पंचमी, लाखेनी पंचमी भी कहते है.
लाभ पंचमी की तारीख | 19 नवम्बर |
पंचमी तिथि शुरू | 18 नवम्बर |
पंचमी तिथि खत्म | 19 नवम्बर |
लाभ पंचमी पूजा मुहूर्त | सुबह 06:42 से 10:21 तक |
लाभ पंचम व लाभ पंचमी तारीख (Labh Pancham Dates)
सन | दिनांक | |
1 | 2016 | 5 नवम्बर |
2 | 2017 | 25 अक्टूबर |
3 | 2018 | 12 नवम्बर |
4 | 2019 | 1 नवम्बर |
5 | 2020 | 19 नवम्बर |
6 | 2021 | 9 नवम्बर |
7 | 2022 | 29 अक्टूबर |
8 | 2023 | 18 नवम्बर |
9 | 2024 | 6 नवम्बर |
10 | 2025 | 27 अक्टूबर |
लाभ पंचम का महत्व (Labh Pancham significance ) –
लाभ पंचमी के दिन किसी नए व्यवसाय के काम को शुरू करना बहुत शुभ मानते है. गुजरात में इस त्यौहार का बहुत महत्व है, वहां इसको बड़ी धूमधाम से मनाते है. इस दिन से वहां व्यवसायी लोग नया बहीखाता शुरू करते है, वहां इसे खातु कहते है. इसमें सबसे पहले कुमकुम से बायीं तरफ शुभ और दाहिने तरफ लाभ लिखते है. इसके बीच में साथिया बनाते है. इस दिन हिन्दू लक्ष्मी की पूजा करते है. जैन समुदाय ज्ञानवर्धक पुस्तक की पूजा करते है, साथ ही और अधिक बुद्धि ज्ञान के लिए प्राथना करते है.
लाभ पंचमी मनाने का तरीका (How to celebrate Labh Pancham Puja) –
- दिवाली के दिन जो लोग शारदा पूजन नहीं कर पाते है, वे अपनी दुकाने, व्यवसायी संस्थान खोलकर पूजन करते है.
- इस दिन लोग लक्ष्मी एवं गणेश पूजन करके भी सुख समृधि, ऐश्वर्य की प्राथना करते है.
- लाभ पंचमी के दिन रिश्तेदार, मित्रगण एक दुसरे के घर जाते है, और मिठाई, उपहार का आदान-प्रदान करते है. कहते है ऐसा करने से रिश्तों में और मिठास आती है.
- भारत के कुछ क्षेत्र में लाभ पंचमी के दिन लोग विद्या की पूजा करते है, और बुद्धि, ज्ञान के लिए प्राथना करते है.
- लाभ पंचमी के दिन लोग कपड़े, मिठाई, पैसे और अन्य जरुरी समान को जरुरी लोगों में बांटते है.
- लाभ पंचमी के दिन लोग एक दुसरे को आने वाले समय में अच्छे लाभ के लिए बधाई देते है. वैसे बड़े – बड़े शास्त्रों और साधू लोगों के अनुसार मानव जीवन को प्राप्त करना ही सबसे बड़ा लाभ है, इस बात को याद रखते हुए मनुष्य को सांसारिक बातों के पीछे न भागते हुए, आत्मिक बातों की ओर ध्यान लगाना चाहिए और सच्चे पिता परमेश्वर और उनके प्रेम की खोज में लगे रहना चाहिए.
भारत के अन्य हिस्सों में दिवाली का त्यौहार भाई दूज के साथ ख़त्म हो जाता है. मध्य भारत, उत्तर भारत में ये पांच दिनों का त्यौहार होता है, जहाँ धनतेरस, नरक चौदस, दीपावली, अन्नकूट, भाई दूज का त्यौहार मनाते है. गुजरात में ये त्यौहार धनतेरस से शुरू होकर लाभ पंचमी में समाप्त होता है. दिवाली के बाद दुसरे दिन गुजरात में लोग पिकनिक में चले जाते है, वहां फॅमिली पिकनिक होती है, जो एक दिन की या 2-3 दिन की होती है. लाभ पंचमी के दिन ये सब लौटकर अपने कामकाज में जुट जाते है, और नए तरीके से काम शुरुवात करते है.
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Vibhuti
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