लखीमपुर खीरी केस उत्तर प्रदेश, मर्डर केस (UP Lakhimpur Kheri News in Hindi, Case, Farmers Protest BJP Leader Murder, Kya hai, Supreme Court, Full Details, News, Date), मुआवजा
लखीमपुर खीरी जिले से किसानों के विरोध की खबर सुर्खियां बटोर रही है। यह विरोध पहले तो देखने में अत्यंत सामान्य प्रतीत हो रहा था, पर बाद में इस ने ऐसा भीषण रूप लिया कि पूरे जिले में हाई अलर्ट लगाना पड़ा। तो आइए,इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बतलाते हैं कि यूपी के लखीमपुर खीरी में आखिर कैसे स्थिति इतनी गंभीर बनी और इस हिंसा का क्या परिणाम निकला।

लखीमपुर में क्या हुआ था?
किसानों ने रविवार की दोपहर को लखीमपुर खीरी से तिकुनिया तक मार्च करने का निर्णय लिया था, जिसके तहत हजारों किसान इस मार्च में शामिल होने वाले थे। इसी बीच किसानों को खबर मिली कि लखीमपुर खीरी से सांसद व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित होने वाला है, जिसके कारण डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बनबीरपुर गांव आने वाले हैं।
डिप्टी सीएम के आने की सूचना प्राप्त करने पर किसानों ने महाराजा अग्रसेन स्पोर्ट्स ग्राउंड में हेलीपैड साइट को अपने कब्जे में ले लिया। इसके परिणाम स्वरूप डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम में बदलाव हो गया और वह लखनऊ से सड़क मार्ग के द्वारा लखीमपुर पहुंचे।
लखीमपुर खीरी घटना में हिंसा
किसानों में काफी रोष भरा पड़ा था। उन्होंने तिकुनिया में केशव प्रसाद मौर्य के स्वागत में लगाए गए होल्डिंग्स को नष्ट कर दिया। पलिया ,बिजुआ, खजूरिया ,संपूर्णानगर भीरा जैसे अनेक गांवों से किसान अपने हाथ में काले झंडे लेकर विरोध जताने को पहुंच गए। किसान गृह राज्य अजय मिश्र टेनी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने की मंशा से तिकुनिया बनबीरपुर मोड़ पर जमा हो गए।
लखीमपुर खीरी घटना कब हुई
लखीमपुर खीरी घटना का यह भयानक वाक्या 3 अक्टूबर दिन रविवार को हुआ था. इस वाकया के बाद विपक्ष एवं किसानों द्वारा काफी विरोध प्रदेशन किया गया था.
किसानों की नाराज़गी
दरअसल किसान केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा (जिन्हें मोनू के नाम से भी जाना जाता है) और उनके समर्थकों के खिलाफ रोष प्रकट करना चाहते थे। किसानों का यह आरोप है कि अजय मिश्रा और उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ियां चला दी थी। इसके परिणाम स्वरुप किसानों ने मोनू की गाड़ी के साथ साथ तीन अन्य गाड़ियों को भी आग में फूंक दिया। किसानों में इतना गुस्सा था कि उन्होंने तीन गाड़ियों को आग की चपेट में देने के बाद बाकी वाहनों को पलट दिया।
लखीमपुर में सुरक्षा के लिए कदम
घटना के भीषण रूप धारण करने के कारण केंद्रीय बलों की पांच और पीएसी की तीन कंपनियों को तैनात किया गया है। जिले में हालत को स्थिर करने के लिए इंटरनेट की सेवाएं अभी फिलहाल बंद कर दी गई है, वहीं इस घटना की समुचित जांच के लिए सरकार ने सरकारी अफसरों की एक टीम आवंटित की है। इस टीम में अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी, एडीजी प्रशांत कुमार, मंडलायुक्त रंजन कुमार ,आईजी रेंज लखनऊ लक्ष्मी सिंह को रखा गया है।
क्या कहा आशीष मिश्रा ने
आशीष मिश्रा ने किसानों द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे। उनका कहना है कि वह उस वक्त दंगल यानी कार्यक्रम स्थल पर मौजूद थे। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर उनकी मौजूदगी के कोई साक्ष्य नहीं है। आशीष का कहना है कि गाड़ी उनका ड्राइवर चला रहा था और वह उस वक्त घटनास्थल से 4 किलोमीटर दूर एक कार्यक्रम में मौजूद थे। उनका यह भी मानना है कि इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए।
विपक्ष का रवैया
विपक्ष सोमवार को सरकार के विरुद्ध लखीमपुर खीरी में डेरा डालेगा और अपना विरोध प्रकट करेगा। हाल ही में यूपी की सरकार ने गन्ना मूल्य बढ़ाया है और किसान के हित में कई फैसले लिए हैं। पर लखीमपुर की इस घटना से यूपी की सरकार को काफी झटका पहुंचा है ।इस हिंसक घटना के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर राजनीतिक हमला बोल दिया है।
वहीं यूपी के मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से अपील की है कि वह अपने घरों में रहे और किसी के बहकावे में ना आएं। उन्होंने शांति बनाए रखने के लिए आम जनता को योगदान देने की दरख्वास्त की है ।उन्होंने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
किसानों का गुस्सा
इस घटना के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को देशभर में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है ।यह प्रदर्शन जिलाधिकारियों व आयुक्तों के कार्यालयों के बाहर किया जाएगा। किसान नेताओं ने इस घटना की जांच उत्तर प्रदेश प्रशासन की जगह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से करवाने की मांग की है।
FAQ
Ans : किसनों द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन था जिसमें काफी हिंसा हुई थी और कुछ किसानों की मृत्यु हो गई थी.
Ans : उत्तरप्रदेश में
Ans : किसान
Ans : लगभाग 8 से 10
Ans : सुप्रीम कोर्ट में
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