Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

रामायण के रचियता महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय, कौन थे, किसके पुत्र थे, जयंती kab hai 2024, निबंध Maharshi Valmiki Biography

महर्षि वाल्मीकि का जीवन परिचय (जीवनी), कौन थे, 2024 निबंध जयंती, जन्म, आश्रम, रामायण, महत्व भजन (Maharishi Valmiki, Ramayan, Birth, Place, Biography in Hindi)

आपको पता चलेगा वाल्मीकि जी जो कि रामायण के रचियता थे वास्तव में एक डाकू थे. वाल्मीकि जयंती अर्थात एक ऐसा दिन जब महान रचियता वाल्मीकि जी का जन्म हुआ. इनकी महान रचना से हमें महा ग्रन्थ रामायण का सुख मिला. यह एक ऐसा ग्रन्थ हैं जिसने मर्यादा, सत्य, प्रेम, भातृत्व, मित्रत्व एवम सेवक के धर्म की परिभाषा सिखाई.

वाल्मीकि जी के जीवन से बहुत सीखने को मिलता हैं, उनका व्यक्तितव साधारण नहीं था. उन्होंने अपने जीवन की एक घटना से प्रेरित होकर अपना जीवन पथ बदल दिया, जिसके फलस्वरूप वे महान पूज्यनीय कवियों में से एक बने. यही चरित्र उन्हें महान बनाता हैं और हमें उनसे सीखने के प्रति प्रेरित करता हैं.

Maharshi Valmiki Jayanti

महर्षि वाल्मीकि परिचय (Introduction)

नाममहर्षि वाल्मीकि
वास्तविक नामरत्नाकर
पिताप्रचेता
जन्म दिवसआश्विन पूर्णिमा
पेशाडाकू , महाकवि
रचनारामायण

रामायण में रावण ने सीता हरण किया इसके पीछे एक कहानी थी.

वाल्मीकि जीवन से जुड़ी प्रेरणादायक घटना (Story)

महर्षि वाल्मीकि का नाम रत्नाकर था और उनका पालन जंगल में रहने वाली भील जाति में हुआ था, जिस कारण उन्होंने भीलों की परंपरा को अपनाया और आजीविका के लिए डाकू बन गए. अपने परिवार के पालन पोषण के लिए वे राहगीरों को लुटते थे, एवम जरुरत होने पर मार भी देते थे. इस प्रकार वे दिन प्रतिदिन अपने पापो का घड़ा भर रहे थे.

एक दिन उनके जंगल से नारद मुनि निकल रहे थे. उन्हें देख रत्नाकर ने उन्हें बंधी बना लिया. नारद मुनि ने उनसे सवाल किया कि तुम ऐसे पाप क्यूँ कर रहे हो ? रत्नाकर ने जवाब दिया अपने एवम परिवार के जीवनव्यापन के लिए. तब नारद मुनि ने पूछा जिस परिवार के लिए तुम ये पाप कर रहे हो, क्या वह परिवार तुम्हारे पापो के फल का भी वहन करेगा ? इस पर रत्नाकर ने जोश के साथ कहा हाँ बिलकुल करेगा. मेरा परिवार सदैव मेरे साथ खड़ा रहेगा. नारद मुनि ने कहा एक बार उनसे पूछ लो, अगर वे हाँ कहेंगे तो मैं तुम्हे अपना सारा धन दे दूंगा. रत्नाकर ने अपने सभी परिवार जनों एवम मित्र जनों से पूछा, लेकिन किसी ने भी इस बात की हामी नहीं भरी. इस बात का रत्नाकर पर गहरा आधात पहुँचा और उन्होंने दुराचारी के उस मार्ग को छोड़ तप का मार्ग चुना एवम कई वर्षो तक ध्यान एवम तपस्या की, जिसके फलस्वरूप उन्हें महर्षि वाल्मीकि नाम एवम ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्होंने संस्कृत भाषा में रामायण महा ग्रन्थ की रचना की.

इस प्रकार जीवन की एक घटना से डाकू रत्नाकर एक महान रचियता महर्षि वाल्मीकि बने.

रामायण में माता राजा दशरथ की दूसरी पत्नी रानी कैकई ने राम चन्द्र जी को वनवास भेजा था. इसके पीछे भी एक अद्भुत कहानी है.

कौन थे महर्षि वाल्मीकि (Who is Maharshi Valmiki)

वाल्मीकि एक डाकू थे और भील जाति में उनका पालन पोषण हुआ, लेकिन वे भील जाति के नहीं थे, वास्तव में वाल्मीकि जी प्रचेता के पुत्र थे. पुराणों के अनुसार प्रचेता ब्रह्मा जी के पुत्र थे. बचपन में एक भीलनी ने वाल्मीकि को चुरा लिया था, जिस कारण उनका पालन पोषण भील समाज में हुआ और वे डाकू बने.

  1. कैसे मिली रामायण लिखने की प्रेरणा ?

    जब रत्नाकर को अपने पापो का आभास हुआ, तब उन्होंने उस जीवन को त्याग कर नया पथ अपनाना, लेकिन इस नए पथ के बारे में उन्हें कोई ज्ञान नहीं था. नारद जी से ही उन्होंने मार्ग पूछा, तब नारद जी ने उन्हें राम नाम का जप करने की सलाह दी.
    रत्नाकर ने बहुत लम्बे समय तक राम नाम जपा पर अज्ञानता के कारण भूलवश वह राम राम का जप मरा मरा में बदल गया, जिसके कारण इनका शरीर दुर्बल हो गया, उस पर चीटियाँ लग गई. शायद यही उनके पापो का भोग था. इसी के कारण इनका नाम वाल्मीकि पड़ा. पर कठिन साधना से उन्होंने ब्रह्म देव को प्रसन्न किया, जिसके फलस्वरूप ब्रम्हदेव ने इन्हें ज्ञान दिया और रामायण लिखने का सामर्थ्य दिया, जिसके बाद वाल्मीकि महर्षि ने रामायण को रचा. इन्हें रामायण का पूर्व ज्ञान था.

  2. वाल्मीकि जी ने सबसे पहले श्लोक की रचना कैसे की ?

    एक बार तपस्या के लिए गंगा नदी के तट पर गये, वही पास में पक्षी का नर नारी का जोड़ा प्रेम में था. उसी वक्त एक शिकारी ने तीर मार कर नर पक्षी की हत्या कर दी, उस दृश्य को देख  इनके मुख से स्वतः ही श्लोक निकल पड़ा जो इस प्रकार था :
    मां निषाद प्रतिष्ठां त्वमगमः शाश्वतीः समाः।
    यत्क्रौंचमिथुनादेकम् अवधीः काममोहितम्॥
    अर्थात : जिस दुष्ट ने भी यह घृणित कार्य किया, उसे जीवन में कभी सुख नहीं मिलेगा.उस दुष्ट ने प्रेम में लिप्त पक्षी का वध किया हैं. इसके बाद महाकवि ने रामायण की रचना की.

वाल्मीकि रामायण संक्षित विवरण  (Ramayan History)

वाल्मीकि महा कवी ने संस्कृत में महा काव्य रामायण की रचना की थी, जिसकी प्रेरणा उन्हें ब्रह्मा जी ने दी थी. रामायण में भगवान विष्णु के अवतार राम चन्द्र जी के चरित्र का विवरण दिया हैं. इसमें  23 हजार श्लोक्स लिखे गए हैं. इनकी अंतिम साथ किताबों में वाल्मीकि महर्षि के जीवन का विवरण हैं.

वाल्मीकि महर्षि ने राम के चरित्र का चित्रण किया, उन्होंने माता सीता को अपने आश्रम में रख उन्हें रक्षा दी. बाद में, राम एवम सीता के पुत्र लव कुश को ज्ञान दिया.

जानिए रावण के जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में, कि आखिर क्यों रावण को तीनों लोकों का विजेता कहा जाता था.

वाल्मीकि जयंती कब मनाई जाती हैं (Valmiki Jayanti 2024)

वाल्मीकि जी का जन्म आश्विन मास की पूर्णिमा को हुआ था, इसी दिन को हिन्दू धर्म  कैलेंडर में वाल्मीकि जयंती कहा जाता हैं. इस वर्ष वाल्मीकि जयंती 17 अक्टूबर दिन गुरूवार, को मनाई जाएगी.

वाल्मीकि जयंती का महत्व  (Mahatv)

वाल्मीकि जी आदि कवी थे. इन्हें श्लोक का जन्मदाता माना जाता है, इन्होने ही संस्कृत के प्रथम श्लोक को लिखा था. इस जयंती को प्रकट दिवस  के रूप में भी जाना जाता हैं.

रामायण के अनुसार माता सीता के स्वयंवर में रावण ने भी हिस्सा लिया था.

कैसे मनाई जाती हैं वाल्मीकि जयंती (Celebration)

भारत देश में वाल्मीकि जयंती मनाई जाती हैं. खासतौर पर उत्तर भारत में इसका महत्व हैं.

  1. कई प्रकार के धार्मिक आयोजन किये जाते हैं.
  2. शोभा यात्रा सजती हैं.
  3. मिष्ठान, फल, पकवान वितरित किये जाते हैं.
  4. कई जगहों पर भंडारे किये जाते हैं.
  5. वाल्मीकि के जीवन का ज्ञान सभी को दिया जाता हैं ताकि उससे प्रेरणा लेकर मनुष्य बुरे कर्म छोड़ सत्कर्म में मन लगाये.

वाल्मीकि जयंती का महत्व हिन्दू धर्म में अधिक माना जाता हैं उनके जीवन से सभी को सीख मिलती हैं.

होम पेजयहाँ क्लिक करें

FAQ

Q : ऋषि वाल्मीकि कौन थे ?

Ans : महर्षि वाल्मीकि प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण के रचियता थे.

Q : वाल्मीकि किसके पुत्र थे ?

Ans : वाल्मीकि जी एक प्रचेता के पुत्र थे, जिन्हें ब्रम्हा जी का पुत्र कहा जाता है. हालांकि उनका बचपन में एक भिलानी ने अपहरण कर लिया था, जिसके बाद इनका भरण पोषण पोषण भील जाति के लोगों ने ही किया.

Q : वाल्मीकि जयंती 2024 में कितनी तारीख की है ?

Ans : वाल्मीकि जयंती 17 अक्टूबर को है.

Q : वाल्मीकि कौन सी कास्ट के थे ?

Ans : वाल्मीकि एक डाकू थे जिनका जन्म भील जाति में हुआ था. हालांकि वे भील जाति के नहीं माने जाते हैं, उन्हें ब्रम्हा जी का पुत्र कहा जाता है.

Q : वाल्मीकि का जन्म कहाँ हुआ ?

Ans : वाल्मीकि का जन्म भारत में हुआ.

Q : वाल्मीकि का असली नाम क्या है ?

Ans : वाल्मीकि का असली नाम डाकू रत्नाकर है.

अन्य पढ़े :

Karnika
कर्णिका दीपावली की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं| यह दीपावली के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं | यह दीपावली की SEO एक्सपर्ट हैं,इनके प्रयासों के कारण दीपावली एक सफल हिंदी वेबसाइट बनी हैं

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles