Manoj Sinha biography in hindi भारत के सोलहवें लोकसभा में भारत की तत्कालिक सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद मनोज सिन्हा, भारत के तात्कालिक राजनीति में एक बहुत बड़े नाम हैं. इनकी उम्र 57 वर्ष की है और ये ग़ाज़ीपुर से लोकसभा सांसद हैं. आईआईटी- बीएचयू के भूतपूर्व छात्र रह चुके मनोज सिन्हा तात्कालिक समय में भारत सरकार के संचार विभाग और रेल- राज्य विभाग में स्वतंत्र प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं. सक्रीय राजनीति में आने से पहले ये एक जनरल कौंसिल के सदस्य थे. भारतीय राजनीति में ये अपना नाम एक कुशल नेता के रूप में दर्ज कराने में सफ़ल हुए हैं. फिलहाल उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए इसका नाम सामने आ रहा है.

मनोज सिन्हा का जीवन परिचय
Manoj Sinha biography in hindi
मनोज सिन्हा का जन्म और शिक्षा (Manoj Sinha education)
मनोज सिन्हा का जन्म 1 जुलाई सन 1959 में उत्तरप्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले के मोहनपुरा नामक स्थान पर हुआ. ये ब्राम्हण जाती के भूमिहार वर्ग से ताल्लुक़ रखते हैं. इनकी माता का नाम श्रीमती वृन्दवासिनी देवी और इनके पिता का नाम बिरेन्द्र कुमार सिन्हा था. इन्होने यहाँ रहते हुए अपनी पढाई की और कालांतर में बनारस के आइआइटी –बीएचयू से अपना स्नातक बी.टेक से किया. ये सिविल इंजिनियर के छात्र थे. इसके बाद यहीं से इन्होने ऍम.टेक. की डिग्री भी हासिल की. सक्रिय राजनीति में आने से पहले ये जनरल कौंसिल, स्कूल ऑफ़ प्लानिंग सन 1999 -2000 में सदस्य थे. इसके अलावा ये ऊर्जा पर आधारित और सरकारी विश्वसनीयता पर आधारित कमिटी में भी सदस्य रहे.
मनोज सिन्हा का व्यक्तिगत जीवन (Manoj Sinha Personal Life)
बचपन खेत- खलिहान के बीच में गुजरने की वजह से ये अपने ह्रदय से एक किसान है. इस वजह से सिन्हा का झुकाव सदा पिछड़े गाँव की तरफ रहा. ये सदा ऎसी जगहों पर जाते और वहाँ के लोगों से उनकी समस्याओं को जानने में लगे रहते. ये ह्रदय से एक पर्यटक भी हैं. भ्रमण में रूचि होने की वजह से अक्सर ये अलग- अलग जगहों पर जाया करते हैं. न सिर्फ घूमने के लिए बल्कि नयी जगहों पर जाकर वजह की परेशानियों को और राजनैतिक गतिविधियों को भी समझने में लगे रहते हैं. इनका विवाह 8 मई 1977 ई में नीलम सिन्हा से हुआ. इनकी पत्नी बिहार के नालंदा ज़िले में आने वाले बिहार शरीफ़ की रहने वाली हैं. संतानों में इनका एक बेटा और एक बेटी है.
मनोज सिन्हा का राजनैतिक करियर (Manoj Sinha political Career)
अपने छात्र जीवन से राजनीति में दिलचस्पी लेने वाले मनोज सिन्हा के सक्रीय राजनैतिक कैरियर की शुरुआत तब हुई, जब वे सन 1982 में आइआइटी – बीएचयु के छात्र संघ का चुनाव जीतकर वहाँ के अध्यक्ष बने. इसके बाद उन्हें अपने राजनैतिक सफ़र में पीछे मुड़ कर नहीं देखना पडा. सन 1996 में वे पहली बार चुनाव जीतकर लोकसभा सदस्य बने इसके बाद पुनः 1999 में उन्होंने इसी जगह से फिर चुनाव जीता. सन 1989 से सन 1996 के बीच वे तात्कालिक सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के नेशनल कौंसिल के सदस्य भी बने. कई लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी घरेलु ज़मीन ग़ाज़ीपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. ये इनका तीसरी बार लोकसभा सांसद बनना हुआ. मनोज सिन्हा को भारत की तेरहवीं लोकसभा से अब तक बहुत अच्छा काम करते पाया गया है. उन्होंने लोकसभा में कई ऐसे सवाल उठाये जो आम ज़िन्दगी से जुड़े थे. लोकसभा में उनकी इस तरह की सक्रीय गतिविधियों को देखते हुए सभी ने उनकी खूब प्रशंसा की.
मनोज सिन्हा रेल मंत्रालय में काम करते हुए (Manoj Sinha Railway Minister)
मनोज सिन्हा रेल राज्य मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभारी के रूप में काम कर रहे हैं. उन्होंने रेल के लिए काम करते हुए 250 करोड़ के पैकेज की घोषणा की, ताकि नागरिकों के लिए रेल में सुविधाएँ बधाई जा सकें, तथा पुरानी सुविधाओं को और बेहतर की जा सके. पुराने रेल मंत्रियों से अलग उन्होंने नये प्लान की घोषणा करने के बजाये पुराने अपूर्ण प्रोजेक्ट को पूरा करने पर जोर दिया. हाल ही में एक सभा में उन्होंने कहा है कि वे भारतीय रेलवे के विकास के लिए बाध्य हैं, और इस वजह से यदि उन्हें कोई कड़े क़दम उठाने पड़े तो वो ज़रूर उठाएंगे.
इसके साथ ही वे हर वर्ष नए ट्रेनों को लोगों के लिए शुरू करने की योजना पर ध्यान दे रहे है. उन्होंने कहा कि भारतीय रेल में लगभग सवा दो लाख कर्मचारियों का पद खाली है, जिसे जल्द से जल्द भरने की कोशिश की जायेगी. इस क़दम से कई युवाओं को रोज़गार मिलेगा.
मनोज सिन्हा की कोशिश है कि भारतीय रेल में नए टेक्नोलॉजी का प्रयोग अधिक से अधिक हो. इससे भारतीय रेल की क्षमता में वृद्धि होगी और यात्रियों को सफ़र करने में आसानी होगी.
उन्होंने कहा कि रेलवे का बजट प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ से 1.21 लाख करोड़ कर दिया गया है. तात्कालिक समय में प्रतिदिन सात किलोमीटर रेलवे लाइन बिछाई जा रही है, जिसे जल्द से जल्द तेरह किलोमीटर करने की कोशिश है. साथ ही जीरो एक्सीडेंट और बेहतर रिजर्वेशन सिस्टम का टारगेट भी सन 2020 तक पूरा किया जाएगा. इसके साथ की भारत सरकार इसरो से भी बात कर रही है कि किस तरह रेलवे में स्पेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो. रेल बजट 2017 – 18 की कुछ मुख्य बातें यहाँ पढ़ें.
मनोज सिन्हा टेलिकॉम मिनिस्टर (Manoj Sinha Telecom Minister)
पिछले साल सन 2016 में रेल राज्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे मनोज सिन्हा को टेलिकॉम मिनिस्ट्री भी मिली. इन्हें रविशंकर प्रसाद की जगह पर रखा गया, जब रविशंकर प्रसाद को आईटी विभाग का कार्यभार सौंपा गया था. टेलिकॉम मिनिस्ट्री में भी वे बहुत अच्छा काम करते हुए नज़र आ रहे हैं. ये भारत संचार निगम लिमिटेड को आगे बढ़ने और उसकी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं.
इनकी कर्मठता और इनके साफ़ छवि को देखते हुए, इस साल हुए उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी द्वारा जीत लेने के बाद, इनका नाम उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर भी लिया जा रहा है. हालाँकि औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि मनोज सिन्हा ही उत्तरप्रदेश के भावी मुख्यमंत्री हो सकते हैं.
मनोज सिन्हा का सम्मान (Manoj Sinha Awards)
किसी नेता के लिए सबसे बड़ा अवार्ड उसे ईमानदार कहलाना होता है. तात्कालिक समय में भारत के लीडिंग मैगज़ीन में एक इंडिया टुडे ने मनोज सिन्हा को लोकसभा के साथ सबसे अधिक ईमानदार सदस्यों में सम्मिलित किया है. इस मैगज़ीन के अनुसार मनोज सिन्हा जैसे कुछ ही नेता हैं, जिन्होंने एमपी के फंड में आने वाले पैसों का अधिक से अधिक इस्तेमाल आम लोगों के लिए किया है.
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Vibhuti
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