हरियाणा मेरा पानी – मेरी विरासत योजना 2020-21 (7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन) (Mera Pani – Meri Virasat Yojana Haryana in Hindi) पंजीयन पोर्टल, दस्तावेज, पात्रता नियम at agriharyanaofwm.com
आज संपूर्ण देश में जल की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसीलिए जल का संरक्षण करना बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य हो चुका है। जल की समस्या को देखते हुए हरियाणा राज्य की सरकार ने अपने राज्य के प्रत्येक किसान जो धान की खेती नहीं करने का आव्हाहन किया हैं , जो इस खेती के अतिरिक्त अन्य श्रेणी की फसलों का उत्पादन करते हैं , ऐसे किसानों के लिए हरियाणा की सरकार ने ‘मेरा पानी – मेरी विरासत’ नामक योजना का शुभारंभ किया है।इस योजना के तहत हरियाणा राज्य सरकार ऐसे सभी किसानों को ₹7000 प्रति एकड़ का खेती प्रोत्साहन राशि प्रदान करने का निर्णय ले चुकी है। इस योजना के जरिए हरियाणा राज्य सरकार जल के संरक्षण हेतु एक नई पहल करना चाहती है। इस योजना के बारे में और उसकी विशेषताओं के बारे में विस्तार पूर्वक से जानते हैं। इसके लिए हमारे इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़े करें।

योजना का नाम | मेरा पानी – मेरी विरासत योजना |
राज्य | हरियाणा |
लांच की तारीख | 6 मई, 2020 |
लांच की गई | मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी द्वारा |
लाभार्थी | राज्य के किसान |
संबंधित विभाग | जल संरक्षण विभाग |
पोर्टल | agriharyanaofwm.com |
टोलफ्री नंबर | 18001802117 |
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मेरा पानी- मेरी विरासत योजना की कुछ महत्वपूर्ण बातें एवं इसका लाभ क्या है?
- हरियाणा राज्य की सरकार अपनी इस महत्वपूर्ण योजना के माध्यम से जल संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने में अपनी अहम भूमिका निभाना चाहती है , जिससे लोगों के बीच में भी जल संरक्षण को लेकर एक संदेश पहुंचे।
- आने वाली नई पीढ़ियों को किसी भी प्रकार से पानी की समस्या का सामना ना करना पड़े। इस वजह से सरकार इस योजना के जरिए उन सभी नव पीढ़ियों को एक जल विरासत भूमि प्रदान कर रही है।
- ऐसे सभी किसानों को जो धान की खेती को छोड़कर अन्य प्रकार के फसलों की खेती कर रहे हैं , उनको इस योजना के जरिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाने का कार्य किया जा रहा है।
- उन सभी ऐसे किसानों को सरकार इस योजना के अंतर्गत ₹7000 की प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी जो किसान धान की खेती को छोड़कर अन्य प्रकार की खेती को करने लगे हैं।
- इस योजना के ऐलान के साथ-साथ हरियाणा राज्य की सरकार ने ऐसे पंचायती क्षेत्र में जहां पर जल की गहराई 35 मीटर से अधिक है , ऐसे सभी क्षेत्रों में धान की खेती को ना करने की हिदायत दी हुई है।
- योजना में प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि को संबंधित ग्राम पंचायत में ही प्रदान किया जाएगा।
- राज्य के ऐसे क्षेत्र जहां पर जल का स्तर बहुत ही निम्न है और इसके अतिरिक्त ऐसे अभी क्षेत्र जहां पर किसानों ने धान की खेती को छोड़कर अन्य फसलों की खेती करना शुरू कर दिया है ।उन सभी किसानों को संबंधित विभाग में इसकी सूचना प्रदान करके योजना के लिए आवेदन करने का आदेश पहले से ही दिया गया है।
- इस योजना के जरिए हरियाणा सरकार सभी किसानों को ऐसी फसलों का पैदावार करने के लिए प्रोत्साहन कर रही है जिसमें धान के मुकाबले पानी की मात्रा कम लगती हो जैसे की :- मक्का , अरहर , उड़द , ज्वार , कपास , बाजरा ,तिल , ग्रीष्म ऋतु मूंग की खेती और वैशाखी मूंग की खेती भी शामिल है । इन सभी प्रकार की फसलों की पैदावार में सिंचाई के लिए जल की बहुत ही कम मात्रा लगती है।
- हरियाणा राज्य की सरकार ने कहा है , कि इस योजना के अंतर्गत मक्का की खेती करने वाले सभी प्रकार के किसानों को खेती करने के आवश्यक प्रकार के उपकरणों की भी उपलब्धता करवाएगी।
- हरियाणा राज्य सरकार 80% का अनुदान ऐसे किसानों को प्रदान करने का निर्णय ले चुकी है , जो धान की खेती के बजाय अन्य प्रकार के फसलों की खेती करते हैं , जिसमें पानी की मात्रा सिंचाई में कम लगती हो या फिर ड्रिप सिंचाई प्रणाली को अपनाते हैं।
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हरियाणा राज्य की मेरा पानी- मेरी विरासत योजना में आवेदन करने के लिए आवेदकों के लिए क्या पात्रता निश्चित की गई है?
- हरियाणा निवासी :-
इस योजना के अंतर्गत सिर्फ हरियाणा राज्य के निवासी को ही इस योजना के लिए योग्य माना जाएगा। क्योंकि यह योजना सिर्फ हरियाणवी किसानों के लिए ही है।
- धन की खेती करने वाले सभी किसान :-
ऐसे सभी किसान जो पहले धान की खेती करते थे , परंतु पानी की समस्या को देखते हुए उन्होंने अन्य प्रकार की खेती को करना शुरू कर दिया है , ऐसे सभी किसान योजना के लिए पात्र माने जाएंगे।
- इस योजना के लिए अन्य प्रकार की पात्रता :-
उन सभी प्रकार के किसानों को लाभ प्रदान करने के लिए शामिल किया गया है जिन्होंने धान की खेती के बदले में ऐसी फसल की खेती करना शुरू कर दिया है , जहां पर सिंचाई के लिए पानी की मात्रा बहुत कम लगती है या फिर ड्रिप सिंचाई प्रणाली को अपनाते हैं। ऐसे सभी किसानों को हरियाणा सरकार अन्य प्रकार की आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी ।
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मेरा पानी – मेरी विरासत योजना के लिए आवेदन करने हेतु किन प्रकार के महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता किसान भाइयों को पड़ेगी ?
यदि किसान भाई सरकार द्वारा निर्धारित योजना के उन सभी पात्रता मापदंडों पर खरे उतरते हैं , तो उनको मेरा पानी – मेरी विरासत योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए सर्वप्रथम कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी , जो इस प्रकार से निम्नलिखित हैं।
- हरियाणा राज्य का मूल निवासी प्रमाण पत्र :-
इस योजना के अंतर्गत सभी पात्र किसान भाइयों को हरियाणा राज्य का निवासी प्रमाण पत्र बनवाना आवश्यक होगा , तभी जाकर वे सभी इस योजना के लिए आवेदन कर पाएंगे - किसान कार्ड किसान / क्रेडिट कार्ड की आवश्यकता :-
इस योजना का लाभ केवल उन सभी किसान भाइयों को मिल सकेगा , जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड होगा । इसीलिए आप योजना के आवेदन करते समय किसान क्रेडिट कार्ड को भी ले जाना ना भूलें। - आवेदक का पहचान प्रमाण पत्र :-
योजना के लिए आवेदन करने वाले सभी लाभार्थी किसान भाइयों को उनका पहचान प्रमाण पत्र दिखाना आवश्यक होगा। सभी किसान भाई आधार कार्ड या फिर अपना निर्वाचन प्रमाण पत्र भी अपनी पहचान को प्रमाणित करने के लिए दिखा सकते हैं।
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मेरा पानी – मेरी विरासत योजना के अंतर्गत सभी किसान भाई-बहन अपना आवेदन किस प्रकार से कर सकेंगे ?
- हरियाणा में योजना के अंतर्गत सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल लांच कर दिया है.
- पोर्टल में किसान रजिस्ट्रेशन की लिंक मिलेगी, जिस पर क्लिक करके आप योजना का फॉर्म प्राप्त कर सकते है.
- फॉर्म में सारी जानकारी देने के बाद उसे सबमिट कर दे, जिसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन पूरा हो जायेगा.
हरियाणा राज्य की इस नई पहल से सभी नई पीढ़ियों को संदेश पहुंचेगा की , वर्तमान समय में जल का संरक्षण करके वे सभी लोग भविष्य की नव- पीढ़ियों को जल समस्या से मुक्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त हरियाणा राज्य की सरकार धान की खेती ना करने वाले सभी किसानों को ऐसी खेती करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करें , जिसमें सिंचाई हेतु जल का कम से कम प्रयोग हो सके । जल का संचय करना प्रत्येक मनुष्य जाति का सबसे पहला कर्तव्य है।
योजना का लाभ हरियाणा के उन किसान को मिलेगा, जिन्होंने अपनी कुल खेती वाली जमीन पर 50% या उससे अधिक में, धान को छोड़ कर किसी और अनाज की खेती की है.
धान की खेती छोड़ने पर अगर किसान सब्जी या फल की खेती करते है तो उन्हें बागवानी विभाग के अंतर्गत चलने वाली सभी दूसरी योजनाओं का लाभ भी मिलेगा.
धान की खेती में अत्यधिक पानी की आवश्यकता होती है, हरियाणा में पानी की कमी के चलते सरकार चाहती है कि कम से कम क्षेत्रफल में धान की खेती हो और किसान दूसरी खेती की तरफ प्रोत्साहित हों.
योजना के अंतर्गत किसानों को अपना नाम पंजीकरण कराना अनिवार्य है, इसके लिए वे www.agriharyanaofwm.com/ पोर्टल में जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते है.
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