अल्पसंख्यक छात्रों के लिए प्रधानमंत्री नई मंज़िल योजना [नौकरी, फॉर्म, पंजीयन] 2020-21 Pradhan Mantri Nai Manzil Yojana for Minorities Student in Hindi [Application Process, Eligibility Criteria, Documents, Stipend, Job, Training, Fee]
हमारे देश में अल्पसंख्यक समुदाय से सम्बन्ध रखने वाले ऐसे छात्र, जिन्होंने अपनी शिक्षा बीच में छोड़ दी है, उनकी सहायता के लिए एवं उन्हें बेहतर तथा स्थायी नौकरी प्रदान करने के लिए भारत की केंद्रीय सरकार ने एक कल्याण प्रणाली की शुरुआत की है, जिसका नाम “नई मंज़िल योजना” है. इस कल्याणकारी योजना में वे सभी छात्र शामिल हो सकेंगे, जो पिछड़े वर्ग के अल्पसंख्यक समुदाय से संबंध रखते हैं. साथ ही नई रोशनी योजना भी अल्पसंख्यक महिलाओ के लिये चलाई जा रही हैं .
योजना से जुड़ी जानकारी Information Related to the Scheme :
क्रमांक | योजना बिंदु | योजना की जानकारी |
1. | योजना का नाम | नई मंज़िल योजना |
2. | योजना की शुरुआत | 2015 |
3. | योजना का शुभारंभ | भारत के प्रधानमंत्री द्वारा |
4. | योजना का आयोजन | श्री मुख़्तार अब्बास नक़वी की उपस्थिति में |
5. | योजना की देखरेख | अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय |
6. | सरकारी दस्तावेज | http://www.minorityaffairs.gov.in/ |
7. | लक्ष्य | अल्पसंख्यक |
8. | योजना का प्रकार | कौशल विकास |
9. | इसी तरह की योजना | प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना |
योजना की विशेषताएँ Key Features of the Scheme :
- शिक्षा एवं कौशल प्रशिक्षण :- इस योजना के तहत, अल्पसंख्यक समूह से संबंध रखने वाले स्कूली छात्र जिन्होंने शिक्षा बीच में छोड़ दी है, विभाग न सिर्फ उन्हें शैक्षणिक योग्यता देने में सहायता करेगा, बल्कि उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्रदान करायेगा जिससे उन्हें भविष्य में मदद मिल सकेगी.
- वास्तविक प्रोज़ेक्ट का कार्यकाल :– केन्द्रीय सरकार की घोषणा के अनुसार, इस प्रोज़ेक्ट के लिए कुल अवधि 5 वर्ष तय की गई है. इस दौरान, इस योजना से संबन्धित सभी कार्यों को अच्छी तरह से दिए हुए परिभाषित चरणों में किया जायेगा.
- प्लेसमेंट उपलब्ध कराना :– पहले सभी प्रशिक्षण लेने वाले छात्रों को अकेडमिक एवं व्यावसायिक दोनों स्तर पर प्रशिक्षित किया जायेगा. विभाग उन्हें उपयुक्त प्लेसमेंट प्रदान करने में मदद करेगा, जोकि उनके लिए लाभकारी साबित होगा. इस पहल से लगभग 70 प्रतिशत प्रशिक्षित छात्रों को नौकरी देने का अनुमान लगाया गया है.
- अनुमानित उम्मीदवारों की संख्या :– इस योजना के कार्यान्वयन के साथ, सरकार की 1 लाख अल्पसंख्यक उम्मीदवारों की अकेडमिक एवं व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने की उम्मीद है.
- प्रशिक्षण की अवधि :– यह योजना 9 से 12 माह तक जारी रहेगी. इस दौरान कौशल प्रशिक्षण अवधि भी शामिल होगी, किन्तु कौशल प्रशिक्षण की अवधि 3 माह से ज्यादा नहीं होगी.
- पाठ्यक्रम पुल :– दूरस्थ (distance) शिक्षा प्रणाली के माध्यम से 8 वीं एवं 10 वीं कक्षा के स्तर की शिक्षा छात्रों को प्रदान की जाएगी. इस स्थिति से निपटने के लिए पुल शिक्षा प्रणाली का विकास एवं कार्यन्वयन किया जायेगा.
- पायलट प्रोजेक्ट :– इस समय, यह योजना देश के कुछ हिस्सों में पायलट आधार पर कार्यान्वित की गई है. सरकार ट्रेल आधारित कार्यान्वयन से होने वाले फायदे एवं गलतियों के बारे में और जानना चाहती है.
- प्रशिक्षण लेने वालों के लिए वेतन :– इस योजना में भाग लेने के लिए अल्पसंख्यकों को बढ़ावा देने के लिए, केन्द्रीय सरकार द्वारा प्रशिक्षण के दौरान एवं प्रशिक्षण की समाप्ति के बाद प्रत्येक व्यक्ति को मासिक आधार पर मौद्रिक अनुदान दिया जायेगा.
- संवेदनशीलता एवं जागरूकता :– इस योजना का एक अन्य दिलचस्प हिस्सा यह है कि इस योजना में युवा पीढ़ी के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए और उनके बेहतर जीवन एवं उन्हें कौशल प्रशिक्षण प्रदान कराने के लिए सरकार के प्रयासों को शामिल किया जायेगा.
- कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसीयां :– केन्द्रीय सरकार द्वारा उन एनजीओ और एजेंसीयों को आमंत्रण दिया जायेगा, जो इस योजना का हिस्सा बनना चाहते हैं. वे सभी कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसीयां होगी. उन्हें केंद्र सरकार द्वारा फाइनेंसियल मदत भी की जाएगी.
योजना का पात्रता मापदंड Eligibility Criteria of the Scheme :
- अल्पसंख्यक समुदाय का होना चाहिए :- यह एक स्थापित तथ्य है कि इस योजना में सिर्फ वे उम्मीदवार शामिल होंगे, जो किसी भी अल्पसंख्यक समूह से सम्बन्ध रखते हों. इस योजना में अल्पसंख्यक वर्चस्व वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भी नामांकित किया जायेगा, किन्तु उनकी कुल सीट 5% से ज्यादा नहीं होगी.
- विशिष्ट आयु का होना चाहिए :– यह एक आयु सम्बंधित मापदंड है जिसे उम्मीदवार को पूरा करना होगा. उनकी आयु 17 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
- आय संबंधित मापदंड :– यह योजना गरीब स्तर के अल्पसंख्यक युवाओं को ऊपर उठाने में मदद करेगी. अतः रूचि रखने वाले सभी उम्मीदवारों के पास BPL (गरीबी रेखा से नीचे) का प्रमाण पत्र होना आवश्यक है.
- योग्यता सम्बंधित मापदंड :– यह उल्लेखित किया गया है कि 8 वीं कक्षा के ब्रिज कोर्स के लिए नामांकन करने वाले उम्मीदवारों के पास 5 वीं कक्षा में उपस्थित होने का अकेडमिक प्रमाण पत्र होना चाहिए. इसी तरह 10 वीं कक्षा के ब्रिज कोर्स के लिए 8 वीं कक्षा का अकेडमिक प्रमाण पत्र होना चाहिए.
- सीट से संबंधित आरक्षण :- दिशानिर्देशों के अनुसार, इस प्रोज़ेक्ट में 15% गरीब जोकि अल्पसंख्यक उम्मीदवार नहीं हैं वे भी शामिल हो सकेंगे. कुल सीट का 5% अपंग लोगों के लिए आरक्षित किया जायेगा, जबकि 15% सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होंगी.
- एजेंसीयों के लिए मापदंड :- वे सभी एनजीओ और पीआईए, जो छात्रों को अकेडमिक एवं कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए इच्छुक हैं, उन्हें इस योजना के तहत पंजीकृत करना चाहिए. उन्हें योजना द्वारा निर्धारित अन्य सभी मापदंडों को भी पूरा करने की आवश्यकता है.
नई मंज़िल योजना के लिए आवेदन कैसे करें? How to Apply for the Nai Manzil Scheme :
सभी रुचिकर उम्मीदवार आवेदन प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की अधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं. इसमें उम्मीदवार ऑफलाइन या ऑनलाइन दोनों तरीको से अप्लाई कर सकतें है. इसके अलावा उन्हें सत्यापन प्रक्रिया के लिए भी डॉक्यूमेंट जमा करने होंगे. एक बार सत्यापन हो जाने के बाद, सभी उम्मीदवारों को एक एजेंसी की देखरेख के तहत रखा जायेगा, जोकि उम्मीदवार को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जिम्मेदार होगी.
योजना के तहत प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट Training and Placement under the Scheme :
- कौशल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण :- इस योजना में केवल वे एजेंसीज भाग लेने में सक्षम होंगी, जो खुद को यह दिखाते हुए योग्य साबित करेंगी कि उनके पास सकारात्मक ट्रैक रिकॉर्ड है. उन्हें ऐसे विशेषज्ञ होने की जरुरत है जो लाभकारी प्रशिक्षण प्रदान करेंगे.
- उम्मीदवारों का चयन :- एक बार रुचिकर आवेदकों द्वारा आवेदन कर देने के बाद चयन प्रक्रिया शुरू होगी. योग्य उम्मीदवारों को कोर्स का हिस्सा बनने के लिए चुना जायेगा.
- प्लेसमेंट के अवसर :– सफलतापूर्वक कोर्स पूरा हो जाने के बाद, सभी एनजीओ’स एवं पीआईए’स द्वारा सभी प्रशिक्षित उम्मीदवारों में से कम से कम 70 % लोगों को 3 महीने की अवधि के अंदर प्लेस किया जाना चाहिए.
- एमएसडीई मापदंडों का पालन होना चाहिए :– इस योजना के तहत, यह सुनिश्चित किया गया है कि योजना के पाठ्यक्रम से सम्बंधित सभी गतिविधियां एमएसडीई के नियमों एवं मापदंडों के अनुसार होनी चाहिए. यह भी बताया गया है कि उम्मीदवारों को उनकी क्षमता के अनुसार प्रशिक्षण दिया जायेगा.
- एनएसक्यूएफ मापदंड :- प्रशिक्षण मॉडयूल एवं पाठ्यक्रम की तैयारी एमईएस या क्यूपी-एनआईओएस में निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार की जाएगी. यह एनएसक्यूएफ मापदंडों के अंदर शेष एजेंसीयों की सहायता करेगी.
- स्थानीय स्तर पर इंडस्ट्रीज के साथ संचार विकसित करना :– प्रशिक्षण पूरा होने के बाद व्यक्तिगत रूप से नौकरियां प्रदान करने की जिम्मेदारी पीआईए की है. इसके लिए, उन्हें रोजगार की सम्भावनाओं को ज्यादा करने के लिए सभी स्थानीय स्तर पर आधारित इंडस्ट्रीज के साथ संपर्क में रहने की जरुरत है.
- प्लेस्ड उम्मीदवारों की गतिविधियों को ट्रैक करना :– पीआईए की जिम्मेदारी न सिर्फ उम्मीदवारों को नौकरियां एवं पोस्ट-प्लेसमेंट मौद्रिक अनुदान प्रदान करना है, बल्कि उनके द्वारा की जाने वाली गतिविधियों को ट्रैक करना भी है. यदि कोई उम्मीदवार अपनी नौकरी खो देता है तो पीआईए को उन्हें दूसरी नौकरी देनी होगी.
नई मंज़िल योजना में शुल्क एवं छात्रवृत्ति Fee and Stipend in Nai Manzil Scheme :
प्रशिक्षण के लिए किसी भी छात्र एवं एजेंसीज से शुल्क नहीं लिया जायेगा. वे एजेंसीज जो इस योजना का हिस्सा बनना चाहती हैं, उन्हें प्रत्येक चयनित उम्मीदवारों के लिए 56,500 रूपये की राशि प्रदान की जाएगी. इसमें प्रशिक्षण खर्च, आपूर्ति खर्च, उम्मीदवार अनुदान खर्च एवं अन्य खर्च शामिल होंगे. एजेंसीज को 3 अलग- अलग किस्तों में पैसा दिया जायेगा. किस्तों का अनुपात 30:50:20 होगा.
दूसरी तरफ, सभी चयनित उम्मीदवारों को उनकी भागीदारी के प्रोत्साहन एवं आगे बढ़ने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. इस अनुदान के भुगतान के लिए एजेंसीज जिम्मेदार होंगी.
- शर्त के अनुसार उम्मीदवार कुल 18,500 रूपये की राशि प्राप्त कर सकेंगे.
- इसमें 6 माह की अवधि के लिए अकेडमिक प्रशिक्षण के दौरान हर माह 1000 रूपये एवं
- कौशल प्रशिक्षण के दौरान हर माह 1500 रूपये भी शामिल होंगे.
- प्लेसमेंट के बाद, उम्मीदवार पोस्ट प्लेसमेंट अनुदान के रूप में 2 माह की अवधि के लिए 2000 रूपये का अनुदान प्राप्त करेगा.
Update
22/05/2018
केन्द्रीय सरकार की घोषणा के अनुसार, सरकार पहले से ही 50 मिलियन डॉलर की भारी राशि आवंटित कर चुकी है. यह पैसा विश्व बैंक से प्राप्त किया गया है. भारत सरकार के पास क्रेडिट बैंक का भुगतान करने के लिए 25 साल की अवधि है, और सहायता के लिए 5 साल की अतिरिक्त अवधि आवंटित की जाएगी. लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए वास्तविक लागत लगभग 100 मिलियन डॉलर हो सकती है.
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Karnika
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