Friendship Day Kavita Poem In Hindi दोस्ती पर कविता यह कविता मेरे दिल के बहुत करीब हैं | जब मैंने लिखना शुरू किया था | उन दिनों मैंने इन कविताओं को लिखा और आज में सभी से ये कवितायेँ शेयर कर रही हूँ |
यूँ तो दोस्त जिंदगी के हर मोड़ पर मिल जाते हैं, लेकिन जो दिल में कहीं बस जाते हैं वो अगर दूर हो जाये तो दुबारा नहीं मिलते | ऐसा ही कुछ भाव इन कविताओं में छिपा हुआ हैं |
दोस्ती पर कविता मेरा सच्चा साथी
Sachcha Sathi Kavita Friendship Love Poem in hindi
कहीं देखा हैं तुमने उसे
जो मुझे सताया करता था
जब भी उदास होती थी मैं
मुझे हँसाया करता था
एक प्यार भरा रिश्ता था वो मेरा
जो मुझे अब भी याद आता हैं
खो गया वक्त के भँवर में कहीं
जो हर पल मेरे साथ होता था
आज एक अजनबी की तरह हाथ मिलाता हैं
जो छोटी से छोटी बात मुझे बताया करता था
कहीं मिले वो किसी मोड़ पर
तो उसे मेरा संदेशा देना
कोई हैं जो आज भी उसका इंतजार कर रहा हैं
जिसे वो मेरा सच्चा साथी बोला करता था |

मेरा सच्चा साथी कविता में एक दोस्त के दिल की बात हैं, जो खुद अपने मित्र से नाराज हुआ बैठा हैं पर उसे याद किये बिना उसका मन ही नहीं लग रहा हैं | वो बार- बार चाह रहा हैं कि उसे उसका मित्र मनाये लेकिन वो उसकी तरफ देख ही नहीं रहा हैं | ऐसे मैं वो अपने अंदर उठने वाले विचारों को हर पल सोच रही हैं कि कैसे ये दोस्ती टूट गई | हम तो बहुत अच्छे साथी थे | दिल हर एक बात एक दुसरे से कहते थे | माना बहुत लड़ते थे लेकिन एक भी हो जाते थे | वो हर उस दोस्त के वापस आने का इंतजार कर रही हैं और हर किसी से कह कर उसे संदेशा भिजवा रही हैं कि मैं आज भी अपने दोस्त का इन्तजार कर रही हूँ तू पलट कर देख ले बस मैं झट से तेरा हाथ थाम लुंगी |
जाना पहचाना साथी
वो खुशियों की डगर , वो राहों में हमसफ़र,
वो साथी था जाना पहचाना, दिल हैं उसकी यादों का दीवाना |
वो साथ था जाना पहचाना ……….||
गम तो कई उसने भी देखे,
पर राहों में चले खुशियों को लेके|
दिल चाहता हैं हर दम हम साथ चलें,
पर इस राह में कई काले बादल हैं घने|
वो साथ था जाना पहचाना ……….||
मेरे आसुओं को था जिसने थामा,
मुझसे ज्यादा मुझको पहचाना|
चारों तरफ था घनघोर अँधियारा,
बनकर आया था जीवन में उजियारा|
वो साथ था जाना पहचाना ……….||
गिन-गिन कर तारे भी गिन जाऊ,
पर उसकी यादों को भुला ना पाऊ|
कहता था अक्सर हर दिन हैं मस्ताना,
हर राह में खुशियों का तराना|
वो साथ था जाना पहचाना ……….||
कहता हैं मुझे भूल जाना,
अपनी यादों में ना बसाना |
देना चाहूँ हर ख़ुशी उसे,
इसीलिए, मिटाना चाहूँ दिल से |
वो साथ था जाना पहचाना ……….||
By: कर्णिका पाठक
दोस्ती एक आईना हैं जो झूठ नहीं बोलता | आपको आपके व्यक्तितव से दोस्त ही परिचय करवाता हैं | आपके जीवन के अनमोल पल आपको दोस्तों से ही मिलते हैं |
दोस्त जो आपके सुख दुःख का साथी बनता हैं, जो आपको हिम्मत देता हैं | कठिन वक्त में जो आपके पीछे खड़ा होता हैं | हर कोई जानने वाला दोस्त नहीं होता हैं दोस्त वो होता हैं जो आपको आपसे ज्यादा बेहतर जानता और समझता हैं |
सच्चे दोस्त कभी आसानी से नहीं मिलते | हर एक मोड़ पर दोस्त तो बन जाते हैं लेकिन साथ निभाने वाले दोस्त किसी भी मोड़ पर छोड़कर नहीं जाते |
यह हिंदी कविता आपको कैसी लगी ? कभी-कभी अल्फाज़ कोई और लिख देता हैं लेकिन लिखी बाते व्यक्ति को उनके जीवन से जुड़ी यादें याद दिला जाती हैं | वो उन अलफ़ाजो में खुद को तलाशने लगता हैं | बीते पलो को याद करने लगता हैं | ये बीते पल कभी गम के, कभी ख़ुशी के आंसू छलका जाते हैं |इन बीते पलो को दोस्त ही यादगार बनाते हैं | बिना दोस्त जिंदगी में खुशियाँ नहीं आती |
माता, पिता भाई एवम बहन ये रिश्ते बहुत ही खास होते हैं लेकिन जब ये रिश्ते दोस्ती की भावना से जुड़ जाते हैं तो अमूल्य खजाना बन जाते हैं | मेरे जीवन में मेरी सबसे खास सहेली मेरी माँ ही हैं जिनसे मैं अपने दिल की हर बात शेयर करती हूँ | मेरी माँ भी मुझे एक दोस्त की तरह राह दिखाती हैं मेरी नादान हरकतों पर वो मुस्कुरा जाती हैं | अपने अनुभव की छाया से वो मुझे हर मुसीबत से दूर कर देती हैं | मेरी सच्ची सहेली तो केवल मेरी माँ हैं |
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