School Bag Policy In Hindi क्या है सरकार की नई स्कूल बैग नीति, क्या हैं इसके नियम
लॉक डाउन की वजह से स्कूल बंद है तब तक बच्चे घर पर आराम फरमा रहे हैं परंतु स्कूल खुलते ही बच्चों के कंधो पर बैग का बोझ लाद दिया जाएगा। अभिभावकों से अच्छा बच्चों की स्थिति कोई नहीं समझ सकता जिस तरह उन्हें बैग में अपने पढ़ाई लिखाई का सामान लेकर स्कूल जाना पड़ता है सबसे ज्यादा तकलीफ अभिभावकों को ही होती है। लेकिन बच्चों और अभिभावकों की समस्या को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार ने नई स्कूल बैग नीति 2020 जारी की है। स्कूल बैग नीति के तहत बच्चों और अभिभावकों को किस प्रकार राहत दी जाएगी इसी के बारे में बताने के लिए आज हमारी इस पोस्ट को हम ने तैयार किया है।

योजना का नाम | ‘स्कूल बैग नीति‘ |
किस ने लांच की | दिल्ली सरकार ने |
लाभार्थी | दिल्ली के नागरिक |
उद्देश्य | छात्रों के लिए |
आधिकारिक वेबसाइट | NA |
साल | 2021 |
स्कूल बैग नीति 2021 School Bag Policy
बच्चों के बैग में इतना ज्यादा वजन होता है जिसे कंधे पर लादकर वे स्कूल जाते हैं इस बात को ध्यान में रखते हुए विशेषज्ञ हमेशा से यही कहते आए हैं कि बच्चों के सेहत के लिए और उनके शारीरिक विकास के लिए यह एक गंभीर खतरा है। इसी के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने स्कूल बैग नीति के नाम पर एक नई योजना तैयार की है। जिसके तहत उन्होंने शिक्षा मंत्रालय की मदद से कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशानिर्देशों की मदद से बच्चों के स्कूल के बैग का वजन कम किया जाएगा।
स्कूल बेग की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव
रिसर्च के अनुसार यह देखा गया है जिन बच्चों का बाद बहुत ज्यादा भारी होता है और वह अपने कंधे पर लाद कर उसे स्कूल जाते हैं उसकी वजह से बच्चों के स्वास्थ्य एवं शारीरिक विकास पर बहुत गहरा असर पड़ता है। कुछ बच्चों को रीड की हड्डी में नुकसान एवं घुटनों में दर्द जैसी शिकायतें बहुत कम उम्र में ही होने लगती है।
कुछ बच्चों की कक्षाएं तो स्कूल के दोहरे अथवा बहुमंजिला इमारतों पर होती हैं जिसकी वजह से उस भारी बैग को कंधे पर लाद कर उन्हें सीढ़ियों पर जाना पड़ता है। सुबह-सुबह हल्का सा नाश्ता करने के बाद बच्चों को उस बात को लेकर अपनी क्लास तक पहुंचना बहुत भारी पड़ जाता है। उन्हें इस वजन उठाने के बाद कई प्रकार की समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है।
नई स्कूल बैग नीति के अनुसार जारी किए गए नियम
दिल्ली सरकार ने छोटे बच्चों से लेकर बड़े बच्चों तक के लिए शिक्षा निदेशालय की मदद से कुछ कड़े नियम तैयार किए गए हैं जिनकी सूची नीचे दी गई है।
- प्री प्राइमरी में पढ़ने वाले छोटे बच्चों को उनके बैग में किताब या कॉपी देना अनिवार्य नहीं है।
- उन्होंने स्कूलों को यह दिशा निर्देश भी दिए हैं कि पहली और दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों को सिर्फ एक नोटबुक के साथ ही स्कूल में बुलाएं।
- पहली से दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए यह नियम जारी किया गया है कि बच्चों का जितना वजन है उसका केवल 10 फ़ीसदी वजन ही उनके बैग में होना चाहिए।
- पहली से दसवीं कक्षा के बच्चों के बैग में 2 किलोग्राम से ज्यादा वजन किताबों का नहीं होना चाहिए।
- शिक्षा निदेशालय ने यह भी नियम जारी किया है कि निरंतर जांच की जाएगी बच्चों का बैग भारी ना हो।
- स्कूल बैग से जुड़ी सभी जानकारी स्टूडेंट्स और पैरेंट्स को सही तरीके से प्रदान करना भी प्रत्येक स्कूल की जिम्मेदारी होगी।
- बच्चों को समझाया जाए कि वह अपना स्कूल बैग एक कंधे पर ना ठोकर दोनों कंधों पर बराबर रखें ताकि शरीर का बैलेंस सही तरीके से बता रहे।
- इस नियम में यह नियम भी शामिल किया गया है कि सभी स्कूलों को यह नियम पालन करना होगा कि सभी कक्षा के लिए जो किताबें आवश्यक हैं केवल वही मंगाई जाए।
- प्रत्येक स्कूल द्वारा प्रत्येक कक्षा के लिए एक अधिकतम किताबों की संख्या तय की गई जाए।
- प्रत्येक स्कूल बच्चों के लिए कुछ ऐसा टाइम टेबल तैयार करें जिसके हिसाब से उन्हें स्कूल में सारी किताबें एवं कॉपियां लेकर ना जानी पड़े।
- इसके साथ ही कक्षा ग्यारहवीं एवं बारहवीं के छात्रों के लिए भी यह नियम जारी किया गया है कि हर विषय की नोटबुक ना मंगाई जाए केवल आवश्यक विषय का मेटेरियल ही बैग में हो।
- किसी भी प्रकार का कोई एक्स्ट्रा मटेरियल एवं कोई अन्य किताब या कॉपी लाने के लिए ना कहा जाए।
इन सभी नियमों के साथ-साथ सरकार ने यह भी कहा है कि प्रत्येक स्कूल में विद्यार्थियों के पीने के लिए अच्छी गुणवत्ता का पानी रखा जाए ताकि उन्हें पानी की बोतल भी घर से ढोकर लानी न पड़े।
बच्चों की सेहत और जरूरत को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम बेहद सराहनीय है। परंतु सबसे बड़ा सवाल तो यह आता है क्या दिल्ली के सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूल इन नियमों का पालन सही तरीके से करते हैं या नहीं। क्योंकि जैसा कि आप सभी जानते हैं कि स्कूलों की मनमानी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ऐसे में सरकार द्वारा जारी किए गए नियम मानना बेहद आवश्यक है क्योंकि बच्चों के लिए उनका बैग सबसे ज्यादा समस्या बन चुका है।
School Bag Policy FAQ
Q- दिल्ली सरकार द्वारा बच्चों के बैग का वजन कितना निर्धारित किया गया है?
A- बच्चों के वजन का 10%
Q- दिल्ली सरकार द्वारा बच्चों के स्कूल के लिए बनाई गई नई नीति का क्या नाम है?
A- स्कूल बैग नीति
Q- क्या प्री प्राइमरी के बच्चों को स्कूल में किताबे लेकर जाना अनिवार्य है?
A- नहीं
Q- पहली से दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को स्कूल में कितनी किताबें ले जानी होगी?
A- स्कूल में बनाई गई टाइम टेबल के हिसाब से कम से कम किताबें
Q- बैग के भारी वजन से बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
A- शारीरिक प्रभाव- रीड की हड्डी एवं घुटनों को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है.
Q- दिल्ली सरकार द्वारा जारी इस नीति की जानकारी स्कूलों तक कैसे पहुंचाई जाएगी?
A- लिखित में प्रत्येक स्कूल प्रिंसिपल को पत्र भेजे जाएंगे.
Other Links
- गूगल मीट ऐप क्या हैं
- जानिए फास्टैग रिचार्ज करने का ऑनलाइन तरीका
- डिजिटल मार्केटिंग क्या है
- OTT प्लेटफॉर्म क्या है
Latest posts by Editor (see all)
- तांडव वेब सीरीज विवाद क्या हैं Tandav Controversy kya hain in Hindi - January 18, 2021
- क्या हैं बर्ड फ्लू के लक्षण, क्या यह इस बार और अधिक घातक होगा - January 15, 2021
- दुनियां के तीसरे सबसे अमीर आदमी Elon Musk जानिये क्या हैं इनकी कहानी - January 13, 2021