सिंघारा के फायदे | Singhara Fruit Benefits In Hindi

Singhara (Water Caltrop) Fruit Benefits In Hindi सिंघारा को पानी फल, वाटर चेस्टनट , वाटर कालट्रॉप (Water Caltrop) भी कहते है. भारत में ये एक फल, सब्जी की तरह उपयोग होता है, भारत के पड़ोसी देश चाइना में भी ये पाया जाता है. बाहर से काला, हरा दिखने वाला सिंघारा अंदर से सफ़ेद होता है, जो तिकोने आकर का होता है. कहते है सिंघारा के ये तीनों कोने ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश का प्रतीक है. इसलिए सिंघारा धार्मिक दृष्टि से भी बहुत पवित्र माना जाता है.

सिंघारा जलीय वनस्पति के दलदल, तालाबों में होता है, जो मुख्यतः ठण्ड के मौसम में होता है. अक्टूबर से जनवरी तक ये फल भारत में मिलता है. सिंघारा एक बहुत पोष्टिक फल है, जिसके बहुत से स्वास्थ्यवर्धक लाभ है. इसमें पानी की अत्याधिक मात्रा होती है, इसमें कैलोरी कम होती है, साथ ही ये फैट फ्री होता है. सिंघाड़े को कई तरह से खाया जाता है, इसका छिलका उतारकर ऐसे ही कच्चा खा सकते है, या इसे उबालकर फिर छीलकर खा सकते है. इसे उबालकर आलू की सब्जी जैसे बनाकर भी खाया जाता है. सिंघाड़ा भारत में आसानी से बाजारों में मिलता है, वैसे सिंघाड़ा 3-4 महीने ही आता है, लेकिन इसका आटा साल भर आता है, जिसका उपयोग व्रत के खाने में किया जाता है. सिंघाड़े को सुखाकर उसको पीस कर आटा बनता है, जिससे तरह तरह की रेसिपी बनती है.

Singhara

सिंघारा के फायदे

सिंघाड़ा में मौजूद पोषक तत्व (Water Caltrop Nutrition Value) –

क्रमांकपोषक तत्वमात्रा
1.पानी48.2 gm
2.प्रोटीन3.4 gm
3.फैट0.2 gm
4.कार्बोहाइड्रेट32.1 gm
5.शुगर3.3 gm
6.एनर्जी (Energy)730
7.डाइटरी फाइबर14.9 gm
8.कैल्शियम17.6 mg
9.जिंक0.4 mg
10.आयरन0.7 mg
11.पोटेशियम468 mg
12.सोडियम0.8 mg

इसके अलावा इसमें आयोडीन, मैग्नीशियम, विटामिन B एवं C, फोस्फोरस भी होता है.

सिंघाड़े के स्वास्थ्यवर्धक लाभ ( Water Caltrop health benefits In Hindi )

सिंघाड़े का स्वाद हल्का मीठा होता है, इससे कुछ आयुर्वेदिक दवाईयां भी बनाई जाती है.

शरीर के पुरे स्वास्थ्य के लिए –

इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट एवं मिनिरल्स की अधिकता होती है. आयुर्वेद के अनुसार सिंघाड़े में भैंस के दूध की अपेक्षा 22 % ज्यादा मिनिरल्स होते है. सिंघाड़ा भारत में होता है, इसका उपयोग आयुर्वेद में होता है, जिससे बहुत सी बीमारियों का इलाज होता है. इससे डायबटीज, अलसर और हार्ट की परेशानी दूर होती है. डायबटीज के लक्षण एवं घरेलु उपचार यहाँ पढ़ें.

एनर्जी का अच्छा स्त्रोत –

सिंघाड़ा में कार्बोहाइड्रेट बहुत अधिक होता है, इसे खाते ही शरीर में एनर्जी आती है. 100 gm सिंघाड़ा खाने से शरीर को 115 कैलोरी मिलती है.

थाइराइड में मददगार –

इसमें आयोडीन, मैगनीज एवं दुसरे मिनिरल्स होते है, जिससे ये शरीर में थाइराइड कम करने में सहायक होता है.

कफ कम करे –

इसमें एंटीओक्सिडेंट होते है, जो शरीर में सर्दी, खांसी कफ को कम करता है. सिंघाड़े के आटे को पानी के साथ दिन में 2 बार खायें, यह प्राकतिक उपचार है, जो कफ में तुरंत आराम देता है. सर्दी जुखाम, गले की खराश के घरेलु उपचार यहाँ पढ़ें.

गर्भवती महिला के लिए अच्छा –

प्रेगनेंसी के समय सिंघाड़ा महिला के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है. ये गर्भ को सही पोषण देता है, साथ ही गर्भाशय की रक्षा करता है, जिससे गर्भपात का खतरा कम होता है.

फटी एड़ियाँ ठीक करे –

सिंघाड़ा में मिनिरल्स, मैगनीज और विटामिन होता है, जिससे ये फटी एड़ियों की समस्या को दूर करता है, और एड़ियाँ जल्दी भरने लगती है.

वजन बढ़ाने में सहायक –

सिंघाड़ा में पानी की मात्रा अधिक होती है, इसका आटा रेगुलर खाने से वजन बढ़ाने में आसानी होती है.

शरीर को ठंडक दे –

सिंघाड़ा शरीर के लिए एक उत्कृष्ट शीतलक के रूप में कार्य करता है. ये शरीर में लार और प्यास को बढाता है.

दस्त कम करे –

दस्त लगने पर सिंघाड़ा खाने से आराम मिलता है. सिंघाड़ा का रस दस्त और पेचिश नियंत्रित करने के लिए सहायक है. दस्त की समस्या का घरेलु उपचार यहाँ पढ़ें.

पीलिया रोगी के लिए फायदेमंद –

इसमें डीओक्सीफाइंग प्रॉपर्टीज होती है, जिससे पीलिया के रोगी को इससे खाने से फायदा मिलता है. पीलिया रोगी इसे ऐसे ही या जूस रूप में ले सकता है. यह शरीर के अंदर से विषाक्त पदार्थों को हटाने के लिए एक उत्कृष्ट टॉनिक के रूप में कार्य करता है. सिंघाड़ा में जीवाणुरोधी, एंटीवायरल, कैंसर विरोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज होती है.

यूरिन इन्फेक्शन –

सिंघाड़ा यूरिन इन्फेक्शन की समस्या को भी दूर करने में सहायक है.

पेट की समस्या दूर करे –

सिंघाड़ा खाने से पेट की समस्या जैसे अपच, गैस, एसिडिटी दूर होती है. पेट की समस्या के समाधान के लिए सिंघाड़ा को प्राकतिक उपचार माना जाता है. सिंघाड़ा का पाउडर आंतों के लिए और आंतरिक गर्मी को हटाने के लिए फायदेमंद है, साथ ही पित्त, कब्ज की समस्या भी हल होती है. सिडिटी की समस्या का घरेलु उपचार यहाँ पढ़ें.

भूख की समस्या दूर करे –

सिंघाड़ा खाने से बच्चों एवं बड़ों में भूख न लगने की समस्या दूर होती है.

खून बढ़ाता है –

सिंघाड़ा खाने से शरीर में खून बढ़ता है, क्यूंकि इसमें आयरन अधिक होता है.

अन्य लाभ –

इसे खाने से जी मचलाना, अनिद्रा, मुहं का स्वाद ख़राब लगना, थकान की समस्या दूर होती है, साथ ही ये पेट को मजबूत करता है. सिंघाड़े का जूस गले में खराश, एनीमिया एवं कुष्ठ रोग भी दूर करता है.

सिंघाड़े से त्वचा के लाभ (Singhara skin benefits) –

  • सिंघाड़े खाने से शरीर के अंदर के विषेले पदार्थ निकलते है, जिससे खून साफ होता है और ग्लोइंग, सुंदर त्वचा मिलती है.
  • सिंघाड़ा खसरा की परेशानी दूर करता है. सिंघाड़े को जिस पानी में उबला जाता है, खसरा रोगी को वो पानी पीना चाहिए, ये बहुत फायदेमंद होता है. लगातार 8-9 दिन ये पानी पीने से लाभ मिलता है.
  • ठण्ड के दिनों में सिंघाड़ा रोज खाने से बेजान त्वचा चमक जाती है, ड्राईनेस दूर होती है.
  • दर्द एवं सुजन को कम करे – सिंघाड़ा को पीस कर पेस्ट के रूप में, दर्द, सुजन वाले स्थान में लगाने से आराम मिलता है. इससे दर्द के साथ साथ सुजन भी कम होती है.
  • खुजली की समस्या दूर करे – खुजली की समस्या से निजात पाने के लिए सिंघाड़े के आटे में नीम्बू के रस को मिलाकर लगायें, जल्द आराम मिलेगा.

सिंघाड़े से बालों के लाभ (Singhara benefits hair) –

सुंदर, लम्बे, घने बाल पाना हर लड़की का सपना होता है. जिस तरह शरीर के बाकि हिस्सों को पोषक तत्व की जरूरत होती है, उसी तरह बालों को भी पोषण की जरूरत होती है.

  • सिंघाड़े में तरह तरह के पोषक तत्व जैसे पोटेशियम, जिंक, विटामिन होता है, ये शरीर के अंदर से विषेले तत्व बाहर निकालते है, जिससे हमारे बालों को खतरा होता है. इस प्रकार सिंघाड़े के पोषक तत्व, स्वस्थ बालों के लिए सहायक होते है.

सिंघाड़े के नुकसान (Water Chestnut side effects) –

  • जरूरत से ज्यादा सिंघाड़ा खाने से पाचनतंत्र ख़राब होता है.
  • ज्यादा सिंघाड़ा खाने से पेट दर्द, आँतों की सुजन हो जाती है.
  • सिंघाड़ा खाने के बाद पानी नहीं पीना चाहिए, इससे सर्दी खांसी की समस्या होती है.
  • अगर आपको कब्ज की परेशानी है, तो सिंघाड़ा खाने से परहेज करना चाइये, क्यूंकि इसके खाने से समस्या और बढ़ सकती है.

सिंघाड़ा के उपयोग (Water Chestnut Uses) –

  • सिंघारा उबालकर फल या सलाद के रूप में खाया जाता है.
  • सिंघाड़ा का आटा का उपयोग व्रत के खाने में करते है, भारत में नवरात्री, शिवरात्रि, एकादशी आदि व्रत में इसके द्वारा बनाये गए पकवान खाते है. नवरात्री पूजा, विधि, महत्त्व को यहाँ पढ़ें.
  • सिंघाड़े के आटे से भजिये, आलू बंडे, मिठाई, हलुआ, लड्डू आदि बनाया जाता है.
Anubhuti
यह मध्यप्रदेश के छोटे से शहर से है. ये पोस्ट ग्रेजुएट है, जिनको डांस, कुकिंग, घुमने एवम लिखने का शौक है. लिखने की कला को इन्होने अपना प्रोफेशन बनाया और घर बैठे काम करना शुरू किया. ये ज्यादातर कुकिंग, मोटिवेशनल कहानी, करंट अफेयर्स, फेमस लोगों के बारे में लिखती है.

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