डाकखाना छोटी बचत योजनायें क्या होती है, पोस्ट ऑफिस बचत योजना की नई ब्याज दरें क्या है (Post Office Small Saving Scheme in hindi, Revised Interest Rate (Apr-Jul 2020) 2020-21)
आप सभी देश की वर्तमान स्थिति से वाकिफ होंगे ही, वर्तमान में देश के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती आ खड़ी हुई हैं जोकि कोरोना वायरस हैं, जिसके चलते देश में लॉकडाउन किया गया हैं. लेकिन क्या आपको पता हैं इससे देश की अर्थव्यवस्था पर भी काफी असर पड़ रहा हैं. पिछले कुछ वर्षों में छोटी बचत योजनाओं में निवेश बहुत अधिक बढ़ा दिया गया था, किन्तु अब देश की वर्तमान स्थिति के चलते इसके ब्याज दर में कटौती की गई हैं. जिससे देश की अर्थव्यवस्था पैर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है, विशेष रूप से रिटायर्ड लोगों के लिए. इस लेख में हम आपको छोटी बचत योजनायें क्या हैं, और वर्तमान में इन योजनाओं के ब्याज दर में क्या बदलाव किया गया हैं इसकी जानकारी देने जा रहे हैं.
छोटी बचत योजनायें क्या हैं ? (What is Small Saving Schemes ?)
छोटी बचत योजना एक पैसा बचाने वाली योजना है, जो भारत की केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलती है. इसे भविष्य के लिए पैसा बचाया जा सकें इसलिए शुरू किया गया है. ये कई छोटी बचत योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड, पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपाजिट, पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपाजिट, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी इसी तरह की और भी योजनायें शामिल हैं. इसके अलावा जो लोग रिटायर्ड हो चुके हैं उनके लिए भी कुछ योजनायें हैं जो उन्हें रिटायर्ड होने के बाद अपने भविष्य के लिए छोटी या बड़ी राशि में पैसे बचाने में मदद करती है.
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छोटी बचत योजना में ब्याज दर (Interest Rate in Small Saving Schemes)
अलग – अलग खातों के लिए इन योजनाओं की ब्याज दर अलग – अलग होती है. हर तीन महीने के अंतराल में सरकारी नियम के अनुसार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर को संशोधित किया जाना चाहिए. इसके संशोधन में या तो इसे बढ़ाया जा सकता है, या कम किया जा सकता है. अतः यह देश की अर्थव्यवस्था यानि आर्थिक स्थिति को देखते हुए ब्याज दरों में बदलाव किया जाता है.
छोटी बचत योजनाओं में वर्तमान में ब्याज दर (Small Saving Schemes Interest Rate in Recent)
योजना | पूरा नाम | पहले ब्याज दर | वर्तमान में ब्याज दर (Revised interest rate Apr 2020 – Jul 2020 |
पीपीएफ | पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड | 7.9 % | 7.1 % |
एसएसवाई | सुकन्या समृद्धि योजना | 8.4 % | 7.6 % |
एससीएसएस | वरिष्ठ नागरिक बचत योजना | 8.6 % | 7.4% |
एनएससी | राष्ट्रीय बचत पत्र | 7.9 % | 6.8 % |
पोस्ट ऑफिस आरडी | 7.2 % | 5.8 % | |
केवीपी | किसान विकास पत्र | 7.6 % | 6.9 % |
टीडी | पोस्ट ऑफिस टाइम डिपाजिट 5 साल के लिए | 6.9 % | 5.5 % |
एमआईएस | मंथली इनकम खाता | 7.6 % | 6.6 % |
पोस्ट डिपाजिट बचत खाता | – | 4 % |
पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड पीपीएफ अकाउंट क्या होते है, यहाँ पढ़ें
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कटौती क्यों की गई ? (Why the Interest Rates of Small Savings Schemes Cut ?)
दरअसल कुछ दिनों पहले जब भारत में लॉकडाउन लगाया गया था, उसके बाद भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती की गई थी. इसी के आधार पर सरकार ने भी छोटी बचत योजनाओं में कटौती करने का यह कदम उठाया है. यदि दरें जरुरत से ज्यादा होती हैं तो इससे अर्थव्यवस्था और निवेश में असंतुलन पैदा हो सकता है. उदाहरण के लिए ये नीति बनाने वालों के अनुसार पीपीएफ की दर 7 % प्रतिवर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. इन्हीं कारणों से सरकार इन छोटी बचत योजनाओं के लिए उचित ब्याज दरों तक पहुँचने के लिए प्रत्येक 3 महीने में कुछ प्रतिशत अंक कम करने का फैसला किया है.
अतः देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के चलते आने वाले संकट को कम करने के लिए ही सरकार द्वारा यह कदम उठाया गया हैं जोकि बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है.
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Vibhuti
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