Tauktae Cyclone kya hota hain in Hindi | ताऊते चक्रवात (तूफ़ान) क्या है

ताऊते चक्रवात (तूफ़ान) क्या है, कहां आ रहा है [Tauktae Cyclone in Hindi], (Meaning, Path, Location)

अभी कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है कि एक नए चक्रवात ने लोगों के सिर चकरा दिए हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं tauktae चक्रवात की जो काफी राज्यों में तबाही शुरू कर चुका है और आने वाले समय में बहुत बड़ी तबाही अपने साथ लेकर आने वाला है। यह चक्रवात कैसे आता है क्या है इसके पीछे के कारण और किस प्रकार की हानि यह लोगों को पहुंचा सकता है इन सभी बातों को विस्तार पूर्वक आज हम आपको इस पोस्ट में बताने वाले हैं।

Tauktae Cyclone kya hai in hindi

Tauktae (ताऊते) चक्रवात क्या है

आप सोच रहे होंगे कि इस साइक्लोन का नाम ताउते क्यों रखा गया है? दरअसल यह नाम म्यानमार की तरफ से खोजा गया है वहां पर छिपकली को ताउते कहते हैं। छिपकली को आपने अपने घर में देखा होगा कि वह कैसे दवे कदमों से धीरे-धीरे अपने दुश्मन की ओर बढ़ती है और अचानक से उस पर हमला करके उसे खत्म कर देती है। ऐसा ही ये एक तूफान है जो लगातार भारत के बहुत सारे शहरों और राज्यों तक धीरे-धीरे बढ़ रहा है और उन्हें बर्बाद करता जा रहा है। यह एक ऐसा चक्रवात तूफान है जो धीरे-धीरे सभी राज्यों में जो समुद्री तट के किनारे पर बसे हुए हैं उन में प्रवेश करके वहां की बर्बादी का कारण बन रहा है।

ताऊते तूफ़ान कैसे बना है

विशेषज्ञों की मानें तो ऐसा बताया जा रहा है कि अरेबियन सी में बहुत ज्यादा तापमान बढ़ने की वजह से समुद्र में लो प्रेशर एरिया बन गया है जहां पर प्रेशर बहुत ज्यादा काम है जिसकी वजह से एक तूफान निर्मित हो रहा है जिसे ताउते तूफान का नाम दिया गया है। यह लो प्रेशर लक्षद्वीप के ऊपर बन रहा है यह लो प्रेशर धीरे-धीरे साइक्लोन की फॉर्म में निर्मित हो जाता है। समुद्री इलाकों तक पहुंचते-पहुंचते यह एक बहुत बड़े और भयानक साइक्लोन का रूप ले लेता है। जिसकी वजह से यह साइक्लोन धीरे-धीरे भारत की ओर बढ़ रहा है।

ताऊते तूफान कहां -कहां पहुंच चुका है

अब तक यह साइक्लोन भारत के कई राज्यों में तबाही मचाना शुरू कर चुका है और मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि अगले आने वाले 24 से 48 घंटे यह तूफान और ज्यादा तबाही का मंजर बिखेरने वाला है।

  • इस तूफान ने कर्नाटक में 5 तालुको में 71 घर 271 बिजली के खंभे और 76 मछली पकड़ने वाली नावों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया है जिसके दौरान एक व्यक्ति की मौत भी हुई है।
  • इसके अलावा गोवा में भी यह दस्तक दे चुका है जिससे 200 से अधिक घर तो छतिग्रस्त हो गए सड़कें भी खंडहर बन गई हैं और साथ ही बिजली आपूर्ति में भी बाधा आ रही है।

ताऊते तूफान का पाथ (Tauktae Cyclone Path / Location)

तूफान के भयानक प्रभावों को देखते हुए और संभावित प्रभावों को ध्यान में रखते हुए सभी राज्य सरकारों ने अलर्ट घोषित कर दिया है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार आने वाली 18 मई को यह तूफान गुजरात के पोरबंदर से होता हुआ पाकिस्तान की ओर रुख करेगा, इस दौरान सबसे ज्यादा तबाही पोरबंदर और नालियां तट पर होगी ऐसी संभावना मौसम विभाग की तरफ से जताई गई है।

ताऊते तूफान सावधानियां

इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने बिजली आपूर्ति और अस्पतालों में पावर बैकअप बनाए रखने पर अधिक जोर दिया है ताकि कोरोनावायरस इन को कोई भी दिक्कतों का सामना ना करना पड़े। इसके अलावा कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार ने भी 16 मई से 19 मई के बीच अस्पतालों में सावधानी बरतने और बिजली की आपूर्ति का ध्यान रखने के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। साथ ही राजस्थान सरकार ने भी सतर्कता बरतते हुए काफी सारे दिशा निर्देश जारी किए हैं।

ताऊते तूफान के फायदे

अब आप तो जानते ही हैं तूफान हल्का हो या भारी उसके फायदे होते नहीं हैं। तो ताऊते तूफान भी परेशानियों के अलावा भारत देश के लिए और कुछ नहीं लेकर आया है। ताऊते तूफान ने कहीं घर के घर अपने अंदर समा लिए तो कहीं तूफान की वजह से जबरदस्त बारिश होने के कारण शहर के शहर पानी में लबालब है।

ताऊते तूफान से नुकसान

ताऊते तूफान से भारत देश की धरोहर को बहुत ज्यादा हानि पहुंची है। तबाही का सबसे ज्यादा और बड़ा मंजर देश के कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात में देखने को मिला है। सैकड़ों लोगों की मौत हो गई हजारों लोग अपने घर से बेघर हो गए, ना जाने कितने पेड़ जमीन से उखड़ कर लोगों के घरों में जा पड़े, जिसकी वजह से लोग बेघर हो गए। बहुत से नागरिक तूफान आने के बावजूद भी समुद्र में उतरे और उन्हें अपनी जान से हाथ धोने पड़े। अरब सागर से उठकर यह तूफान भारत के तटीय इलाकों में जा घुसा और किसी को भी ना देखते हुए और ना बक्शते हुए बस उनको अपनी चपेट में लेता गया। 

ताऊते तूफान की गति (Speed)

तूफान की स्पीड पहले तो धीरे गति में चलती है लेकिन जैसे जैसे हवा की गति बढ़ती जाती है वैसे वैसे तूफान की गति भी अपना रौद्र रूप धारण करने लगते हैं। इसी तरह कुछ जब ताऊते तूफान प्रारंभ हुआ था तब उस समय 55 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से आगे बढ़ रहा था। 24 घंटे के अंदर यानी शनिवार को इसकी गति 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ती चली गई जो धीरे-धीरे सभी राज्यों में घुसने लगा। रविवार को रूद्र रूप धारण करते हुए इस तूफान की स्पीड 145 से 155 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई। अगले दिन सोमवार और मंगलवार के बीच इस की गति 185 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की वजह से काफी राज्यों में बहुत सारा नुकसान हुआ। 

ताऊते तूफान का भारत में असर

ताउते का असर समुद्री इलाकों जैसे कर्नाटक, केरल, गुजरात, महाराष्ट्र, सौराष्ट्र और गोवा में बहुत ज्यादा देखने को मिला। यह सारे इलाके समुद्री तट से जुड़े हुए हैं इसलिए आसपास होने की वजह से यहां पर जान और माल की काफी गहरी हानि पहुंची है। इसके अलावा कुछ राज्यों में लगातार दो दिन तक भारी वर्षा भी रही। उनमें से कुछ मुख्य राज्य दिल्ली, उत्तरप्रदेश. बिहार राजस्थान और अन्य स्थानों पर लगातार दो दिन भारी वर्षा रही, जिसकी वजह से सड़कों पर नदियों जैसी स्थिति बन गई थी। गुजरात राजकोट और जामनगर में तो बहुत सारे पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए जिसकी वजह से 2 दिन तक बिजली की सप्लाई भी ठप पड़ गई। पेड़ उखड़ उखड़ कर सड़कों पर गिर गए थे जिसकी वजह से रास्ता भी बंद हो गया। सबसे ज्यादा गहरा असर गुजरात में इस तूफान का दिखाई दिया। फिलहाल 18 मई की शाम तक यह तूफान ठंडा पड़ गया और किसी भी तरह की कोई नुकसान की खबर कहीं से नहीं आई। 

इस तरह से यह तूफ़ान आया और चला गया किन्तु इसने अपने निशान पीछे छोड़ दिए. जिसे भरने में काफी समय लगेगा.

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