विजेन्दर सिंह का जीवन परिचय [Vijender Singh Boxer Biography In Hindi]
विजेन्दर सिंह भारत के एक प्रोफेशनल मुक्केबाज (Professional boxer) है. ये भारत के पहले मुक्केबाज है, जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता. विजेंदर सिंह भारत के हरियाणा राज्य के एक छोटे से गाँव से है, उनका जन्म बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था, लेकिन लम्बे समय के बाद वे मुक्केबाजी के समर्थक बन गए और उन्होंने मुक्केबाजी को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया. भरतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने जूनियर लेवल में बहुत से पुरस्कार जीते. इसके बाद उन्होंने “एफ्रो एशियाई गेम्स” में स्वर्ण पदक जीता और “कॉमनवेल्थ गेम्स” में भी कई सारे पदक जीते. इसी के चलते विजेंदर सिंह सबसे ज्यादा प्रसिद्ध तब हुए, जब उन्होंने “बेइजिंग ओलंपिक” में मध्यभार (Middleweight) वर्ग में एक कांस्य पदक जीता. फिर कुछ समय बाद सन 2015 में विजेंदर सिंह ने एक “क्वीन्सबेरी प्रोमोशन्स (Queensberry promotions)” के साथ बहु – वर्षीय अग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया, जिससे उनके कैरियर में एक नया मोड़ आ गया.
विजेन्दर सिंह के जीवन परिचय बिन्दुओं को निम्न तालिका में दर्शाया गया है-
क्र.म. | जीवन परिचय बिंदु | जीवन परिचय |
1. | पूरा नाम | विजेंदर सिंह बेनीवाल |
2. | जन्म | 29 अक्टूबर सन 1985 |
3. | जन्म स्थान | कालूवास (Kaluwas) गाँव, रेवरी(Rewari) जिला, हरियाणा |
4. | राष्ट्रीयता | भारतीय |
5. | पेशा | मुक्केबाज |
6. | कद | 6 फुट |
7. | वजन | 75 kg |
8. | पिता | महिपाल सिंह |
9. | माता | कृष्णा देवी |
10. | पत्नी | अर्चना सिंह |
11. | भाई | मनोज (बड़ा भाई) |
विजेंदर सिंह का जीवन परिचय निम्न बिन्दुओं के आधार पर बताया गया है-
- विजेंदर सिंह का जन्म
- विजेंदर सिंह की शिक्षा और शुरूआती जीवन
- विजेंदर सिंह का कैरियर
- विजेंदर सिंह का प्रोफेशनल कैरियर
- विजेंदर सिंह की उपलब्धियां
विजेंदर सिंह का जन्म (Vijender Singh birth) –
विजेंदर सिंह का जन्म 29 अक्टूबर सन 1985 को भारत के हरियाणा राज्य के कालूवास नाम के एक गाँव में हुआ. विजेंदर बहुत ही गरीब परिवार से सम्बन्ध रखते है. इनके पिता महिपाल सिंह हरियाणा की सड़कों पर एक बस ड्राईवर हैं और इनकी माता कृष्णा देवी एक गृहणी (Housewife) हैं. इनका एक बड़ा भाई मनोज सिंह बेनीवाल भी है, जिन्होंने खेल सीखा है और भारतीय सेना के साथ कार्यरत भी हैं.
विजेंदर सिंह की शिक्षा और शुरूआती जीवन –
विजेंदर सिंह के पिता समय से अधिक देर तक बस चलाया करते थे ताकि विजेंदर और उनके भाई मनोज की पढ़ाई के लिए कुछ पैसे इक्कठे हो सकें. विजेंदर की प्राथमिक पढ़ाई कालूवास के ही एक स्कूल में हुई, और सेकेंडरी की पढ़ाई उन्होंने भिवानी के स्कूल से की. इसके पश्चात उन्होंने अपनी बैचलर की डिग्री ‘विश कॉलेज’ से की. सन 1990 में एक मुक्केबाज राज कुमार सांगवान ने अर्जुन अवार्ड जीता. उन्हें देख कर ही विजेंदर और उनके भाई ने निश्चित किया कि वे मुक्केबाजी सीखेंगे. दोनों ने मुक्केबाजी के खेल को सीखना शुरू कर दिया, कुछ समय बाद सन 1998 में विजेंदर के भाई मनोज भारतीय सेना में शामिल हो गए. फिर वे विजेंदर के भी सहायक बने और उन्होंने विजेंदर को ट्रेंनिंग देना शुरू कर दिया. विजेंदर की मुक्केबाजी में रूचि होने के कारण उन्होंने अपने पढ़ाई को जारी नही रखा और अपने कैरियर में मुक्केबाजी को जगह दे दी. वे इसमें माहिर होते चले गए.
विजेंदर “भिवानी मुक्केबाजी क्लब” में अभ्यास किया करते थे, वहाँ राष्ट्रीय लेवल के मुक्केबाज जगदीश सिंह ने विजेंदर की प्रतिभा को समझा और उसे अधिक समय तक मुक्केबाजी सीखाने लगे. उन्होंने विजेंदर को स्टेट लेवल पर खेलने का मौका दिया और विजेंदर इस मौके पर खरे उतरे. विजेंदर ने सन 1997 में सब – जूनियर नेशनल्स में एक रजत पदक जीता और इसके बाद उन्होंने सन 2000 के नेशनल्स में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता. इसी के चलते सन 2003 में विजेंदर पुरे भारत में मुक्केबाज चैंपियन बन गए. सन 2003 में “एफ्रो एशियाई गेम्स” में एक नया मोड़ आया. एक जूनियर मुक्केबाज होने के बावजूद भी विजेंदर ने ट्रायल चयन में भाग लिया और वे चुन लिए गए, वहाँ वे रजत पदक जीतने के लिए बहुत ही बहादुरी से लड़े. इस तरह विजेंदर के कैरियर की शुरुआत हुई.
विजेंदर सिंह का कैरियर (Vijender Singh career) –
विजेंदर सिंह का कैरियर राष्ट्रीय लेवल पर सन 2003 तक चला, इसके पश्चात उन्होंने अन्तराष्ट्रीय लेवल पर खेलना शुरू कर दिया.
- सन 2004 में
सन 2004 में विजेंदर ने “एथेंस ग्रीष्मकालीन ओलंपिक” में वर्ग, वेल्टरवेट संभाग में भाग लिया, लेकिन विजेंदर तुर्की के ‘मुस्तफा करागोल्ला’ से 20-25 के स्कोर से हार गए.
- सन 2006 में
सन 2006 में विजेंदर ने “कॉमनवेल्थ गेम्स” में भाग लिया और वे सेमीफाइनल जीत भी गए, किन्तु फाइनल में हारने के कारण उनको कांस्य पदक मिला. फिर उन्होंने निश्चित किया कि वे अपने वेट का स्थान बदलेंगे. सन 2006 में ही हुए “एशियाई गेम्स” में विजेंदर अपने मिडिलवेट के साथ सामने आये और उन्होंने यहाँ भी कांस्य पदक जीता. विजेंदर कुछ चोटों से भी ग्रस्त हुए किन्तु वे कुछ समय बाद ठीक होकर सन 2008 में होने वाले ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हो गए.
- सन 2008 में
सन 2008 में होने वाले “बेइजिंग ओलंपिक” के लिए विजेंदर सीखने के लिए जर्मनी गए. इस बड़ी प्रतिस्पर्धा से पहले उन्होंने “प्रेसिडेंट कप टूर्नामेंट” में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया. इसके बाद “बेइजिंग ओलंपिक” में विजेंदर ने मिडिलवेट वर्ग में भाग लिया और वहाँ उन्होंने कांस्य पदक जीता. यहाँ वे भारत के पहले मुक्केबाज थे, जिन्होंने भारत के लिए पहला पदक जीता.
- सन 2009 में
अगले साल सन 2009 में “बेइजिंग ओलंपिक” के बाद विजेंदर ने “विश्व अमेचर (Amateur) मुक्केबाजी चैंपियनशिप” में एक और कांस्य पदक जीता. कुछ समय बाद इसी साल “अन्तराष्ट्रीय मुक्केबाजी संस्था मिडिलवेट रैंकिंग” में विजेंदर का नाम भी शामिल हो गया. इसी साल इन्हें ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के लिए “राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड“ भी दिया गया. और “पदम्श्री अवार्ड” के लिए भी इनका नाम दिया गया किन्तु इस साल उन्हें यह अवार्ड नही मिला.
- सन 2010 में
सन 2010 में दिल्ली में हुए “कॉमनवेल्थ मुक्केबाजी चैंपियनशिप” में विजेंदर ने स्वर्ण पदक जीता. उसी साल दिल्ली में हुए “कॉमनवेल्थ गेम्स” में कुछ विवादास्पद (Controversial) परिस्थिति के चलते उन्होंने अपना सेमीफाइनल खो दिया, जब उन्हें 4 अंको का जुर्माना लगाया गया. और यह सब विजेंदर के कांस्य पदक जीतने के साथ ख़त्म हो गया. हालांकि “एशियाई गेम्स” में विजेंदर ने किसी भी विवादास्पद परिस्थिति का सामना ना करते हुए, मिडिलवेट वर्ग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
- सन 2011 में
सन 2011 में विजेंदर को एक फ़िल्म करने का अवसर मिला, जोकि दक्षिण के निर्माता आनंद द्वारा बनाई जा रही थी, फ़िल्म का नाम “पटिअला एक्सप्रेस” था. उसकी शूटिंग सन 2011 में लगभग शुरू होने वाली थी. इसी साल 17 मई को विजेंदर ने अर्चना सिंह के साथ शादी की, जोकि दिल्ली में MBA के साथ सॉफ्टवेयर इंजिनियर है. इनकी शादी बहुत ही साधारण तरीके से हुई और शादी का स्वागत (Reception) समारोह भिवानी में किया गया. इसी दौरान उनकी फ़िल्म का काम रुक गया और फ़िल्म बंद हो गई. इसके पश्चात वे बॉलीवुड में सन 2011 में ही गोविंदा की बेटी के साथ एक फ़िल्म में काम करने वाले थे, किन्तु फिर विजेंदर ने फैसला किया कि वे अपने मुक्केबाजी कैरियर में ही ध्यान देंगे. और कुछ समय बाद फ़िल्म करेंगे.
- सन 2012 में
इसके बाद सन 2012 में हुए “लन्दन ओलंपिक” में विजेंदर क्वालीफाई हुए. किन्तु वे क्वार्टर फाइनल में पहुँचने के बाद हार गए और कोई भी पदक उनके हाथ ना लग सका.
विजेंदर सिंह ड्रग विवादास्पद (Controversy)
6 मार्च सन 2012 में चंडीगढ़ के पास एक NRI रेसीडेंसी में एक छापे के दौरान पंजाब पुलिस ने 26 kg हेरोइन और कुछ अन्य दवायें जब्त की. उन पर यह आरोप लगाया कि एक ड्रग डीलर अनूप सिंह कोहली के घर के बाहर एक कार बरामद हुई जोकि विजेंदर की पत्नी अर्चना सिंह के नाम पर थी. कुछ समय के बाद पंजाब पुलिस ने कहा कि – उनकी पूरी जाँच पड़ताल के बाद पता चला है कि विजेंदर ने 12 बार ड्रग्स लिए है और उनके एक साथी राम सिंह ने 5 बार लिए है. इसी के चलते विजेंदर के बाल और खून को जाँच के लिए भेजा गया. इस रिपोर्ट के बाद 3 अप्रैल को भारत के खेल मंत्रालय ने NADA को निर्देश दिए कि मुक्केबाजों के परिक्षण का संचालन किया जाये और कहा कि “देश के अन्य खिलाड़िओं पर एक गंभीर प्रभाव पड़ सकता है. इन सब वारदातों के बाद सन 2013 के मई मध्य में कांस्य पदक जीतने वाले विजेंदर को “नेशनल एंटी – डोपिंग एजेंसी” द्वारा “ऑल क्लीन” का प्रमाण पत्र दिया गया. और वे इस सब से बाहर निकल गए. इसके चलते वे मीडिया में भी बहुत चर्चित हुए.
- सन 2014 में
सन 2014 में विजेंदर ने स्कॉटलैंड, ग्लासगो में हुए “कॉमनवेल्थ गेम्स” में भाग लिया और इसमें उन्होंने रजत पदक जीता. और इसी साल इन्होंने बॉलीवुड में भी ट्राय किया, इन्होंने फ़िल्म “फगली” में अक्षय कुमार के साथ काम किया उन्होंने इसमें एक पुलिस ऑफिसर का रोले निभाया था, लेकिन यह फ़िल्म कुछ खास नहीं चली. अक्षय कुमार जीवन परिचय यहाँ पढ़ें.
विजेंदर एक मुक्केबाज होने के साथ – साथ हरियाणा पुलिस में DSP भी रह चुके है. विजेंदर सिंह ने बहुत से रियलिटी शोज़ में हिस्सा लिया है. विजेंदर सिंह बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के शो ‘10 का दम’ में बतौर कंटेस्टेंट अभिनेत्री मल्लिका शेरावत के साथ आ चुके है. वे एक और रियलिटी शो ‘नच बलिये’ में अभिनेत्री बिपाशा बासु से साथ हिस्सा ले चुके है. इसके अलावा विजेंदर MTV के एक रियलिटी शो ‘रोडीस X2’ में बतौर जज भी आ चुके है. सलमान खान जीवनी यहाँ पढ़ें.
विजेंदर सिंह का प्रोफेशनल कैरियर
सन 2015 में विजेंदर सिंह ने IOS खेल और मनोरंजन के द्वारा एक “क्वीन्सबेरी प्रोमोशन्स (Queensberry promotions)” के साथ बहु – वर्षीय अग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर दिया, जिससे उनके कैरियर में एक नया मोड़ आ गया. इनके प्रोफेशनल कैरियर के बारे में निम्लिखित सारणी में बताया गया है. जिसमे उन्होंने सफलता हासिल की.
क्र.म. | रिकॉर्ड | खिलाफ | प्रकार | चरण | तारीख | स्थान |
1. | 1-0 | ब्रिटिश के सोन्नी व्हाइटिंग(Sonny whiting) | TKO | 3(4) | 10 अक्टूबर 2015 | मेनचेस्टर (Manchester), UK |
2. | 2-0 | ब्रिटिश के डीन गिल्लेन(Dean gille) | KO | 1(4) | 7 नवम्बर 2015 | डबलिन(Dublin), आयरलैंड |
3. | 3-0 | बल्गेरियाई(Bulgarian) समेट ह्युसेइनोव(Samet hyuseinov) | TKO | 2(4) | 19 दिसम्बर 2015 | मेनचेस्टर (Manchester), UK |
4. | 4-0 | हंगरी(Hungary) के अलेक्सेंडर होर्वाथ(Alexendar horvath) | KO | 3(6) | 12 मार्च 2016 | लिवरपूल (Liverpool), UK |
5. | 5-0 | फ्रेंच(French) मतिऔज़े रोयेर(Matiouze royer) | TKO | 5(6) | 30 अप्रैल 2016 | लन्दन, UK |
6. | 6-0 | पॉलिश(Polish) एन्द्र्जेज सोल्द्र(Andrzej soldra) | TKO | 3(8) | 13 मई 2016 | बोल्टन(Bolten), UK |
7. | 7-0 | ऑस्ट्रेलियन केरी होप(Kerry hope) | UD | 10 | 16 जुलाई 2016 | दिल्ली, भारत |
विजेंदर सिंह की उपलब्धियां (Vijender Singh Achievements) –
विजेंदर सिंह ने अपने कैरियर में कुछ उपलब्धियां भी हासिल की है जिनके बारे में नीचे तालिका में दर्शाया गया है.
क्र.म. | खेल | साल | स्थान | वर्ग | पदक |
1. | ओलंपिक | 2008 | बेइजिंग | मिडिलवेट | कांस्य |
2. | विश्व चैंपियनशिप | 2009 | मिलन | मिडिलवेट | कांस्य |
3. |
कॉमनवेल्थ गेम्स |
2006
2010 2014 |
मेलबोर्न
दिल्ली ग्लासगो |
वेल्टरवेट
मिडिलवेट मिडिलवेट |
कांस्य
कांस्य रजत |
4. | एशियाई गेम्स | 2006
2010 |
दोहा
गुंद्ज्हो(Guangzhou) |
मिडिलवेट
मिडिलवेट |
कांस्य
स्वर्ण |
5. | एशियाई चैंपियनशिप | 2007
2009 |
–
– |
मिडिलवेट
मिडिलवेट |
रजत
कांस्य |
इसके अलावा विजेंदर सिंह को कुछ और पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया. जोकि इस प्रकार है-
- भारत सरकार द्वारा सन 2009 ने विजेंदर सिंह को “राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड” दिया गया.
- सन 2010 में विजेंदर सिंह को “पद्मश्री अवार्ड” दिया गया.
- विजेंदर सिंह भारत के पहले मुक्केबाज बने, जिन्होंने ओलंपिक में पदक जीता. अंतराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस का इतिहास जानने के लिए पढ़े.
विजेंदर पहले व्यक्ति है, जिन्होंने अपने कैरियर को प्रोफेशनल लेवल पर आगे बढ़ाया, जिसमे इन्होंने निजी तौर पर हुई एकल मुक्केबाजी प्रतियोगियाओं की मेजबानी में भाग लिया.
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