Top 5 This Week

spot_img

Related Posts

महावीर सिंह फोगट जीवन परिचय | Mahavir Singh Phogat biography dangal movie review hindi

Mahavir Singh Phogat biography dangal movie review hindi

महावीर सिंह फोगट एक फेमस रेसलर व ओलिंपिक में कोच रहे है. फोगट जी को अभी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए नामांकित किया गया है. ये फेमस रेसलिंग कोच गीता फोगट के पिता है, इन्होने 2010 में हुए कोमन्वेल्थ गेम्स में महिला केटेगरी में भारत को पहली बार गोल्ड मैडल दिलाया था. गीता पहली महिला रेसलर है, जो ओलंपिक के लिए चुनी गई. उनकी दूसरी बेटी बबिता कुमारी भी 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मैडल जीत चुकी है. महावीर सिंह का जीवन बहुत संघर्ष से भरा हुआ रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. यही वजह है उनके जीवन से बहुत लोग प्रेरणा लेते है, उनके जीवन पर आमिर खान ने फिल्म भी बनाई है. 

Table of Contents

महावीर सिंह फोगट बायोग्राफी व् दंगल फिल्म की कहानी Mahavir Singh Phogat biography dangal movie review hindi

नाममहावीर सिंह फोगाट
जन्मपता नहीं
जन्म स्थानबलाली गांव, चरखी दादरी जिला, हरियाणा
राष्ट्रीयताभारतीय
स्कूलपता नहीं
कॉलेजपता नहीं
पिता का नामपता नहीं
माता का नामज्ञाना देवी
भाई का नामस्वर्गीय राजपाल फोगाट, सज्जन फोगाट
वैवाहिक स्थितिविवाहित
पत्नीदया कौर
बेटीगाती फोगाट, बबीता फोगाट, रितु और संगीता
बेटादुष्यंत
व्यवसायपूर्व भारतीय पहलवान
जातिपता नहीं
संपत्तिपता नहीं

महावीर जी का जन्म हरियाणा के भिवानी जिले के बलाली गाँव में हुआ था. छोटे से गावं में जन्मे महावीर जी ने बचपन से बहुतसी रूढ़िवादी व दकियानूसी बातों को अपने आसपास देखा था, उस समय वहां के लोग घर में बेटी होने पर उन्हें तुरंत मार देते थे. लेकिन वे खुद खुले विचारों वाले इन्सान थे. महावीर जी की शादी दया कौर से हुई थी. जिनसे उन्हें 2 बेटी गीता व् बबिता है. महावीर जी ने कम उम्र से ही रेसलिंग की शुरुवात कर दी थी, वे अच्छे रेसलर तो थे, लेकिन उनको उस हिसाब से लोकप्रियता नहीं मिली. उन्होंने अपने इस अधूरे सपने को अपनी बेटियों के द्वारा पूरा करना चाहा. महावीर जी ने अपनी बेटियों को रेसलिंग की ट्रेनिंग देनी शुरू की, वे चाहते थे उनकी बेटियां सफल रेसलर बने और उनका व् देश का नाम रोशन करें. इस निर्णय की वजह से उन्हें पुरे गावं के गुस्से का शिकार होना पड़ा. यहाँ तक कि उनके गावं वालों ने उन्हें वहां से बाहर निकाल दिया. इस फिल्म में पहलवान महावीर सिंह फोगाट की सच्ची और प्रेरणादायी कहानी बताई गई है कि वे कैसे समाज की परवाह किये बिना अपनी बेटियों को भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने के लिए कुश्ती में ट्रेन करते हैं.

गावं वालों का कहना था कि महावीर एक अच्छे पिता नहीं है, जिस उम्र में उन्हें अपनी लड़कियों की शादी करनी चाहिए, उस उम्र में ये उन्हें रेसलर बना रहा है, लड़कियों को हमेशा पर्दा में रहना चाहिए व घर संभालना चाहिए. इन सब बातों के परे महावीर ये सोचते थे कि अगर भारत देश की प्रधानमंत्री एक महिला हो सकती है, तो एक महिला एक रेसलर भी बन सकती है. महावीर जी ने 3 लोगों को ऐसा ट्रेन किया जिसके बाद वे लोग गोल्ड मैडल के विजेता बने.

एशियाई खेल में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी विनेश फोगाट

विनेश फोगाट ने सोमवार 20 अगस्त को एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास को दोहराया है. उन्होंने फाइनल मैच में जापान की युकी इरी को 50 किलोग्राम वजन के वर्ग में 6-2 से हराया. विनेश ने जापानी पहलवान खिलाड़ी के साथ मुकाबला कर उनके डिफेन्स पर ध्यान केन्द्रित करते हुए शुरुआत में ही 4-0 से अपनी बढत बना ली थी. इसके बाद आखिरी 3 सेकंड में डिफेंस को छोड़कर 2 पॉइंट बनाये और स्वर्ण पदक अपने नाम किया. वे ज्यादातर अटैकिंग खेल के लिए जानी जाती हैं. इस साल के एशियाई खेलों में पहलवानी में यह भारत का दूसरा स्वर्ण पदक है. पहला पदक बजरंगी पुनिया ने शनिवार को अपने नाम किया. इससे पहले विनेश फोगाट कॉमनवेल्थ खेलों में 2 बार स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी है. इसके अलावा उन्होंने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में अनगिनत अन्य पदक भी जीते हैं.

विनेश फोगाट का फोगाट परिवार से रिश्ता (Vinesh Phogat Relation With Phogat Family)

विनेश हरियाणा के बलाली में पैदा हुई हैं जोकि पहलवानी के प्रतिष्ठित बैकग्राउंड से सम्बन्ध रखती हैं. वे पहलवान बहनें गीता फोगाट और बबिता फोगाट की कजिन हैं. वे पहलवान महावीर सिंह फोगाट के छोटे भाई राजपाल फोगाट की बेटी हैं. उन्होंने अपने शुरूआती दिनों में, अपने चाचा यानि महावीर सिंह फोगाट से प्रशिक्षण प्राप्त किया था.

गीता फोगट जीवन परिचय (Geeta phogat Jeevani)–

गीता फोगट का जन्म 15 दिसम्बर 1988 को हरियाणा के बलाली गाँव में हुआ था. गीता को बचपन से ट्रेनिंग उनके पिता महावीर ने दी है, यही उनके कोच रहे. गीता पहली महिला रेसलर है, जिन्हें गोल्ड मैडल से सम्मानित किया गया. इससे पहले किसी महिला रेसलर ने भारत के लिए गोल्ड मैडल नहीं जीता था. 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 55 kg फ्री स्टाइल कॉम्पटीशन के अंतर्गत गीता फोगट ने गोल्ड मैडल जीता था. गीता भारत की ओर से पहली महिला रेसलर रही, जिन्होंने ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था.

गीता फोगट करियर –

  • सन 2009 जालंधर पंजाब में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में गीता ने गोल्ड मैडल जीता था.
  • सन 2010 में दिल्ली में हुए अन्तराष्ट्रीय कॉमनवेल्थ गेम्स में गीता ने महिला रेसलिंग में भारत को पहली बार गोल्ड मैडल दिलाया. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की एमिली को हराया था.
  • सन 2012 में एशियाई ओलंपिक टूर्नामेंट में गीता ने क्वालिफाइड मैच में गोल्ड मैडल जीता था. इसके बाद उन्होंने पटियाला में नेताजी सुभाष चन्द्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ स्पोर्ट्स में कोच ओ पी यादव के द्वारा कठिन ट्रेनिंग ली. ओलंपिक में कैनेडा की रेसलर टोन्या से उनकी फाइट हुई, जिसमें वो हार गई और उन्हें ब्रोंज मैडल मिला.

बबिता फोगट जीवन परिचय (Babita phogat Jeevani)–

बबिता फोगट का जन्म 20 नवम्बर 1989 को हरियाणा में हुआ था. बबिता अपनी बहन व् पिता की तरह रेसलर है. वे अपनी बहन गीता व् कजिन विनेश फोगट के साथ अपने गावं में लड़की व् महिलाओं के हक लिए काम कर रही है. वे चाहती है कि उनके गावं वालों की सोच बदले और वे लोग भी अपनी बेटियों को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ाये.

2009 से 2015 तक बबिता ने सभी कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स में हिस्सा लिया है, जहाँ उन्होंने बहुत से मैडल व् प्राइज अपने नाम किये.

बबिता की कजिन विनेश उनके चाचा की बेटी है. अपने चाचा ने रेसलिंग के गुर सिखने के बाद विनेश ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का नाम बहुत ऊँचा किया है.

आमिर खान दंगल मूवी रिव्यु (Aamir Khan Dangal Movie Story Review)–

आमिर खान फिल्म में रेसलर महावीर सिंह फोगट की भूमिका में है. फिल्म को नितेश तिवारी निर्देशित कर रहे है. फिल्म डिज्नी स्टूडियो द्वारा प्रोडूस है. फिल्म में आमिर एक ही इन्सान के 2 रूप में नजर आयेंगें. फिल्म की शुरुवात में वे 20 साल के लड़के बने है, जो रेसलर बनने का सपना देख उसकी तैयारी करता है. इसके बाद वे 60 साल के आदमी बने है, जो अपनी बेटी बबिता व् गीता को रेसलिंग की ट्रेनिंग देता है. भारत में दंगल नाम की फेमस हिंदी साईट है, इसी के नाम पर फिल्म का नाम रखा गया है. भारत में पहलवानी व् कुश्ती को भी दंगल कहा जाता है. 

फिल्म के बारे में अन्य जानकारियां –

कलाकारआमिर खान, साक्षी तवर, फातिमा सना शेख, सान्या मल्होत्रा, जैरा वसीम, सुहानी भटनागर, विवान भटेना, गिरीश कुलकर्णी
निर्माताआमिर खान, किरण राव, सिद्धार्थ रॉय कपूर
प्रोडक्शन कंपनीआमिर खान प्रोडक्शन, वाल्ट डिस्नी कंपनी
निर्देशकनितेश तिवारी
लेखकनितेश तिवारी
संगीतप्रीतम चक्रवर्ती
सिनेमेटोग्राफीसेतु
रिलीज़ डेट23 दिसम्बर 2016

फिल्मिंग –

फिल्म की शूटिंग पंजाब, हरियाणा में हुई थी. पंजाब के लुधियाना में हरियाणा का एक गाँव जैसा सेट बनाया गया है, जहाँ आमिर ने सितम्बर 2015 में शूटिंग की थी. पिछले साल आमिर ने 3 महीनो में अपना वजन बढ़ाकर  98 किलो कर लिया था, जिसके बाद उन्हें उठने बैठने चलने में परेशानी भी होने लगी थी. फिल्म का पहला सीन फिल्माते समय सेट पर महावीर सिंह फोगट अपनी बेटी गीता व् बबिता के साथ मौजूद रहे. फिल्म में फातिमा व् सान्या गीता व बबिता के रूप में नजर आई है.

फिल्म में पहले शूट के बाद आमिर ने अपना वजन कम करना शुरू कर दिया, जिससे वे 60 साल के महावीर फोगट की भूमिका अच्छे से निभा सके. फिल्म में विवान भटेना का नेगेटिव किरदार में है. 

दंगल फिल्म की कहानी से मिलने वाली प्रेरणा

दंगल फिल्म की कहानी से हमें मुख्य प्रेरणा यह मिलती है कि लड़कियों को कभी भी किसी लड़के से कम नहीं समझना चाहिए. आज के समय में हर वो काम जो लड़के करते है वह काम लड़कियाँ भी कर सकती है. फिर चाहे वह कुश्ती ही क्यों ना हो. महिलाएं कुश्ती में भी लड़कों को मात दे सकती है यही इस फिल्म की प्रमुख प्रेरणा है.

यह फिल्म और इस फिल्म की कहानी हर किसी को कुछ सबक सिखाती है. इस फिल्म में लड़कियों, पिता, बेटियों, महत्वकांक्षी खेल खेलने वाले लोगों और देशभक्तों के लिए कई प्रेरणदायी दृश्य हैं. यहाँ नीचे इस फिल्म के ऐसे दृश्यों के बारे में बताया गया है जिससे हमें कुछ प्रेरणा मिलती है.

फिल्म का पहला दृश्य

फिल्म दंगल में एक दृश्य ऐसा आता है जब आमिर खान यानि महावीर सिंह फोगाट का यह सपना रहता है कि वे कुश्ती के खेल में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतें, किन्तु इनके पिता नहीं चाहते थे कि वे नेशनल के आगे खेले. उस वक्त उनका सपना अधूरा रह जाता है फिर वे यह निर्णय लेते है कि उनका बेटा यह करेगा. किन्तु उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था उनकी पत्नी यानि दया फोगाट ने 4 बेटियों को जन्म दिया. महावीर बेटियों के खिलाफ नहीं थे किन्तु उनकी यह अवधारणा थी कि कुश्ती का खेल सिर्फ पुरुषों के लिए होता है और इसलिए भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने का उनका सपना कभी सच नहीं हो सकता था. लेकिन एक दिन ऐसा हुआ जब उनकी 2 बेटियों ने एक लड़के को पीता. यह देखकर उसे उनकी क्षमता का एहसास हुआ.

प्रेरणा

इससे यह प्रेरणा मिलती है कि अनुभव ही सच्ची ताकत होती है, और बेटी का जन्म एक वरदान होता है. जिस तरह महावीर को अपने अनुभव से यह एहसास हुआ कि उसकी दोनों बेटियाँ भी कुश्ती लड़ सकती हैं, तो यही उसके अनुभव की सच्ची ताकत थी जिससे वह अपनी बेटियों के साहस और शक्ति की पहचान कर सका. साथ ही उसने बेटियों के मह्त्व को समझा और अंत में उसे यह पता चल गया कि बेटी का जन्म एक वरदान होता है.

फिल्म का दूसरा दृश्य

फिल्म में एक दृश्य ऐसा दिखाया गया है जहाँ महावीर अपनी बेटियों को सुबह 5 बजे उठने को कहता है और उन्हें कड़ी से कड़ी मेहनत करवाता है. महावीर हर मुमकिन कोशिश करता है जिससे वे दोनों कुश्ती में बेहतर बन सकें. एक बार वह अपनी बेटी गीता को कुश्ती के अखाड़े में लड़कों के साथ लड़वाता है उसके गाँव के लोग उस पर ताने कसते है कि लड़कियाँ रसोईघर के लिए होती है और वह उसे कुश्ती करवा रहा है. लेकिन महावीर उनकी बात न सुनते हुए अपनी बेटी गीता को कुश्ती लड़ने के लिए प्रोत्साहित करता रहता है. तभी गीता की पहलवानी देखकर सभी दंग रह जाते है हालाँकि वह यह कुश्ती हार जाती है किन्तु वह इसमें अच्छा प्रदर्शन करती है.

प्रेरणा

इससे यह प्रेरणा मिलती है कि लड़कियाँ भी कुश्ती कर सकती हैं और साथ ही असली ताकत हमेशा अपने अंदर के खजाने में छिपी होती है जिसे कड़ी मेहनत कर बाहर निकला जाता है. महावीर ने भी अपनी बेटियों को कुश्ती सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी उसने अपनी बेटियों के अंदर छिपी हुई कला को कड़ी मेहनत कर उजागर किया, इससे उसने यह साबित कर दिया कि लड़कियाँ भी कुश्ती कर सकती हैं. साथ ही उसने उन लोगों का मुंह बंद करवा दिया जो उसे ऐसा करने से रोक रहे थे.

इसके अलावा महावीर अपनी बेटियों गीता और बबिता को कुश्ती के दौरान कुछ प्रेरणा देता है, जोकि इस प्रकार है-

उपलब्धियों के लिए तैयारियाँ करना

कुछ भी रातों रात नहीं कमाया जा सकता है. उपलब्धी पाने के लिए आवश्यक होता है आपका जूनून, आपका समय, आपकी योजना और आपकी तैयारी आदि. ये कुछ बातें है जोकि अपने निर्धारित समय में आगे बढने के लिए महत्वपूर्ण संरचनाओं के रूप में परिभाषित की गई है. इसलिए उपलब्धी पाने के लिए अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं रखनी चाहिए.

अपने कौशल को विकसित करना

अभी थोड़ा समय लगेगा लेकिन बाद में आप हमेशा सफलता की ओर बढ़ेंगे. अपने कौशल को विकसित करने के लिए सबसे ज्यादा जरुरी होता है तैयारी, गिरना और उठना. यदि आप तैयारी में गिर कर उठते रहेंगे तो इससे आपका कौशल उत्तम होगा. क्योंकि गिरने से आप अगली बार और मेहनत करने के लिए उठेंगे. 

कभी छोड़ना मत

एक बात हमेशा ध्यान में रखने की जरूरत है कि चाहे कोई भी मसला हो कभी भी छोड़ना नहीं चाहिए जब तक हालात आपके विरुद्ध न हो जाये. कड़ी मेहनत और एक सकारात्मक रवैया ही सफलता की कुंजी होती है. इसलिए कभी भी हार नहीं माननी चाहिए.  

गोल्ड हमेशा गोल्ड होता है.

इस फिल्म के प्रोमो में एक लाइन बोली गई है कि “गोल्ड तो गोल्ड होता है”. इसका मतलब यह होता है कि कुछ हासिल करो तो ऐसे करो कि वह जिन्दगी भर याद रहे. महावीर गीता को कॉमनवेल्थ गेम के फाइनल में यह कहता है कि “रजत पदक जीतेगी तो लोग कुछ दिन बाद भूल जायेंगे, लेकिन यदि स्वर्ण पदक जीती तो मिसाल बन जायेगी और मिसाल दी जाती है बोली नहीं जाती.

इस तरह इस फिल्म से बहुत सी प्रेरणा मिलती है.

FAQ

Q- महावीर सिंह फोगाट कौन हैं?

Ans- महावीर सिंह फोगाट एक भारतीय पहलवान हैं।

Q- महावीर सिंह फोगाट का जन्म कब हुआ?

Ans- नहीं पता।

Q- महावीर सिंह फोगाट के कितने बच्चे हैं?

Ans- महावीर सिंह फोगाट के चार बेटी और एक बेटा है।

Q- महावीर सिंह फोगाट पर कौन सी फिल्म बनी है?

Ans- महावीर सिंह फोगाट पर दंगल फिल्म तैयार की गई थी।

Q- महावीर सिंह फोगाट का किसने निभाया किरदार?

Ans- आमिर खान ने निभाया किरदार।

होम पेजयहाँ क्लिक करें

अन्य पढ़े:

Karnika
कर्णिका दीपावली की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं| यह दीपावली के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं | यह दीपावली की SEO एक्सपर्ट हैं,इनके प्रयासों के कारण दीपावली एक सफल हिंदी वेबसाइट बनी हैं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Articles