विश्व सामाजिक न्याय दिवस क्यों मनाया जाता है? 2020 महत्व व इतिहास (World Day of Social Justice 2020 date,Significance, History & Theme in Hindi)
दुनिया में लोगों के बीच कई तरह के भेदभाव पैदा हो रहे हैं, जो कि लोगों के बीच एक दूरी का कारण बन गया हैं. इन भेदभाव के कारण कई लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. वहीं दुनिया में इस तरह की बुरियों को खत्म करने के लिए हर साल ‘विश्व सामाजिक न्याय दिवस’ मनाया जाता है. इस दिवस को कई उद्देश्यों को प्राप्त करने के मकसद के लिए बनाया गया है. इस दिवस के दिन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके लोगों को जागरूक किया जाता है. ये दिवस मुख्य तौर से नस्ल, वर्ग, लिंग, धर्म, संस्कृति, भेदभाव, बेरोजगारी से जुड़ी हुई कई समस्याओं को हल करने के उद्द्श्ये से हर साल मनाया जाता है.
किस दिन मनाया जाता है विश्व सामाजिक न्याय दिवस (World day of social justice Date)
हर साल 20 फरवरी के दिन ये दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा साल 2007 में इस दिन को मनाने की घोषणा की गई थी. वहीं साल 1995 में कोपेनहेगन, डेनमार्क में सोशल डेवलपमेंट के लिए विश्व शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था. इस शिखर सम्मेलन में 100 से अधिक राजनीतिक नेताओं ने गरीबी, पूर्ण रोजगार के साथ-साथ लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखा था. इसके अलावा समाज के लिए कार्य करने के लक्ष्य को हासिल करने का उद्देश्य भी इस आयोजन में रखा गया था. जिसके बाद साल 26 नवंबर, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कोपेनहेगन में हुए इस शिखर सम्मेलन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 20 फरवरी को विश्व सामाजिक न्याय दिवस के रूप में नामित किया था. वहीं साल 2009 में सबसे पहले इस दिन को पूरे विश्व में मनाया गया था.
कैसे प्राप्त होंगे ये लक्ष्य (Importance of world day of social justice) –
विश्व सामाजिक न्याय दिवस के उद्देश्यों को पूरा करने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय श्रम कार्यालय एक साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय श्रम कार्यालय द्वारा लोगों के बीच इस दिन के महत्व को फैलाने के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं. वहीं हर साल दुनिया के लगभग हर देश में विश्व सामाजिक न्याय दिवस को मनाया जाता है और इसके प्रति अपने देश के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने का कार्य किया जाता है.
भारत द्वारा उठाए गए कदम (world day of social justice in India) –
भारत के सविधान को बनाते समय देश में सामाजिक न्याय का खासा ध्यान रखा गया था. वहीं इस वक्त हमारे देश के सविधान में कई ऐसा प्रावधान मौजूद हैं, जो कि सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं. वहीं सुंयक्त राष्ट्र के साथ कदम से कदम मिलाकर भारत सरकार सामाजिक न्याय के लिए कई कार्य कर रही है. भारत देश में कई तरह की जाति के लोग मौजूद हैं, इसके अलावा हमारे देश में कई ऐसी प्रथाएं हैं जो की सामाजिक न्याय के लिए खतरा हैं और इन्हीं चीजों से लड़ने के लिए भारत ने कई महत्वपूर्ण कार्य भी किए हैं.
भारत में किस तरह मनाया जाता है ये दिवस
भारत सरकार ने कई ऐसे आयोगों का गठन किया है जो कि सामाजिक न्याय के हितों के लिए कार्य करते हैं. भारत के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा कई योजनाओं की मदद से भी लोगों की सहायता की जाती है. वहीं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से लकेर राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास आयोग जैसे सराकरी संगठन दिन रात हमारे समाज से भेदभाव,बेरोजगारी और बच्चों की सुरक्षा के लिए कार्य कर रहे हैं. वहीं 20 फरवरी के दिन इन संगठनों द्वारा कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. इसके अलावा स्कूल में भी इस दिन को लेकर कई तरह की प्रतियोगिता बच्चों के बीच रखी जाती है. जैसी की निंबध लिखना, इस दिन को चित्र के जरिए समझाना और इत्यादि.
भारत में सामाजिक न्याय की आवश्यकता-
भारत सरकार द्वारा हमारे देश से गरीबी, बेरोजगारी, लोगों के बीच असमानता जैसी चीजों को खत्म करने की काफी जरूरत है. वहीं हमारी सरकार द्वारा इन चीजों को खत्म करने के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं. लेकिन अभी भी हमारे देश में इन समस्याओं से पूरी तरह से निपटा नहीं गया है. वहीं इस दिवस के मकसद से भारत सरकार लोगों को शिक्षा का महत्व, भेदभाव नहीं करने जैसी चीजों के बारे में जागरूक करने में लगी हुई है और उम्मीद है कि आनेवाले सालों में भारत सरकार अपने इन लक्ष्यों में कामयाब हो जाएगी.
विश्व सामाजिक न्याय दिवस- साल का विषय (World day of Social Justice Theme)
हर साल विश्व सामाजिक न्याय दिवस के लिए एक विषय का चयन किया जाता है. इस विषय के माध्यम से लोगों को जागरूक बनाने की कोशिश की जाती है. वहीं साल 2018 के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व सामाजिक न्याय दिवस के लिए जो विषय चुना गया है, वो है ‘वर्कर ऑन द मूव: द क्वेस्ट फॉर सोशल जस्टिस’. इस विषय के जरिए दूसरे देशों से अन्य देशों में कार्य करने आए लोगों के साथ सामाजिक न्याय करने की पहल संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई है. अंतर्राष्ट्रीय श्रम कार्यालय के अनुसार इस वक्त करीब 25 करोड़ लोग दूसरे देशों में जाकर बसे हुए हैं, जिनमें से लगभग 15 करोड़ प्रवासी लोग कार्य कर रहे हैं. दूसरे देश में कार्य कर रहे इन 15 करोड़ लोगों के ऊपर ही इस साल का विश्व सामाजिक न्याय का विषय रखा गया है.
25 सिंतबर को मनाया जाता है राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस (national Social Justice Day on 25 September) –
जिस तरह से पूरे विश्व में 20 फरवरी को सामाजिक न्याय मनाया जाता है. ठीक उसकी तरह भारत सरकार 25 सिंतबर को भी ये दिवस मनाती है. हर साल इस दिन हमारे देश में राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस मनाया जाता है. जिसके उद्देश्य विश्व सामाजिक न्याय से मिलते जुलते ही हैं.
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