डिजिटल मार्केटिंग क्या है?

डिजिटल मार्केटिंग क्या है, डेफिनिशन, कोर्स, करियर, फायदे (Digital Marketing Kya Hai, Kaise Kare, Sikhe, Benefits, Business, Types in Hindi)

आज के समय में इंटरनेट का कितना उपयोग किया जा रहा है यह बात जान पाना कोई मुश्किल काम नहीं. आज युवा पीढ़ी ही नहीं बल्कि हमारी बीती हुई पीढ़ी अर्थात हमारे दादा जी, पिता जी, माता जी, जैसे लोगों के बीच भी इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है. सभी सूचनाओं व सभी जानकारियों के लिए अधिकतर इंटरनेट का ही उपयोग किया जा रहा हैं, भले ही वह खरीदारी से जुड़ी जानकारी ही क्यों ना हो. इसी के साथ डिजिटल मार्केटिंग भी इंटरनेट से जुड़ा हुआ एक ऐसा प्रक्रम है, जिसके जरिए ऑनलाइन रिसर्च करने वाले ग्राहकों को कई प्रकार के प्लेटफार्म दिए जाते हैं. और बहुत से आकर्षक ऑफर वहां पर मौजूद होते हैं जिससे वे आकर्षित हो सकते हैं. यहां आज हम जानेंगे कि डिजिटल मार्केटिंग किस प्रकार एक व्यवसाय और उपभोक्ता के लिए सहायक है –

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डिजिटल मार्केटिंग क्या है (What is Digital Marketing ?)

यदि बात करें डिजिटल मार्केटिंग की तो डिजिटल मार्केटिंग सोशल मीडिया का एक मुख्य प्लेटफार्म है, जहां पर सर्च मार्केटिंग और ईमेल मार्केटिंग के जरिए ऑनलाइन मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जाता है. आज के समय में ऐसे बहुत से कारोबार हैं जो अपने सबसे आकर्षक और बेहतरीन सेवाओं के साथ-साथ अपने द्वारा उत्पादित वस्तुओं का मूल रूप सोशल मीडिया के जरिए उपभोक्ताओं के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं. अन्य शब्दों में कहें तो डिजिटल मार्केटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपके बिजनेस को एक ऐसे रूप में ढाल देती है, कि किसी भी वस्तु व सेवाओं को उपभोक्ताओं तक आसानी से पहुंचाने का सरल और सीधा प्लेटफार्म स्थापित करती है. अतः उपभोक्ताओं द्वारा आपके उत्पादों और सेवाओं के बारे में कोई भी प्रश्न को पूछने पर आप उसका जवाब देने के लिए आसानी से उनके सीधे ही संपर्क में आ सकते हैं.

आज के समय प्रत्येक व्यवसाय व किसी भी सेवा के लिए सबसे मुख्य और अहम आधार डिजिटल मार्केटिंग बन चुका है. जो व्यवसाय के विस्तार और प्रसार दोनों में बहुत सहायक है. डिजिटल मार्केटिंग के जरिए आपको किसी भी उत्पाद व सेवाओं से जुड़ी पूरी जानकारी विस्तार से व शुद्ध रूप में प्राप्त होती है. यह एक ऐसा आसान जरिया है जिसके माध्यम से प्रत्येक प्रकार की सेवा व उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में सक्षम हो पाते हैं. चलिए जानते हैं किस प्रकार काम करती है डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म?

डिजिटल मार्केटिंग कैसे काम करती है (Digital Marketing Work Details)

डिजिटल मार्केटिंग का पूरा प्रारूप समझने के लिए डिजिटल मार्केटिंग के 5D के बारे में जानना जरूरी है, जो आपस में मिलकर काम करते हैं. डिजिटल मार्केटिंग करने के कई सारे तरीके होते हैं जैसे वेबसाइट या ईमेल मार्केटिंग इन सभी का पूरा प्रबंधन 5D के हाथों में होता है आइए जानते हैं कैसे?

  • डिजिटल डिवाइस :- आज का समय ऐसा है कि उपभोक्ता किसी भी प्रकार की वस्तुओं व सेवाओं का अनुभव लेने के लिए तत्पर रहता है, और उसके लिए सक्षम भी हो चुका है. क्योंकि वह स्मार्टफोन, टेबलेट, डेक्सटॉप, कंप्यूटर, टीवी और गेमिंग उपकरणों के साथ इस कदर जुड़ गया हैं, जहां पर सभी सेवाओं और वस्तुओं से जुड़े प्रचार व प्रसार प्रदर्शित किए जाते हैं. यह तरीका डिजिटल मार्केटिंग का सबसे प्रथम और सबसे आसान तरीका है, किसी भी सेवा व वस्तु को उपभोक्ताओं के संपर्क में लाने का. कुछ ऐसे उपकरण भी होते हैं, जिसके जरिए उपभोक्ता सीधे ही उत्पादक से व्यवसाय की वेबसाइटों और मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए बातचीत कर पाते हैं.
  • डिजिटल प्लेटफॉर्म :– डिजिटल मार्केटिंग में सबसे अहम और मुख्य भूमिका निभाने वाला दूसरा डी डिजिटल प्लेटफॉर्म है. यदि बात की जाए नए युग की, तो इस नए युग में डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म उपभोक्ताओं के लिए एक आसान और सरल तरीका क्रय विक्रय का बन गया है. जिसमें ब्राउज़र या कोई एप्लीकेशन के अलावा फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल और यू-ट्यूब, ट्विटर और लिंक्डइन जैसे कई सारे डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध है. डिजिटल मार्केटिंग में किसी भी वस्तु या सेवाओं को उत्पादक से उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में, यह मुख्य डिजिटल प्लेटफॉर्म अहम भूमिका निभाते हैं.
  • डिजिटल मीडिया :- आज के समय में जितना इस्तेमाल इंटरनेट का बढ़ गया है उतना ही इस्तेमाल ऐसे विज्ञापनों का बढ़ गया है. इनके जरिए किसी भी सेवा व वस्तुओं की ओर आकर्षित होना तथा उन्हें खरीदने की इच्छा रखना यह सब सक्षम हो पा रहा है. विज्ञापन, ईमेल, संदेश, खोज इंजन और सामाजिक नेटवर्क आदि प्रकार की डिजिटल मीडिया के जरिए उपभोक्ताओं तक विभिन्न सेवाएं व वस्तुएं आसानी से पहुंचाई जा सकती हैं. साथ ही भुगतान के भी विभिन्न तरीके बनाए जा चुके हैं, जिसमें किसी भी व्यापार का स्वामित्व रखने वाले व्यक्ति को आसानी से उस चैनल के जरिए अपने उत्पाद बेचने व धन अर्जित करने में बहुत सहायता मिलती है.
  • डिजिटल डाटा :- किसी भी व्यवसाय में उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिए डिजिटल डाटा एक अहम भूमिका निभाता है. डिजिटल डाटा एक उपभोक्ता की वह जानकारी होती है, जो सीधे ही उत्पादक को उपभोक्ता से जोड़ती है. जैसे उसका फोन नंबर या ईमेल आईडी या फिर किसी भी प्रकार का सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम आदि. इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय रूप से वस्तुओं व सेवाओं का आदान-प्रदान आसानी से किया जाता है. परंतु यह कुछ लोगों को परेशान करने का तरीका भी बन जाता है, इन सभी धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ देशों में संरक्षित कानून व कड़े कदम भी उठाये जाते हैं.
  • डिजिटल तकनीक :- डिजिटल मार्केटिंग तकनीक को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है, जिन्हें मार्केटिंग तकनीक या मार्शल स्टैक्ड कहा जाता है. इसमें व्यापारियों द्वारा या उत्पादकों द्वारा सोशल मीडिया पर एक व्यवसायिक वेबसाइट बना दी जाती है, या फिर किसी भी प्रकार की मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए वे अपने स्टोर सोशल मीडिया पर उपभोक्ताओं के समक्ष लेकर आते हैं. उत्पादक और उपभोक्ता के बीच में संपर्क स्थापित करने में यह वेबसाइट और एप्लीकेशन अपनी अहम भूमिका निभाती हैं. जिसके जरिए प्रत्येक व्यवसायी अपनी सेवाओं और उत्पादों का पूरा ब्यौरा उपभोक्ताओं तक सीधे ही पहुंचा सकते हैं.

डिजिटल मार्केटिंग की आवश्यकता क्यों होती है? (Why Digital Marketing is Required ?)

डिजिटल मार्केटिंग आज के समय में कैसा प्रारूप ले चुका है जिसकी आवश्यकता प्रत्येक व्यक्ति को समझना बहुत जरूरी है. क्योंकि आज के समय में डिजिटल मार्केटिंग अपना एक अहम योगदान उपभोक्ता और उत्पादकों के बीच में निभा रही है. आइए जानते हैं डिजिटल मार्केटिंग की मुख्य आवश्यकता के बारे में.

  • आज के समय में इतने अधिक उत्पाद और ब्रांड बढ़ गए हैं जिसकी वजह से प्रत्येक उपभोक्ता असमंजस में रहता है कि कौन सा उत्पाद खरीदा जाए और कौन सा नहीं. अब पहले की तरह किसी भी मैसेज या फिर किसी एडवर्टाइजमेंट की जरूरत नहीं होती है. डिजिटल मार्केटिंग उपभोक्ताओं को ऐसा स्थान प्रदान करता है, जहां पर वे आसानी से प्रत्येक उत्पाद व सेवाओं के बारे में पूरी तरह से विस्तार से समझने में सक्षम हो पाते हैं. और उत्पादक भी उपभोक्ताओं की जरूरत को समझते हुए अपने उत्पादों का निर्माण करता है, और सरल तरीके से प्रत्येक उपभोक्ता तक पहुंचने में सक्षम होता है.
  • इस प्लेटफार्म के जरिए प्रत्येक उपभोक्ता अपनी जरूरत के अनुसार उत्पाद प्राप्त कर सकते हैं. साथ ही वे आसानी से किसी भी उत्पाद व सेवाओं के बारे में अच्छा और बुरा पढ़कर उसको अपने जीवन में अपना सकते हैं. इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के वजह से कई सारे धोखाधड़ी और कालाबाजारी करने वाले लोग कम हो गए हैं. किसी भी प्रकार की वस्तु व सेवाओँ की खरीदारी हम ऑनलाइन प्लेटफार्म के जरिये उचित मूल्य पर आसानी कर सकते है. वह उन वस्तुओं सेवाओं को पाकर संतुष्टि भी प्राप्त करते हैं.
  • बाजार में बहुत सारे उत्पाद व सेवाएं मौजूद है अब किस पर विश्वास किया जाए और नहीं इसमें सबसे बेहद सहायक रास्ता डिजिटल मार्केटिंग है, जो किसी भी ब्रांड पर विश्वास कायम करने में हमारी मदद करता है. यदि उपभोक्ताओं का विश्वास किसी ब्रांड पर नहीं बनेगा, तो वे उस ब्रांड को उपयोग में नहीं ला पाएंगे. ऐसे में व्यापारियों का बहुत बड़ा नुकसान होता है, जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था को भी क्षति पहुंच सकती है.
  • यह एक ऐसा प्लेटफार्म बन गया है जहां पर एक ही समय में एक ही वस्तु के कई सारे प्रकार उपभोक्ताओं के सामने प्रदर्शित किए जा सकते हैं. जिससे वे उन वस्तुओं व सेवाओं की तुलना करने के बाद अपनी जरूरत के अनुसार सबसे बेस्ट चीज चुन सकते हैं.

डिजिटल मार्केटिंग के लाभ (Digital Marketing Benefits)

  • डिजिटल मार्केटिंग के जरिए व्यापारियों व उपभोक्ताओं दोनों को ही लाभ पहुंचता है. वे किसी भी वस्तु को लेकर जागरूक भी होते हैं, व उससे आसानी से जुड़ते भी हैं. किसी भी वस्तु के लिए जागरूक और उस वस्तु पर विश्वास होने से वे अपनी मनचाही जरूरतों को आसानी से पूरा करने में मदद मिलती हैं.
  • नई खरीदारों और नए व्यापारियों के लिए यह एक बेहतर प्लेटफार्म है जिससे वे एक दूसरे की जरूरत को समझते हुए काम करते हैं. नए व्यापारियों को यह आगे बढ़ने का मौका देता है, तो नए खरीदारों को बेहतर सेवाएं व वस्तुएं प्राप्त करने का एक उचित प्लेटफॉर्म प्रदान करता है.
  • डिजिटल मार्केटिंग के जरिए किसी भी वस्तुओं सेवाओं के विस्तार में बहुत अधिक सहायता मिलती है, क्योंकि यदि एक व्यक्ति को वह वस्तु या सेवा अधिक पसंद आती है, तो वह अपने मित्र व सगे संबंधियों के बीच उसे आसानी से शेयर भी करता है. इससे किसी भी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं को वितरित करने में आसानी होती है.
  • उपभोक्ताओं व उत्पादक का सीधा संपर्क होने की वजह से वह आसानी से किसी भी सेवा व वस्तु का पूरा लाभ शीघ्रता और आसानी से प्राप्त कर सकते है. सही मायने में देखा जाए तो उचित कीमत पर सही वस्तु व सेवाएं उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए एक सबसे सुगम और सरल रास्ता डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म बन चुका है. इसकी वजह से वे पूरी तरह संतुष्ट होते हैं और आनंद की प्राप्ति करते हैं.
  • एक ऐसा सरल रास्ता उपभोक्ताओं और उत्पादकों के बीच डिजिटल मार्केटिंग बन चुका है जहां से आसानी से किसी भी ब्रांड की विश्वसनीयता को उपभोक्ताओं के बीच में बढ़ाने में सहायता मिलती है. व्यापारियों द्वारा निर्मित किसी भी वस्तु को अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्थापित करने में इसका बहुत बड़ा योगदान है.
  • किसी भी व्यवसाय को बढ़ाने और अपने उत्पादों को देश विदेश में पहुंचाने के लिए डिजिटल मार्केटिंग सबसे अधिक किफायती और सुगम तरीका होता है. साथ में उपभोक्ता उत्पादक के बीच के संपर्क को भी बनाने मे सरलता मिलती है. यह एक ऐसा सरल तरीका है, जिसका उपयोग किसी भी देश में बैठे व्यक्ति आसानी से कर सकते हैं. यह देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.

डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार (Digital Marketing Types)

मुख्य रूप से डिजिटल मार्केटिंग  के जरिए अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए  2 तरीके अपनाए जा सकते हैं, जिसमें ऑनलाइन मार्केटिंग और ऑफलाइन मार्केटिंग आते हैं.

ऑफलाइन डिजिटल मार्केटिंग :- डिजिटल मार्केटिंग में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ही नहीं बल्कि ऑफलाइन प्लेटफॉर्म भी अपनी अहम भूमिका निभाता है. इसमें बिना इंटरनेट से जुड़े आप अपने व्यवसाय से जुड़ी डिजिटल मार्केटिंग आसानी से कर सकते हैं. आइए जानते हैं कौन सी डिवाइस का उपयोग करके आप आसानी से ऑफलाइन डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफार्म पर अपना व्यवसाय ला सकते हैं.

  1. रेडियो :- रेडियो के बारे में तो आप जानते ही होंगे जो बहुत पुराना तरीका है और सबसे आसान भी. जिस समय इंटरनेट का अविष्कार भी नहीं हुआ था उस समय से रेडियो डिजिटल मार्केटिंग में अपनी अहम भूमिका निभाता रहा है. डिजिटल मार्केटिंग के जरिए अपनी बात आसानी से सभी उपभोक्ताओं के बीच में लाई जा सकती है. इंटरनेट के इतने इस्तेमाल के बाद भी अब तक रेडियो का इस्तेमाल कम नहीं हुआ है, बल्कि बीते 10 सालों में (साल 2018 तक) रेडियो चैनल्स की कमाई 470 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है.
  2. टीवी :– टीवी तो आमतौर पर सबके घरों में मिल ही जाती है. उस पर डेली सोप्स और फिल्मों के बीच कितने प्रकार के विज्ञापन आते हैं, कि उन्हें देखकर किसी भी वस्तुओं व सेवाओं के लिए हम जल्द ही आकर्षित हो जाते हैं. अतः डिजिटल मार्केटिंग का सबसे आसान और सबसे आकर्षित तरीका मात्र टीवी ही है.
  3. मोबाइल :- ऑफलाइन तरीके में मोबाइल का इस्तेमाल करके भी डिजिटल मार्केटिंग की जा सकती है, यह एक सबसे आसान तरीका है. ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसके हाथ में मोबाइल ना हो. ऐसे में ऑफलाइन तरीके से फोन करके या फिर मैसेजेस के जरिए आसानी से डिजिटल मार्केटिंग को अंजाम दिया जा सकता है.

ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग :- इंटरनेट के इस्तेमाल ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को एक वृहद रूप प्रदान किया है. इंटरनेट के जरिए ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग आसानी से की जाती है. और सरलता से सभी उत्पाद व सेवाएं उपभोक्ताओं तक पहुंचाने में मदद मिलती है.

  1. सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन :- इंटरनेट के इस्तेमाल ने वेबसाइट की संख्या भी दिन-प्रतिदिन बढ़ा दी है. ऐसे में किसी भी वेबसाइट का स्तर बढ़ाने के लिए सर्च इंजन एक बेहतर स्थान है. किसी भी वेबसाइट पर कितने लोग आते हैं और उस विज्ञापन व उस वेबसाइट पर मौजूद कंटेंट को देखते हैं या फिर पढ़ते हैं, यह सब वेबसाइट पर ट्रैफिक लाने के लिए बहुत जरूरी होता है और यह ट्रैफिक लाने का सबसे आसान तरीका माना गया है. पाठकों के लिए और बहुत से उपभोक्ताओं के लिए इनके बीच में कई सारे विज्ञापन भी प्रदर्शित किए जाते हैं. वह उन सेवा व वस्तुओं तक आसानी से पहुंचने में मदद भी करते हैं.
  2. सर्च इंजन मार्केटिंग :- सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए हम बिना कोई मूल्य चुकाए अपनी वेबसाइट पर ट्रैफिक ला सकते हैं. परंतु सर्च इंजन मार्केटिंग मतलब SEM एक ऐसा तरीका है जिस पर कुछ मूल्य चुकाने के बाद आप अपने विज्ञापनों को बड़ी-बड़ी वेबसाइट पर दिखा सकते हैं, जिससे आपको कई सारे उपभोक्ता आसानी से प्राप्त हो जाते है.
  3. पे पर क्लिक एडवरटाइजिंग (PPC) :- किसी भी प्रकार के विज्ञापन को चलाने के लिए यह बहुत आसान और सुगम तरीका है. वेबसाइट पर कुछ इस तरह के विज्ञापन प्रदर्शित किये जाते है, कि यदि कोई पाठक उस विज्ञापन पर क्लिक कर देता है तो ऐसे में वेबसाइट को एक निर्धारित मूल्य की प्राप्ति होती है. गूगल पर किसी भी प्रकार का सवाल डालने पर उससे जुड़े कई सारे जवाब हमारे सामने प्रदर्शित किए जाते हैं. और उनसे जुड़े बहुत से विज्ञापन भी दिखाए जाते हैं. ऐसे में उन विज्ञापनों पर मात्र एक क्लिक करने से ही और उसके बारे में वहां पर दी हुई जानकारी देखने से उस वेबसाइट का स्वामित्व रखने वाले व्यक्ति को गूगल द्वारा स्वयं ही एक राशि का भुगतान कर दिया जाता है.
  4. सोशल मीडिया मार्केटिंग :- आज के समय में किसी भी देश व किसी भी स्थान का व्यक्ति सोशल मीडिया के बिना नहीं रह सकता है. सोशल मीडिया पर बहुत सारे उत्पाद विज्ञापित किए जाते हैं और उनके जरिए आकर्षित वस्तुओं की ओर आकर्षित होकर बहुत जल्द उन्हें अपने जीवन में अपनाया भी जाता है. जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, ट्विटर आदि. इन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए बहुत से व्यापारी अपने प्रोडक्ट्स आसानी से उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं. अतः उपभोक्ताओं की जरूरत उनकी इच्छा अनुसार पूरी करके कोई भी व्यापारी उनका पसंदीदा बन जाता है.
  5. कंटेंट मार्केटिंग :- कंटेंट मार्केटिंग के जरिए नियमित रूप से आने वाले पाठकों के लिए आकर्षित लेख डाले जाते हैं, जिन्हें पढ़कर वे वस्तुओं व सेवाओं के बारे में पूरी तरह से समझ पाते हैं. जिन्हें पढ़कर कोई भी उपभोक्ता आसानी से किसी ब्रांड पर विश्वास करता है और उसका नियमित कस्टमर बन जाता है. इनमें मुख्य रूप से ब्लॉग पोस्ट वीडियो ई – बुक इंफोग्राफिक पॉडकास्ट आदि सम्मिलित किए जाते हैं, जो आसानी से किसी भी ब्रांड या प्रोडक्ट के लिए वेबसाइट को प्रमोट करते हैं. ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने का यह सबसे सरल और किफायती मार्ग बन चुका है.
  6. -मेल मार्केटिंग :- ईमेल मार्केटिंग भी पुराने तरीकों में से एक है इसके जरिए आसानी से कोई भी व्यापारी अपने द्वारा बनाए गए उत्पादों व सेवाओं को आसानी से विज्ञापित करके उपभोक्ताओं तक पहुंचा देता है. इसमें सबसे किफायती बात यह है कि यह सबसे सस्ता और सरल तरीका है. यह एक ऐसा सुगम तरीका है जो उपभोक्ताओं को व्यापारियों से जोड़ता है, और व्यापारियों को अपने व्यापार को बढ़ावा देने में बहुत सहायता मिलती है.
  7. एफिलेटेड मार्केटिंग :- एफिलेटेड मार्केटिंग एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन गया है, जो आजकल के युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक सबके बीच में फैला हुआ है. यह तरीका उपभोक्ताओं तक उत्पाद तो पहुंचाता ही है, साथ ही बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करता है. घर में बैठी ग्रहणी हो या फिर रिटायर्ड हुए कोई व्यक्ति, प्रत्येक व्यक्ति रिलेटेड मार्केटिंग से आज के समय में जुड़ चुका है. मुख्य रूप से इसमें यह कार्य होता है कि कोई भी विश्वसनीय ब्रांड या प्रोडक्ट अपने सर्विस का प्रचार व प्रसार करते हैं और धीरे-धीरे उनसे कई व्यक्तियों को जोड़ लेते हैं. आगे के प्रचार व प्रसार में वे व्यक्ति उनकी मदद करते हैं जिसके बदले वे अपनी सेवाओं और वस्तुओं के विक्रय होने पर उन्हें कुछ कमीशन का भुगतान किया जाता हैं.

अंत में यदि देखा जाए और समझा जाए तो डिजिटल मार्केटिंग किसी भी व्यापार को बढ़ाने और उसको उपभोक्ताओं के बीच लाने के लिए एक उचित प्लेटफार्म बन चुका है. यह उत्पादक और उपभोक्ताओं के बीच एक बेहतर और विश्वसनीय संबंध बनाने में बेहद सहायक सिद्ध हो रहा है. डिजिटल मार्केटिंग के जरिए तो धन की प्राप्ति होती ही है, साथ में कुछ ऐसे लोग भी हमसे जुड़ जाते हैं जो अपने खाली समय में धन अर्जित करने में सक्षम हो पाते हैं. व्यवसाय के विस्तार व प्रसार के लिए एक अहम प्लेटफार्म के रूप में डिजिटल मार्केटिंग को जाना जाता है. किसी भी व्यवसाय को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने का काम भी डिजिटल मार्केटिंग ही कर रहा है. इसलिए डिजिटल मार्केटिंग ने अपनी एक अच्छी खासी पकड़ व्यापारियों व उपभोक्ता के बीच बना ली है.

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Pavan Agrawal
मेरा नाम पवन अग्रवाल हैं और मैं मध्यप्रदेश के छोटे से शहर Gadarwara का रहने वाला हूँ । मैंने Maulana Azad National Institute of Technology [MNIT Bhopal] से इंजीन्यरिंग किया हैं । मैंने अपनी सबसे पहली जॉब Tata Consultancy Services से शुरू की मुझे आज भी अपनी पहली जॉब से बहुत प्यार हैं।

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