गुड़ी पड़वा या उगादी 2024 निबंध इतिहास (हिन्दू नववर्ष) शायरी | Gudi Padwa or Ugadi 2024 kyu manaya jata hain

गुड़ी पड़वा (गुडी पाडवा) या उगादी, 2024 में कब है, क्या होता है, त्यौहार क्यों मनाया जाता है, निबंध, इतिहास, महत्व की जानकारी, कविता (Gudi Padwa or Ugadi Festival Date 2024, Festival Information, History, Poem in Hindi)

वर्ष चैत्र माह की शुक्ल प्रतिपदा के दिन मनाया जाता है, इस दिन दान का महत्व है. साथ ही नौ दुर्गा के दिन का प्रारम्भ भी इसी गुड़ी पड़वा से होता हैं, सभी इस दिन से घरो को शुद्ध कर पूजा पाठ करते हैं. कई लोग गणगोर माता का विवाह रचते हैं. त्यौहार भारत देश की धरोहर हैं इनकी मान्यता दिल की भावनाओ से जुड़ी होती हैं. उगादी त्यौहार को गुडी पाडवा के नाम से भी जाना जाता है, यह हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है. जिसे लोग बहुत ही हर्ष के साथ मानते है. इस त्यौहार एक बारे में पूरी जानकारी यहाँ दी जा रही है.

Nav Varsh Shlok In Sanskrit And Hindi

गुड़ी पड़वा या उगादी 2024 (Gudi Padwa or Ugadi)

नामगुड़ी पड़वा
अन्य नामउगादी, नवरात्र प्रारंभ, मराठी नया साल
कब होता हैचैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि के दिन
2024 में कब है9 अप्रैल

गुड़ी पड़वा का अर्थ क्या है (Gudi Padwa Meaning)

गुड़ी पड़वा का अर्थ होता है ‘विजय पताका’. उसी तरह उगादी नाम मूलतः संस्कृत शब्द के युग और अदि शब्दों से बना है, जिसका अर्थ होता है नए युग की शुरुआत. त्रेता युग, द्वापर युग और कलयुग ये तीन तरह के युग है. अभी हम कलयुग में रह रहे हैं. महर्षि वेद व्यास ने इस शब्द की व्याख्या 3102 ईस्वी में की. यह द्वापर था, जोकि भगवान श्री कृष्ण के युग के बाद आता है.

गुड़ी पड़वा किन राज्यों में मनाया जाता है (Gudi Padwa is Celebrated in Which State)

उगादी त्योहार को भारत के दक्षिण प्रांतीय राज्य आंध्रप्रदेश और कर्नाटक, महाराष्ट्र के राज्यों में बहुत धूम धाम से मनाया जाता है. इसे कन्नड़ और तेलगु समुदाय के लोग नए वर्ष के रूप में मनाते हैं.

गुड़ी पड़वा कब मनाया जाता है (Gudi Padwa Festival)

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत मास सुधा पद्मि के दिन इसको मनाया जाता है. भारत में यह विक्रम सवंत के नाम से भी जाना जाता है.

गुड़ी पड़वा क्यों मनाया जाता है, महत्व क्या है (Gudi Padwa Festival Mahatva)

गुड़ी पड़वा का त्यौहार मनाने के पीछे की कहानी यह है कि हिन्दू धर्म के अनुसार ब्रम्हा जी ने इस दिन सृष्टि की रचना की थी. इस दिन पहली बार सूर्य का उदय हुआ था. इसलिए इसे दुनिया का पहला दिन कहा जाता है. इसलिए इसे लोग नए वर्ष के रूप में मनाते हैं.

गुड़ी पड़वा या उगादी 2024 में कब है (Ugadi or Gudi Padwa Festival 2024 Date)

इस त्यौहार को चैत मास के सुधा पद्ध्मी के दिन मनाया जाता है. यह मार्च या अप्रैल महीने में पड़ता है. इस समय तक बसन्त ऋतू का आगमन पूरी तरह से हो चूका रहता है. पेड़ो पर नए नए पत्ते लग चुके रहते है, वसन्त ऋतू के आगमन से ही हर जगह नयापन आ चूका होता है. इस ऋतू को ऋतुओं का राजा कहा जाता है. ऐसे समय में उगादी का त्योहार मनाया जाता है. इस वर्ष 2024 में 9 अप्रैल को मनाया जायेगा. 

गुड़ी पड़वा या उगादी कैसे मनाते हैं (Ugadi or Gudi Padwa Festival Celebration)

उगादी जोकि तेलंगाना में नव वर्ष के रूप में बहुत धूम धाम से मनाया जाता है. इस दिन के लिये लोग पहले से ही अपने घरो और उसके आस पास की साफ़ सफाई और खरीददारी में लग जाते है. इस दिन विशेष तौर पर वहाँ के लोग अपने सिर के साथ साथ पुरे शरीर पर तिल के तेल की मालिस करते है. घरों के मुख्य द्वार पर लोग आम के पत्ते को लगा कर सजाते है, साथ ही द्वार पर कलस रख कर उस पर आम के पत्ते और नारियल से सजाते है. साथ ही द्वार पर अल्पनाये भी बनाते है. पूजा के लिए लोग अपने घर में आसन लगाकर उसे सुगंधित फुल मालाओं से सजाते और पूजन करते है. इस त्योहार को लोग बहुत हर्षो उल्लास के साथ मनाते है. अपने परिजनों को नए कपड़े और मिठाइयाँ देते है.

गुड़ी पड़वा या उगादी पूजन विधि और विशेष पकवान (Ugadi or Gudi Padwa Festival Special Food)

उगादी पूजन के दिन लोग सुबह ही नहा – धोकर तैयार हो जाते है. इस दिन घरों में विशेष तरह के पकवान बनाये जाते हैं. जिसमे से खास कर उगादी पचडी जोकि तेलंगाना के व्यंजन का नाम है इसे बनाया जाता है. इसको बनाने में जो समाग्रियां इस्तेमाल होती है, वे है नीम, गुड, हरी मिर्च, नमक, हल्दी इत्यादि. इन सबको मिलाकर यह बनाया जाता है. वहाँ के लोगों का ऐसा मानना है, कि इस तरह के मिश्रित पकवान, जिसका स्वाद नमकीन, मीट्ठा, खट्टा और तीखा होता है, खाने से और खास कर नव वर्ष के दिन जिन्दगी में भी खट्टे, मीठे, तीखे स्वाद की तरह सुख दुख का आगमन होते रहता है. पुरन पोली आंध्रप्रदेश प्रदेश और तेलंगाना की सबसे खास व्यंजनों में शामिल है.   

Prayer for New Year in Sanskrit

सूर्य संवेदना पुष्पे:, दीप्ति कारुण्यगंधने|
लब्ध्वा शुभम् नववर्षेअस्मिन् कुर्यात्सर्वस्य मंगलम्.|

Prayer for New Year 

जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, पुष्प देता है, संवेदना देता है और हमें दया भाव सिखाता है उसी तरह यह नव वर्ष हमें हर पल ज्ञान दे और हमारा हर दिन, हर पल मंगलमय हो.

I wish God, please give us blessings and intellect in this new year as like A sun gives us flower, emotions and teaches mercy.

Gudi Padwa Nav Varsh Kavita Poem In Hindi

गुड़ी पड़वा या उगादी हिन्दू नववर्ष कविता (Gudi Padwa or Ugadi Poem)

बुने हुए सपने , बुनी हुई यादो का मल्हार,
कोयल की बोली में शुरु हुआ गुड़ी का त्यौहार|

मीठे-मीठे पकवानों से सज़ा रसोई का द्वार,
मीठे अरमानों से किया नये वर्ष का श्रंगार.

स्वच्छ निर्मल आसमान में उड़ती पतंग,
नए जीवन की उड़ान में भी हो वही तरंग.

कल-कल छल-छल कर रहा नदी का जल,
ऐसे ही निर्मल बीते नव वर्ष का हर पल.

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FAQ

Q : गुड़ी पड़वा 2024 में कब है ?

Ans : 9 अप्रैल को

Q : गुड़ी पड़वा की तिथि कब से शुरू है ?

Ans : 8 अप्रैल रात को 10:52 से

Q : गुड़ी पड़वा की तिथि कब समाप्त हो रही है ?

Ans : 9 अप्रैल रात 08:20 बजे तक

Q : गुड़ी पड़वा का त्यौहार कहां मनाया जाता है ?

Ans : सभी जगह लेकिन विशेष रूप से महाराष्ट्र में

Q : गुड़ी पड़वा का अन्य नाम क्या है ?

Ans : उगादी

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Karnika
कर्णिका दीपावली की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं| यह दीपावली के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं | यह दीपावली की SEO एक्सपर्ट हैं,इनके प्रयासों के कारण दीपावली एक सफल हिंदी वेबसाइट बनी हैं

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