कमला महाविद्या जयंती पूजा विधि महत्व 2022

कमला महाविद्या 2022 जयंती, पूजा विधि, महत्व ( Kamala Mahavidya Jayanti , Puja Vidhi significance In Hindi)

दस महत्वपूर्ण विद्याओं में से दसवाँ स्थान देवी कमला का हैं . देवी कमला माँ शक्ति का सबसे पहले रूप आदि शक्ति के नाम से भी जानी जाती हैं . देवी कमला भाग्य, सम्मान, पवित्रता और परोपकार की देवी है . देवी कमला सभी दिव्य गतिविधियों में मौजूद उर्जा हैं . यह भगवान विष्णु की दिव्य शक्ति हैं . इनकी पूजा अर्चना से कौशल विकास एवं गुणवत्ता में वृद्दि होती हैं . इनकी पूजा से वही पुण्य मिलता है, जो माता लक्ष्मी की पूजा से मिलता हैं यह धन, ऐश्वर्य देती हैं . यह गर्भवती स्त्री के गर्भ की रक्षा करती हैं .उनका पोषण करती हैं .

Kamala jayanti

कमला जयंती महत्व (Kamala Jayanti 2022 significance )–

कमला महाविद्या जयंती के दिन माना जाता है कि इस दिन 10 महाविद्या में से एक देवी कमला धरती पर अवतरित हुई थी. यह दिवाली के दिन मनाई जाती है. कहते है महाविद्या कमला श्रीहरी विष्णु की साथी है, उनकी सबसे बड़ी ताकत है. देवी कमला का रूप, देवी लक्ष्मी के समान ही है, जो प्रसिद्धी, भाग्य, धन की देवी है. धन, समृद्धि प्राप्त करने के लिए इनकी पूजा आराधना की जाती है, साथ ही प्रजनन एवं बच्चों के अच्छे विकास के लिए इन्हें पूजा जाता है. माँ कमला देवी  भाग्य, सम्मान, पवित्रता और परोपकार की देवी है.

दस महाविद्या देवियों के नाम व उनकी जयंती (10 mahavidya Devi Name and Jayanti):

10 महाविद्या देवियों की जयंती और उनकी तारीख –

तारिखमहीनादिनजयंती का नाम देवियों के नाम
31जनवरीबुधवारललिता जयंतीतारा
25मार्चरविवारमहातारा जयंतीषोडशी
18अप्रैलबुधवारमातंगी जयंतीमातंगी
23अप्रैलसोमवारबगलामुखी जयंतीबगलामुखी
28अप्रैलशनिवार छिन्नमस्ता जयंतीछिन्नमस्ता
20जूनबुधवारधूमावती जयंतीधूमावती
2सितम्बररविवारआद्य काली जयंतीकाली
21सितम्बरशुक्रवारभुवनेश्वरी जयंतीभुवनेश्वरी
24octoberबुधवारकमला जयंतीकमला
22दिसंबरशनिवार त्रिपुरा भैरवी जयंतीत्रिपुरभैरवी

कब मनाई जाती हैं कमला जयंती ? (Kamala Jayanti Date 2022)

कमला जयंती हिंदी पंचाग अनुसार मार्गशीर्ष की अमावस्या को मनाई जाती हैं . वर्ष 2022 में यह दिन 24 अक्टूबर को मनाया जायेगा.

कमला जयंती पूजा विधि (Kamala Jayanti Puja Vidhi )

इस दिन माता की सभी दस शक्तियों की पूजा की जाती है, इस दिन तांत्रिक पूजा का महत्व होता हैं . इस दिन कन्या भोज कराया जाता है, जिसमे छोटी बालिका जिनकी उम्र 10 वर्ष से कम है, उन्हें भोजन करवा कर दान दिया जाता हैं .

पूजा विधि :

  • गुरु वंदना
  • गुरु पूजा
  • गौ पूजा
  • माँ कलमा देवी अभिषेक एवं सम्पूर्ण पूजा, जिसमें देवी का पूरा श्रृंगार किया जाता है, कुमकुम, हल्दी, अक्षत, सिन्दूर आदि चढ़ाया जाता है.
  • फूल चढ़ाये जाते है
  • गणपति, नवग्रह एवं आवाहन पूजा की जाती है
  • होम, हवन किया जाता है
  • श्री कमला मूल मन्त्र, सम्पूर्ण पाठ, महा पूजन यग्य
  • पूर्णाहूति
  • अंत में दीप दान एवं प्रसाद वितरण किया जाता है.

दान का बहुत अधिक महत्व होता हैं . इस दिन भक्त अपनी कीमती वस्तु का दान करते हैं . इस दान से घर में खुशियाँ आती हैं . कमला जयंती के दिन भंडारे का आयोजन किया जाता हैं .इस दिन अनाज एवं वस्त्रो का दान किया जाता हैं . इस दिन गरीबो एवम ब्राह्मणों को दान देने का महत्व बताया गया हैं . मनुष्य अपने कर्मो की मुक्ति के लिए अपने पापों से मुक्ति के लिए इस दिन दान करता हैं . कमला जयंती के दिन मनुष्य अगर गरीबो को दान देता हैं तो उसके सारे पापो का विनाश होता हैं .

कमला देवी पूजा जयंती से 15 दिन पहले शुरू कर दी जाती हैं बहुत विधि विधान के सात माता की पूजा की जाती हैं . इसमें तांत्रिक पूजा का बहुत अधिक महत्व हैं . इन दिनों तंत्र विद्या वाले लोग कई प्रकार की पूजायें करते हैं एवम तंत्र विद्या सीखते हैं .

कमला देवी माँ शक्ति का रूप हैं इसलिए इस तंत्र शक्ति की पूजा का महत्व बताया गया हैं . यह देवी आदि शक्ति है आदि शक्ति भगवान शिव की अर्द्धागिनी कही जाती हैं . आदि शक्ति में ही जगत की सभी अच्छी बुरी शक्तियाँ समाहित हैं . माता कमला ही आदि शक्ति स्वरूपा हैं इसलिए कमला जयंती के दिन समस्त शक्तियों की पूजा की जाती हैं . इस दिन पूजा, हवन, भंडारे एवं दान का सबसे अधिक महत्व होता हैं .

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Karnika
कर्णिका दीपावली की एडिटर हैं इनकी रूचि हिंदी भाषा में हैं| यह दीपावली के लिए बहुत से विषयों पर लिखती हैं | यह दीपावली की SEO एक्सपर्ट हैं,इनके प्रयासों के कारण दीपावली एक सफल हिंदी वेबसाइट बनी हैं

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