Lawn Tennis rules and regulation in hindi टेनिस मुख्यतः दो खिलाडियों के बीच या दो खिलाडयों की दो टीम के बीच खेलने वाला खेल है. प्रत्येक खिलाड़ी के पास रैकेट होता है, जिससे उन्हें रबर की बनी खोखली गेंद को हिट करना होता है. इस खेल का मुख्य उद्देश्य ये होता है कि गेंद को कुछ इस तरह से मारा जाए कि विरोधी खिलाड़ी उस हिट का जवाब न दे सके. यदि मारी गयी गेंद का विरोधी खिलाड़ी जवाब नहीं दे पाता है, तो मारने वाले खिलाडी को पॉइंट मिलता है. यह खेल पुरुषों और महिलाओं दोनों में खेला जाता है. आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं –

लॉन टेनिस और उसके नियम Lawn Tennis rules and regulation in hindi
टेनिस इतिहास पर एक नज़र (Tennis History)
टेनिस बहुत ही पुराना खेल है. इतिहासकारों का मानना है कि ये खेल 12वीं सदी के आस पास से खेला जा रहा है. 12वीं सदी के आस पास उत्तरी फ्रांस में ये खेल ‘गेम ऑफ़ द पाम’ के नाम से खेला जाता था. यही खेल कालांतर में टेनिस के नाम से मशहूर हुआ. फ़्रांस के राजा ‘लुइस एक्स’ इस खेल के बहुत शौकीन थे. हालाँकि लुइस एक्स को ये खेल बाहर खेलना पसंद नहीं था, इस वजह से इन्होने 13वीं सदी के आस पास पेरिस में कई इंडोर टेनिस कोर्ट बनवाए. ये ऐसा करने वाले प्रथम व्यक्ति थे. इनके द्वारा बनवाए गये आलिशान इंडोर कोर्ट का प्रभाव यूरोप के कई रॉयल महलों पर पड़ा और ऐसे टेनिस कोर्ट कई जगहों पर बने.
इस खेल के लिए रैकेट का इस्तेमाल लगभग 16वीं सदी के आस- पास शुरू हुआ, और इसे टेनिस का नाम मिला. टेनिस दरअसल एक फ्रेंच शब्द ‘टेनेज़’ शब्द से आया है, जिसका मतलब पकड़ना या रिसीव करना होता है. ये खेल उस वक़्त इंग्लैंड और फ्रांस में खेला जाता था. इंग्लैंड के राजकुमार हेनरी सप्तम टेनिस के बहुत बड़े प्रशंसक और खिलाड़ी थे. इसी खेल को उस वक्त रियल टेनिस भी कहा जाता था.
टेनिस का नये रूप में उदय (Tennis new Format)
सन 1859 से 1865 के आस पास कप्तान हैरी जेम और उनके दोस्त ने मिलकर एक खेल का विकास किया, जिसमे रैकेट और बास्क बॉल का इस्तेमाल होता था. टेनिस के इस नए रूप के साथ यूनाइटेड किंगडम के बिर्मिंघम में यह खेल खेला जाता रहा. 1872 में इन दोनों मित्रों ने दो और लोकल चिकित्सकों के साथ मिलकर विश्व का पहला टेनिस क्लब लेमिंगटन स्पा में स्थापित किया. इसके बाद दिसम्बर 1873 के आस पास ब्रिटिश आर्मी के ऑफिसर मेजर वाल्टर क्लोप्टन ने इसी तरह के एक और खेल का अविर्भाव किया. इस खेल में धीरे- धीरे परिवर्तन आते रहे हैं. समय के साथ इस खेल का काफ़ी विकास हुआ और आज ये विश्वास्तरीय ओलिंपिक में खेला जाता है.
टेनिस खेल का उद्देश्य (Tennis Sport objective)
ये खेल अब एक चतुर्भुजाकार कोर्ट में खेला जाता है. इस कोर्ट में बीचो- बीच एक नेट लगाकर इसे दो भागों में बांटा जाता है. नेट के दोनों तरफ खिलाडी होते हैं. खिलाड़ियों का लक्ष्य गेंद को हिट करके विरोधी खिलाडी के कोर्ट में इस तरह से पहुँचाना होता है कि विरोधी खिलाडी जवाबी हिट न लगा सके. विरोधी खिलाडी का जवाब न दे पाने पहले हिट करने वाले खिलाडी को पॉइंट मिलता है.
खिलाडी और खेल- उपकरण (Lawn Tennis players equipment)
ये खेल सिंगल्स और डबल दोनों तरह से खेला जाता है. सिंगल में नेट के दोनों तरफ एक एक खिलाड़ी होते हैं, और डबल्स में नेट के दोनों तरफ खिलाड़ियों की संख्या दो होती है. इस खेल से सम्बंधित कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ नीचे दी जा रही हैं –
- इसमें इस्तेमाल होने वाले रैकेट में सिंथेटिक धागे लगे होते हैं, जहाँ से गेंद को हिट किया जाता है, जो एक स्थायी स्थिति में होता है. रैकेट के जिस जगह से गेंद को हिट किया जाता है, वह भाग प्रायः अंडाकार होता है.
- इसमें इस्तेमाल होने वाले गेंद प्रायः रबर के बने होते है. जिनपर एक विशेष तरह का कपड़ा सिलाई करके लगाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय टेनिस फेडरेशन के अनुसार गेंद का व्यास 65.41 मिलीमीटर से 68.58 मिलीमीटर तक और इसका वजन 56 से 59.4 ग्राम के बीच होना चाहिए.
- टेनिस कोर्ट 78 फीट लम्बा और 27 फीट चौड़ा होता है. इसमें सेंटर मार्क, बेस लाइन सर्विस लाइन, सेंटर सर्विस लाइन, सिंगल साइड लाइन आदि सफ़ेद रंग से खींची हुई होती है.
- बेस लाइन और सर्विस लाइन कोर्ट की चौडाई को निरुपित करते हैं. डबल साइड लाइन इसकी लम्बाई निरुपित करती है. इसके अवाला सेंटर सर्विस लाइन नेट की किसी भी साइड को दो भागों में बाँटता है, बंटी हुई जगह चतुर्भुजाकार होती है जिसे सर्विस कोर्ट कहते हैं.
टेनिस स्कोरिंग (Tennis Scoring)
इस खेल में पॉइंट्स दो तरह के होते हैं, जिन्हें सेट पॉइंट और मैच पॉइंट कहा जाता है. पहला मैच पॉइंट 15 सेट पॉइंट तक, दुसरा मैच पॉइंट 30 सेट पॉइंट तक, तीसरा मैच पॉइंट 40 सेट पॉइंट्स तक होता है. यानि यदि किसी खिलाड़ी का स्कोर 40 सेट पॉइंट है, तो वह तीसरे मैच पॉइंट में है. खेल जीतने के लिए खिलाड़ी को अपने विरोधी खिलाड़ी से एक निश्चित पॉइंट्स के सेट जीतने होते हैं. मसलन यदि विरोधी खिलाड़ी 5 मैच पॉइंट जीत चूका है, तो सामने वाले खिलाडी को अपना स्कोर 7-5 का करना होगा. यदि ये स्कोर सेट 6-6 का हो गया, तो सातवाँ स्कोर बनाने वाला खिलाड़ी जीत जाएगा.
टेनिस के महत्त्वपूर्ण नियम (Lawn Tennis rules and regulation in hindi)
टेनिस के महत्वपूर्ण नियम इस प्रकार हैं –
- टेनिस के शुरू होने से पहले दोनों तरफ के खिलाड़ियों के बीच टॉस होता है. इस टॉस से ये तय होता है कि कौन सा खिलाड़ी सर्विस करेगा और कोर्ट के किस तरफ से करेगा. सर्वर प्रत्येक पॉइंट्स को बेस लाइन के वैकल्पिक तरफ से सर्व करता है.
- यदि सर्वर पहली सर्विस देने में असफल हो जाता है तो उसे सर्व करने का दूसरा मौक़ा मिलता है. दूसरी बार ऐसा होने से सर्व करने वाले खिलाडी को दो फौल्ट्स का सामना करना होता है और उससे पॉइंट जाते है. सर्वे कर लने पर गेंद यदि सर्विस कोर्ट में रह जाए तो बिना किसी पेलान्टी (दंड) के सर्व करने का एक और मौक़ा मिलता है.
- रिसीवर अपनी कोर्ट में गेंद रिसीव करने के लिए कहीं भी खड़ा हो सकता है. यदि गेंद को सर्व बौंसिंग के बगैर मारा जाता है, तो सर्वर को पॉइंट मिलता है. सर्विस करने के बाद दोनों प्रतिनिधि खिलाड़ियों के मध्य अनगिनत शॉट्स हो सकते है. इस बीच जो खिलाड़ी अपने विरोधी दल के स्कोरिंग भाग में गेंद पहुँचाने में असफल होता है, तो उसके विरोधी खिलाडी को उसके पॉइंट्स मिलते हैं.
- मैच पोंट्स सेट पॉइंट्स के एक निश्चित आंकड़े को पार करने के बाद मिलता हैं. 15 स्कोर पर 1 पॉइंट, 30 स्कोर पर 2 और 40 पर 3 पॉइंट्स होते हैं. एक मैच जीतने के लिए 4 पॉइंट्स चाहिए होते है.
- यदि किसी गेम में दोनों तरफ के खिलाडी का स्कोर 40 – 40 हो जाता है, तो इस परिस्तिथि को ‘डयूस’ कहा जाता है. डयूस होने पर जीतने के लिए किसी खिलाड़ी को लगातार 2 पॉइंट बनाने होते हैं. डयूस के बाद यदि कोई खिलाडी लगातार दो पॉइंट्स नहीं जीत पाता और दोनों एक – एक पॉइंट पर होते है, तो वह फिर से डयूस की स्तिथि में चले जाते है.
- किसी सेट को जीतने के लिए खिलाड़ी को 6 खेलें 2 या 2 से अधिक की बढ़त के साथ जीतनी होती हैं. किसी तरह यदि ओपनिंग सेट की परिस्तिथि 6-6 की हो जाती है, तो इसे टाई बराक कहा जाता है और खिलाडियों को सातवे खेल के लिए खेलना होता है. इसके बाद खिलाड़ियों को बिना किसी टाई ब्रेक के खेलना होता है.
- यदि खेल के दौरान कोई खिलाड़ी नेट को हाथ लगाता है या अपने विरोधी खिलाड़ी को परेशान करता है, उसका ध्यान खेल से हटाना चाहता है तो ऐसा करने से खिलाड़ी ख़ुद ब ख़ुद पॉइंट हारता है. लाइन के अन्दर किसी भी जगह पर गेंद गिरने पर उसे बॉल इन और लाइन के बाहर गिरने पर उसे बॉल आउट कहा जाता है.
- गेंद को कोर्ट के सही भाग में न वापिस करने पर खिलाड़ी पॉइंट्स हारता है. इसके अलावा गेंद नेट पर हिट करने से, विरोधी खिलाडी के कोर्ट में न पंहुचा पाने की स्तिथि में या अपने कोर्ट में गेंद के दो बार टप्पा खाने से पहले नहीं मारने पर खिलाड़ी पॉइंट्स हारता है.
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