नीतीश कुमार का जीवन परिचय (Nitish Kumar Biography In Hindi)
नीतीश कुमार एक काफी मजबूत नेता हैं, जिन्होंने अपने राज्य की तरक्की के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हुए हैं. इनका नाम हमारे देश के उन नेताओं में गिना जाता है और इनकी छवि एक धर्म निरपेक्ष नेता की भी है. नीतीश ना केवल अपने राज्य बल्कि देश की राजनीति में भी काफी सक्रिय हैं और इनकी पार्टी बीजेपी के साथ जुड़ी हुई है.

नीतीश कुमार का जीवन परिचय
नाम (Name) | नीतीश कुमार |
निक नेम (Nick Name) | सुशासन बाबू और मुन्ना |
जन्मदिन (Birthday) | 1 मार्च, साल 1951 |
आयु (Age) | 67 साल |
जन्म स्थान (Birth Place) | बख्तियारपुर, बिहार, भारत |
राशि (Zodiac) | मीन |
नागरिकता (Citizenship) | भारतीय |
गृह नगर (Hometown) | बिहार |
शिक्षा (Education) | मैकेनिकल इंजीनियर |
धर्म (Religion) | हिन्दू |
कास्ट (Cast) | अनुसूचित जनजाति |
भाषा का ज्ञान (Language) | हिंदी, अंग्रेजी |
पेशा (Occupation) | राजनेता और बिहार के मुख्यमंत्री |
किस पार्टी से जुड़े हैं | जनता दल (संयुक्त) |
बुरी आदतें (Bad Habits) | कोई नहीं |
कुल संपत्ति (Net Worth) | 58 लाख |
नीतीश कुमार का जन्म और परिवार (Birth Details And Family Details)
- बिहार में जन्मे नीतीश के पिता ने उस समय भारत की स्वतंत्रता कि लड़ाई मे भाग लिया था और साथ में ही वो एक आयुर्वेदिक वैद्य भी थे.
- साल 1973 में ये विवाह बंधन में बंधे. इस विवाह से इन्हें एक बेटा हुआ था, जिसका नाम निशांत कुमार है. नीतीश की पत्नी एक अध्यापिका हुआ करती थी और साल 2007 में इनकी पत्नी का स्वर्गवास दिल्ली में हो गया था. वहीं इस वक्त ये अपने बेटे के साथ रहते हैं.
नीतीश कुमार के परिवार के बारे में जानकारी (Family Information)
पिता का नाम (Father’s Name) | कविराज राम लखन सिंह |
माता का नाम (Mother’s Name) | परमेश्वरी देवी |
पत्नी का नाम (Wife’s Name) | मंजू कुमारी सिन्हा |
बेटे का नाम (Son’s Name) | निशांत कुमार |
नीतीश कुमार की शिक्षा (Education) –
नीतीश कुमार ने बख्तियारपुर के श्री गणेश हाई स्कूल से अपनी 12 वीं कक्षा तक की पढ़ाई कर रखी है और 12 वीं पास करने के बाद इन्होंने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया था. इस कॉलेज से इन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री सन् 1972 में प्राप्त की थी.
नीतीश कुमार से जुड़ी जानकारी (Personal Details)
- नीतीश को सुशासन बाबू के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इन्होंने अपने राज्य के सुशासन को सही करने के लिए कई अहम फैसले लिए थे.
- इनके पिता कविराज भी राजनीति में काफी सक्रिय हुआ करते थे और वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का हिस्सा भी थे. हालांकि लोकसभा चुनाव में इनके पिता को आईएनसी पार्टी द्वारा टिकट नहीं दिया गया था, जिसके कारण इनके पिता जनता पार्टी से जुड़ गए थे.
नीतीश कुमार का राजनीति करियर (Political career)
- राजनीति में आने से पहले नीतीश बिहार राज्य बिजली बोर्ड में कार्य किया करते थे और इन्होंने राजनेता बनने के लिए इस बोर्ड की नौकरी को छोड़ दी थी.
- इन्होंने जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में भी हिस्सा लिया था और इस आंदोलन की वजह से ही इन्हें नेता बनने में काफी मदद मिली थी.
- साल 1985 में इन्होंने अपने राज्य से विधानसभा चुनाव लड़ा था और इस चुनाव मे जीत भी हासिल की. इन्होंने इस चुनाव में निर्दलीय रूप से अपनी दावेदारी पेश की थी. ये चुनाव जीतने के बाद इन्हें सन् 1987 में भारतीय लोकदल की युवा शाखा के अध्यक्ष के रूप चुना गया था.
- सन् 1989 में इन्हें जनता दल पार्टी का महासचिव बनाया गया था और इसी साल इन्होंने लोकसभा का चुनाव भी जीता था और इनको केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री बनाया गया था. जिस वक्त इनको ये मंत्रालय मिला था, उस समय केंद्र में वी पी सिंह की सरकार थी.
- साल 1991 में इन्हें लोकसभा के सदस्य के रूप में दूसरी बार चुना गया था और इस बार इन्हें, इनकी पार्टी जनता दल की और से संसद में पार्टी का उप नेता बनाया गया था. साथ में ही ये अपनी पार्टी के महासचिव के रूप में भी चुने गए थे.
- सन् 1996 में नीतीश फिर से ग्यारहवीं लोकसभा के सदस्य चुने गए थे और इस दौरान इन्हें सामान्य प्रयोजन समिति, अनुमान समिति, रक्षा समिति और संविधान संयुक्त समिति का सदस्य भी बनाया गया था.
- साल 1998 में नीतीश 12वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए थे और इस बार इन्हें रेलवे मंत्री बनाया गया था. हालांकि साल 1999 में हुई गैसल ट्रेन आपदा के कारण इन्हें अपना ये मंत्री पद छोड़ना पड़ा था. इन्हें ये मंत्री पद अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा दिया गया था.
- साल 1999 में नीतीश 13वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए थे और इस बार इन्हें केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, भूतल परिवहन का पद दिया गया था. 13 अक्टूबर, 1999 को इन्हें ये पद दिया गया था और किन्हीं कारणों के चलते 22, नवंबर, 1999 में इन्होंने ये पद छोड़ दिया था. इस पद से हटने के तुरंत बाद ही इन्हें कृषि मंत्रालय का मंत्री बना दिया गया था और ये 22, नवंबर 1999 से लेकर 3 मार्च 2000 तक ये हमारे देश के कृषि मंत्री थे.
प्रथम बार बने बिहार के मुख्यमंत्री (Chief Minister)
साल 2000 में ये पहली बार अपने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए थे. हालांकि राजनीतिक कारणों के चलते इन्हें अपना ये पद केवल सात दिनों के अंदर ही छोड़ना पड़ा था. इन्होंने इस पद को 3 मार्च, साल 2000 में संभाला था और इसी साल 10 मार्च को इन्हें ये पद छोड़ना पड़ा था. ये पद छोड़ने के बाद इन्हे फिर से कृषि मंत्री बना दिया गया था और ये एक साल तक कृषि मंत्री बने रहे थे.
दोबारा से बने रेल मंत्री
- प्रथम बार रेल मंत्री रहते हुए नीतीश ने रेलवे की स्थिति सुधारने के लिए कई अच्छे कार्य किए थे और इन्हीं कार्यों के चलते इन्हें साल 2001 में फिर से ये पद सौंपा गया था और ये तीन साल तक हमारे देश के रेलवे मंत्री रहे थे.
- ये साल 2004 में ये फिर से लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने गए थे और इस दौरान ये कोयला और इस्पात समिति, सामान्य प्रयोजन समिति और विशेषाधिकार समिति के सदस्य भी रहे थे.
फिर से बने बिहार के मुख्यमंत्री
साल 2005 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में इनकी पार्टी विजय रही थी और इन्हें एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनाया गया था. इस बार ये पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री बने रहे थे और इन्होंने अपने राज्य के विकास के लिए कई सारे कार्य भी किए थे. इनके इन्हीं कार्यों के चलते इन्हें साल 2010 और साल 2015 में फिर से बिहार की जनता का साथ मिला था और ये इस राज्य के मुख्यमंत्री फिर से चुने गए थे.
छह बार रहे चुके हैं बिहार के मुख्यमंत्री-
- बिहार में नीतीश की सरकार कई बार गिर चुकी है और इस तरह से ये छह बार इस राज्य के सीएम रह चुके हैं. दरअसल साल 2015 में इन्होंने लालू प्रसाद यादव की पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी और ये सरकार केवल दो साल तक ही चल पाई थी.
- इनकी पार्टी ने लालू की पार्टी से अपना गठबंधन तोड़ दिया था. जिसके कारण इनकी सरकार गिर गई थी. वहीं इस सरकार के गिरने के बाद इन्होंनें बीजेपी पार्टी से हाथ मिला लिया था और फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बन गए थे.
कब कब बनें मुख्यमंत्री और कितने समय के लिए बनें-
संख्या | किस साल | कब से कब तक |
1 | 2000 | 3 मार्च, 2000 से लेकर 10 मार्च 2000 |
2 | 2005 | 24 नवंबर, 2005 से लेकर 24 नवंबर, 2010 |
3 | 2010 | 26 नवंबर, 2010 से लेकर मई 2014 |
4 | 2015 | 22 फरवरी, 2015 से लेकर 19 नवंबर, 2015 |
5 | 2015 | 20 नवंबर 2015 से लेकर 26 जुलाई 2017 |
6 | 2017 | 27 जुलाई 2017 – अभी भी हैं |
नीतीश कुमार को मिले अवार्ड (Awards)-
बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए इन्होंने अपने राज्य के विकास के लिए कई सारे कार्य किये हुए हैं और इन्हीं कार्यों के लिए इन्हें कई अवार्ड भी दिए गए हैं
संख्या | अवार्ड का नाम | किस श्रेणी में मिला | किस साल मिला |
1 | एनडीटीवी भारतीय वर्ष – राजनीति | राजनीति | 2010 |
2 | सीएनएन-आईबीएन इंडियन ऑफ द ईयर अवार्ड | राजनीति | 2010 |
3 | फोर्ब्स “भारत का व्यक्ति का वर्ष” | – | 2010 |
5 | एमएसएन इंडिया ऑफ दी ईयर | 2010 | |
5 | जेपी मेमोरियल पुरस्कार | – | 2013 |
नीतीश कुमार की कुल संपत्ति-
नीतीश कुमार ने अपने जीवन जो भी संपत्ति कमाई है जो राजनीति के जरिए कमाई है और साल 2017 में बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान इन्होने अपना नामांकन पत्र भरते हुए अपनी संपत्ति 58 लाख रुपए बताई है.
नेट वर्थ | राशि |
बतौर मुख्यमंत्री के तौर पर मिलने वाली सैलरी | 99,500 रुपए |
सलाना इनकम | 11,94,000 रुपए |
कारें | कुल एक कार, फोर्ड कार |
कुल घर | बिहार के अलावा दिल्ली में एक फ्लैट है |
आयकर (Income Tax) | – |
कुल संपत्ति (Net Worth) | 58 लाख |
नीतीश कुमार के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें (Interesting Facts) –
- साल 2015 में मुख्यमंत्री रहते हुए इन्होंने 1 लाख स्कूली शिक्षकों की भर्ती की थी ताकि इनके राज्य में पढ़ाई का स्तर बेहतर हो सके और लोगों को रोजगार भी मिल सके. इसके अलावा इन्होंने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई सारे कार्य कर रखे हैं.
- अपने राज्य की लड़कियों की शिक्षा के लिए भी इन्होंने कई अहम कार्य किए हुए हैं और इन्होंने स्कूल जाने वाली हर लड़की को साइकिल दी थी, ताकि लड़कियों को स्कूल जाने में कोई दिक्कत ना हो और अधिक से अधिक लड़कियां स्कूल जा सकें.
नीतीश कुमार के साथ जुड़े विवाद-
साल 2010 में इन्होने ने अपनी पार्टी से जमशेद अशरफ को निकाल दिया था. जिसके बाद अशरफ ने इनपर कई आरोप लगाए थे और कहा था कि ये शराब के करों की चोरी में शामिल हैं. इसके अलावा इनकी पार्टी के पूर्व सदस्य जीतन राम मांझी ने भी इनपर कई तरह के आरोप लगाए थे.
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